पाकिस्तान आतंक का पनाहगाह कैसे बना? How Pakistan Become A Terrorist State?

अभी तो मुकुट बँधा था माथ, हुए कल ही हल्दी के हाथ।

हाय! रुक गया यहीं संसार, बना सिन्दूर अनल अंगार।

 

सुमित्रानंदन पंत की ये पंक्तियां शहीद विनय नरवाल की पत्नी हिमांशी नरवाल का दर्द बयां कर रही थी जिनकी 16 अप्रैल को शादी हुई और 22 अप्रैल को आतंकियों के कायराना हमले में सिंदूर उजड़ गया। हिमांशी के साथ ही सिंदूर उजड़ा था 27 और बहनों का। जिसके बाद भारत ने 6-7 मई की रात ऑपरेशन सिंदूर चलाकर 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया। हैरानी तो तब हुई जब पाकिस्तान ( How Pakistan Terrorist State) सरकार ने इन्हें अपना मासूम सिविलियन बताया।

When will American overreach stop??

इस आर्टिकल में जानेंगे कैसे पाकिस्तान में पनपते है आतंकी ट्रेनिंग कैंप? जहां से निकलते हैं जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा, हक्कानी नेटवर्क और तालिबान जैसे संगठनों के सरगना, आज समझेंगे कि – कैसे ये देश बना आतंकवाद का गढ़? भारत पर हुए पाक प्रायोजित बड़े आतंकी हमले, पाकिस्तान की भूमिका अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की रणनीति और कैसे करता है भारत इन जहरीले सांपों से अपने नागरिकों की सुरक्षा?

जिन्ना की जिद से धर्म के आधार पर विभाजित हुआ पाकिस्तान 1947 में भारत से अलग होकर धार्मिक कट्टरपंथ की ओर मुड़ गया। मौलवियों और मदरसों का दबदबा पाकिस्तान में बढ़ता गया। 1947 के विभाजन में कश्मीर का भारत में विलय होना, फिर 1965 के युद्ध में भारत से पटखनी खाना, 1971 के युद्ध में हार बांग्लादेश की आजादी के बाद 90 हजार पाकिस्तानी सैनिकों को आत्मसमर्पण के लिए मजबूर होना।

ये कुछ ऐसे कांटे थे जो पाकिस्तान को नासूर की तरह चुभ रहे थे, पाकिस्तान ये समझ चुका था भारत जैसे मजबूत और सक्षम राष्ट्र से सीधा लोहा लेना संभव नहीं। इसलिए उसने रुख किया Proxy War का यानी अब सेना लड़ाई नहीं लड़ेगी बल्कि अब लड़ाई लड़ेगे कुछ कट्टरपंथी संगठन! इसे साथ और समर्थन मिला ISI यानी इंटर सर्विस इंटेलीजेंस का। कट्टरपंथी और ISI ने प्लांड तरीके से नई पीढ़ी का ब्रेन वाश करना शुरू किया। मदरसों में भारत के लिए नफरत के पाठ पढ़ाए जाने लगे और यहीं से निकलने पकने लगे कई आतंकियों की फसलें, देखते ही देखते ये देश आतंक की फैक्ट्री (How Pakistan Terrorist State) बन गया। यहां से निकले आतंकियों ने कई बार भारत को खून के आंसू रुलाए।

ये बात किसी से छिपी नहीं है कि कैसे 1980 के दशक में, अमेरिका और सीआईए (सेंट्रल इंटेलीजेंस एजेंसी) ने पाकिस्तान को अफगान जिहाद के लिए “फ्रंटलाइन स्टेट” बना दिया। ISI (Inter-Services Intelligence) को मिलने लगी अरबों डॉलर की अमेरिकी मदद – हथियार, ट्रेनिंग, और Fund– ताकि सोवियत संघ यानी ( USSR ) के खिलाफ तालिबान जैसे कट्टरपंथियों को खड़ा किया जा सके। यही आतंकी बाद में हुए पाकिस्तान के लिए नासूर बनें – पर सबसे ज़्यादा झेलना पड़ा भारत को।

पाकिस्तान के रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन कहते है–

“पाकिस्तान ने आतंकवाद को स्ट्रैटेजिक एसेट की तरह इस्तेमाल किया – खासकर कश्मीर और भारत को अस्थिर करने के लिए।”

आइए जानते है पाकिस्तान से ऑपरेट होने वाले कुछ बड़े आतंकी संगठनों के बारे में;

1. लश्कर-ए-तैयबा (LeT)

