NITIN BHARAT https://nitinbharat.com/ India's Fastest Growing Educational Website Sat, 10 Feb 2024 11:09:40 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.4.3 210562443 Paytm Crisis: क्या बंद हो जायेगा पेटीएम? Paytm Vs RBI https://nitinbharat.com/paytm-crisis-why-rbi-ban-paytm/ https://nitinbharat.com/paytm-crisis-why-rbi-ban-paytm/#respond Sat, 10 Feb 2024 10:50:53 +0000 https://nitinbharat.com/?p=748 8 नवंबर 2021 को भारत के कॉरपोरेट हिस्ट्री में सबसे बड़ा IPO फंड जुटाने वाली Paytm और स्टार्टअप्स के पोस्टर ब्वॉय कहे जाने वाले विजय शंकर शर्मा...

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8 नवंबर 2021 को भारत के कॉरपोरेट हिस्ट्री में सबसे बड़ा IPO फंड जुटाने वाली Paytm और स्टार्टअप्स के पोस्टर ब्वॉय कहे जाने वाले विजय शंकर शर्मा दोनो ही संकट में है। महज एक हफ्ते में पेटीएम (RBI Paytm Ban) के शेयर धड़ाम से गिरकर 50% पर आ गए है। पेटीएम यूजर सक्ते में है आखिर उनके रुपए का क्या होगा? क्या पेटीएम बंद हो जायेगा? क्या है पेटीएम क्राइसिस और आखिर क्यों RBI को चलाना पड़ा पेटीएम पर हथौड़ा जानने के लिए पूरा जरूर पढ़ें।

CNBC न्यूज के अनुसार 35 करोड़ पेटीएम वॉलेट में से 31 करोड़ paytm वॉलेट inoperative है।

एक ही PAN Card को 100 से लेकर 1000 account से लिंक किया गया है।

KYC के बेसिक Norms और प्रोसीजर को भी फॉलो नहीं किया गया है।

KYC Anti Money laundering Rule का भी वॉयलेशन हुआ है।

और तो और खबर ये भी है कि गलती होने के बाद भरे जाने वाले कंप्लायंस रिपोर्ट झूठ लिखा है।

यहां यह भी जानना जरूरी है कि यह एक्सन कोई एक रात की बात नहीं है बल्कि 2017 से ही Paytm पर वॉयलेशन, डाटा ब्रीच, रिस्क ऑफ फ्रॉड, लेक ऑफ ट्रांसपेरेंसी जैसे आरोप लगते रहे है। (RBI Paytm Ban)

आपके paytm वॉलेट और पेमेंट बैंक पर पड़े रुपयों क्या होगा? ये जानने से पहले आइए जानते है

आखिर पेमेंट बैंक और साधारण बैंक में क्या बेसिक फर्क है?

पेमेंट बैंक और कमर्शियल बैंक में सबसे बड़ा अंतर यह है कि कमर्शियल बैंक; लोगों से कितनी भी राशि को जमा के रूप में स्वीकार कर सकते हैं लेकिन पेमेंट बैंक एक ग्राहक से अधिकतम 1 लाख रुपए तक का जमा स्वीकार कर सकते हैं.

पेमेंट बैंक, बैंक ATM कार्ड, डेबिट कार्ड, नेट-बैंकिंग और मोबाइल-बैंकिंग जैसी सेवाएं प्रदान करते हैं जबकि क्रेडिट कार्ड जारी नही कर सकते।

पेमेंट बैंक, लोगों को ऋण या उधार नहीं दे सकते हैं ।

क्या आप जानते है? भारत में बैंकिंग प्रणाली की शुरुआत 1786 में बैंक ऑफ कलकत्ता की स्थापना के साथ मानी जाती है।

जबकि पेमेंट बैंक की शुरुआत 2017 में रिज़र्व बैंक द्वारा 11 कंपनियों को पेमेंट बैंक खोलने की अनुमति देने के साथ हुई है. इनका रेगुलेशन आरबीआई ही करता है। (RBI Paytm Ban)

क्या आप जानते है? वर्तमान में केवल 7 पेमेंट बैंक काम कर रहे हैं। यदि पेटीएम का लाइसेंस रद्द कर दिया जाता है तो ये 6 ही रह जायेंगी।

आइए एक नजर डालते है पेटीएम के खिलाफ RBI के आदेश की खास बातों पर:

29 फरवरी के बाद पेटीएम पेमेंट बैंक के अकाउंट में पैसा जमा नहीं किया जा सकेगा। इस बैंक के जरिए वॉलेट, प्रीपेड सर्विसेज, फास्टैग और दूसरी सर्विसेज में पैसा नहीं डाला जा सकेगा। हालांकि इंटरेस्ट, कैशबैक और रिफंड कभी भी अकाउंट में क्रेडिट हो सकेगा। (RBI Paytm Ban)

इस बैंक के ग्राहकों के सेविंग अकाउंट, करंट अकाउंट, प्रीपेड उपकरण, फास्टैग, नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड आदि में मौजूद पैसों के विड्रॉल या उपयोग पर किसी तरह की कोई पाबंदी नहीं है। बैलेंस अवेलेबल होने तक इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा।

दूसरे नंबर के पॉइंट में बताई गई सर्विसेज के अलावा 29 फरवरी 2024 के बाद कोई भी बैंकिंग सर्विस प्रोवाइड करने की अनुमति पेटीएम पेमेंट बैंक (RBI Paytm Ban) के पास नहीं होगी। UPI सुविधा भी 29 फरवरी के बाद नहीं दी जा सकेगी।

वन97 कम्युनिकेशंस और पेटीएम पेमेंट्स सर्विसेज के नोडल अकाउंट 29 फरवरी 2024 तक बंद होंगे। पाइपलाइन में मौजूद ट्रांजैक्शन और नोडल अकाउंट का सेटलमेंट 15 मार्च 2024 तक पूरा किया जाएगा। उसके बाद कोई और ट्रांजैक्शन की अनुमति नहीं होगी।

आइए अब जानते है आपके सेविंग अकाउंट, वॉलेट, फास्टैग और NCMC अकाउंट का क्या होगा?

फाइनेंशियल एक्सपर्ट: सेविंग अकाउंट, करंट अकाउंट, प्रीपेड इंस्ट्रूमेंट, फास्टैग, नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड आदि में मौजूद पैसों के विड्रॉल या उपयोग पर किसी तरह की कोई पाबंदी नहीं है। बैलेंस अवेलेबल होने तक इनका इस्तेमाल किया जा सकेगा। (RBI Paytm Ban)

क्या पेटीएम म्यूचुअल फंड और पेटीएम मनी स्टॉक अकाउंट सुरक्षित हैं?

फाइनेंशियल एक्सपर्ट: पेटीएम अपनी स्टॉक ब्रोकिंग और म्यूचुअल फंड सर्विसेज पेटीएम मनी के जरिए देता है। पेटीएम मनी एक सेबी रजिस्टर्ड स्टॉक ब्रोकर और डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट है। इसलिए सर्विसेज पूरी तरह से प्रभावित नहीं होंगी। अगर आप पैसों के क्रेडिट और डेबिट के लिए पेटीएम पेमेंट बैंक (RBI Paytm Ban) के अकाउंट का इस्तेमाल करते हैं तो फिर आपकी सर्विसेज प्रभावित होंगी।

आपको बता दें RBI ने जो रोक लगाई है वो पेटीएम पेमेंट बैंक (RBI Paytm Ban) पर लगाई है। पेटीएम अपनी कई सारी सर्विस इस बैंक के जरिए ही देता है। ऐसे में जो सर्विसेज पेटीएम पेमेंट्स बैंक के जरिए मिलती है वो 29 फरवरी 2024 के बाद बंद हो जाएंगी, जबकि अन्य सर्विसेज पहले की तरह चलती रहेंगी।

पेटीएम अपनी UPI सर्विस पेटीएम पेमेंट बैंक के जरिए ही देता है। इसलिए दूसरे बैंकों के साथ टाई-अप नहीं होने की स्थिति में 29 फरवरी के बाद UPI सर्विस भी बंद हो जाएगी। पेटीएम ने बताया है कि उसकी NPCI और RBI दोनों के साथ इसे लेकर चर्चा चल रही है।

Expert बताते है HDFC और Jio Financial Services ने पेटीएम को खरीदने की कवायद भी तेज कर दी है।

इस बीच सरकार और RBI यह लगातार प्रयास कर रही है कि ग्राहकों का पैसा सुरक्षित रहे।

भारतीय बजट की कुछ हैरान कर देने वाले फैक्ट्स

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भारतीय बजट की कुछ हैरान कर देने वाले फैक्ट्स https://nitinbharat.com/interesting-facts-about-indian-budget/ https://nitinbharat.com/interesting-facts-about-indian-budget/#respond Wed, 31 Jan 2024 17:06:39 +0000 https://nitinbharat.com/?p=743 बजट किसी भी देश के धन का आय और व्यय का ब्यौरा होता है जिसे सरकार द्वारा एक साल के लिए जारी किया जाता है।भारत (India budget...

