भूपेश बघेल का जीवन परिचय : राजनीतिक सफर और प्रमुख कार्य

भूपेश बघेल का जीवन परिचय : राजनीतिक सफर और प्रमुख कार्य

यह आलेख छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के जन्म दिन पर लिखी गई है। इस आलेख में भूपेश बघेल के राजनीतिक जीवन, सफर और उनके प्रमुख योजनाओं के बारे में जानेंगे। इस आलेख में प्रकाशित तथ्य शोध पर आधारित है और जबकि विचार लोगों के कथन और सामान्य अभिव्यक्ति के आधार पर लिखी गई है। भूपेश बघेल : जीवन परिचय, राजनीतिक सफर और प्रमुख कार्य  को जानने के लिए इस मजेदार आलेख को पूरा पढ़े। Biography of bhupesh Baghel

भूपेश बघेल का जीवन परिचय : राजनीतिक सफर और प्रमुख कार्य

भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ के तीसरे मुख्यमंत्री है। 2018 में उन्होंने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के रूप शपथ ग्रहण किया। उनका जीतना इसलिए भी बेहद खास था क्योंकि मोदी लहर और रमन सिंह की लोकप्रियता उस वक्त शीर्ष पर था। उसके बाउजूद 90 में से 69 सीटें जीतकर छत्तीसगढ़ की राजनीति में नया कीर्तिमान बना दिया। भूपेश बघेल का जीवन परिचय रोचक अंदाज में जानने के इस आलेख को पूरा पढ़े।

भूपेश बघेल का जीवन परिचय

“जमीन से उठे और आसमान पा लिया

छत्तीसगढ़ी संस्कृति ने नया मुकाम पा लिया”

भूपेश बघेल : सामान्य परिचय (biography of Bhupesh Baghel)

भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) छत्तीसगढ़ की राजनीति का वो चमकता सितारा है जिसने अपनी चमक से भारतीय राजनीति के बड़े बड़े दिग्गजों को चौंधिया कर रख दिया है।

मोदी नाम की आंधी में जहां जहां बड़े बड़े दिग्गज उड़ गए वहां भूपेश बघेल चट्टान की तरह अड़ गए। 2019 विधान सभा चुनाव में के बाद से भूपेश बघेल Bhupesh Baghel की प्रसिद्धि और एक कितना बढ़ा है इस बात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है। ढाई ढाई साल मुख्यमंत्री के फॉर्मूले पर बनी सरकार को छेड़ने तक की हिम्मत कांग्रेस आलाकमान नही कर पा रही है।

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भूपेश बघेल Bhupesh Baghel: कांग्रेस के पोस्टर ब्वॉय

Bhupesh Baghel (भूपेश बघेल) महज तीन साल में ही कांग्रेस के पोस्टर ब्वॉय बन गए है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी के सबसे विश्वसनीय सिपेसलार बन गए है। इसीलिए भूपेश बघेल Bhupesh Baghel को किसी भी राज्य के विधान सभा चुनाव में न केवल बड़ी भूमिका दी जाती है बल्कि उन्हें और कामों को मॉडल बताकर वोट भी मांगती है। भूपेश बघेल के वो काम जिसकी चर्चा लंदन तक भी हुई और कैसे छत्तीसगढ़ मॉडल को देश में लोकप्रिय बना रहे है भूपेश बघेल आइए जानते है लेकिन उससे पहले जान लेते है मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) के जीवन और उनके राजनीतिक सफर के बारे में। Biography of bhupesh baghel

भूपेश बघेल का जन्म (Bhupesh Baghel birthplace)

भूपेश बघेल Bhupesh Baghel का जन्म पाटन के एक छोटे से गांव में आज ही के दिन यानी 23 अगस्त 1961 को हुआ। मनवा कुर्मी समाज में पैदा होने के कारण मेहनती, साहसी और जुझारू होने के गुण उन्हे अपने परिवार से विरासत के रूप में मिला।

भूपेश बघेल की शिक्षा (Bhupesh Baghel education)