इसकी स्थापना, 1990 में हाफिज सईद द्वारा की गई, इसका मुख्यालय: मुरिदके, पंजाब प्रांत, पाकिस्तान है। इसने अपना उद्देश्य भारत से कश्मीर को “जिहाद” के ज़रिए अलग करना घोषित किया है। यही वो संगठन है जिसने 2001 में भारतीय संसद पर हमला किया। 2008 के 26/11 हमले में भी इसी आतंकी संगठन का हाथ था जिसमें सीमापार समुद्री रास्ते से 10 आतंकियों ने मुंबई में घुसकर 166 बेगुनाहों की हत्या कर दी थी। इस हमले में पूरा भारत थर्रा उठा था, इस हमले में जिंदा पकड़े गए आतंकी कसाब को फांसी दी गई। कसाब ने अपने बयान में कहा था हमले में पाकिस्तान (How Pakistan Terrorist State) का हाथ है। इसी संगठन से निकले है दो और आतंकी संगठन

फ्रंट ऑर्गनाइज़ेशन: जमात-उद-दावा (JuD), फलाह-ए-इंसानियत फ़ाउंडेशन

जिनके द्वारा भारत में जम्मू कश्मीर में अशांति के प्रयास किए जाते रहे है।

2. जैश-ए-मोहम्मद (JeM)

इसकी स्थापना: 2000 में मसूद अजहर द्वारा IC-814 की रिहाई के बाद की गई। इसका मुख्यालय: बहावलपुर, पंजाब प्रांत, पाकिस्तान है। इसने अपने उद्देश्य भारत के खिलाफ जिहाद, विशेषकर कश्मीर को अस्थिर कर भारत के टुकड़े टुकड़े करना घोषित किया है।

2001 में भारतीय लोकतंत्र की प्रतीक संसद पर हमला करने की कायरता, 2016 में पठानकोट एयरबेस पर फ़िदायीन हमला, जिसके जवाब में भारत ने पहली बार सर्जिकल स्ट्राइक किया।

2019 पुलवामा आत्मघाती हमला इसी संगठन ने किया था।

जिसे शायद ही कोई भूल सकता है: जब CRPF काफिले पर आत्मघाती हमला किया गया इसमें 40 जवान शहीद हुए जिसके जवाब में भारत ने बालाकोट में एयर स्ट्राइक कर आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूत किया था।

इस आतंकी संगठन का पाकिस्तानी सेना से संबंध बताया जाता है साथ ही इसे ISI का संरक्षण, प्रशिक्षण और हथियार भी पर्याप्त मात्रा में मिलते रहते हैं।

पूर्व RAW प्रमुख विक्रम सूद कहते है;;

“JeM and ISI are two faces of the same coin – the real control lies with Pakistan’s military establishment.”

 

3. अल-कायदा भारतीय उपमहाद्वीप (AQIS)

इसकी स्थापना: 2014 में और उद्देश्य: भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान और म्यांमार में इस्लामिक शासन लाना इनकी गतिविधियां: सीमित लेकिन ख़तरनाक है, खासकर भारत के खिलाफ ऑनलाइन प्रोपेगैंडा फैलाने में।

4. हक्कानी नेटवर्क

स्थापना: जलालुद्दीन हक्कानी द्वारा, 1980 के दशक में

मुख्यालय: उत्तरी वजीरिस्तान, पाकिस्तान-अफगान सीमा

उद्देश्य: अफगानिस्तान में अमेरिका विरोधी गतिविधियां और तालिबान का समर्थन

प्रमुख हमले:

•अमेरिकी दूतावास पर हमले

•अफगान सुरक्षा बलों पर फिदायीन हमले

विशेषता: तालिबान का एक अत्यंत हिंसक घटक, पाकिस्तान इसे “स्ट्रैटेजिक एसेट” मानता है

 

5. इस्लामिक स्टेट – खुरासान प्रोविंस (ISKP / ISIS-K)

स्थापना: 2015

मुख्य क्षेत्र: अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा

लक्ष्य: वैश्विक इस्लामिक खिलाफत की स्थापना

प्रमुख हमले: अफगानिस्तान और पाकिस्तान में शिया मस्जिदों पर हमले

खतरा: ये संगठन क्षेत्र में उभरते हुए जिहादी समूहों को जोड़ने की कोशिश कर रहा है।

 

