बम्लेश्वरी मंदिर डोंगरगढ़ के बारे में रोचक तथ्य

छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थलों में सबसे पहला गिना जाता है डोंगरगढ़ की माता बम्लेश्वरी धाम का नाम। बम्लेश्वरी माता की डोंगरगढ़ में दो प्रतिमाएं विराजमान हैं। पहली नीचे वाली (छोटी बम्लेश्वरी) बम्लेश्वरी माता और दूसरी ऊंची वाली बम्लेश्वरी माता। ऊंचाई पर स्थित माता बम्लेश्वरी की ऊंचाई करीब 1600 सौ फीट है। जिसपर चढ़ने के लिए सीढ़ियां और लिफ्ट (उड़नखटोला) दोनो ही मौजूद है मां बम्लेश्वरी धाम में साल में दो बार (शारदीय एवं चैत्र नवरात्र) में मेला लगता है एवं साल में दोनो ही नवरात्रि में ज्योति कलश की स्थापना होती है जिसे देखने के लिए भक्तों का ताता लगा रहता है। Bamleshwari mandir dongargarh facts

मां बम्लेश्वरी धाम के बारे में कुछ रोचक तथ्य

  • क्या आप जानते है बम्लेश्वरी देवी की स्थापना खैरागढ़ के राजा वीरसेन पुत्र प्राप्ति की कामना हेतु किए गए सफल आराधना के बाद किया था।

  • डोंगरगढ़ की बम्लेश्वरी माता को उज्जैन के राजा विक्रमादित्य की कुल देवी भी कहा जाता है।

  • भौगोलिक रूप से यह मैकाल पर्वत श्रेणियां में स्थित है। जो सतपुड़ा पर्वत की एक शाखा है और विस्तार है।

  • यहां छोटी या नीचे वाली बम्लेश्वरी और बड़ी या ऊंची वाली बम्लेश्वरी के रूप में दो प्रतिमाएं विद्यमान है।

  • बम्लेश्वरी माता का दरबार मध्यप्रदेश के मैहर में स्थित शारदा माता के समरूप है इसलिए इसे छत्तीसगढ़ का मैहर भी कहा जाता है।

 

  • मां बम्लेश्वरी ट्रस्ट की स्थापना खैरागढ़ राजा वीरेंद्र बहादुर सिंह ने ट्रस्ट को 1964 को सौंपकर किया।

 

  • इसका इतिहास 2200 साल पुराना है। इसमें करीब 1100 सीढियां है।

 

  • यहां बम्लेश्वरी माता की प्रतिमा के अलावा हनुमान जी की प्रतिमा, भैरवबाबा गुफा, नागवासुकी मंदिर, ददीमाता मंदिर, चंडी मंदिर भी मौजूद है।

सभी धर्मो पंथों का पूजा स्थल:

  • आपको यह जानकर आश्चर्य होगा यहां अलग अलग पहाड़ियों पर अलग-अलग समुदायों के आराध्य देवताओं हेतु बांट दिया गया है। यहां चर्च, बौद्ध मठ, जैन मंदिर, सतनाम पंथ का मंदिर और गोंड समाज का भी दार्शनिक स्थल है। जबकि आस पास मस्जिद और गुरुद्वारा भी है।(Bamleshwari mandir dongargarh facts)
  • डोंगरगढ़ मंदिर के आस-पास यहां करीब 300-400 दुकान मंदिरों की सीढ़ियों पर लगते है। करीब 40 लॉज, 100 भोजनालय है।

 

  • डोंगरगढ़ का प्राचीन नाम कमावती नगरी होने का प्रमाण मिलता है। पूर्व में यह कामाख्यपुरी नगर के नाम से एक परम वैभवशाली नगर था।

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  • भारत सरकार की प्रसाद योजनाओं में से शामिल एक स्थल है। एवं छत्तीसगढ़ की सुप्रसिद्ध सांस्कृतिक धरोहर में शामिल है।

कैसे पहुंचे बम्लेश्वरी धाम?

बम्लेश्वरी धाम छत्तीसगढ़ (Bamleshwari mandir dongargarh facts) को छत्तीसगढ़ की सबसे व्यस्ततम और भीड़ भाड़ वाली पर्यटन स्थल के रूप में गिना जाता है। यह रायपुर की राजधानी से करीब 100 किलोमीटर की दूरी पर पश्चिम दिशा में यहां पहुंचने के लिए रेलवे कनेक्टिविटी सबसे आसान और सुलभ मार्ग प्रदान करता है डोंगरगढ़ नगर दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे रूट पर मौजूद है जहां कई हाई स्पीड ट्रेनों का स्टॉपेज भी है नवरात्रि के समय यहां विशेष ट्रेन चलाई जाती है जो महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के मध्य चलती है नवरात्रि के समय यहां लाखों करोड़ों भक्त जुटते हैं हालांकि कोरोना के बाद से पर्यटकों की संख्या में थोड़ी गिरावट अवश्य आ गई थी।

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