Agnipath Scheme क्या है? क्यों हो रहा विरोध

Agnipath Scheme क्या है? क्यों हो रहा विरोध

अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme)  की चर्चा आज पूरे भारत में बहुत जोरों पर है। इसके संबध में सटीक जानकारियां कम ही लोगों को है। इसके पक्ष और प्रतिपक्ष में पर्याप्त तर्क सोशल मीडिया पर परोसे जा रहे है। भारत सरकार की अग्निपथ योजना क्या है और क्यों हो रहा विरोध आइए समझने की कोशिश करते है।

Agnipath Scheme क्या है? क्यों हो रहा विरोध

अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) भारतीय सेना में भर्ती हेतु एक महत्वपूर्ण योजना है। 14 जून 2022 को भारत के रक्षा मंत्री द्वारा इस योजना की घोषणा की गई । इस योजना में आने वाले 4 सालो में प्रत्येक वर्ष लगभग 40 से 50 हजार अग्निवीरों यानी सैनिकों की भर्ती की जायेगी। इस योजना की खास बात इसके रिटायरमेंट और पदमुक्ति है। जो कि चार वर्ष बाद कर दी जायेगी। दरअसल, यह एक प्रकार का अनुबंध रोजगार या कॉन्ट्रैक्ट एंप्लॉयमेंट (Contract Employement) है। जिसमे 4 वर्ष तक सैनिक के रूप में काम करने वाले 75% सैनिकों को पदमुक्त कर दिया जाएगा। जबकि शेष 25% सैनिकों को स्थाई कमीशन (permanent commissioned) दिया जायेगा। Agnipath Scheme क्या है? क्यों हो रहा विरोध

 

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Agnipath scheme का विरोध क्यों हो रहा है?

देश के वे युवा जो सेना में स्थाई नौकरी का सपना संजोकर रखे थे वे इस योजना के विरोध में सड़कों पर आ गए है। उत्तर भारत के कई शहरों में विरोध प्रदर्शन और आगजनी जैसे हिंसक गतिविधियों में उतर आए है। युवाओं को ऐसी उदंडता से बचना चाहिए क्योंकि इस विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस केस और अपराधिक कृत्य हमेशा के लिए उनके भविष्य को खतरे में डाल सकता है। बहरहाल आइए जानते है अग्निपथ योजना (agnipath scheme) के विरोध करने की मुख्य वजहों के बारे में। Agnipath Scheme क्या है? क्यों हो रहा विरोध

Agnipath scheme के विपक्ष में तर्क

अग्निपथ योजना (Agnipath scheme) की विरोध की मुख्य वजह इसमें अस्थाई कमीशन महज़ 4 वर्ष का होना है। अर्थात् किसी सैनिक से सिर्फ चार वर्ष सेवा लेकर उसे नौकरी से निवृत कर दिया जाएगा। ऐसे में जिन युवाओं ने सेना में सेवा दे दिया होगा उनके लिए आगे गैर सैन्य कार्य में जुट पाना कठिन होगा। साथ ही ऐसे युवा का भविष्य अधर में भी लटक सकता है जो चार वर्ष तन्मयता से लगे होंगे और उन्हें बाद में बाहर निकाल दिया जायेगा। वो भी ऐसे समय जब भारत में बेरोजगारी ऐतिहासिक रूप से शीर्ष पर है।

 

अग्निपथ योजना (Agnipath scheme) विरोध की दूसरी मुख्य वजह जी जान से सैनिक भर्ती में लगे युवाओं की आकांक्षाओं को लगने वाली ठेस है जो कि ये सोच रहे है कि सरकार ऐसी योजनाओं से अपना खर्च तो बचा लेगी पर इससे परंपरागत भर्ती प्रक्रिया समाप्त हो जायेगी। वही युवाओं के सबसे ऊर्जावान समय का उपयोग कर उन्हें सेना से निवृत कर देने पर यह उनके कैरियर के साथ खिलवाड़ साबित हो सकता है। Agnipath Scheme क्या है? क्यों हो रहा विरोध

विशेषज्ञ यह अनुमान लगा रहे है कि इस शॉर्ट टर्म सर्विस में जो हथियार चलाने की कला युवा सेना से सीखकर आएंगे उसका गलत फायदा रोजगार खत्म होने के बाद असल जीवन में कर सकते है। जिससे समाज में हिंसक और अपराधिक घटनाएं बढ़ सकती है।