Bhupesh Baghel ने प्रारंभिक शिक्षा गांव में ही पूरी की। वे प्रारंभ से ही तेज बुद्धि वाले रहे है। इसलिए घर के काम में पिता का हाथ बटाने के साथ साथ वे पढ़ाई भी करते थे। उच्च शिक्षा में रायपुर के रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री ली। बाद में स्नातकोत्तर की डिग्री भी पूरी की।भूपेश बघेल का जीवन परिचय : राजनीतिक सफर और प्रमुख कार्य

भूपेश बघेल का राजनीतिक सफर (political carrier of Bhupesh Baghel)

80 के दशक में कॉलेज के दिनों से ही वे भारतीय यूथ कांग्रेस में सक्रिय हो गए। और एक संघर्षशील युवा नेता की तरह कांग्रेस में जान फुंकने लगे। लेकिन उनके जीवन का निर्णायक मोड़ तब आया जब उन्हें 1993 में पाटन विधान सभा सीट विधानसभा का टिकट मिला। इस चुनाव में जीत के बाद भूपेश बघेल bhupesh Baghel ने पीछे मुड़कर नही देखा।

भूपेश बघेल ने पहली विधायक कब बने?

1990 से 1994 तक वह जिला युवा कांग्रेस कमेटी दुर्ग ग्रामीण के अध्यक्ष रहे। 1993 से 2001 तक मध्य प्रदेश हाउसिंग बोर्ड के निदेशक रहे। वह नब्बे के दशक के अंत में दिग्विजय सिंह सरकार में अविभाजित मध्य प्रदेश में कैबिनेट मंत्री थे। वे छत्तीसगढ़ के राजस्व, सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग और राहत कार्य मंत्री थे। Biography of bhupesh baghel

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भूपेश बघेल (bhupesh Baghel) : छत्तीसगढ़ के गठन के समय

नवंबर 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के बाद, वे छत्तीसगढ़ विधान सभा के सदस्य बने, और छत्तीसगढ़ शासन के तहत मंत्री, राजस्व पुनर्वास, राहत कार्य, सार्वजनिक स्वास्थ्य यांत्रिकी के रूप में नियुक्त किए गए। भूपेश बघेल का जीवन परिचय : राजनीतिक सफर और प्रमुख कार्य

भूपेश बघेल : चुनावी हार

लेकिन एक के बाद एक राजनीति के नए बुलंदियों को छूते भूपेश बघेल के लिए 2008 का विधान सभा चुनाव बड़ा झटका बनकर आया। उन्हेअपने गढ़ पाटन विधानसभा सीट से करारी हार का सामना करना पड़ा। यही नहीं एक साल बाद ही 2009 में उन्हें लोकसभा चुनाव में रायपुर संसदीय सीट से करीब 58 हजार वोटों से बीजेपी के दिग्गज नेता रमेश बैस से शिकस्त का सामना करना पड़ा। Biography of Bhupesh Baghel

भूपेश बघेल के प्रतिद्वंदी?

एक ओर जहां रमन सिंह सरकार की लोकप्रियता दिनों दिन बढ़ती जा रही पूरा राज्य BJP और कमलमय हो रहा था तो दूसरी ओर कांग्रेस सत्ता से दूर जा रही थी कांग्रेस का मनोबल गिरता जा रहा था।

Bhupesh Baghel: भूपेश बघेल की वापसी

लेकिन भूपेश बघेल ने एक के बाद एक हार के बाद भी निराश नही हुए। वे जनता जुड़े उनकी समस्याओं को पुरजोर तरीके से उठाया और 2013 में फरसे अपना अपना गढ़ अपना किला पाटन विधान सभा सीट जीतने में कामयाब रहे। ऐसे कठिन समय में जब रमन सिंह का जादू प्रदेशभर में छाया था। मोदी लहर अपने पूरे उफान पर था। भूपेश बघेल ही वो शख्स थे जिन्होंने कांग्रेस के हौसले को छत्तीसगढ़ में बुलंद रखा।

छत्तीसगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष : भूपेश बघेल?

