What is Mass Extinction in Hindi: वन्य जीव-जंतु प्रकृति के अभिन्न अंग है। इनके बिना प्रकृति और पृथ्वी की कल्पना नहीं की जा सकती। वन्य जीव जंतुओं का इतिहास उतना ही पुराना है जितना पृथ्वी का। लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि धरती पर इनका पहले 5 बार महाविलोपन हो चुका है।
वैज्ञानिकों के अनुसार वर्तमान में पृथ्वी छठवीं महाविलोपन (sixth mass extinction) का सामना कर रही है। महाविलोपन का क्या अर्थ (mass extinction meaning) होता है? आइए जानते है।
महाविलोपन क्या है? what is mass extinction in Hindi ?
Mass extinction को होलोसीन विलोपन ( Holocene extinction ) भी कहा जाता है। पृथ्वी पर महाविलोपन की घटना ( mass extinction events ) एक बेहद ही आश्चर्य जनक घटना होती है। जिसमे वृहद पैमाने पर पृथ्वी की जैवविविधता का विनाश हो जाता है।
वैज्ञानिकों के अनुसार पृथ्वी पर यह घटना तब घटित होती है जब प्रजातियों में विविधता बढ़ने की दर की तुलना में उनके विलोपन होने की दर अधिक तेज होती है। अभी तक दुनिया में पांच ऐसे महाविलोपन (mass extinction) हो चुके है।
उदाहरण (mass extinction events) के तौर पर परमियन काल ( permian mass extinction ) में समुद्र में पाए जाने वाली में प्रजाति और ट्रायसिक काल में डायनोसोर की प्रजाति का महाविलोपन।
सामूहिक विलोपन क्या है? What is mass extinction and mass extinction events
What is mass extinction (in Hindi) इसका आसान शब्दों में उत्तर होगा ” एक ऐसी घटना जिसमे पृथ्वी में पाए जाने वाली जीव जंतुओं की विशाल आबादी हमेशा के लिए विलुप्त हो जाती है। sixth mass extinction का सामना कर रही दुनिया के सामने इस बार खतरा पहले की तुलना में अधिक भयावह होने वाला है।
ऐसा अनुमान है कि 6th mass extinction में कई सरीसृप और स्तनपायी जीवों की प्रजातियां हमेशा के लिए विलुप्त हो जायेगी। जैसे सांपों और गिरगिट की कई प्रजातियां, चीता, शेर, हाथी और मछलियों की प्रजातियां हमेशा के लिए विलुप्त हो जाएंगी। iucn red list में जीव जंतुओं की iucn status इसे सत्यापित करते है।
महाविलोपन के कारण | causes of sixth mass extinction ?
Mass extinction meaning और what is mass extinction in हिंदी के बाद आइए जानते है sixth mass extinction के कारण के बारे में।
दुनिया में अभी तक हुए पांच महाविलोपनों का कारण जलवायु में आए बदलाव को माना जाता है, इसके साथ – साथ चार्ल्स डार्विन की “Survival of the fittest” सिद्धांत भी इन विलोपनों की व्याख्या करता है, जिसमे यह कहा गया है कि पृथ्वी पर वही जीव जंतु जीवित रहते है जो दूसरे से संघर्ष करके विजित होते है। जबकि अन्य कारणों में महाविनाशक प्राकृतिक आपदाओं को शामिल किया जाता है।
अभी तक देखे गए mass extinction में वैज्ञानिकों ने इन्ही कारणों को उत्तरदायी माना है लेकिन sixth mass extinction के लिए मानव जनित जलवायु परिवर्तन को मुख्य कारण माना जा रहा है। 18वीं सदी का औद्योगिकरण परिणामतः पृथ्वी के तापमान में निरंतर बढ़ोतरी, पूंजीवाद और उपभोक्तावाद की संस्कृति, जिसके परिणामस्वरूप लगातार वन्यजीवों के रहवासों पर बढ़ता दबाव ( habitat loss ) और दिन-ब-दिन बढ़ती प्राकृतिक आपदाएं है।
