महात्मा गांधी vs अंबेडकर: क्या गांधी, अंबेडकर के सबसे बड़े शत्रु थे?
गांधी जयंती पर गोडसे जिंदाबाद सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगता है। इससे इस बात का पता चलता है कि भारत में अच्छे खासे तादात में उन लोगों की भी संख्या है जो गांधी की नीतियों को नापसंद करते थे। Mahatma gandhi jayanti special
महात्मा गांधी vs अंबेडकर
महात्मा गांधी और अंबेडकर के समीकरण के बारे में भी लोग कई तरह की टिप्पणी करते है। कुछ लोग तो इन दोनो महान विभूतियों को एक दूसरे के शत्रु बताते है। कई लोग गांधी पर ये भी आरोप लगाते है कि गांधी ही वो शख्स है जिनकी वजह से दलित समाज आज तक राजनीतिक रूप से सशक्त नही हो पाया।
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गांधी और अंबेडकर में मतभेद
1932 में गोलमेज सम्मेलनों के बाद अंग्रेजो द्वारा बांटो और राज करो के उद्देश्य से की गई दलित समाज के लिए पृथक निर्वाचन व्यवस्था का पुरजोर विरोध किया था। यहां तक यरवदा जेल में गांधी जी ने आमरण अनशन भी शुरू कर दिया अंबेडकर इससे काफी नाराज हुए और भारी दबाव में आकर उन्होंने पूना पैक्ट किया। Mahatma gandhi jayanti special
अंबेडकर केवल दलितों के मुद्दे पर गांधी जी की नीतियों की आलोचना करते थे। न कि उनके हरेक नीति की आलोचना। गांधी और अंबेडकर दोनो ही युग पुरुष और महान विचारक थे। दोनो ही विशेष परिस्थितियों में पहले बढ़े इसलिए दोनो में वैचारिक अंतर और मतभेद काफी थे। लेकिन वे एक दूसरे के शत्रु नहीं थे।
गांधी का अंबेडकर के बारे में विचार
गांधी जी से एक बार जब पत्रकार ने पूछा कि अंबेडकर आपके बारे में इतना बुरा भला कहते है आपको बुरा नहीं लगता? गांधी जी ने पत्रकार से कहा बिलकुल नहीं! क्योंकि वो अंबेडकर के शब्द नहीं बल्कि उसके अंदर का प्रताड़ित दलित है। जिसे ऐतिहासिक हिंदू में तिरस्कार और वांचना का सामना करना पड़ा है।
अंबेडकर का गांधी के बारे में विचार
ठीक उसी प्रकार एक वक्तव्य में अंबेडकर जी ने गांधी जी के बारे में कहा था। गांधी जी और मेरा उद्देश एक है। गांधी दलितों का उत्थान सामाजिक बदलाव के और लोगों के हृदय परिवर्तन के माध्यम से करना चाहते है जबकि मैं कानून और विधि के रास्ते से वो काम करना चाहता हूं। Mahatma gandhi jayanti special
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गांधी जी ही वो शख्स थे जिन्होंने देश के विधान को लिखने के लिए अंबेडकर को सबसे उपयुक्त माना। अंबेडकर जो कि विधान के माध्यम से समाज में दलितों का उत्थान करना चाहते थे। संविधान बनने के बाद भी जब दलितों के प्रति अत्याचार के मामले सामने आने तो उन्हें एहसास हुआ कि गांधी जी का रास्ता ज्यादा आवश्यक था।
किसी विचारक ने कहा है गांधी आजादी को सर्वोपरि और दलित उत्थान को आवश्यक मानते थे। जबकि अंबेडकर दलित उत्थान को सर्वोपरि और आजादी को आवश्यक मानते थे।
इसलिए गांधी और अंबेडकर में खाई दिखाने वाले अधूरा तथ्य जानते है।
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