इसीलिए 2014 में उन्हे छत्तीसगढ़ कांग्रेस का सबसे बड़ा नेता यानी छत्तीसगढ़ कांग्रेस का मुखिया बना दिया गया। रमन सिंह और मोदी के बढ़ते राजनीतिक कद के आगे भूपेश बघेल ने हार नहीं मानी । 2014 से 2019 तक वे कांग्रेस संगठन को एकजुट और मजबूत करने में लग गए।

यह बेहद ही कठिन दौर था क्योंकि राज्य के शीर्ष कांग्रेस नेता जैसे महेंद्र कर्मा, विद्या चरण शुक्ल, नंद कुमार पटेल और 28 अन्य लोग दरभा घाटी में 2013 के नक्सली हमले में मारे जा चुके थे। कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व बड़ी अनहोनी के बाद समाप्त हो चुका था। भूपेश बघेल का जीवन परिचय : राजनीतिक सफर और प्रमुख कार्य

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अंतागढ़ टेप कांड: भूपेश बघेल vs अजीत जोगी

अजीत जोगी भूपेश बघेल Bhupesh Baghel के राजनीतिक प्रतिद्वंदी बनते जा रहे थे। अंतागढ़ टेप कांड के बाद कांग्रेस में फूट और घमासान मचा हुआ था। छत्तीसगढ़ कांग्रेस का विभाजन हो गया। पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने अपनी पृथक राजनीतिक पार्टी बना ली। छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस अब कांग्रेस के लिए नई चुनौती बन रही थी।

लेकिन भूपेश बघेल ने इन्हे चुनौती नहीं बल्कि एक अवसर के रूप में देखा। वे अजीत जोगी और उनके बेटे अमित जोगी को कांग्रेस से अलग करने में सफल रहे। और अब उनके सामने टिकने वाला छत्तीसगढ़ में कोई नेता नहीं बचा।

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2018 : कांग्रेस को कितनी सीटें मिली?

2018 में 15 साल के रमन सिंह सरकार को भूपेश बघेल ने बुरी तरह उखड़कर फेंक दिया। 90 में से 69 सीट जीतकर एक नया इतिहास रच दिया। 15 वर्ष से विपक्ष की आवाज बने भूपेश बघेल ने 17 दिसंबर 2018 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। और लग गए छत्तीसगढ़ की तकदीर की नई इबारत लिखने।

CM भूपेश बघेल :  प्रमुख कार्य एवं योजनाएं

मुख्यमंत्री बनते ही अपने चुनावी घोषणा में सबसे ऊपर रखने वाले वादे को पूरा किया। किसानों की कर्जमाफी की घोषणा की। किसानों और आदिवासियों के लिए एक के बाद एक आकर्षक घोषणाएं और योजनाएं शुरू की।

भूपेश सरकार की प्रमुख योजनाएं (Important schemes of Bhupesh Baghel govt)

जैसे

राजीव गांधी किसान न्याय योजना

नरवा गरवा घुरवा और बाड़ी

गोधन न्याय योजना

मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना

कोविड के समय पढ़ाई तुहर द्वार योजना और ऐसे ही कई कल्याण कारी योजनाएं

इन योजनाओं की चर्चा देश ही नहीं विदेशों में भी हो रही है। उनकी योजनाओं की सराहना लंदन और अमरीका में होने लगी। 2019 में लंदन के संसद उन्हे संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया।

भूपेश बघेल न केवल योजनाएं जारी करते है बल्कि उसे आक्रामक तरीके से उसका प्रचार भी करते है।

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भूपेश बघेल : कल्याणकारी योजनाएं (welfare schemes of Chhattisgarh)

स्वामी आत्मानंद सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूलों को पूरे देश में मॉडल के रूप में माना जा रहा है। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्वयं सहायता समूहों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। जिसकी सराहना बड़े बड़े अर्थशास्त्री भी करते है। आदिवासियों से लघु वनोपज को ऊंची कीमतों में खरीदा। Biography of Bhupesh Baghel

मुख्यमंत्री मितान योजना द्वारा एक फोन पर ही लोगों तक सेवाएं देनी शुरू की। खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना द्वारा लोगों की के स्वास्थ्य का ध्यान रखा। और मुख्यमंत्री भेंट मुलाकात योजना के जरिए लोगों से सीधे शिकायते भी सुनी।

