Short tricks Archives - NITIN BHARAT https://nitinbharat.com/category/short-tricks/ India's Fastest Growing Educational Website Mon, 17 Apr 2023 12:46:38 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.5 210562443 कैस्पियन सागर से लगे देशों को याद करने की Trick https://nitinbharat.com/caspian-sea-countries-trick-so-easy-to-remember/ https://nitinbharat.com/caspian-sea-countries-trick-so-easy-to-remember/#respond Mon, 17 Apr 2023 12:46:38 +0000 https://nitinbharat.com/?p=707 कैस्पियन सागर पृथ्वी पर मौजूद सबसे बड़ी झील या जल निकाय है। यह सागर एशिया और यूरोप महाद्वीप के सीमा पर मौजूद है इसके तट में पांच...

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कैस्पियन सागर पृथ्वी पर मौजूद सबसे बड़ी झील या जल निकाय है। यह सागर एशिया और यूरोप महाद्वीप के सीमा पर मौजूद है इसके तट में पांच देश मौजूद है रूस, ईरान, अज़रबैजान, कजाकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान। कैस्पियन सागर (Caspian sea countries trick) पर प्राकृतिक संसाधनों की भरपूर मात्रा है। जिसके सहज बटवारे के तेहरान कन्वेंशन फ्रेमवर्क पर 2003 को हस्ताक्षर किए गए।

कैस्पियन सागर से लगे देशों को याद करने की Trick इसलिए जानना जरूरी है क्योंकि यह देश भू सामरिक रूप से अत्यधिक महत्वपूर्ण लोकेशन पर मौजूद है और चर्चा में भी बने रहते है। यूपीएससी और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में इस सागर से लगे देश के बारे में प्रश्न अक्सर पूछे जाते हैं इसके तट पर मौजूद देशों के बारे (Caspian sea countries trick) में जानेंगे लेकिन उससे पहले आइए जानते हैं कैस्पियन सागर के बारे में कुछ रोचक तथ्य।

वे रियासत जो मुश्किल से भारत में जुड़े ट्रिक Trick

  • कैस्पियन सागर एशिया और यूरोप के जोड़ पर मौजूद है। जिसके एक और यानी पश्चिम में काकेशस पर्वत है जबकि दूसरी ओर पूर्व में मध्य एशिया का स्टैपी मैदान है।
  • बाकू अजरबैजान की राजधानी एकमात्र राजधानी शहर है जो कैस्पियन सागर के तट पर मौजूद है।
  • कैस्पियन सागर की अधिकतम लंबाई 1080 किलोमीटर जबकि किनारे की लंबाई 7000 किलोमीटर है
  • यह दुनिया की सबसे बड़ी झील है क्योंकि पूरी दुनिया का 40 से 45% जल इसी झील में पाया जाता है।
  • वोल्गा, युराल, कुरा और तेरेक प्राथमिक नदियां है जो कैस्पियन सागर में मिलती है।
  • कैस्पियन सागर की औसत गहराई 211 मीटर है। नदियों द्वारा लाए गए गादों से सदी दर सदी उथली होती जायेगी।
  • इसके बड़े आकार के कारण इसे कैस्पियन सागर नाम से पुकारा जाता है।

तरीक (TARIK) कैस्पियन सागर से लगे देशों को याद करने की बेहद आसान ट्रिक है।

T तुर्कमेनिस्तान  

A अजरबैजान 

R रूस 

I ईरान 

K कजाकिस्तान

जबकि घड़ी की कांटे की दिशा में किनारे पर आगे बढ़ने पर मिलने वाले देशों के नाम को याद करने के लिए आप IARKaT (इयारकत) Trick याद रख सकते है। परीक्षा खासकर यूपीएससी और राज्य PSC के लिए दूसरी वाली ट्रिक पहली ट्रिक (Caspian sea countries trick) की तुलना में अधिक कारगर है।

काला सागर से लगे देशों को याद रखने की शॉर्ट ट्रिक

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विधान परिषद वाले राज्य Trick https://nitinbharat.com/legislative-council-states-short-trick/ https://nitinbharat.com/legislative-council-states-short-trick/#comments Mon, 22 Aug 2022 19:31:00 +0000 विधान परिषद वाले राज्य Trick विधान परिषद वाले राज्य Trick इस आर्टिकल में बेहद ही आसान तरीके से बताया गया है। इस ट्रिक की खासियत यह है...