इसके अलावा; अन्य छोटे लेकिन खतरनाक संगठन जैसे: संगठन

हरकत-उल-मुजाहिदीन – कश्मीर फोकस्ड

अंसार-उल-उम्मा – लश्कर से जुड़ा समूह

बरेलवी चरमपंथी संगठन – जैसे तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP), जो ईशनिंदा के मामलों में हिंसक हो जाता है

आपको यह जानकर हैरानी होगी; ISI आतंकियों के साथ मिलकर अपने लड़कों को:

•Cross-Border Infiltration यानी LOC के ज़रिए प्रशिक्षित आतंकियों की भारत में घुसपैठ का काम करता है।

•Hybrid Terror तकनीक के जरिए स्थानीय युवाओं को कट्टरपंथी बनाकर हथियार देने का काम करता है।

•Information Warfare के जरिए सोशल मीडिया से फर्जी वीडियो, हेट स्पीच, भारत के खिलाफ प्रोपेगैंडा फैलाने का काम करता है।

•ISI; फंडिंग के रास्ते हवाला चैनल, फर्जी NGO, और “धार्मिक चंदा” का इंतजाम आतंकियों के लिए करता है।

इसके साथ ही कई आतंकियों को Safe Haven यानी ऑपरेशन के बाद आतंकियों को छुपाना, जैसे 26/11 का मास्टरमाइंड – ज़की-उर-रहमान लखवी को छुपाने का काम करता है। एबटाबाद में अमेरिकी नौसेना के जवानों द्वारा ओसामा बिन लादेन को कैसे मारा गया यह दुनिया ने देखा। जबकि पाकिस्तान (How Pakistan Terrorist State) हमेशा नकारता रहा था। इसके अलावा 1993 के मुंबई हमलों के मास्टरमाइंडों में से एक दाऊद इब्राहिम के कराची में छुपे होने की खबर आज भी आती है।

संक्षेप में कहें तो ISI कोई इंटेलीजेंस संगठन नहीं बल्कि एक आतंकी संगठन है। जिसका केवल एक ही मकसद है भारत में अशांति और आतंक फैलाना। 1947, 1965, 1971, 1999 हर बार पाक ने मुंह की खाई है जिसकी ख़ीज निकालते निकालते वह अब आतंकी देश के रूप में स्थापित हो चुका है!

लेकिन अब भारत बदल चुका है;

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल (NSA) कहते है;

“भारत अब नया भारत है। हम आतंकियों को उनके घर में घुसकर मारते हैं।”

पाकिस्तान को मिलने वाली फंडिंग की बात करें तो पाकिस्तानी आतंकी संगठनों को ISI की छत्रछाया मिली हुई है। इसके अलावा हवाला नेटवर्क, फर्जी NGO, ड्रग्स और अवैध हथियारों का व्यापार से इन आतंकियों का खर्चा चलता है इसके अलावा कई संगठनों को गल्फ देशों से भी धार्मिक दान के नाम पर फंडिंग मिलती है। यही पाकिस्तान की FATF (Financial Action Task Force) की ग्रे लिस्ट में बने रहने की एक बड़ी वजह यही है।

भारत कूटनीतिक सूझबूझ और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को एक्सपोज और आइसोलेट करता आया है;

डॉ. सुब्रमण्यम जयशंकर (विदेश मंत्री):

“हम आतंकवाद के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं करेंगे – न घरेलू स्तर पर, न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर।” इसीलिए

•आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन ऑलआउट, सर्जिकल स्ट्राइक, एयर स्ट्राइक जैसे कठोर कदम उठाए जा रहे।

•UN और FATF में पाकिस्तान को बेनकाब करने का काम भारत सरकार कर रही है

•चीन के विरोध के बावजूद, UNSC में मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करवाना

•ग्लोबल डिप्लोमेसी जैसे: QUAD, USA, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों को भारत के साथ लाने का काम भारत कर रही है।

पहलगाम आतंकी हमले के बाद; सिंधु जल समझौता रद्द करना, सभी प्रकार के संबंध तोड़ना और ताबड़तोड़ घर में घुसकर मारना यानी “ऑपरेशन सिंदूर” के जरिए भारत ने बता दिया वह आतंकवाद के खिलाफ “जीरो टॉलरेंस” का रास्ता अपना चुका है। पाकिस्तान (How Pakistan Terrorist State) के घुटने टेकने और अपने शर्तों पर सीज़फायर करने के बाद भारत ने चेतावनी दी है–

“अब किसी भी प्रकार

का आतंकी हमला ACT OF WAR मानी जाएगी, जिसके भयंकर परिणामों के लिए स्वयं पाकिस्तान जिम्मेदार होगा।”

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