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बजट किसी भी देश के धन का आय और व्यय का ब्यौरा होता है जिसे सरकार द्वारा एक साल के लिए जारी किया जाता है।भारत (India budget facts) में यूनियन बजट 1 अप्रैल से 31 मार्च तक के खर्चे का हिसाब किताब होता है। जिसे वित्तमंत्री द्वारा जारी किया जाता है।

देश का पहला बजट (India budget facts) आज से 164 साल पहले 1860 में जारी किया था तब वित्तमंत्री जेम्स विलियमसन थे। जबकि आजाद भारत का पहला बजट वित्तमंत्री आर के शनमुकम चेट्टी ने 26 नवंबर 1947 को पेश किया था।

आपको यह जानकर हैरानी होगी बजट (India budget facts) प्रिंट करते तक अधिकारियों और सपोर्ट स्टाफ को मंत्रालय के अंदर ही बंद कर दिया जाता है। उन्हे अपने रिश्तेदारों से मिलने की अनुमति नहीं होती और तो और उन्हें टेलीफोन या मोबाइल फोन भी उपयोग करने की अनुमति नहीं होती।

उन्हे मंत्रालय में बंद करने से पहले बकायदा हलवा खिलाया जाता है। जिसे तैयार करते वित्त मंत्री को अक्सर अपने टीवी पर देखा होगा। इसे हलवा सेरेमनी कहते है।

क्या आप जानते है यदि पेश होने से पहले ही बजट (India budget facts) लीक हो गया तो वित्त मंत्री को इस्तीफा भी देना पड़ सकता है ऐसा ही हुआ था 1950 में वित्त मंत्री जॉन मथाई के साथ जिनके बजट को संसद में पेश होने से पहले ही लीक कर दिया गया था। जिसके चलते उन्हें इस्तीफा भी देना पड़ा था।

देश का सबसे लंबा बजट (India budget facts) भाषण वर्तमान वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन ने दिया था। 2020-2021 के इस बजट की लंबाई 2 घंटे 42 मिनट तक की थी। उन्होंने ऐसा करके 1991 में प्रस्तुत किए गए डॉ. मनमोहन सिंह का रिकॉर्ड तोड़ा था।

क्या आप जानते है देश की पहली महिला वित्त मंत्री कौन बनी यदि हां तो कमेंट बॉक्स पर कमेंट जरुर करें।

जब बजट इतना संवेदनशील दस्तावेज है तो इसकी छपाई कहां होती है यह भी आपके दिमाग में प्रश्न आया होगा? दरअसल इसकी छपाई का भी एक इतिहास है। पहला बजट लीक होने तक यानी 1950 तक इसकी छपाई राष्ट्रपति भवन में ही होती थी। लेकिन उसके बाद इसे मिंटो रोड में शिफ्ट कर दिया फिर 1980 में फिर से छपाई की जगह बदलकर नॉर्थ ब्लॉक किया गया।

क्या आप जानते है 1955 तक बजट केवल अंग्रेजी में छपता था। पहली बार हिंदी में बजट 1956 से छपने लगा।

1999 के पहले आम बजट शाम बजे पेश होता था 1999 से सुबह 11 बजे पेश होना प्रारंभ हुआ जो अभी तक जारी है।

2016 तक बजट फरवरी के आखिरी दिन पेश होता था। 2017 से बजट 1 फरवरी को जारी होने लगे और तो और यही वो साल था जब रेल बजट और आम बजट (India budget facts) को एक साथ मर्ज कर दिया गया।

डिजिटल इंडिया के लक्ष्य में एक और मील का पत्थर तब जुड़ गया जब पहली बार 2021 को पेपरलेस बजट जारी किया गया। यह वही साल था जब बजट (India budget facts) की पहचान बनी कैरी बैग को भी बाए बाए कर दिया गया। अब डिजिटल टैब से पढ़कर बजट पेश किया जाता है।

क्या आप जानते है सबसे अधिक 10 बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड वित्तमंत्री मोरारजी देसाई के नाम दर्ज है। वित्त मंत्री पी चिदंबरम और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी 9 बार बजट पेश करने के साथ दूसरे पायदान पर है।

पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी देश की पहली महिला थी जिन्हे देश का आम बजट प्रस्तुत करने का गौरव प्राप्त हुआ।

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Ram Mandir Ayodhya विशेष लेख, राम के जीवन से मिलने वाली शिक्षा https://nitinbharat.com/ram-mandir-ayodhya-%e0%a4%b5%e0%a4%bf%e0%a4%b6%e0%a5%87%e0%a4%b7-%e0%a4%b2%e0%a5%87%e0%a4%96-%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%ae-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%9c%e0%a5%80%e0%a4%b5%e0%a4%a8-%e0%a4%b8%e0%a5%87/ https://nitinbharat.com/ram-mandir-ayodhya-%e0%a4%b5%e0%a4%bf%e0%a4%b6%e0%a5%87%e0%a4%b7-%e0%a4%b2%e0%a5%87%e0%a4%96-%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%ae-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%9c%e0%a5%80%e0%a4%b5%e0%a4%a8-%e0%a4%b8%e0%a5%87/#respond Wed, 03 Jan 2024 11:29:16 +0000 https://nitinbharat.com/?p=735 “श्री राम पर लिखूं मेरी हिम्मत नही है कुछ, तुलसी ने वाल्मीकि ने छोड़ा नही कुछ..!” शम्सी मिनाई ने यह लिखते हुए जो सोचा होगा, वही आज...

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“श्री राम पर लिखूं मेरी हिम्मत नही है कुछ,

तुलसी ने वाल्मीकि ने छोड़ा नही कुछ..!”