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विधान परिषद वाले राज्य Trick

विधान परिषद वाले राज्य Trick इस आर्टिकल में बेहद ही आसान तरीके से बताया गया है। इस ट्रिक की खासियत यह है की भविष्य में होने वाले संख्या और नामों में बदलाव को इसमें आसानी से जोड़ा जा सकता है। इस ट्रिक के बारे में जानने के लिए इस आलेख को पूरा पढ़े। Legislative council states trick

विधान परिषद वाले राज्य: ट्रिक

भारत में आयोजित होने वाली राज्य सेवा से लेकर विभिन्न परीक्षा बोर्डो की परीक्षाओं में विधानपरिषद से अक्सर प्रश्न पूछे जातें है। इसलिए इस आलेख में पूछें जाने वाले सभी प्रश्नों को कवर किया गया है। साथ ही विधान परिषद वाले राज्य Trick के द्वारा इसे याद करने की तकनीके भी दी गई है। इस मजेदार ट्रिक को जानते है लेकिन उससे पहले आइए जान लेते है। विधान परिषद क्या है? विधान परिषद की संख्या के प्रावधान के बारे में संक्षेप में।

विधान परिषद क्या है?

विधान परिषद राज्य विधानमंडल का उच्च सदन होता है। ठीक उसी प्रकार जैसे संसद में राज्य सभा होता है। इसका प्रावधान भारतीय संविधान के अनुच्छेद 169 में किया गया है। गौर करने वाली बात है कि इसे सभी राज्यों द्वारा नही स्थापित किया गया है। वर्तमान में यह केवल छह राज्यों में है। जहां द्विसदनीय विधानमंडल है।

पंचप्रयाग : याद रखने की आसान ट्रिक !

विधान परिषद का गठन कैसे होता है?

विधान परिषद के सदस्य दो तरह से चुने जाते है। पहला,  प्रदेश के राज्यपाल द्वारा मनोनीत होते हैं दूसरा, अप्रत्यक्ष रूप से चुने जाते हैं। विधान परिषद के एक तिहाई सदस्यों का चुनाव प्रति दो वर्षो के अंतराल में होता है। Legislative council states trick

विधान परिषद सदस्यों का गणित

विधान परिषद के कुल सदस्यों में से सदन के एक तिहाई सदस्य विधान सभा के द्वारा चुने जाते हैं। एक तिहाई सदस्य, स्थानीय निकायों जैसे कि नगरपालिका या अन्य स्थानीय अधिकारियों द्वारा चुने जाते हैं जबकि सदस्यों का बारहवां हिस्सा (यानी 12 में से एक हिस्सा) स्नातकों (graduates) द्वारा चुना जाता है। सदस्यों का बारहवां हिस्सा शिक्षकों द्वारा चुना जाता है। लगभग एक-छठे सदस्य राज्यपाल द्वारा मनोनीत किए जाते हैं।

भारत में कितने विधान परिषद हैं?

वर्तमान में भारत में कुल कितने राज्यों में विधान परिषद है? भारत में विधान परिषदों की संख्या वर्तमान 2022 में 6 है। ऐसी संभावना है कि 2023 में विधान परिषदों की संख्या 7 से 8 हो जायेगी। पश्चिम बंगाल और उड़ीसा दो ऐसे राज्य है जहां विधान परिषद बनाने की सुगबुगाहट तेज है।

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विधान परिषद निर्माण की प्रक्रिया