भूपेश बघेल के अधूरे वादे

लेकिन कई दावे और वादे अभी भी अधूरे है। जिनके पूरे होने की आस छत्तीसगढ़ की जनता बैठी है। और विपक्ष बीजेपी इसे आने वाले 2023 के चुनाव के लिए इसे मुद्दा बनाकर मैदान में उतरने वाली है। ये वादे कांग्रेस के घोषणा पत्र में लिखा हुआ है।जैसे-

युवाओं को 10 लाख रोजगार देने का वादा, बेरोजगार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता और 2500 छात्रवृत्ति देने का वादा,पूर्ण शराब बंदी का वादा, पूरा धान खरीद का वादा, कर्मचारियों के नियमतीकरण का वादा आदि।

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बहरहाल, अभी भी भूपेश सरकार के पास 18 महीने का कार्यकाल बाकी है यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी विधानसभा चुनाव के पहले इन मुद्दों कैसे हैंडल करते है।

भूपेश बघेल गांव, जमीन और खेतीबाड़ी से हमेशा जुड़े रहे है। इसीलिए वे छत्तीसगढ़ी लोगो की नब्ज को समझते है।

भूपेश बघेल और छत्तीसगढ़िया अस्मिता

बीजेपी का हिंदुत्व और धर्म का एजेंडा जहां पूरे देश में काम आता है वही भूपेश बघेल के सामने उनका यह एजेंडा फेल हो जाता है। धर्म, जाति और हिंदुत्व का जवाब भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़िया संस्कृति को बढ़ावा देकर दिया। यही नहीं बीजेपी के राम और राम मंदिर आधारित राजनीति का जवाब उन्होंने चंद्रखुरी में भगवान राम की माता कौशल्या पर केंद्रित करके दिया। उनके शैली, वाकपटुता और आक्रामक तेवर के कारण बीजेपी नेता विपक्ष में होते हुए भी बैकफुट पर होती है। Biography of Bhupesh Baghel

भूपेश बघेल : छत्तीसगढ़ी कला संस्कृति में योगदान?

भूपेश बघेल मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही छत्तीसगढ़ी अस्मिता को प्रोत्साहित किया है। छत्तीसगढ़ की बोली, त्योहार जैसे अक्षय तृतीया, हरेली, तीजा-पोला और सामाजिक त्योहारों जैसे कर्मा जयंती, घासी दास जयंती, मातर और मढ़ई मेला को प्रोत्साहित कर रहे है।

छत्तीसगढ़ के खेल कूद जैसे बांटी, भावरा, गेंडी और फुगड़ी को प्रोत्साहित किया। वे स्वयं भी इन खेलों को खेलते नजर आते है। मजदूर दिवस को पूरे प्रदेश में बोरे – बासी खाने की अपील करते हैं तो पूरे राज्य की जनता उनका साथ देती है। इंटरनेट पर ट्रेंड करने लगता है। भूपेश बघेल का जीवन परिचय : राजनीतिक सफर और प्रमुख कार्य

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भूपेश बघेल को चुनौती?

भूपेश बघेल आज छत्तीसगढ़ की राजनीति में इतनी बड़ी हस्ती बन चुके है कि उन्हें टक्कर देने वाला कोई दूर-दूर तक दिखाई नही देता। T.S. सिंहदेव अपनी असहमति जता सकते है लेकिन भूपेश बघेल से सीधा मुकाबला नहीं कर सकते। ताम्रध्वज साहू पहले ही लोकप्रियता की राजनीति से दूर हो चुके है। बीजेपी अपना संगठन मजबूत करने और नेतृत्व के तलाश में है।

भूपेश बघेल का जीवन परिचय : राजनीतिक सफर और प्रमुख कार्य 

लेकिन कहते है राजनीति साम-दाम-दण्ड भेद का खेल है, इस खेल में एक दाव और एक घटना काफी है बड़ा उलटफेर और माहौल बदलने के लिए। इसलिए राजनीति में कब क्या हो जाए इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता।

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