आर्मी की ट्रेनिंग और ड्यूटी की जगह को समझने भर में कई जवानों को चार साल से अधिक का समय लग जाता है, इसलिए चार साल का समय बहुत ही छोटा समय है। इसे बढ़ाकर काम से काम 15 ( जो कि स्थाई कमीशन की उम्र है।) से आधा यानी कम से कम सात वर्ष करना था।

Agnipath Scheme क्या है? क्यों हो रहा विरोध

सर्विस से मुक्त होने के बाद पेंशन, अन्य नौकरियों में वरीयता, आर्मी सेवा के दौरान शरीर को क्षति पर मिलने वाला स्वास्थ्य लाभ, संबंधित प्रावधान पूरी तरह या तो स्पष्ट नहीं या तो ऐसा प्रावधान ही नहीं इसलिए भी बड़ी संख्या में विरोध किया जा रहा है।

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इस योजना के समर्थन में तर्क

सबसे बड़ा तर्क यह दिया जा रहा है कि युवाओं में अनुशासन विकसित करने, देश प्रेम जगाने और अल्पकालिक आय का बहुत अच्छा विकल्प अग्निपथ योजना (agnipath scheme) हो सकता है। बहुत सारे सत्ता दल के नेताओं ने एक के बाद एक ट्वीट और प्रेस वार्ता कर इसी बात पर बल देकर अग्निपथ योजना (agnipath scheme) का समर्थन किया।

कई विशेषज्ञ इसे देश की आर्थिक स्थिति को मद्दे नजर रखते हुए उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम बता रहे है। भारतीय सेना में आगामी वर्षों में 2-3 लाख जवानों की कमी महसूस किया जा रहा है। कई रिपोर्ट में यह बात जगजाहिर भी है। लेकिन भारत सरकार जो कि कोरोना वैश्विक महामारी के बाद आर्थिक घाटे के से जूझ रही उसके लिए नई भर्तियों पर बहुत अधिक व्यय करने की संतुलित स्थिति में नहीं है, इसीलिए इस प्रकार का कदम उठाया गया।

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सर्वाधिक प्रतिभाशील जवानों को सेना में स्थाई कमीशंड किया जा सकेगा। भारत में सेना के कौशल और सैनिकों की क्षमता को बढ़ाने के लिए ऐसे सैनिकों की जरूरत है जो साहस और देश प्रेम से ओतप्रोत हो। 4 वर्ष बाद 25% सैनिकों को ही स्थाई कमीशंड किए जाने नियम से सैनिकों में अपने कर्तव्य के प्रति अधिक लगन और निष्ठा रहेगी। कई सैनिक जो सैन्य पेशा को महज़ एक आय के साधन के रूप में देखते है उनके सोच में बदलाव आएगा।

चीन जैसे पड़ोसी की बढ़ती अक्रमकता को देखते हुए अग्निपथ योजना (agnipath scheme)  एक अच्छा कदम माना जा रहा है। इससे आने वाले सालों में बिना सरकार पर अधिक आर्थिक भार डाले आने वाले सालों में सैन्य संख्या में बढ़ोत्तरी की जा सकेगी। किसी भी देश के पास पर्याप्त संख्या में सैन्य बल का होना उस देश की फर्स्ट लाइन डिफेंस को मजबूत करता है। साथ ही देश के सैनिकों का मनोबल भी बढ़ाता है।

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बहरहाल अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) के पक्ष और विपक्ष में अपने अपने तर्क है। लेकिन एक बात जो सभी पक्ष स्वीकार करेंगे वह यह कि हिंसक प्रदर्शन पर लगाम लगाना चाहिए। क्योंकि सेना में प्रवेश का सबसे पहला नियम अनुशासन है। सरकार द्वारा किसी भी योजना को जारी करने के बाद उसमे विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया के बाद सुधार किए जाते है। जैसे की अग्निपथ योजना की आयु सीमा में किया गया है। ऐसे ही 4 वर्ष की अस्थाई सेवा को बढ़ाने पर भी विचार किया जा रहा है। इसलिए संयम और स्वीकार्यता के साथ युवाओं को इस योजना में बढ़चरकर हिस्सा लेना चाहिए। साथ ही तमाम अफवाहों से भी दूर रहना चाहिए जो कि सोशल मीडिया द्वारा परोसी जाती है।

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