विधान परिषद के गठन का प्रावधान भारतीय संविधान के अनुच्छेद 169 में वर्णित है। किसी भी राज्य को अपने सदन को द्वि सदनीय बनाने के लिए सदन (विधानसभा) में प्रस्ताव लाना होता हैं इस प्रस्ताव को विशेष बहुमत से पारित कराकर भारतीय संसद को भेजा जाता है। भारतीय संसद साधारण बहुमत से प्रस्ताव का समर्थन कर राष्ट्रपति को स्वीकृति के लिए भेजती है। राष्ट्रपति की स्वीकृति के बाद विधानपरिषद का गठन हो जाता है। हालांकि इसके लिए राज्य की वित्तीय स्थिति, न्यूनतम सदस्य संख्या और

विधानसभा और विधान परिषद में क्या अंतर होता है?

भारतीय संविधान में शासन संचालन के लिए राज्यों में भी संसदीय व्यवस्था की कल्पना की गई है। इस हेतु राज्यों में विधानमंडल का प्रावधान है। विधानमंडल के दो सदन होते है, उच्च सदन या वरिष्ठों का सदन इसे विधान परिषद भी कहा जाता है। जबकि निम्न सदन या जनता का सदन विधानसभा को कहा जाता है। विधान सभा और विधान परिषद में मूल अंतर इसके सदस्यों के निर्वाचन होने का तरीका है जिसकी वजह से उसी अनुसार उन्हें शक्तियां दी गई है। Legislative council states trick

अफ़गानिस्तान की सीमा से लगे देशों को याद रखने की ट्रिक

विधान सभा के सदस्य राज्य के जनता द्वारा सीधे निर्वाचित होते है इसलिए उन्हे अधिक शक्तियां दी गई है। विधान परिषद के सदस्य विभिन्न समूहों द्वारा अप्रत्यक्ष तरीके से चुने जाते है इसलिए उन्हे कम अधिकार दिया गया है। अधिकार का संबंध यहां वित्तीय अधिकार जैसे बजट, अनुदान पर चर्चा, कटौती प्रस्ताव और धन विधायकों का पारित होने से है।

विधान परिषद का अध्यक्ष कौन होता है ?

विधान परिषद अपने सभापति या अध्यक्ष और उपाध्यक्ष  का चुनाव स्वयं में से करती है। जो इसके बैठकों में पीठासीन अधिकारी और उपाध्यक्ष की भूमिका निभाता है। इसके पास उच्च सदन को संचालन और उसकी कार्यवाही को नियंत्रित करने का अधिकार होता है। हालांकि या सदन उच्च सदन होने के बाउजुद निम्न सदन विधानसभा जितना शक्तिशाली नही होता ऐसा इसलिए क्योंकि लोकतंत्र में जनता द्वारा चुने प्रतिनिधि को अधिक शक्तियां देना तर्कसंगत होता है। न कि प्रतिनिधियों द्वारा चुने लोगों को।

विधान परिषद का कार्यकाल

विधान परिषद का कार्यकाल 6 वर्ष का होता है। विधान परिषद के सदस्य का कार्यकाल कितना होता है? यह प्रश्न अक्सर लोगों को उलझन में डाल देता है क्योंकि विधान परिषद का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है। इसे याद रखने के लिए आप राज्यसभा के कार्यकाल और सदस्यों की पदमुक्ति यानी प्रत्येक 2 वर्ष में एक तिहाई सदस्य इसके पदमुक्त होते है। जबकि सदन एक स्थाई सदन है अनवरत चलता है। विघटित नही होता। इसकी कार्यप्रणाली और चरित्र कुछ मामलों को छोड़कर राज्यसभा के समान ही है।

क्या वर्तमान में जम्मू कश्मीर में विधान परिषद है?

जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2020 द्वारा जम्मू कश्मीर का विभाजन कर 2 केंद्रशासित प्रदेशों में कर दिया गया। इसके बाद वहां विधानसभा और विधान परिषद दोनो ही समाप्त हो गए। भविष्य में कश्मीर में विधानसभा की स्थापना की संभावना है लेकिन विधानपरिषद के गठन की संभावना बेहद कम हैं। विधान परिषद वाले राज्य Trick

विधान परिषद वाले राज्य 2022

भारत में 2022 में केवल छह राज्यों में ही विधान परिषद बचे है। ये राज्य है- तेलांगना, उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश और बिहार। विधान परिषद वाले राज्य ट्रिक नीचे दी गई है। विधान परिषद बनाने के लिए पश्चिम बंगाल विधान सभा ने हामी भर दी है जो कि भारतीय संसद की अंतिम अनुमति हेतु लंबित है। उड़ीसा ने भी ऐसा ही प्रयास आगे बढ़ाया है। जबकि जम्मू कश्मीर में राज्य पुनर्गठन के बाद विधान परिषद का समापन हो गया।

विधान परिषद वाले राज्य Trick

TUM KAB (तुम कब) अंग्रेजी के ये 6 अक्सर कोई भी आसानी से याद कर सकता है। इन्हे विस्तार करने पर आप विधान परिषद वाले राज्य का पूरा नाम देख पाएंगे।

T       Telangana (तेलंगाना)

U       Uttarpradesh (उत्तर प्रदेश)

M       Maharashtra (महाराष्ट्र)

K        Karnataka (कर्नाटक)

A        Andhrapradesh (आंध्रप्रदेश)

B        Bihar (बिहार)

विधान परिषद वाले राज्यों के नाम ट्रिक को पश्चिम बंगाल या उड़ीसा जैसे किसी भी राज्य में विधान सभा बनने पर आप इसे मिलाकर ट्रिक आसानी से बना सकते है। फिलहाल यह ट्रिक एकदम नया और आसान है। इसे अपने मित्रों से साझा से साझा जरूर करें।

विधान परिषद समाप्त करने वाला आखिरी राज्य कौन सा है

विधान परिषदों को राज्य की वित्तीय स्थिति पर बोझ मानते हुए कई राज्य सरकारों ने समाप्त कर दिया है। पश्चिम बंगाल भी उनमें से एक है। लेकिन हाल ही में अगर देखा जाए तो जम्मू कश्मीर नवीनतम राज्य है जहां विधान परिषद समाप्त हुआ। यह इरादतन से ज्यादा मजबूरन लगता है। क्योंकि यह तब हुआ जब राज्य का पुनर्गठन किया गया। हालांकि तेलंगाना-आंध्रप्रदेश में राज्य पुनर्गठन के बाद भी विधान परिषद समाप्त नहीं हुआ है। पश्चिम बंगाल में किसी भी समय नया विधान परिषद गठित होने की अधिसूचना जारी हो सकती है। विधान परिषद वाले राज्य Trick

काला सागर से लगे देशों को याद रखने की ट्रिक

क्या विधान परिषद सदस्य मुख्यमंत्री बन सकता है?

विधान परिषद का सदस्य मुख्यमंत्री बन सकता है। इसके अलावा मंत्री और उपमुख्यमंत्री बनने पर भी कोई रोक नहीं लगाई गई है। हाल ही के उदाहरणों में आप महाराष्ट्र के पूर्व  मुख्य मंत्री उद्धव ठाकरे का नाम याद रख सकते है। जो विधान परिषद के सदस्य थे।

भारत के किन राज्यों में पहले विधान परिषद थे?

विधान परिषदों को कई राज्यों ने अपने ऊपर वित्तीय बोझ और विलंबकारी संस्था मानते हुए निरसित कर दिया या हटा दिया। पहले तमिलननाडू, पंजाब, उत्तराखंड, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल और असम में भी विधान परिषद था। जबकि जम्मू कश्मीर अंतिम राज्य है जहां से विधान परिषद का समापन हुआ। vidhan-parishad-wale-rajya-trick

विधान परिषद वाले राज्य ट्रिक और विधान परिषद से जुड़े प्रश्नों को याद रखने के लिए ये था हमारा प्रयास। उम्मीद है आपको यह आलेख सूचना से भरपूर लगी होगी। इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक साझा करके उनकी तैयारी में मदद करें।

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पंचप्रयाग: याद रखने की आसान ट्रिक https://nitinbharat.com/panchprayag-yad-rakhne-ki-trick/ https://nitinbharat.com/panchprayag-yad-rakhne-ki-trick/#comments Sat, 09 Jul 2022 16:40:00 +0000 भारत के पंच  प्रयागों के बारे में अपने कई बार सुना होगा. भारत के भौगोलिक, धार्मिक और पर्यटन की दृष्टि से अत्यधिक महत्व पूर्ण है. इसीलिये किसी...

