gktricks Archives - NITIN BHARAT https://nitinbharat.com/tag/gktricks/ India's Fastest Growing Educational Website Mon, 23 Jan 2023 13:14:05 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.5 210562443 Public Relation Officer PRO जॉब करियर कोर्स की पूरी जानकारी https://nitinbharat.com/public-relation-officer-pro-job-carrier-and-course-full-details/ https://nitinbharat.com/public-relation-officer-pro-job-carrier-and-course-full-details/#respond Mon, 23 Jan 2023 13:08:28 +0000 https://nitinbharat.com/?p=483 Public Relation Officer PRO क्या काम करता है? Public Relation Officer PRO जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है पब्लिक यानी जनता और रिलेशन यानी जुड़ाव। जो...

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Public Relation Officer PRO क्या काम करता है?

Public Relation Officer PRO जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है पब्लिक यानी जनता और रिलेशन यानी जुड़ाव। जो अधिकारी या व्यक्ति जनता से संबंध को बढ़ाने के लिए प्रयास करता है उसे पब्लिक रिलेशन ऑफिसर कहते है। इसे और अधिक सामान्य शब्द में जनता से जोड़ने वाला व्यक्ति भी कहा जा सकता है।

Public Relation Officer किन किन माध्यमों से जनता को जोड़ता है?

दैनिक जीवन में आप किसी न किसी व्यक्तित्व, ब्रांड और संस्था आदि से सोशल मीडिया, प्रिंट मीडिया या पत्रों के माध्यम से जुड़े होंगे। उन तक जोड़ने में पब्लिक रिलेशन ऑफिसर (Public Relation Officer PRO) की भूमिका निश्चित रूप से रही होगी। पब्लिक रिलेशन ऑफिसर आपको किसी व्यक्ति, संस्था या ब्रांड से से जोड़ने के लिए निम्न माध्यमों का सहारा लेते है।

सोशल मीडिया (फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर, यूट्यूब आदि)
इलेक्ट्रोनिक मीडिया ( विज्ञापन, स्पॉन्सर्ड प्रोग्राम आदि)
प्रिंट मीडिया (विज्ञापन, आलेख और विज्ञप्तियों के माध्यम से)
वेबसाइट्स (लेख, आलेख, विज्ञापन आदि)
आउटडोर गतिविधियों (स्टेज शो, एड पोस्टर्स, लाउडस्पीकर्स आदि)

क्या पब्लिक रिलेशन ऑफिसर सिर्फ प्रचार करता है?

पब्लिक रिलेशन ऑफिसर Public Relation Officer PRO प्रचार मात्र नही करता बल्कि वह प्रचार या जुड़ाव को बढ़ाने की नीति बनाता है। रिलेशन या जुड़ाव को बनाये रखने के लिए कार्य करता है। और लगातार उसे बढ़ाने की युक्ति तलाशते रहता है।

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क्या पब्लिक रिलेशन अच्छा करियर विकल्प बन सकता है?

भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था, दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, खरीद क्षमता शक्ति के आधार पर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनामी है। यहां दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आबादी निवास करती है इस लिहाज से व्यक्ति, कंपनी और ब्रांड आदि के लिए जनता से जुड़ाव स्थापित करना बहुत ही आवश्यक हो गया है। पब्लिक रिलेशन ऑफिसर (Public Relation Officer PRO) इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। संस्था और प्लेटफार्म के हिसाब से पब्लिक रिलेशन ऑफिसर की कमाई या सैलरी अच्छी खासी हो सकती है। इस क्षेत्र में फ्रीलांस पब्लिक रिलेशन ऑफिसर भी अच्छी खासी सैलरी अर्जित कर सकते हैं।

पब्लिक रिलेशन ऑफिसर कैसे बन सकते है?

