अंधियारों में तूफानों की गति लेकर चलने वाले, श्रृजन और प्रलय से एक साथ खेलने वाले राष्ट्र के अनन्य पुजारी श्रद्धेय अटल (speech on atal bihari) जी को मेरा कोटिश: प्रणाम।
अटल जी हमारे अटल ही रहेंगे। वो भाषा का जादू, वो संयम का सागर, वो लेखन जिसने भरा गागर में सागर, वो कल थे हृदय में वो कल भी रहेंगे। अटल जी हमारे अटल ही रहेंगे।
पश्चिम से सुरज निकलते नही है। जो होते है हिमालय वो टलते नही है। भाषण और भाषा का अंदाज न्यारा, रहे जिंदगी भर चमकता सितारा, जो निश्छल गए है वो निश्छल रहेंगे। अटल जी (speech on atal bihari) हमारे अटल ही रहेंगे।
अटल जी जैसे महान व्यक्तित्व जाते नही है वो जीते है जी जाते है। वो जीते है हजारों करोड़ों भारतीयों के हृदय में। जब दिवाकर पूर्व में उगना और पश्चिम में अस्त होना छोड़ देगा। अटल जी है बसे हुए है। श्रद्धेय (speech on atal bihari) जी हमारे आदर्श है जिनपर अभिमान करते ये धरा थकती नही है।
होनहार, खुद्दार और वाकपटु जो जब बोलते थे तो लोग सर से पांव तक कान लगाकर सुनते थे।
कोई बाधा कोई अड़चन अटल जी से ये बासंती स्वर छीन नही पाए। ऐसे श्रद्धेय अटल जी को मेरी भावांजली पुष्पांजली श्रद्धांजली।
अटल जी के संकल्पों में समता, समरसता और अंत्योदय था। वे भारत मां के जयगीतों के सरजक थे। वो पोखरण का साहस थे वो कारगिल के नायक थे। वे कवि, वक्ता, आवश्यकता थे।
वे राष्ट्रध्वजा के वाहक थे। लोकनीति के आराधक थे। संविधान के साधक थे। अटल जी शांति के पुजारी थे परंतु क्रांति के अग्रदूत थे। वे अहिंसा के पुजारी थे परंतु स्वाधीनता एवं सम्मान की रक्षा के लिए किसी हथियार से लड़ने के हिमायती थे। speech on atal bihari
उनका व्यक्तित्व, उनकी जिंदादिली, उनके महान आदर्शों का प्रमाण था। वे धैर्य और साहस की अप्रतिम ज्योति थे जो युगों युगों तक भारत को प्रकाशित करते रहेंगे। ऐसे अमरहुत आत्मा को हमारा कोटि कोटि प्रणाम है। speech on atal bihari
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