समाचारों में अक्सर आपने सुना होगा कि ब्रह्मपुत्र नदी बेसिन में आए बाढ़ के चलते कई गेंडे मौत के शिकार हो गए। अरुणाचल प्रदेश में भू स्खलन में दबकर सैकड़ों मछलियों की मौत हो गई। तेल रिसाव से समुद्री तट पर हजारों की संख्या में समुद्री जीव मृत पड़े दिखते है। ऐसे ही दुनियाभर से कई खबरें सामने आती है।
महाविलोपन की घटनाएं | mass extinction events
पृथ्वी को भौगोलिक रूप से निर्माण और विकसित होने के क्रम के आधार पर कई युगों और काल खंडों में विभाजित किया गया है। इनके आधार पर ही mass extinction events को विभाजित किया गया है।
- Ordovician Silurian कालीन महाविलोपन
- Devonian extinction
- Permian – Triassic extinction
- Triassic–Jurassic extinction
- Cretaceous–Paleogene extinction
1. Ordovician Silurian कालीन महाविलोपन
यह mass extinction events ऑर्डोविशियन सिलुरीयन काल मे घटित हुआ। इस महाविलोपन काल में कोरल की कई प्रजातियां, ट्राइलोबाइट्स और ब्रैकियोपोड की प्रजातियां विलुप्त हो गई।
2. Devonian extinction
यह महाविलोपन डेवोनियन काल में घटित हुआ था इस काल में समुद्री जीवों की कई प्रजातियां नष्ट हो गई थी।
3. Permian – Triassic extinction
Permian – Triassic extinction या Permian mass extinction यह सबसे भयावह mass extinction events में से एक था, जिसमे पृथ्वी पर पाए जाने वाली प्रजातियों की 90% आबादी विनिष्ट हो गई। यह आज से 250 मिलियन वर्ष पहले घटित हुआ था। Permian mass extinction में समुद्री परितंत्र की महज़ 5% आबादी ही जीवित बची थी। पृथ्वी पर पाए जाने वाले समस्त वृक्ष नष्ट हो गए थे।
4. Triassic–Jurassic extinction
यह दुनिया में घटित होने वाली चौथी mass extinction events में से थी जिसमे डायनोसोर जैसे विशाल जानवरों का अंत हो गया गया था। इसके बारे में कई कहानियां और फिल्में दुनियाभर में मशहूर है।
5. Cretaceous–Paleogene extinction
यह जैवविविधता की पांचवी महाविलुप्ति थी। जिसमे स्तनपयी और सरीसृपों का विनाश हो गया था। पक्षियों की प्रजाति ही जीवित बच पाई थी।
छठवीं महाविलोपन sixth mass extinction का सामना कर रही दुनिया को इस बात का अभी जरा भी अंदाजा नही कि आने वाले कुछ सालों में उसके आस पास दिखने वाले जीव जंतु उनसे हमेशा के लिए दूर होने वाले है। आने वाली पीढ़ियां इन्हे सिर्फ किताबों में पढ़ा करेंगी। जैसे आज हम डायनोसोर, पंख वाली मछली और उड़ने वाले भारी जीवों के बारे में पढ़तेे (What is Mass Extinction in Hindi) और सुनते है।
दुनिया के जीव वैज्ञानिक इस प्रयास में लगे हुए है कि किसी भी तरह विलुप्त हो रहे जीवों के जीन को संरक्षित करके रखा जाए, कैपिटिव ब्रीडिंग के जरिए उनकी संख्या बढ़ाई जाए, उनके लिए ज्यादा से ज्यादा स्थान संरक्षित किया जा रहा है, वैश्विक साझेदारी का निर्माण किया जा रहा है। लेकिन जब तक उनके महत्व और संरक्षण के लिए आम जन जागरूक नहीं होंगे तब तक sixth mass extinction को रोक पाना असम्भव है।
पिछले पांच महाविलोपनों में मानव का अस्तित्व था न ही मानव का योगदान लेकिन इस महाविलोपन (What is Mass Extinction in Hindi) में मानव का हाथ भी है और इस समय मानव का अस्तित्व भी है। वर्तमान होलोसिन युग में मानव एक खाद्य श्रृंखला और पारिस्थितिकी क्रिया प्रतिक्रिया का अभिन्न अंग है। जिसमे जीवों के विलुप्ति का सीधा अर्थ होगा मानव के अस्तित्व की विलुप्ति।