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भारत के पंच  प्रयागों के बारे में अपने कई बार सुना होगा. भारत के भौगोलिक, धार्मिक और पर्यटन की दृष्टि से अत्यधिक महत्व पूर्ण है. इसीलिये किसी न किसी सन्दर्भ को लिए यह सालभर चर्चा में बना रहता है. पंचप्रयाग क्या है, इसमें किन-किन नदियों का संगम शामिल है. और कहाँ पर ये एक दुसरे से मिलती है? पंच प्रयागों (Panch Prayag ) को  याद रखने की आसान ट्रिक क्या है आइये जानते है. Panchprayag yad rakhne trick

पंचप्रयाग:  याद रखने की आसान ट्रिक

 

पंचप्रयाग (Panch Prayag )  पांच नदियों का संगम नही है बल्कि पांच संगमो का नाम है. ये पांच नदी संगम अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग नदियों के जल के मिलने पर बनता है. कई कारणों से ये चर्चा में बने रहते है. इसीलिये कई परीक्षाओ में यहाँ से प्रश्न पूछे जाते है.

ब्रह्मपुत्र की सहायक नदियों को याद रखने की ट्रिक

प्रयाग का अर्थ ? Meaning of Prayag

 

प्रयाग का अर्थ मिलन स्थल होता है, पौराणिक हिन्दू मान्यता के अनुसार प्रयाग ऐसा स्थल है जहाँ उत्तर भारत की तीन सबसे पवित्र नदियां आकर मिलती है, इन नदियों में गंगा, यमुना और सरस्वती को गिना जाता था. उत्तर प्रदेश सरकार ने इसीआधार पर इलाहाबाद (Allahabad) का नाम बदलकर प्रयागराज (Prayagraj) कर दिया. हालांकि प्रयागराज में वर्तमान में केवल गंगा और यमुना नदी ही आकर मिलती है. जबकि ऐसी मान्यता है कि पौराणिक नदी सरस्वती भूमिगत होकर प्रयागराज में मिलती है. Panchprayag yad rakhne trick

 

उत्तरखण्ड के प्रयाग; पंचप्रयाग कहाँ है?

 

पंचप्रयाग उत्तरी भारत के उत्तराखंड राज्य में स्थित है, उत्तराखंड में ऋषिकेश से उत्तरकाशी की ओर जाते हुए मध्य और वृहत हिमालय को काटते हुए जो नदियाँ निकलती है उन्ही से पांच प्रयागों (Panch Prayag ) का निर्माण होता है. समग्र भारत के भूगोल में देखें तो ये उत्तरी हिमालय पर्वतों के बीच पड़ता है. Panchprayag yad rakhne  trick

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पंचप्रयाग (Panch Prayag )

 

नदी की बहाव की दिशा में ऊपर से नीचे अथवा उत्तर से दक्षिण की ओर विष्णुप्रयाग, नंदप्रयाग, कर्णप्रयाग, रुद्रप्रयाग और देवप्रयाग को संयुक्त रूप से पंचप्रयाग के रूप में जाना जाता है.  पंचप्रयागों के बारे में ऐसी धार्मिक मान्यता है कि यहाँ स्नान मात्र से मानसिक शांति और आत्मिक शुद्धि की प्राप्ति होती है. इसी लिए पंचप्रयागों का धार्मिक (Religious) और अध्यात्मिक (Spiritual) महत्व है.