शम्सी मिनाई ने यह लिखते हुए जो सोचा होगा, वही आज हम बोलते हुए भी महसूस कर रहे है।

नमस्कार! मैं हूं नितिन भारत

प्रभु श्री राम पर आखिर क्या बोलें? दो अक्षर का राम नाम अपने आप में पूर्ण है। राम मानवता की सबसे बड़ी मूरत है। उनका जीवन दया, करुणा, उदारता, सहनशीलता का सुंदर संदेश देती है। वहीं उनका चरित्र प्रेम, अनुराग, राजधर्म और मर्यादा की मिशाल है जो युगों युगांतर तक उन्हे मर्यादा पुरुषोत्तम का दर्जा देती है।

अयोध्या में 22 जनवरी को प्रभु श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा होने वाला है। इस खास अवसर हमारे आज के एपिसोड में हम जानेंगे प्रभु श्री राम के जीवन के वो संदेश जो मानवता को एक नई दिशा दे सकते है।

1. कर्तव्यनिष्ठ (dutiful)

रघुकुल रीति सदा चली आई,

प्राण जाए पर वचन न जाई।

युगों युगों तक कर्तव्य निष्ठता शब्द का जब जब जिक्र होगा प्रभु श्री राम का नाम सबसे पहले आयेगा। राम ने पिता के वचन का मान रखने के लिए अपने राज्य, राजधानी और सत्ता सुख तक को त्याग दिया। उन्होंने सहज भाव से 14 वर्ष का वनवास भी स्वीकार कर लिया यह उनकी कर्तव्य निष्ठता की सबसे बड़ी मिसाल है।

रामचरित मानस का एक-एक चरित्र कर्तव्य निष्ट है। माता सीता के हरण के समय पक्षीराज गरुड़ अपनी प्राण गंवाकर भी रावण को रोकने का प्रयास करते है। गरुड़ ही है जो माता सीता के हरण होने की सबसे पहले सूचना प्रभु श्री राम को देते है। कहा जाता है रामसेतु के निर्माण में गिलहरी जैसे छोटे जीव ने भी कर्तव्य निष्ट होकर अपना योगदान दिया। राम को गंगापार कराने वाले केंवट को भी भुलाया नही जा सकता जिन्होंने चुनौतीपूर्ण विशाल नदी से राम को पार पहुंचाया। वानर राज सुग्रीव से लेकर एक वनचर ने कर्तव्य परायण होकर श्री राम का साथ दिया तभी रामराज्य की स्थापना हो सकी।

आज जब वे अयोध्या में स्थापित हो रहे है हम सभी को संकल्प लेना चाहिए कि हम सदैव ही कर्तव्यनिष्ठ रहेंगे।

नेता जिन्हे हम पांच साल के लिए चुनते है वे कर्तव्य निभाएं। प्रशासक जिन्हे सेवा का दायित्व सौंपा गया है वे अपने कर्तव्यों का अनुपालन ईमानदारी से करे। टैक्सपेयर अपना टैक्स ईमानदारी से भरने का कर्तव्य निभाएं।

युवा कर्तव्य निष्ट होकर अपनी ऊर्जा राष्ट्र की प्रगति में लगाएं। क्योंकि जहां कर्तव्यों का निष्ठापूर्वक निर्वहन होता है वही रामराज्य की स्थापना होती है।

शायद यही वजह है कि भारतीय संविधान का अनुच्छेद 51A भी हमे कर्तव्य निष्ट होने का आदेश देता है।

आइए इस पावन अवसर पर हम राष्ट्र की प्रगति के लिए कर्तव्य निष्ट होने का शपथ ले।

🙏जय सिया राम🙏

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अटल जी की जयंती पर स्पीच Speech on Atal Bihari Vajpayee https://nitinbharat.com/speech-on-atal-bihari-on-his-birth-anniversary/ https://nitinbharat.com/speech-on-atal-bihari-on-his-birth-anniversary/#respond Mon, 25 Dec 2023 05:50:51 +0000 https://nitinbharat.com/?p=730 अंधियारों में तूफानों की गति लेकर चलने वाले, श्रृजन और प्रलय से एक साथ खेलने वाले राष्ट्र के अनन्य पुजारी श्रद्धेय अटल (speech on atal bihari) जी...

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अंधियारों में तूफानों की गति लेकर चलने वाले, श्रृजन और प्रलय से एक साथ खेलने वाले राष्ट्र के अनन्य पुजारी श्रद्धेय अटल (speech on atal bihari) जी को मेरा कोटिश: प्रणाम।

अटल जी हमारे अटल ही रहेंगे। वो भाषा का जादू, वो संयम का सागर, वो लेखन जिसने भरा गागर में सागर, वो कल थे हृदय में वो कल भी रहेंगे। अटल जी हमारे अटल ही रहेंगे।

पश्चिम से सुरज निकलते नही है। जो होते है हिमालय वो टलते नही है। भाषण और भाषा का अंदाज न्यारा, रहे जिंदगी भर चमकता सितारा, जो निश्छल गए है वो निश्छल रहेंगे। अटल जी (speech on atal bihari) हमारे अटल ही रहेंगे।

अटल जी जैसे महान व्यक्तित्व जाते नही है वो जीते है जी जाते है। वो जीते है हजारों करोड़ों भारतीयों के हृदय में। जब दिवाकर पूर्व में उगना और पश्चिम में अस्त होना छोड़ देगा। अटल जी है बसे हुए है। श्रद्धेय (speech on atal bihari) जी हमारे आदर्श है जिनपर अभिमान करते ये धरा थकती नही है।

होनहार, खुद्दार और वाकपटु जो जब बोलते थे तो लोग सर से पांव तक कान लगाकर सुनते थे।

कोई बाधा कोई अड़चन अटल जी से ये बासंती स्वर छीन नही पाए। ऐसे श्रद्धेय अटल जी को मेरी भावांजली पुष्पांजली श्रद्धांजली।

अटल जी के संकल्पों में समता, समरसता और अंत्योदय था। वे भारत मां के जयगीतों के सरजक थे। वो पोखरण का साहस थे वो कारगिल के नायक थे। वे कवि, वक्ता, आवश्यकता थे।

वे राष्ट्रध्वजा के वाहक थे। लोकनीति के आराधक थे। संविधान के साधक थे। अटल जी शांति के पुजारी थे परंतु क्रांति के अग्रदूत थे। वे अहिंसा के पुजारी थे परंतु स्वाधीनता एवं सम्मान की रक्षा के लिए किसी हथियार से लड़ने के हिमायती थे। speech on atal bihari

उनका व्यक्तित्व, उनकी जिंदादिली, उनके महान आदर्शों का प्रमाण था। वे धैर्य और साहस की अप्रतिम ज्योति थे जो युगों युगों तक भारत को प्रकाशित करते रहेंगे। ऐसे अमरहुत आत्मा को हमारा कोटि कोटि प्रणाम है। speech on atal bihari

चुनावों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की भूमिका एवं सीमाएं

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चुनावों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की भूमिका एवं सीमाएं https://nitinbharat.com/artificial-intelligence-role-in-elections-and-its-limitations/ https://nitinbharat.com/artificial-intelligence-role-in-elections-and-its-limitations/#respond Wed, 16 Aug 2023 10:25:04 +0000 https://nitinbharat.com/?p=718 31 मार्च 2023 को अमेरिका की ग्रैंड ज्यूरी ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ (Artificial intelligence role in elections) आरोप तय कर दिए थे इसके बाद...

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31 मार्च 2023 को अमेरिका की ग्रैंड ज्यूरी ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ (Artificial intelligence role in elections) आरोप तय कर दिए थे इसके बाद एक वीडियो वायरल किया गया जिसमें राष्ट्रपति जो बिडेन और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस व्हाइट हाउस में इस घटना का जश्न मानते नजर आते हैं। इस वीडियो को अगर से देखें तो हम पाते हैं कि कमला हैरिस की हाथों में 6 उंगलियां थी। उस दिन राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति दोनों ही व्हाइट हाउस में मौजूद नहीं थे यह एक फेक तस्वीर थी और अमेरिका में लाखों लोगों को भेजी गई। भेज कर डोनाल्ड ट्रंप के पक्ष में उत्पन्न की गई। यह सब AI (Artificial Intelligence) की मदद से किया गया। इसमें राजनीतिक विशेषज्ञों को यह सोचने पर विवश कर दिया कि चुनावों में आर्टिफिकल इंटेलिजेंस का उपयोग कर किस तरह मतों को बदला और प्रभावित किया जा सकता है। आइये जानते है चुनावों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की भूमिका एवं सीमाएं. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रभाव चुनावों पर समझेंगे लेकिन उससे पहले आइए जान लेते है आखिरआर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्या बला है?

क्या आदिवासी हिंदू नही है? Does Tribals Are Not Hindu

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्या है?

