भारतीय संसद के बारे में ये तथ्य आप शायद ही जानते होंगे

भारतीय संसद में चोल काल के राजसत्ता के प्रतीक सेंगोल को स्थापित किया जाएगा। अधिकतम 1272 सदस्यों की बैठने की व्यवस्था, 30% तक बिजली की बचत, कांस्टीट्यूशनल हाल और कमल एवं मयूर से प्रभावित नवीन संसद भवन की विशेषताओं के बारे में आइए जानते है। key facts new parliament house

1. त्रिभुजाकर संरचना: पूर्व ब्रिटिश काल निर्मित संसद वृत्ताकार थी। वर्तमान संसद भवन को कम जगह में बनाकर अधिक प्रभावशाली उपयोगी बनाया जा सके इसलिए त्रिभुजाकार बनाया गया है। ज्ञात हो कि पूर्व संसद भवन के अंदर छोटे चेंबर, छोटे हाल जैसी कई समस्याएं थी। नई संसद भवन चार मंजिला इमारत है। जिसका कुल क्षेत्रफल 64,500 स्क्वायर मीटर है।

2. मयूर से प्रभावित लोकसभा हाल: भारत के राष्ट्रीय पक्षी मोर से प्रेरणा लेकर लोकसभा की अदरूनी सीटिंग व्यवस्था बनाई गई है। इसमें 888 सदस्यों के लिए बैठक व्यवस्था एवं संयुक्त सत्र के स्थिति में 1272 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था है।

3. राज्यसभा कमल पुष्प से प्रेरित: भारतीय संसद (key facts new parliament house) का उच्च सदन कमल के पुष्प से प्रेरित संरचना है। कमल भारत का राष्ट्रीय पुष्प है। इसमें कुल 348 सदस्यों के लिए बैठने की व्यवस्था है। आगमी सालों में परिसीमन के बाद बढ़ने वाले सीटों के मद्देनजर इसे पहले से बड़ा बनाया गया है।

4. सेंट्रल हॉल नही है: पूर्व संसद भवन की तरह इसमें सेंट्रल हॉल नही है। इस संसद भवन में लोकसभा में पांच कुर्सियां आसंदी लगाने की व्यवस्था है जिसमे संयुक्त सदन आहूत की जा सकती है। लोकसभा हाल में कुल 1272 सदस्यों की बैठने की व्यस्था है।

5. संविधान हाल: भारत की संवैधानिक उपलब्धियों और विरासत को प्रदर्शित करने के लिए भवन के मध्य में संविधान हाल बनाया गया है जो कि एक महत्वपूर्ण भूमिका होगा। पूर्व संसद भवन में इस प्रकार के किसी भी भवन की व्यवस्था नहीं थी।

6. इकोफ्रेंडली भवन: ऊर्जा की बजत और पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए यहां निर्माण कार्य किया गया है। ग्रीन डिवाइसेज और यंत्रों के द्वारा 30% तक बिजली की बचत यहां होगी।

संघीय व्यवस्था की विशेषताएं features of federal system

7. भूकंप रोधी संरचना: पूरे भवन को भूकंप जोन 5 के पत्थरों से इस प्रकार किलाबद्ध किया गया है कि इसमें भूकंप की संभावना न के बराबर हैं। पूरी दिल्ली जहां भूकंप जोन 4 में आती है वही संसद भवन परिसर भूकंप जोन 5 में आयेगा।

8. अत्याधुनिक सुविधाएं: सदस्यों के लिए उन्नत मल्टीमीडिया, डिजिटल पैड और हाईटेक तकनीकों से पूरे भवन को सुविधा युक्त बनाया गया है।

9. बड़ी दर्शकदीर्घा एवं समिति भवन: संसद भवन में जनता के आवाजाही के लिए अलग से गेट बनाए गए है। इसके अलावा कार्रवाई देखने जाने वाले विजीटर्स के लिए बड़ा विजीटर्स चेंबर बनाया गया है।

10. नए संसद भवन का निर्माण टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड द्वारा किया गया है। टाटा ने बोली में इस प्रोजेक्ट को जीता था। संसद भवन का निर्माण सेंट्रल विष्टा प्रोजेक्ट के एक भाग के रूप में किया गया हैं। इसके निर्माण में कुल 970CR (2022 का अनुमान) खर्च आया।

संसद भवन की मुख्य विशेषताओं (key facts new parliament house) के बारे में हमने जाना। इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट भी कहा जाता है। कोरोना वैश्विक महामारी के बीच इसका निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ, उद्घाटन में राष्ट्रपति को नही बुलाया जाना, सेंगोल की स्थापना, विपक्षी दलों द्वारा बहिष्कार करना, संसद की औसतन कार्य दिवसों में लगातार हो रही गिरावट, वीर सावरकर के जन्म दिवस के अवसर पर इसका उद्घाटन जैसे कई पहलुओं के चलते यह हमेशा याद रखा जाएगा।

Please Share this

Related Posts

Artificial intelligence role in elections

चुनावों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की भूमिका एवं सीमाएं

31 मार्च 2023 को अमेरिका की ग्रैंड ज्यूरी ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ (Artificial intelligence role in elections) आरोप तय कर दिए थे इसके बाद…

डॉ भीमराव अंबेडकर के जयंती पर लोगों ने कह डाली ऐसी बात

बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने आजीवन समाज के शोषित वंचित और पीड़ित वर्ग की आवाज उठाई उस वर्ग को बाबा भीमराव अंबेडकर ने संवैधानिक अधिकारों से सशक्त…

भारत में बाघों की संख्या कितनी है? जाने ख़ास बातें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 अप्रैल 2023 को पांचवी बाघ जनगणना जारी की जिसके अनुसार भारत में बाघों की संख्या बढ़कर अब 3167 हो गई है. जनगणना…

केंद्र शासित राज्यों को याद रखने की आसान ट्रिक कभी नही भूलेंगे

भारतीय संविधान के भाग 1 में भारत संघ के राज्य क्षेत्र को तीन श्रेणियों में बांटा गया है। पहला राज्य क्षेत्र दूसरा केंद्र शासित प्रदेश और तीसरा…

संघीय व्यवस्था की विशेषताएं features of federal system

हालिया दिनों में ईडी CBI और इनकम टैक्स के छापों के बाद भूपेश सरकार ममता सरकार और केजरीवाल सरकार ने संघीय ढांचे पर हमले की बात करते…

क्या मोदी सरकार इतिहास बदलने की कोशिश कर रही है?

“गूगल के दौर में ‘मुग़ल का चैप्टर’ हटा देने से इतिहास नहीं बदल जाता है।” यह कहना है भारत के मशहूर पत्रकार रविश कुमार का। वहीं कुछ…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *