भारत में बाघों की संख्या कितनी है? जाने ख़ास बातें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 अप्रैल 2023 को पांचवी बाघ जनगणना जारी की जिसके अनुसार भारत में बाघों की संख्या बढ़कर अब 3167 हो गई है. जनगणना 2022 में प्रारंभ की गई थी ज्ञात हो कि 2018 की जनगणना जो कि 2019 में प्रकाशित हुई थी उसके अनुसार भारत में कुल 2967 बाघ वन में पाए गए थे जिसमें 200 की बढ़ोतरी हुई है। प्रधानमंत्री ने इसके लिए भारत के अफसरों, मंत्रालय को बधाई दी। Tiger census in India 2023 (भारत में बाघों की गणना 2023)

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भारत में बाघों की पांचवी गणना

आपको बता दें कि भारत में बाघों की गणना (Tiger census in India 2023) प्रत्येक 4 वर्ष में होती है इससे पूर्व 2006 2010 और 2014 मे भी बाघों की गणना की गई थी जिसके अनुसार बाघों की संख्या क्रमशः 1411, 1706 और 2226 थी। इस लिहाज से 2018 से 22 के मध्य की गई गणना में सबसे कम बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

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इंटरनेशनल बिग कैट एलाइंस

9 अप्रैल को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंटरनेशनल बिग कैट एलाइंस कभी शुभारंभ, कर्नाटक के मैसूर में किया। यह एक अंतरराष्ट्रीय प्रयास है जिसमें 7 प्रमुख वृहद बाघ प्रजाति के आवास वाले देश मिलकर बाघ संरक्षण और सुरक्षा के लिए प्रयास करेंगे। 7 बिग कैट में जगुआर, प्यूमा, हिम तेंदुआ, तेंदुआ, शेर, चीता और बाघ शामिल है। इस पहल को बाघ परियोजना के 50 वर्ष पूरे होने पर प्रारंभ किया गया है। गौरतलब है बाघ परियोजना 1973 में इंदिरा गांधी सरकार द्वारा प्रारंभ की गई थी।

क्या आप जानते हैं? भारत में करीब 75,000 स्क्वायर किलोमीटर बाघ संरक्षण क्षेत्र है। जिसमें दुनिया की करीब तीन चौथाई (75%) बाघ निवास करते हैं। सबसे ज्यादा बाघों की संख्या कर्नाटक में है। दुनिया की 2.4% भूभाग रखने के बौजूद भारत जैव विविधता में करीब 8% का योगदान करता है। टाइगर के अलावा हाथी क्षेत्र सर्वाधिक भारत में और एक सिंगी गेंडे भी सर्वाधिक मात्रा में भारत में पाया जाता है।

भारत में शेरों की संख्या कितनी है?

भारत में सर्वाधिक संख्या में से गुजरात में शेरों की आबादी पाई जाती है। जिसमें गिर राष्ट्रीय उद्यान प्रमुख है 2015 में बाघों की गणना की गई थी। जिसमें संख्या 525 बताई गई जबकि 2020 में जनगणना की गई जिसमें 675 शेरों की संख्या भारत में बताई गई है। Tiger census in India 2023

भारत में बाघों की गणना कौन करता है?

पूरे भारत में बाघों की गणना ऑल इंडिया टाइगर्स एस्टीमेट (AITE) भारत की एक वैधानिक प्राधिकरण है एनटीसीए (NTCA नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी) द्वारा किया जाता है। यह राज्य वन और पर्यावरण बोर्ड के साथ मिलकर देश भर में बाघों की गणना करती है।

NTCA (राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण) क्या है?

राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण एक वैधानिक निकाय है जिसकी स्थापना 2005 में वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत किया गया है। इसके अध्यक्ष केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री होते हैं जबकि इसके उपाध्यक्ष केंद्रीय वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री होते हैं।

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