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का हिंदी में अनुवाद होता है “कृत्रिम बुद्धिमत्ता” ये कंप्यूटर सॉफ्टवेयर (Artificial intelligence role in elections) द्वारा मानव मस्तिष्क और क्रियाविधि की कृत्रिम नकल करने का विज्ञान है। आसान भाषा में कहें तो यह एक वर्चुअल रोबोट है जो मानव की हर गतिविधियों की नकल कर सकता है। मशीनों के क्रियाविधि देखकर सीख सकता है। जैसे- बोलना, सोचना, लिखना, नकल करना, मेमोरी से खुद-ब-खुद डाटा खोजकर प्रोसेस करना और मशीनों को नियंत्रित करना आदि आदि. AI (Artificial Intelligence) क्या क्या कर सकता है इसका पूर्ण अनुमान आज तक वैज्ञानिक भी नही लगा सके है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता लोकतंत्र के लिए वरदान और अभिशाप दोनो सिद्ध हो सकते है। आइए चुनावों एवं लोकतंत्र में AI (Artificial Intelligence) की भूमिका को समझते है। AI (Artificial Intelligence) का चुनावों में सकारात्मक उपयोग निम्न प्रकार से किया जा सकता है:

चुनावों में AI का सकारात्मक उपयोग

  • चुनाव आयोग द्वारा भारत के नवयुवकों को मतदान की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भागीदार बनाने के लिए अलग- अलग युवाओं के रुचि अनुसार उन्हें मत देने के लिए प्रेरित किया जा सकता है।
  • राजनीतिक दल अपना प्रचार प्रसार कम से कम खर्चों में डिजिटल मीडिया, एवं सोशल मीडिया के माध्यम से प्रभावी तरीके से कर पाएंगे। इससे चुनावों में धन का दुरुपयोग रूक सकता है। जैसे अपनी आवाज, प्रचार सामग्री और कॉन्टेट सिलेक्टेड लोगों को भेजा जा सकता है।
  • आधुनिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए अब उम्मीदवार मतदाताओं के जरिए उनकी प्रोफाइल, सोच और प्राथमिकताओं का पता लगाकर उसी के अनुरूप अपने मैसेज और प्रचार सामग्री को ढाल सकते है।
  • आगामी चुनावों में जनरेटिव AI (Artificial Intelligence) यानी सेल्फ जनरेटेड AI (Artificial Intelligence) की मदद से मतदाताओं की प्रोफाइल और सोच के आधार पर फोटो, वीडियो और ऑडियो जैसे चुनाव सामाग्री बड़े पैमाने पर बनाकर तेज रफ्तार से मतदाताओं तक पहुंचा सकती है।
  • बेट्सी हूवर (हायर ग्राउंड्स लैब की सह संस्थापक) द्वारा BBC को दिए गए एक इंटरव्यू में कहती है कि राजनीतिक दल चुनाव के समय बहुत सारे कंटेंट राइटर और चुनाव रणनीतिकार रखते है। जो मूल प्रचार सामग्री के हजारों वैरिएशन बनाकर मतदाताओं तक पहुंचाते है। AI (Artificial Intelligence) यह काम बहुत आसानी से और तेजी से कर छोटे छोटे गुटों के संदेश पहुंचा सकता है।
  • अमेरिका स्थित स्टर्लिंग कंपनी के CEO ने AI (Artificial Intelligence) की मदद से वहां के राजनीतिक दलों को चुनाव में चंदा दे सकने वाले संभावित दाताओं की सूची, राजनीतिक दलों को सौंपी थी इससे राजनीतिक दलों को 2 नंबर से मिलने वाले धनो पर निर्भरता कम होगी और लोकतंत्र स्वच्छ होगा..!
  • अभी राजनीतिक दल योजना या घोषणापत्र में उनके लिए क्या है वर्ग वार या आयु के हिसाब से नही भेज पाती। AI की मदद से चुनावी घोषणा जैसे महिलाओं को 1000 रुपए स्वालंबन राशि प्रतिमाह दिया जाएगा। केवल महिलाओं तक भेजा जाएगा। युवाओं को नए स्कॉलरशिप की घोषणा केवल युवाओं तक पहुंचाने की घोषणा केवल युवक युवतियों तक पहुंचाना एक प्रभावी और दक्ष चुनावी प्रचार हो सकता है। इनकी वर्ग वार, आयुवार और क्षेत्रवार सूची AI की मदद से मिनटों में निकाला जा सकता है।
  • वोटरों के छोटे छोटे समूहों की रुचि अनुसार बाते, मुद्दे और विषय AI (Artificial Intelligence) की मदद से तैयार किए जा सकते है। यह अत्यंत कारगर हो सकता है मतों को प्रभावित करने में!
  • छोटे छोटे बूथ स्तर के नेताओं के वीडियो उन्ही के आवाज में बनाकर भेजने में भी AI (Artificial Intelligence) सक्षम है। केवल बड़े नेताओं के भाषणों और प्रचार सामग्रियों पर निर्भरता कम हो सकेगी।

लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि जितना आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का सकारात्मक उपयोग कर लोकतंत्र को समृद्ध बनाया जा सकता है उतना ही नकारात्मक उपयोग कर लोकतंत्र का विनाश भी किया जा सकता है आइए समझते हैं AI का नकारात्मक उपयोग किस प्रकार किया जा सकता है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का नकारात्मक उपयोग

  • फेक न्यूज फैलाने में: “सच जब तक अपने जूते पहन रहा होता है, तब तक झूठ आधी दुनिया का सफ़र तय कर लेता है।” मार्क ट्वैन का कथन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) के जमाने में 100% फिट बैठता है। आलेख के प्रथम पैराग्राफ में हम लोगों ने पढ़ा कि किस प्रकार अमेरिका जैसे विकसित लोकतांत्रिक व्यवस्था में भी फेक न्यूज़ ने अपना काम किया।
  • भारत जैसे विविधतापूर्ण लोकतंत्र और विविधता से युक्त सामाजिक संरचना में हिंदू-मुस्लिम बलवे कट्टर राजनीतिक दल ध्रुवीकरण कर लिए फेक न्यूज के माध्यम से कराते रहे है। भारत में कुछ जातिवादी क्षेत्रीय और राष्ट्रीय पार्टियां है जो अपने अल्पलाभ के लिए जातिगत वैमनस्यता (Artificial intelligence role in elections) फैला देते है। AI (Artificial Intelligence) द्वारा इसमें आग में घी के समान काम करेगा। यह चुनाव के दौरान कोई तीसरा पक्ष भी अंजाम दे सकता है राजनीतिक दलों को लगेगा ये उसके प्रतिद्वंदी की कोई साजिश है।
  • भारत में जहां लोकतंत्र एक विकाशील दौर से गुजर रहा है, राजनीतिक दलों द्वारा उन्नत AI (Artificial Intelligence) साफ्टवेयर तकनीकों का उपयोग करके मतदाताओं को बरगलाने में किया जायेगा इससे लोकतंत्र कमजोर होगा। चुनावों में धन का उपयोग बढ़ेगा या यूं कहे पूंजीपतियों का सरकार में दबदबा हो जायेगा।
  • सड़क पर आंदोलन करते दिल्ली में महिला रेसलरों को 28 मई 2023 दोपहर को दिल्ली पुलिस गिरफ्तार कर बस में ले जाती है। रेसलर विनेश फोगाट और संगीत फोगाट ने सोशल मीडिया एक इमेज मैसेज पोस्ट किया कि न्याय के लिए आंदोलन करते रेसलरों को दिल्ली पुलिस ने बर्बरता पूर्वक गिरफ्तार किया। इस सेल्फी इमेज में कुल आठ रेसलर एक बस में बहुत ही दारुण मुद्रा यानी विलाप की मुद्रा में दिख रहे थे। इस फोटो को सोशल मीडिया पर बहुत कम लोगों ने देखा। शाम को अचानक ट्विटर में इन्ही फोटो को हंसते हुए और गिरफ्तारी के बाद खिलखिलाते हुए जारी किया गया। ऐसा नैरेटिव क्रिएट करने की कोशिश की गई कि सड़क पर आंदोलन करते ये खिलाड़ी असल में केवल नौटंकी कर रहे है। ये गिरफ्तारी के बाद हंसते खिलखिलाते समय गुजारते है। इस प्रकार यह लोकतान्त्रिक आन्दोलनों का भी दमन कर सकती है.
  • इस पोस्ट के बहुत अधिक वायरल हो जाने के बाद रेसलर बजरंग पुनिया द्वारा ओरिजनल तस्वीर को सार्वजनिक किया जाता है। और यह आरोप लगाया जाता है कि भाजपा IT सेल द्वारा AI (Artificial Intelligence) की मदद से रोते चेहरों को हंसते चेहरों में बदलकर रेसलरों की छवि धूमिल करने की कोशिश की जा रही है। पर जैसे कि मार्क ट्वेन ने कहा था झूठ कई किलोमीटर का सफर तय कर चुका था।
  • जेनरेटिव AI (Artificial Intelligence) की मदद से वॉइस क्लोनिंग यानी आवाज की कॉपी करना और किसी भी नेता का कुछ सेकंडो का फर्जी बयान दिलवाना जैसे काम कराकर भारी गड़बड़ी फैला सकते है।