अधिकतर मामलों में MBA, BJMC, Sociology और Public Affairs की पढ़ाई करने वाले Public Relatio Officer की भूमिका में होते हैं। लेकिन स्पष्ट शब्दों में यह बात समझना जरूरी है कि PR करने की कला व्यक्ति में अंदरूनी होती है। यह नैसर्गिक प्रतिभा (गॉड गिफ्टेड टैलेंट) हो सकता है या अभ्यास द्वारा अर्जित किया जा सकता है।

Public Relation Officer बनने के लिए क्या क्या योग्यताएं होनी चाहिए?

अच्छा लेखन शैली (writing skills), संप्रेषण शैली (communication skills), विश्लेषण शैली (Analytical Skill) इसके साथ साथ इंटरनेट और कंप्यूटर के जमाने में (Age of computer and internet) अच्छी इंटरनेट और कंप्यूटर की जानकारी सोशल मीडिया का ज्ञान होना आवश्यक है। साथ ही करंट अफेयर्स, इवेंट्स, ट्रेंड्स का भी ज्ञान होना बहुत आवश्यक है।

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क्या PRO की सरकारी नौकरी भी होती है?

राज्य और केंद्र स्तर पर जनसंपर्क अधिकारी नाम से जिला स्तर पर सरकारी पद होते है। जिसके लिए समय समय पर वैकेंसी निकलती है। कई राज्य में जिलाधीश को जनसंपर्क अधिकारी की जिम्मेदारी दे दी जाती है।

 

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क्षेत्रफल के अनुसार विश्व के 7 सबसे बड़े देशों की सूची व ट्रिक https://nitinbharat.com/list-and-tricks-of-7-largest-countries-in-the-world/ https://nitinbharat.com/list-and-tricks-of-7-largest-countries-in-the-world/#respond Wed, 04 Jan 2023 06:46:01 +0000 https://nitinbharat.com/?p=476 क्षेत्रफल के अनुसार विश्व के 7 सबसे बड़े देशों की सूची व ट्रिक: बचपन में आपने पढ़े ही होंगे कि पृथ्वी के कुल 29% भाग पर स्थल...

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क्षेत्रफल के अनुसार विश्व के 7 सबसे बड़े देशों की सूची व ट्रिक: बचपन में आपने पढ़े ही होंगे कि पृथ्वी के कुल 29% भाग पर स्थल तथा 71% भाग पर जल अर्थात सागर, महासागर व झील पाया जाता है। स्थल में मानव जीवन बसती है जो कई देशों में विभाजित है। इनमें से कुछ देश स्वयं में एक महाद्वीप है तो अनेक देश उपमहाद्वीप।

आज के समय में विश्व में लगभग 195 देश हैं, जिसमें से कोई देश क्षेत्रफल के आधार पर बड़े हैं और कोई जनसंख्या के आधार पर। इस लेख में मैंने क्षेत्रफल के अनुसार दुनिया के 7 बड़े देशों के नाम की सूची व याद करने की ट्रिक को बताया है।

इस लेख में मैं सामान्य ज्ञान के लिए क्षेत्रफल के अनुसार विश्व के 7 सबसे बड़े देशों की सूची व ट्रिक बताने जा रहा हूँ जोकि UPSC, SSC, PSC, State Services, NDA, बैंकिंग, CDS और Railways जैसी अनेक प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों के लिए उपयोगी है।

क्षेत्रफल के अनुसार विश्व के 7 सबसे बड़े देशों की सूची व ट्रिक

1. रूस

रूस की राजधानी: मास्को

वर्तमान राष्ट्रपति: व्लादिमीर पुतिन

प्रधान मंत्री: मिखाइल मिशुस्टिन

क्षेत्रफल: 17,075,400 वर्ग कि.मी

जनसंख्याः 14.34 करोड़ (2021)

मुद्रा: रूसी रूबल

महाद्वीप: यूरोप, एशिया

2. कनाडा

राजधानी: ओटावा

जनसंख्याः 3.82 करोड़ (2021)

क्षेत्रफल: 9,984,670 वर्ग कि.मी

प्रधान मंत्री: जस्टिन ट्रूडो

आधिकारिक भाषा: फ्रेंच, अंग्रेजी

मुद्रा: कनाडियन डॉलर

3. संयुक्त राज्य अमेरिका

राजधानी: वाशिंगटन, डी.सी.

