Mahatma gandhi jayanti 2022: भारत में दक्षिणपंथी विचारधारा के समर्थक ऐसे लोग भी है जो गांधी जयन्ती के अवसर पर गोडसे जिंदाबाद के नारे लगाते है, ट्विटर पर हैश टैग ट्रेंड कराते है. ये वही लोग है जो गांधी पर आरोप लगातें है कि गांधी चाहते तो, देश का विभाजन रुक सकता था, गांधी चाहते तो भगत सिंह और उनके साथियों की फांसी रुक सकती थी. क्या गांधी ने भगत सिंह को बचाने की कोई कोशिश नही की थी?
महात्मा गांधी vs अंबेडकर: क्या गांधी, अंबेडकर के सबसे बड़े शत्रु थे?
गांधी पर ये भी आरोप लगता है कि 23 मार्च 1931 को भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को दी जाने वाली फांसी को रोकने में उन्होंने कोई भी भूमिका नहीं निभाई. क्या है इसके पीछे की सच्चाई आइये जानने की कोशिश करते है.
गांधी इरविन पैक्ट
पब्लिक सेफ्टी और ट्रेड डिस्प्यूट एक्ट के विरोध में 8 अप्रैल को 1929 को अपने साथियों के साथ सेन्ट्रल असेम्ली में गिरफ्तार हुए. 23 मार्च 1931 को तय तारीख से एक दिन पहले ही भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी दे दी गयी. इससे 17 दिन पहले ही यानी 5 मार्च 1931 को महात्मा गांधी और लार्ड इरविन के बीच एक समझौता होता है इसे गाँधी इरविन पैक्ट भी कहा जाता है. Mahatma gandhi jayanti 2022
इस समझौते में महात्मा गांधी (mahatma gandhi) ने कई मांग रखी जिसके एवज में वे ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध सविनय अवज्ञा आन्दोलन को स्थगित करते. जिसमे अधिकतर मांगे मन ली गयी लेकिन दो मांगे नहीं मानी गयी. पहला, पुलिस ज्यादतियों की जांच कराई जाये और दूसरा भगत सिंह और उनके साथियों की फांसी की सजा माफ़ कर दी जाये. क्या गांधी ने भगत सिंह को बचाने की कोई कोशिश नही की थी?
महात्मा गांधी ने पहली मांग यह रखी थी कि हिंसात्मक बंदियों को छोड़कर सभी राजनीतिक बंदियों को रिहा कर दिया जाए. इसी बात पर महात्मा गांधी के विरोधियों को आपत्ति रहती है कि गांधी द्वारा हिंसक बंदियों को सजा देने की मुखालफत की. जिसे की कई इतिहासकार सच नहीं मानते. Mahatma gandhi jayanti 2022
गांधी द्वारा भगत सिंह को बचाने के लिए किया गया प्रयास:
महात्मा गांधी (mahatma gandhi) द्वारा भगत सिंह और साथियों फांसी से बचाने के लिए क्या प्रयास किये गए इसपर कुछ इतिहासकारों के विचार
अनिल नौरिया- महात्मा गांधी (mahatma gandhi) ने भगत सिंह की फांसी को कम करने के लिए तेज बहादुर सप्रू, एम् आर जयकर और श्रीनिवास शास्त्री को वायसराय के पास भेजा था.
हर्बर्ट विलियम इमर्सन- महात्मा गांधी (mahatma gandhi) जी द्वारा भगत सिंह को बचाने के लिए इमानदारी से प्रयास किये. उनके प्रयास को काम चलाऊ कहना महान शांति दूत का अपमान है.
जोगेश चन्द्र- ये HSRA यानी हिंदुस्तान सोसलिस्ट रिवोल्युशन असोसिएशन के सदस्य थे जो कि एक उग्र क्रांतिकारी संगठन थी, इसके सदस्य ने अपने जीवनी में लिखा है कि गांधी (mahatma gandhi) जी की भीख अस्वीकार हुई भगत सिंह और उनके साथियों को फांसी की सजा हुई.
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