भानुप्रतापपुर उपचुनाव की कुछ रोचक और हैरान कर देने वाले पहलु 

भानुप्रतापपुर उपचुनाव को बीजेपी और कांग्रेस आगामी 2023 विधानसभा के पूर्व सेमीफाइनल मुकाबले की तरह देख रही थी। इस चुनाव में सर्व आदिवासी समाज के प्रत्याशी ने कांग्रेस और बीजेपी दोनों का खेल बिगाड़ने की कोशिश की लेकिन बाजी कांग्रेस मार ले गई। आइए इस चुनाव की कुछ हैरान कर देने वाले पहलुओं पर नजर डालते है। Bhanupratappur by election 2022

मतगणना के सभी राउंड में आगे रही सावित्री मंडावी

Bhanupratappur by election 2022: यह बड़े बड़े चुनावी रणनीतिकारों के लिए हैरान कर देने वाली बात थी कि मतगणना के सभी 19 राउंड में कांग्रेस प्रत्याशी सावित्री मंडावी दोनो ही अन्य प्रतिद्वंदियों से 20 रहीं। नही तो कोई खास क्षेत्र ऐसा जरूर होता है जहां किसी पार्टी या प्रतिनिधि का गढ़ होता है परंतु एक तरफा बढ़त सभी को हैरान करने वाला था।

सर्व आदिवासी समाज ने काटा भाजपा का वोट

भाजपा के नेता और कार्यकर्ता यहां तक दैनिक भास्कर जैसे प्रतिष्ठित प्रिंट मीडिया और IBC 24 जैसे इलेक्ट्रोनिक मीडिया समेत हर जगह यही चर्चा की जा रही थी कि सर्व आदिवासी समाज के प्रत्याशी अकबर कोर्राम कांग्रेस का वोट काटेंगे। लेकिन सभी विश्लेषक यह भूल गए कि आदिवासियों के असंतोष का जो लाभ भाजपा को वोट के रूप मिल सकता था वह अकबर कोर्राम को मिला इस प्रकार सर्व आदिवासी समाज ने भाजपा का वोट जबरदस्त काटा है। वहीं कांग्रेस का परंपरागत वोट जो स्व. मनोज मंडावी के काम, भूपेश बघेल के काम और गांधी परिवार नाम प्रारंभ से वोट देते आ रहें है उन्होंने कांग्रेस को वोट दिया ही। साथ ही मनोज सिंह मंडावी के निधन के बाद उनकी पत्नी को सहानुभूति वोट भी मिले। Bhanupratappur by election 2022

झारखंड पुलिस और कांग्रेस की कूटनीति

इस उपचुनाव (Bhanupratappur by election 2022) में भाजपा प्रत्याशी पर दुष्कर्म का आरोप लगाकर कांग्रेस वॉकओवर ले चुकी है प्रतीत हो रहा था। लेकिन भाजपा के रणनीतिकार और प्रत्याशी द्वारा दमदारी से चुनाव लड़ा गया। जिसके बाद झारखंड पुलिस की हुई एंट्री ने भाजपा के पूरे कैंपेन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया। इसके साथ ही जगह-जगह पर भाजपा प्रत्याशी को बलात्कारी के रूप में प्रस्तुत करना जबकि प्रत्याशी पर दर्ज मामले की सूचना प्रत्याशी तक को नहीं थी बताया जा रहा। इसके बाद पोस्टरों बैनरों में प्रत्याशी को अर्थात आरोपी को अपराधी बताना एक प्रकार की आक्रामक कूटनीति का ही उदाहरण रहा।

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स्टार प्रचारकों की भूमिका

भानुप्रतापपुर उपचुनाव (Bhanupratappur by election 2022) एक खास तरह का चुनाव था जिसमे हर शहर के होटल फुल थे। करीब 200 VVIP दोनों ही दल के विधानसभा क्षेत्र में डेरा डाले हुए थे। कार्यालयों में कार्यकर्ता छत्तीसगढ़ के तमाम दिग्गज नेता को अपने सामने देख पा रहे थे। वहीं जनता तक पहुंचने के लिए भाजपा, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष समेत सभी स्टार प्रचारकों ने डोर टू डोर जाकर भी लोगों से वोट मांगे। पैदल भी चले।

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सावित्री मंडावी ने लिया पति के हार का बदला?

कांग्रेसी कार्यकर्ताओं द्वारा यह कहा जा रहा है कि जिस ब्रम्हानंद नेताम ने 2008 में स्व मनोज मंडावी को हराया था। उसका सावित्री मंडावी ने बदला लिया है। हालांकि तब मनोज मंडावी कांग्रेस से नही बल्कि निर्दलीय चुनाव लड़े थे।

बहरहाल, राजनीतिक विश्लेषक और विशेषज्ञ पत्रकार यदि स्टूडियो पर बैठकर सभी नतीजें भांप लेते तो जनता और लोकतंत्र में लोकमत का कोई महत्व नहीं रह जाता। सावित्री मंडावी ने 21171 वोटों के बड़े अंतर से उपचुनाव (Bhanupratappur by election 2022) जीत लिया है। लोकतंत्र में लोकमत सर्वोपरि है जनता जो फैसला लेती है वह श्रेष्ठ है।

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