चुनावों आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की सीमाएं

  • यह केवल डिजिटल माध्यमों और विकसित सूचना और संचार तंत्र वाले इलाकों में कारगर है। “इंटरनेट इन इंडिया रिपोर्ट्स 2022” के मुताबिक भारत में 2022 में कुल 76 करोड़ सक्रिय इंटरनेट उपयोगकर्ता है। जो की भारत की कुल आबादी का महज 50 से 60% ही है। इसमें भी अधिकांश लोग शहरी क्षेत्रों के है। हालांकि आने वाले समय में यह आंकड़ा कई गुना बढ़ेगा।
  • डिजिटल प्रचार की अपनी एक सीमा होती है। लोग ऐसे प्रतिनिधि चुनना ज्यादा पसंद करते है जो उनके बीच आता जाता हो उनसे सीधा संवाद करता है और प्रत्यक्ष तरीके से उनके बीच काम करता है। सोशल मीडिया और AI केवल मददगार साबित हो सकती भौतिक प्रचार का विकल्प नहीं बन सकता।
  • AI सॉफ्टवेयर (Artificial Intelligence) तभी काम करेगा जब उसमे हम डाटा जैसे की वोटरों की जानकारी, उनके प्रोफाइल और उनका फोटो देंगे। मान लीजिए AI के मदद से एक बूथ स्तर पर मतदाताओं के रुचि, सोच और प्रोफाइल में से कोई सूची AI को तैयार करना है तो पहले उस कंप्यूटर में यह जानकारियां हमे डालनी होगी तभी AI (Artificial Intelligence) फेच कर पाएगा।
  • कई मामलों में गुणवत्ताहीन AI (Artificial Intelligence) सॉफ्टवेयर राजनीतिक छवि बनाने की जगह बिगाड़ भी देगा। जन-जन में हंसी का पात्र भी बना देगा। स्थानीय भाषा में किसी शब्द, उदाहरण के लिए छत्तीसगढ़ी में लिखें भाषण को यदि हमें बुलवाना है- “मैं छत्तीसगढ़िया हरव मडिया पेज पीथो” बोलना है और AI (Artificial Intelligence) ने इसे उच्चारित किया “मैं छत्तीस गाड़ियां हरव मारिया पेज पीठों” तो अर्थ का अनर्थ हो जायेगा और एक भद्दा मजाक क्षेत्र में प्रतिनिधि का बन जायेगा..!
  • चुनाव आयोग और रेगुलेटरी संस्थाएं यद्यपि अभी इसपर कोई ठोस गाइडलाइन (Artificial intelligence role in elections) जारी नही की है लेकिन यदि एकाएक इस तरह के AI जेनरेटेड वीडियो, ऑडियो और इमेज सामग्री को बैन कर दे इस बात बात के मद्दे नजर कि यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए हानिकारक है। अमेरिका में 2024 चुनाव के पूर्व इसपर रेगुलेशन की बात की जा रही है।

इस प्रकार AI (Artificial Intelligence) का चुनावों में उपयोग सकारात्मक और नकारात्मक दोनो तरीके से किया जा सकता है और इसकी कुछ सीमाएं है जिसे भी ध्यान में रखा जाना चाहिए। आने वाले समय में AI का उपयोग नई पीढ़ी किसी तरह से करती है और AI (Artificial Intelligence) स्वयं को कितना विकसित करता है देखना रोचक होगा। भारत जैसे देश में AI (Artificial Intelligence) अभी प्रारंभिक अवस्था में है जहां AI न्यूज एंकरों द्वारा मौसम समाचार, टॉप खबरें पढ़ाना, कुछ जानकारियां खोजना, वीडियो, ऑडियो मेसेज बनाना जैसे कामों के लिए उपयोग में लाया जा रहा है। पूरा पढ़ने के लिए धन्यवाद!

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भारतीय संसद के बारे में ये तथ्य आप शायद ही जानते होंगे https://nitinbharat.com/key-facts-about-new-parliament-house-of-india/ https://nitinbharat.com/key-facts-about-new-parliament-house-of-india/#respond Sat, 27 May 2023 14:51:24 +0000 https://nitinbharat.com/?p=710 भारतीय संसद में चोल काल के राजसत्ता के प्रतीक सेंगोल को स्थापित किया जाएगा। अधिकतम 1272 सदस्यों की बैठने की व्यवस्था, 30% तक बिजली की बचत, कांस्टीट्यूशनल...

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भारतीय संसद में चोल काल के राजसत्ता के प्रतीक सेंगोल को स्थापित किया जाएगा। अधिकतम 1272 सदस्यों की बैठने की व्यवस्था, 30% तक बिजली की बचत, कांस्टीट्यूशनल हाल और कमल एवं मयूर से प्रभावित नवीन संसद भवन की विशेषताओं के बारे में आइए जानते है। key facts new parliament house

1. त्रिभुजाकर संरचना: पूर्व ब्रिटिश काल निर्मित संसद वृत्ताकार थी। वर्तमान संसद भवन को कम जगह में बनाकर अधिक प्रभावशाली उपयोगी बनाया जा सके इसलिए त्रिभुजाकार बनाया गया है। ज्ञात हो कि पूर्व संसद भवन के अंदर छोटे चेंबर, छोटे हाल जैसी कई समस्याएं थी। नई संसद भवन चार मंजिला इमारत है। जिसका कुल क्षेत्रफल 64,500 स्क्वायर मीटर है।

2. मयूर से प्रभावित लोकसभा हाल: भारत के राष्ट्रीय पक्षी मोर से प्रेरणा लेकर लोकसभा की अदरूनी सीटिंग व्यवस्था बनाई गई है। इसमें 888 सदस्यों के लिए बैठक व्यवस्था एवं संयुक्त सत्र के स्थिति में 1272 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था है।

3. राज्यसभा कमल पुष्प से प्रेरित: भारतीय संसद (key facts new parliament house) का उच्च सदन कमल के पुष्प से प्रेरित संरचना है। कमल भारत का राष्ट्रीय पुष्प है। इसमें कुल 348 सदस्यों के लिए बैठने की व्यवस्था है। आगमी सालों में परिसीमन के बाद बढ़ने वाले सीटों के मद्देनजर इसे पहले से बड़ा बनाया गया है।

4. सेंट्रल हॉल नही है: पूर्व संसद भवन की तरह इसमें सेंट्रल हॉल नही है। इस संसद भवन में लोकसभा में पांच कुर्सियां आसंदी लगाने की व्यवस्था है जिसमे संयुक्त सदन आहूत की जा सकती है। लोकसभा हाल में कुल 1272 सदस्यों की बैठने की व्यस्था है।