क्षेत्रफल: 9,826,675 वर्ग कि.मी

राष्ट्रपति: जो बाईडेन

जनसंख्या : 33.19 करोड़ (2021)

मुद्रा: अमेरिकी डॉलर

4. चीन

राजधानी: बीजिंग

जनसंख्याः 141.24 करोड़ (2021)

क्षेत्रफल: 9,598,094 वर्ग कि.मी

आधिकारिक भाषा: मंदारिन

मुद्रा – युआन

5. ब्राज़ील

राष्ट्रपति : लुइज़ इनासियो लूला डा सिल्वा ट्रेंडिंग

राजधानी: ब्रासीलिया

क्षेत्रफल: 8,514,877 वर्ग कि.मी

जनसंख्याः 21.4 करोड़ (2021)

आधिकारिक भाषा: पुर्तगाली

महाद्वीप: दक्षिण अमेरिका

मुद्रा: ब्राजीलियन रील

6. ऑस्ट्रेलिया

राजधानी: कैनबरा

क्षेत्रफल: 7,617,930 वर्ग कि.मी

जनसंख्याः 2.57 करोड़ (2021)

प्रधान मंत्री: एंथोनी अल्बनीस

मुद्रा: ऑस्ट्रलियन डॉलर

7. भारत

राजधानी: नई दिल्ली

राष्ट्रपति: द्रौपदी मुर्मू

प्रधान मंत्री: नरेंद्र मोदी

क्षेत्रफल: 3,287,263 वर्ग कि.मी

जनसंख्याः 139.34 करोड़ (2021)

मुद्रा: भारतीय रूपये

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क्षेत्रफल के अनुसार विश्व के 7 सबसे बड़े देशों के नाम को याद करने की ट्रिक

याद करने के लिए ट्रिक वाक्य – “रुक सचीन बाई(BAI)” अर्थात्

रु – रूस

क – कनाडा

स – संयुक्त राज्य अमेरिका

चीन – चीन

B – ब्राजील

A – ऑस्ट्रेलिया

I – इंडिया (भारत)

उपरोक्त सूची में क्षेत्रफल के अनुसार विश्व के 7 सबसे बड़े देशों की सूची व ट्रिक बताये गए हैं, जो विभिन्न प्रतियोगी व प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों के लिए बहुत ही उपयोगी है। ऐसी ही रोचक जानकारी के लिए मेरे वेबसाइट पर बने रहें.

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पंचप्रयाग: याद रखने की आसान ट्रिक https://nitinbharat.com/panchprayag-yad-rakhne-ki-trick/ https://nitinbharat.com/panchprayag-yad-rakhne-ki-trick/#comments Sat, 09 Jul 2022 16:40:00 +0000 भारत के पंच  प्रयागों के बारे में अपने कई बार सुना होगा. भारत के भौगोलिक, धार्मिक और पर्यटन की दृष्टि से अत्यधिक महत्व पूर्ण है. इसीलिये किसी...

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भारत के पंच  प्रयागों के बारे में अपने कई बार सुना होगा. भारत के भौगोलिक, धार्मिक और पर्यटन की दृष्टि से अत्यधिक महत्व पूर्ण है. इसीलिये किसी न किसी सन्दर्भ को लिए यह सालभर चर्चा में बना रहता है. पंचप्रयाग क्या है, इसमें किन-किन नदियों का संगम शामिल है. और कहाँ पर ये एक दुसरे से मिलती है? पंच प्रयागों (Panch Prayag ) को  याद रखने की आसान ट्रिक क्या है आइये जानते है. Panchprayag yad rakhne trick

पंचप्रयाग:  याद रखने की आसान ट्रिक

 

पंचप्रयाग (Panch Prayag )  पांच नदियों का संगम नही है बल्कि पांच संगमो का नाम है. ये पांच नदी संगम अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग नदियों के जल के मिलने पर बनता है. कई कारणों से ये चर्चा में बने रहते है. इसीलिये कई परीक्षाओ में यहाँ से प्रश्न पूछे जाते है.

