भारत में नवरात्र का पर्व बहुत ही धूमधाम, पूरे विधि विधान और परंपरा के साथ मनाया जाता है। आठवें दिन नवरात्र के हवन का कार्यक्रम आयोजित होता है। हवन वह विधि है जिसके द्वारा परमात्मा को अर्थात अग्नि देव को कुछ विशेष द्रव्य द्रव और सामग्री अर्पित की जाती है। ग्रंथों और पुराणों में सभी सामग्री को अर्पित करने का विशेष महत्व है। यदि आप इन द्रव्यों को अर्पित नहीं करते तो हवन का पूर्ण फल आपको प्राप्त नहीं होगा। havan samagri ki list
हवन और यज्ञ में क्या अंतर है?
नवरात्र में आठवें दिन हवन एवं 9वें दिन विसर्जन का विधान है हवन में विभिन्न प्रकार के द्रव्य, तरल पदार्थ एवं फल अर्पित करने का विधान है। जैसे जायफल, अनाज (जैसे चावल, गेहूं) आंवला, किशमिश, कमल का फूल, दही, केला, खीर, चंपा के पुष्प, इत्यादि। स्मरण रहे हवन और यज्ञ में फर्क होता है। यज्ञ किसी विशेष वरदान योजन अथवा कार्य को संपन्न करने के लिए होता है। जबकि हवन अग्नि देव को प्रसन्न करने के लिए होता है। आइए जानते हैं हवन में अर्पित की जाने वाले द्रव्य और उनसे प्राप्त होने वाले फलों के बारे में। havan samagri ki list
हवन सामग्री सूची और फल
जायफल- से कीर्ति प्राप्ति होती है।
किशमिश से सुख – संपत्ति और कार्य की सिद्धि होती है।
आंवले – से सुख और कीर्ति प्राप्ति होती है।
केले के फलाहार से – आभूषण तथा पुत्र प्राप्ति
गेहूँ – से लक्ष्मी की प्राप्ति होती है
खीर – परिवार में वृद्धि होती है
चंपा के पुष्प – धन और असीम सुख की प्राप्ति
कमल – राज सम्मान की प्राप्ति
गुड, घी, नारियल, शहद, जौं, तिल, फलों
से सुख – संपत्ति और कार्य की सिद्धि होती है।
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तो यह थे हवन में उपयोग होने वाले पदार्थ एवं उनसे प्राप्त होने वाले फल। हवन योजन की उचित फल प्राप्ति के लिए इन चीजों का अर्पण अवश्य करें एवं यथासंभव इस जानकारी को अन्य लोगों तक साझा करें ताकि उन्हें भी हवन का लाभ प्राप्त हो सके। havan samagri ki list