5. संविधान हाल: भारत की संवैधानिक उपलब्धियों और विरासत को प्रदर्शित करने के लिए भवन के मध्य में संविधान हाल बनाया गया है जो कि एक महत्वपूर्ण भूमिका होगा। पूर्व संसद भवन में इस प्रकार के किसी भी भवन की व्यवस्था नहीं थी।

6. इकोफ्रेंडली भवन: ऊर्जा की बजत और पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए यहां निर्माण कार्य किया गया है। ग्रीन डिवाइसेज और यंत्रों के द्वारा 30% तक बिजली की बचत यहां होगी।

संघीय व्यवस्था की विशेषताएं features of federal system

7. भूकंप रोधी संरचना: पूरे भवन को भूकंप जोन 5 के पत्थरों से इस प्रकार किलाबद्ध किया गया है कि इसमें भूकंप की संभावना न के बराबर हैं। पूरी दिल्ली जहां भूकंप जोन 4 में आती है वही संसद भवन परिसर भूकंप जोन 5 में आयेगा।

8. अत्याधुनिक सुविधाएं: सदस्यों के लिए उन्नत मल्टीमीडिया, डिजिटल पैड और हाईटेक तकनीकों से पूरे भवन को सुविधा युक्त बनाया गया है।

9. बड़ी दर्शकदीर्घा एवं समिति भवन: संसद भवन में जनता के आवाजाही के लिए अलग से गेट बनाए गए है। इसके अलावा कार्रवाई देखने जाने वाले विजीटर्स के लिए बड़ा विजीटर्स चेंबर बनाया गया है।

10. नए संसद भवन का निर्माण टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड द्वारा किया गया है। टाटा ने बोली में इस प्रोजेक्ट को जीता था। संसद भवन का निर्माण सेंट्रल विष्टा प्रोजेक्ट के एक भाग के रूप में किया गया हैं। इसके निर्माण में कुल 970CR (2022 का अनुमान) खर्च आया।

संसद भवन की मुख्य विशेषताओं (key facts new parliament house) के बारे में हमने जाना। इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट भी कहा जाता है। कोरोना वैश्विक महामारी के बीच इसका निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ, उद्घाटन में राष्ट्रपति को नही बुलाया जाना, सेंगोल की स्थापना, विपक्षी दलों द्वारा बहिष्कार करना, संसद की औसतन कार्य दिवसों में लगातार हो रही गिरावट, वीर सावरकर के जन्म दिवस के अवसर पर इसका उद्घाटन जैसे कई पहलुओं के चलते यह हमेशा याद रखा जाएगा।

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कैस्पियन सागर से लगे देशों को याद करने की Trick https://nitinbharat.com/caspian-sea-countries-trick-so-easy-to-remember/ https://nitinbharat.com/caspian-sea-countries-trick-so-easy-to-remember/#respond Mon, 17 Apr 2023 12:46:38 +0000 https://nitinbharat.com/?p=707 कैस्पियन सागर पृथ्वी पर मौजूद सबसे बड़ी झील या जल निकाय है। यह सागर एशिया और यूरोप महाद्वीप के सीमा पर मौजूद है इसके तट में पांच...

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कैस्पियन सागर पृथ्वी पर मौजूद सबसे बड़ी झील या जल निकाय है। यह सागर एशिया और यूरोप महाद्वीप के सीमा पर मौजूद है इसके तट में पांच देश मौजूद है रूस, ईरान, अज़रबैजान, कजाकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान। कैस्पियन सागर (Caspian sea countries trick) पर प्राकृतिक संसाधनों की भरपूर मात्रा है। जिसके सहज बटवारे के तेहरान कन्वेंशन फ्रेमवर्क पर 2003 को हस्ताक्षर किए गए।

कैस्पियन सागर से लगे देशों को याद करने की Trick इसलिए जानना जरूरी है क्योंकि यह देश भू सामरिक रूप से अत्यधिक महत्वपूर्ण लोकेशन पर मौजूद है और चर्चा में भी बने रहते है। यूपीएससी और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में इस सागर से लगे देश के बारे में प्रश्न अक्सर पूछे जाते हैं इसके तट पर मौजूद देशों के बारे (Caspian sea countries trick) में जानेंगे लेकिन उससे पहले आइए जानते हैं कैस्पियन सागर के बारे में कुछ रोचक तथ्य।

वे रियासत जो मुश्किल से भारत में जुड़े ट्रिक Trick

  • कैस्पियन सागर एशिया और यूरोप के जोड़ पर मौजूद है। जिसके एक और यानी पश्चिम में काकेशस पर्वत है जबकि दूसरी ओर पूर्व में मध्य एशिया का स्टैपी मैदान है।
  • बाकू अजरबैजान की राजधानी एकमात्र राजधानी शहर है जो कैस्पियन सागर के तट पर मौजूद है।
  • कैस्पियन सागर की अधिकतम लंबाई 1080 किलोमीटर जबकि किनारे की लंबाई 7000 किलोमीटर है
  • यह दुनिया की सबसे बड़ी झील है क्योंकि पूरी दुनिया का 40 से 45% जल इसी झील में पाया जाता है।
  • वोल्गा, युराल, कुरा और तेरेक प्राथमिक नदियां है जो कैस्पियन सागर में मिलती है।
  • कैस्पियन सागर की औसत गहराई 211 मीटर है। नदियों द्वारा लाए गए गादों से सदी दर सदी उथली होती जायेगी।
  • इसके बड़े आकार के कारण इसे कैस्पियन सागर नाम से पुकारा जाता है।

तरीक (TARIK) कैस्पियन सागर से लगे देशों को याद करने की बेहद आसान ट्रिक है।

T तुर्कमेनिस्तान  

A अजरबैजान 

R रूस 

I ईरान 

K कजाकिस्तान

जबकि घड़ी की कांटे की दिशा में किनारे पर आगे बढ़ने पर मिलने वाले देशों के नाम को याद करने के लिए आप IARKaT (इयारकत) Trick याद रख सकते है। परीक्षा खासकर यूपीएससी और राज्य PSC के लिए दूसरी वाली ट्रिक पहली ट्रिक (Caspian sea countries trick) की तुलना में अधिक कारगर है।

काला सागर से लगे देशों को याद रखने की शॉर्ट ट्रिक

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डॉ भीमराव अंबेडकर के जयंती पर लोगों ने कह डाली ऐसी बात https://nitinbharat.com/dr-bhimrao-ambedkar-jayanti-special/ https://nitinbharat.com/dr-bhimrao-ambedkar-jayanti-special/#respond Fri, 14 Apr 2023 09:21:28 +0000 https://nitinbharat.com/?p=701 बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने आजीवन समाज के शोषित वंचित और पीड़ित वर्ग की आवाज उठाई उस वर्ग को बाबा भीमराव अंबेडकर ने संवैधानिक अधिकारों से सशक्त...

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बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने आजीवन समाज के शोषित वंचित और पीड़ित वर्ग की आवाज उठाई उस वर्ग को बाबा भीमराव अंबेडकर ने संवैधानिक अधिकारों से सशक्त किया प्रतिनिधित्व का अधिकार दिया और शिक्षा और रोजगार के लिए मार्ग प्रशस्त किया आज जब पूरा देश डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जयंती (dr bhimrao ambedkar jayanti) मना रहा है तक कुछ ऐसे लोग भी हैं जो भावविभोर होकर अंबेडकर को श्रद्धांजली दे रहे हैं वहीं कई ऐसे लोग भी हैं जो अंबेडकर के बारे में वह सब भी लिख रहे हैं जो उन्हें नहीं लिखना चाहिए।

सोशल मीडिया पर लिखे गए ऐसे ही कुछ रोचक पोस्ट के बारे में हम इस आर्टिकल में पड़ेंगे। इसे पढ़ने से पहले इस बात का भी ध्यान रखा जाना चाहिए कि आज अंबेडकर किसी जाति विशेष के प्रतिनिधि या नेता नहीं है या केवल जातिवादी नेता भी नही है। बाबा साहेब आंबेडकर (dr bhimrao ambedkar jayanti) हर शोषित, पीड़ित, वंचितों की आवाज थे। महान राजनीतिज्ञ, अर्थशास्त्री और विचारक थे। संविधान के शिल्पी और विकसित भारत के स्वप्नदृष्टा थे। उनकी सराहना, गांधी, नेहरू, पटेल सभी करते थे।

महात्मा गांधी: क्या गांधी ने भगत सिंह को बचाने की कोई कोशिश नही की थी?