ब्रह्मपुत्र की सहायक नदियों को याद रखने की ट्रिक

प्रयाग का अर्थ ? Meaning of Prayag

 

प्रयाग का अर्थ मिलन स्थल होता है, पौराणिक हिन्दू मान्यता के अनुसार प्रयाग ऐसा स्थल है जहाँ उत्तर भारत की तीन सबसे पवित्र नदियां आकर मिलती है, इन नदियों में गंगा, यमुना और सरस्वती को गिना जाता था. उत्तर प्रदेश सरकार ने इसीआधार पर इलाहाबाद (Allahabad) का नाम बदलकर प्रयागराज (Prayagraj) कर दिया. हालांकि प्रयागराज में वर्तमान में केवल गंगा और यमुना नदी ही आकर मिलती है. जबकि ऐसी मान्यता है कि पौराणिक नदी सरस्वती भूमिगत होकर प्रयागराज में मिलती है. Panchprayag yad rakhne trick

 

उत्तरखण्ड के प्रयाग; पंचप्रयाग कहाँ है?

 

पंचप्रयाग उत्तरी भारत के उत्तराखंड राज्य में स्थित है, उत्तराखंड में ऋषिकेश से उत्तरकाशी की ओर जाते हुए मध्य और वृहत हिमालय को काटते हुए जो नदियाँ निकलती है उन्ही से पांच प्रयागों (Panch Prayag ) का निर्माण होता है. समग्र भारत के भूगोल में देखें तो ये उत्तरी हिमालय पर्वतों के बीच पड़ता है. Panchprayag yad rakhne  trick

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पंचप्रयाग (Panch Prayag )

 

नदी की बहाव की दिशा में ऊपर से नीचे अथवा उत्तर से दक्षिण की ओर विष्णुप्रयाग, नंदप्रयाग, कर्णप्रयाग, रुद्रप्रयाग और देवप्रयाग को संयुक्त रूप से पंचप्रयाग के रूप में जाना जाता है.  पंचप्रयागों के बारे में ऐसी धार्मिक मान्यता है कि यहाँ स्नान मात्र से मानसिक शांति और आत्मिक शुद्धि की प्राप्ति होती है. इसी लिए पंचप्रयागों का धार्मिक (Religious) और अध्यात्मिक (Spiritual) महत्व है.

 

पंचप्रयाग का निर्माण करने वाली नदियां

 

मूल नदी अलखनंदा या अलकनंदा के ऊपर से नीचे की ओर जाने पर धौलीगंगा, नंदाकिनी,  पिंडर,  मंदाकिनी और भागीरथी मिलते हुए क्रमशः  विष्णुप्रयाग, नंदप्रयाग, कर्णप्रयाग, रुद्रप्रयाग और देवप्रयाग का निर्माण करती है. अलकनंदा और धौलीगंगा के मिलने से विष्णु प्रयाग का निर्माण होता है. अलकनंदा और नंदाकिनी नदी के  मिलने से नंदप्रयाग का निर्माण होता है. अलकनंदा और पिंडर नदी के संगम पर कर्णप्रयाग का निर्माण होता है और अलकनंदा और मंदाकिनी नदी के संगम पर रुद्राप्राग का निर्माण होता है. भागीरथी और अलकनंदा के संगम पर देवप्रयाग का निर्माण होता है. इन नदियों के अलकनंदा नदी में मिलने के क्रम को याद रखने के लिए आप एक बेहद ही आसान ट्रिक को याद रख सकते है.