उनकी जयंती पर @jainkhabar नामक ट्विटर यूजर लिखते है-

अंबेडकर जी को को पहले जैन धर्म और बौद्ध धर्म ही पसंद आए थे। वे अपने 7,00000 फॉलोवर्स के साथ जैन धर्म अंगीकार करने वाले थे, और इसके लिए वे चारित्र चक्रवर्ती शांति सागर जी महाराज के पास पहुंचे और उनसे कहा कि आप इन्हें दीक्षित कर दीजिए।

लेकिन शांति सागर जी महाराज ने कहा कि पहले वे मांस मदिरा आदि का त्याग करके आधारभूत नियमों का पालन करें तो हम इन्हें दीक्षित करेंगे, लेकिन अंबेडकर चाहते थे कि पहले दीक्षित कर दिया जाए यह सब नियम बाद में अंगीकार होते रहेंगे, बस बात यहीं पर नहीं बन पाई और उन्होंने सात लाख लोगों

महात्मा गांधी vs अंबेडकर: क्या गांधी, अंबेडकर के सबसे बड़े शत्रु थे?

के साथ 1956 में नागपुर में बौद्ध धर्म अंगीकार कर लिया।मानव समुदाय में ऊंच-नीच की भावना भरने वाले हिंदू धर्म के ग्रंथ मनुस्मृति को भीड भरे चौराहे पर जला दिया। उनका कहना था कि प्रत्येक मनुष्य समान है कोई भी ऊंच-नीच नहीं है जाति-भेदभाव से परे उन्होंने संविधान बनाने में सहयोग किया।

Retired IPS RK Vij ने अंबेडकर के सुविचार के साथ उन्हें याद करते हुए लिखते है- “मुझे वह धर्म प्यारा है जो स्वतंत्रता, समानता और भाईचारा सिखाता हो।”

संजय चौहान नामक एक ट्विटर यूजर ने लखनऊ से जारी महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के वीडियो संदेश को प्रसारित किया जिसमे उन्होंने कहा है कि ” बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर मेरे लिए भगवान है। मैं आज आपके सामने खड़ी हूं तो यह बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर की वजह से है” इस वीडियो में लिखा गया है कि इतिहास गवाह है महिलाओं को न्याय दिलाने का काम जो बाबा। साहेब ने किया है वह कोई भी नही कर पाया था।

शिमला मीना (@ShimlaMeena9) यूजर द्वारा महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए बाबा साहेब के पहल को याद करते हुए लिखा गया है-

महिलाओं का जीना आसान नहीं होता,

यदि दुनिया में पैदा कोई भीम नहीं होता,

मनुवाद की गुलामी से कोई घूंघट में रोता,

फिर सर उठा कर जीना आसान नहीं होता,

बाबा ने तेरी हाथों की बेंडियो को तोड़ा,

वरना कलम चलाना आसान नहीं होता,

डीएम सीएम पीएम कोई महिला नहीं बनती,

अगर बाबा साहब का लिखा संविधान नहीं होता!!

 

रवि सगरमे (@ravisagarme) नामक ट्विटर यूजर ने एक वीडियो संदेश को जारी किया है जिसमे कहा गया है –

“एक महिला कभी मस्जिद की मौलाना नहीं बन सकती, एक महिला कभी मंदिर की मुख्य पुजारी नहीं बन सकी, एक महिला कभी चर्च की मुख्य पादरी नहीं बन सकती, कोई भी महिला कभी भी किसी भी धर्म की विश्वविख्यात गुरु नहीं बन सकी। मगर एक महिला विधायक, सांसद, मुख्यमंत्री, राज्यपाल, राष्ट्रपति, आईएएस, आईपीएस और सचिव सब कुछ बन सकती है। जो अधिकार धर्म नहीं दे पाया वह सब अधिकार डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के संविधान ने महिलाओं को दे दिया। इसलिए भारत की महिलाओं को डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के प्रति ईमानदार होकर उनके दिखाए रास्ते पर चलना चाहिए। मगर आज की महिलाएं धर्म और कर्मकांड के चक्कर में पड़ कर अपना जीवन बर्बाद कर रही है” dr bhimrao ambedkar jayanti

राष्ट्रवादी पत्रकार सुरेश चवनके के लिखते हैं –

“आख़िरी मुसलमान जब तक पाकिस्तान नहीं चला जाता और आख़िरी हिंदू जब तक हिंदुस्थान नहीं आ जाता, तब तक मैं देश के इस विभाजन को नहीं मानूंगा”- भारत रत्न #डॉ_बाबासाहेब_आंबेडकर जी आज उनकी स्मृति को कोटि- कोटि नमन..

इसके साथ ही चावहांके ने बाबा साहेब की तस्वीर भी पोस्ट की जिसपर उन्होंने लाल टीका भी आर्टिफिशियल तरीके से लगा दिया था।

उत्तर प्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री लिखते है -“समाज के हर वंचित, हर पीड़ित, हर दलित की आवाज को धार देने, उनके संघर्ष को आगे बढ़ाने वाले ‘भारत रत्न’ बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर को कोटि-कोटि नमन!”

आईपीएस प्रह्लाद मीना ने एक तस्वीर पोस्ट की जिसमे अंबेडकर के नाम से कहा गया है कि “तुम्हारे पैरों में जूते भले ना हो पर हाथों में किताब अवश्य होना चाहिए”

वही अधिकतर लोगों ने “Be Educated, Be Organised and Be Agitated (शिक्षित बनो , संगठित रहो , संघर्ष करो)” और “हजार तलवारों से ज्यादा ताकत एक कलम में होती है।” प्रेरणादायक सुविचार भी उनके जन्म दिवस के अवसर पर लिखा।

 

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पांच ग्रेट झीलों को याद करने की ट्रिक Trick To Remember Five Great Lakes https://nitinbharat.com/trick-to-remember-five-great-lakes/ https://nitinbharat.com/trick-to-remember-five-great-lakes/#respond Mon, 10 Apr 2023 13:18:41 +0000 https://nitinbharat.com/?p=696 सुपीरियर, हुरोन, मिशीगन, ओंटारियो और इरी दुनिया की पांच बड़ी मीठे पानी की झील है। इन झीलों को “फाइव ग्रेट लेक्स” (Five great lakes trick) के नाम...