DN PMB

असल में ये कोई ट्रिक नहीं बल्कि सभी नदियों के अंगरेजी के प्रारम्भिक अक्षरों को मिलकर बनाया गया है. “DN PMB”  यह बाजार में मिलने वाले किसी रसायनिक खाद के फोर्मुले के समान प्रतीत होता है. इसे याद रखकर आप इस टॉपिक से पूछे गए किसी भी प्रश्न का उत्तर देने के लिए सक्षम हो जायेंगे.

 

पंचप्रयाग:  याद रखने की आसान ट्रिक

भारत के राष्ट्रपतियों को याद रखने की आसान ट्रिक

“विनकरु देव” पड़ने और सुनने में किसी पौराणिक हिन्दू देवता के नाम के समान प्रतीत हो रहा है, जिसे विस्तार करने पर आप पंचप्रयागों का नाम देख पाएंगे,  ये ट्रिक ऊपर से नीचे अथवा उत्तर से दक्षिण की ओर जाने पर आपको क्रमवार प्राप्त होगा. पंचप्रयाग:  याद रखने की आसान ट्रिक

 

“विनकरु देव”

 

वि –  विष्णुप्रयाग

न  –  नंदप्रयाग

क़  – कर्णप्रयाग

रू  – रुद्रप्रयाग

देव –  देवप्रयाग

पंचप्रयाग, विष्णुप्रयाग, नंदप्रयाग, कर्णप्रयाग, रुद्रप्रयाग, देवप्रयाग,

 

पंचप्रयागों  का महत्व (Importance of Panch Prayag)

 

सांस्कृतिक महत्व (Cultural Importance)

भारतीय पौराणिक ग्रंथो में ऐसी मान्यता है कि इन प्रयागों के दर्शन और स्नान से मानसिक और आत्मिक शांति की प्राप्ति होती है. इसीलिए यहाँ पूरे देश से लोग दर्शन करने आते है. उत्तराखंड की पर्यटन के दृष्टिकोण से ये प्रयाग बेहद ही महत्वपूर्ण स्थल है. देश ही नहीं पूरे दुनिया से श्रद्धालु यहाँ आस्था के समंदर डुबकी लगाने आते है. पंचप्रयाग: याद रखने की आसान ट्रिक

 

भौगिलिक महत्व (Geographical Importance)

ये नदियां महत्वपूर्ण ग्लाशियारों के से निकलती है, तथा तेज ढलानों वाली है जिसमे बाढ़ और प्राकृतिक त्रासदियों की संभावना बहुत अधिक बनी रहती है. पर्यटन की दृष्टिकोण से महत्व रखने वाले ये स्थल विशाल मानवीय आपदा का कारण बन जाते है इसीलिए इनका नियमित निगरानी करना मानचित्रण करना अत्यधिक आवश्यक होता है. इन नदियों में प्रवाहित जल इनसे संबंधित ग्लेशियरों के स्वास्थ्य का द्योतक है.

 

आर्थिक महत्त्व (Economic Importance)

इन प्रयागों से पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलता है, पनबिजली परियोजनाओं (Hydropower Project) के लिए जल और कई प्राथमिक कार्यों में उपयोग के द्वारा यह क्षेत्र के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देता है.

 

तो ये थी पंच प्रयागों (Panch Prayag) के बारे में समग्र जानकारी जो बेहद ही कम से कम शब्दों में बताने का प्रयास किया गया. इसमें  पंचप्रयाग:  याद रखने की आसान ट्रिक एक नवाचारी तरीका उपलब्ध कराता है कि किस प्रकार कठिन और जटिल नामों की सूची को आसान ट्रिक द्वारा याद किया जा सकता है. अगर यह आर्टिकल आपको उपयोगी लगा हो तो हमें comment box में जरुर लिखे.

 

 

 

 

 

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