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सुपीरियर, हुरोन, मिशीगन, ओंटारियो और इरी दुनिया की पांच बड़ी मीठे पानी की झील है। इन झीलों को “फाइव ग्रेट लेक्स” (Five great lakes trick) के नाम से भी जाना जाता है। ये झील कनाडा अमेरिका सीमाक्षेत्र में उपस्थित है। उत्तरी अमेरिका में मौजूद दुनिया की 5 बड़ी मीठे पानी की झीलों को याद करने की बेहद आसान ट्रिक आइए जानते है। लेकिन उसे पहले इन झीलों के बारे में कुछ रोचक बातें जान लेते है। जो परीक्षा के लिहाज से उपयोगी है। पांच ग्रेट झीलों को याद करने की ट्रिक

केंद्र शासित राज्यों को याद रखने की आसान ट्रिक कभी नही भूलेंगे

उत्तरी अमेरिका का 84% भू जल इन्ही झीलों में है। दुनिया के ताजे पानी का 20% हिस्सा या पांचवा हिस्सा इन्ही झीलों पाया जाता हैं। ये करीब 1200 किलोमीटर में फैले है। ये झील (Five great lakes trick) अत्यधिक गहरे है क्योंकि हिमयुग में बने है। ये झील, पर्यटन, परिवहन, बिजली, समुद्र खपत और मनोरंजन के केंद्र है। अमेरिका महाद्वीप में इनका भौगोलिक और पारिस्थितिक महत्व है। पांच ग्रेट झीलों को याद करने की ट्रिक

इन महान झीलों को HOMES शब्द के माध्यम से याद रखा जा सकता है।

HOMES

H हुरोन 

O ओंटेरियो

M मिसीगन

E इरी

S सुपीरियर 

ये ट्रिक आपको भुलाए पर भी नही भूलने वाली। और परीक्षा के बाद के दिनों में भी याद रहेगी। ट्रिक (Five great lakes trick) का यही लाभ होता है कि हमे परीक्षा के बाद के दिनों में भी याद रह जाता है। यदि आपको यह ट्रिक रोचक लगी हो तो इसे बाकी विद्यार्थियों तक भी पहुंचाएं l। पांच ग्रेट झीलों को याद करने की ट्रिक

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वे रियासत जो मुश्किल से भारत में जुड़े ट्रिक Trick https://nitinbharat.com/princely-states-india-trick-how-they-merged-into-india/ https://nitinbharat.com/princely-states-india-trick-how-they-merged-into-india/#respond Mon, 10 Apr 2023 08:25:43 +0000 https://nitinbharat.com/?p=692 15 अगस्त 1947 तक भारत की एक्सो 36 रियासतें भारतीय क्षेत्राधिकार में सम्मिलित हो चुकी थी। अपनी संप्रभुता अस्थाई भारत सरकार को सौंप दी थी। लेकिन कुछ...

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15 अगस्त 1947 तक भारत की एक्सो 36 रियासतें भारतीय क्षेत्राधिकार में सम्मिलित हो चुकी थी। अपनी संप्रभुता अस्थाई भारत सरकार को सौंप दी थी। लेकिन कुछ रियासतें ऐसी भी थी जिन्होंने स्वयं को इस व्यवस्था से अलग रखा था। इन राज्यों के बारे में जानेंगे लेकिन आइए उससे पहले जान लेते हैं। रियासतों के विलय (Princely states india trick) की भूमिका के बारे में।

डोमेनियन राज्य भारत

जून 1947 को माउंटबेटन योजना तथा एटली की घोषणा में रियासतों को यह अधिकार दिया गया था कि वे भारत या पाकिस्तान किसी भी डोमिनियन में सम्मिलित हो सकती हैं। (बता दें कि अंग्रेजों ने भारत व पाकिस्तान दो डोमिनियन राज्यों को स्वतंत्र किया नक्की दो स्वतंत्र राष्ट्रों को) लॉर्ड माउंटबेटन ने रियासतों को संप्रभुता का अधिकार देने यह तीसरी शक्ति के रूप में मान्यता देने से स्पष्ट तौर पर इंकार कर दिया था। वे रियासत जो मुश्किल से भारत में जुड़े ट्रिक Trick

क्षेत्रफल के अनुसार विश्व के 7 सबसे बड़े देशों की सूची व ट्रिक

फैक्ट फाइल

क्रिप्स मिशन (1942)

वैवेल योजना (1945)

कैबिनेट मिशन (1946)

एटली की घोषणा (1947)

माउंटबेटन योजना (1947)

क्या आप जानते हैं राष्ट्रीय अस्थाई सरकार में रियासत विभाग का जिम्मा सरदार बल्लभ भाई पटेल को सौंपा गया था इन्होंने मंत्रालय के सचिव के रूप में वी.पी. मैनन को नियुक्त किया था सरदार वल्लभभाई पटेल ने साम, दाम, दंड, भेद की नीति से रियासतों को बहुत ही कम समय में भारत में विलय (Princely states india trick) के लिए विवश कर दिया। इसी मजबूत इरादे के चलते उन्हें “लौह पुरुष” की उपमा दी जाती है। 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभभाई पटेल के जन्म जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है।

तीन रियासतें जो मुश्किल से भारत में शामिल होगी वह इस प्रकार है:

1. जूनागढ़:

हिंदू बहुल जूनागढ़ में मुस्लिम नवाब का शासन था हिंदुओं का पाकिस्तान में शामिल होने से इनकार देखकर नवाब ने दमनकारी नीति अपनाना प्रारंभ कर दिया। इसे देखते हुए जनमत संग्रह कराया गया जिसमें जनता ने भारी बहुमत से भारत में सम्मिलित होने के पक्ष में निर्णय दिया।

2. हैदराबाद:

हैदराबाद तत्कालीन भारत की सबसे सशक्त और आर्थिक रूप से समृद्ध रियासत थी अतः इसके निजाम ने हैदराबाद को पृथक राष्ट्र के रूप में कल्पित किया परंतु भारत के बीचो बीच स्थित पृथक राज्य भारत के लिए सामरिक दृष्टि से खतरनाक हो सकता था खासकर तब जब शासक निजाम पाकिस्तान का करीबी हो यहां की अधिसंख्य जनसंख्या भारत में विलय के लिए अपनी रुचि जाहिर कर चुकी थी जिनका नवाब ने दमन करना प्रारंभ कर दिया था।

29 नवंबर 1947 को निजाम ने भारत सरकार के साथ एक समझौते पर दस्तखत किए किंतु इसके बावजूद उसकी दमनकारी नीतियां और तेज हो गई। अंततः सरदार पटेल को भारतीय सेनाएं मैदान में उतारने पड़ी 13 सितंबर 1948 को भारतीय सेना हैदराबाद रियासत के सीमा क्षेत्र में प्रवेश कर जाती है। जिसके पश्चात विवश होकर 18 सितंबर को निजाम आत्मसमर्पण कर देता है। नवंबर 1949 में हैदराबाद को भारत संघ में सम्मिलित कर लिया गया। वे रियासत जो मुश्किल से भारत में जुड़े ट्रिक Trick

3. कश्मीर:

यहां मामला बहुत ही पेचीदा था जिसकी सूरज ने की संभावना कम और उलझने की संभावना दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही थी कश्मीर प्रशासक अपनी संप्रभुता बनाए रखना चाहता था और भारत और पाकिस्तान किसी में भी सम्मिलित नहीं होना चाहता था ज्ञात हो कि कश्मीर का राजा हिंदू था और अधिसंख्य आबादी मुस्लिम थी। कश्मीर पर्यटन, सामरिक और आर्थिक दृष्टिकोण से बहुत ही विशिष्ट स्थान पर मौजूद था इस वजह से पूरी दुनिया की निगाहें इस समस्या पर टिक गई थी।

कश्मीर को बलपूर्वक अपने डोमिनियन में विलय करने के लिए अपनी कबाइली टुकड़ियों को कश्मीर की ओर रवाना कर दिया कबाइली तेजी से श्रीनगर की ओर बढ़ने लगे। कबाइलियों के समर्थन में पाकिस्तान ने भी अपनी सेना भेज दी। इस परिस्थिति में भारत से सहारा मांगा भारत ने मदद के लिए शर्त रखी विलय पत्र पर हस्ताक्षर की। अंत में विवश होकर कश्मीर के शासक ने 26 अक्टूबर 1947 को भारत डोमेनियन में शामिल होने के लिए विलय पत्र पर हस्ताक्षर किए।

इस प्रकार हम देखते है जूनागढ़ जनमत संग्रह से, हैदराबाद सैन्य कार्रवाई से और कश्मीर विलय पत्र के माध्यम से भारत का हिस्सा बना। इन रियासतों को “जुहक” (JuHyk) ट्रिक (वे रियासत जो मुश्किल से भारत में जुड़े ट्रिक Trick) के द्वारा आप याद रख सकते है। इस आर्टिकल से प्रतियोगी परीक्षाओं में अक्सर प्रश्न पूछे जाते है। Princely states india trick

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