 

पंचप्रयाग का निर्माण करने वाली नदियां

 

मूल नदी अलखनंदा या अलकनंदा के ऊपर से नीचे की ओर जाने पर धौलीगंगा, नंदाकिनी,  पिंडर,  मंदाकिनी और भागीरथी मिलते हुए क्रमशः  विष्णुप्रयाग, नंदप्रयाग, कर्णप्रयाग, रुद्रप्रयाग और देवप्रयाग का निर्माण करती है. अलकनंदा और धौलीगंगा के मिलने से विष्णु प्रयाग का निर्माण होता है. अलकनंदा और नंदाकिनी नदी के  मिलने से नंदप्रयाग का निर्माण होता है. अलकनंदा और पिंडर नदी के संगम पर कर्णप्रयाग का निर्माण होता है और अलकनंदा और मंदाकिनी नदी के संगम पर रुद्राप्राग का निर्माण होता है. भागीरथी और अलकनंदा के संगम पर देवप्रयाग का निर्माण होता है. इन नदियों के अलकनंदा नदी में मिलने के क्रम को याद रखने के लिए आप एक बेहद ही आसान ट्रिक को याद रख सकते है.

DN PMB

असल में ये कोई ट्रिक नहीं बल्कि सभी नदियों के अंगरेजी के प्रारम्भिक अक्षरों को मिलकर बनाया गया है. “DN PMB”  यह बाजार में मिलने वाले किसी रसायनिक खाद के फोर्मुले के समान प्रतीत होता है. इसे याद रखकर आप इस टॉपिक से पूछे गए किसी भी प्रश्न का उत्तर देने के लिए सक्षम हो जायेंगे.

 

पंचप्रयाग:  याद रखने की आसान ट्रिक

भारत के राष्ट्रपतियों को याद रखने की आसान ट्रिक

“विनकरु देव” पड़ने और सुनने में किसी पौराणिक हिन्दू देवता के नाम के समान प्रतीत हो रहा है, जिसे विस्तार करने पर आप पंचप्रयागों का नाम देख पाएंगे,  ये ट्रिक ऊपर से नीचे अथवा उत्तर से दक्षिण की ओर जाने पर आपको क्रमवार प्राप्त होगा. पंचप्रयाग:  याद रखने की आसान ट्रिक

 

“विनकरु देव”

 

वि –  विष्णुप्रयाग

न  –  नंदप्रयाग

क़  – कर्णप्रयाग

रू  – रुद्रप्रयाग

देव –  देवप्रयाग

पंचप्रयाग, विष्णुप्रयाग, नंदप्रयाग, कर्णप्रयाग, रुद्रप्रयाग, देवप्रयाग,

 

पंचप्रयागों  का महत्व (Importance of Panch Prayag)

 

सांस्कृतिक महत्व (Cultural Importance)

भारतीय पौराणिक ग्रंथो में ऐसी मान्यता है कि इन प्रयागों के दर्शन और स्नान से मानसिक और आत्मिक शांति की प्राप्ति होती है. इसीलिए यहाँ पूरे देश से लोग दर्शन करने आते है. उत्तराखंड की पर्यटन के दृष्टिकोण से ये प्रयाग बेहद ही महत्वपूर्ण स्थल है. देश ही नहीं पूरे दुनिया से श्रद्धालु यहाँ आस्था के समंदर डुबकी लगाने आते है. पंचप्रयाग: याद रखने की आसान ट्रिक

 

भौगिलिक महत्व (Geographical Importance)

ये नदियां महत्वपूर्ण ग्लाशियारों के से निकलती है, तथा तेज ढलानों वाली है जिसमे बाढ़ और प्राकृतिक त्रासदियों की संभावना बहुत अधिक बनी रहती है. पर्यटन की दृष्टिकोण से महत्व रखने वाले ये स्थल विशाल मानवीय आपदा का कारण बन जाते है इसीलिए इनका नियमित निगरानी करना मानचित्रण करना अत्यधिक आवश्यक होता है. इन नदियों में प्रवाहित जल इनसे संबंधित ग्लेशियरों के स्वास्थ्य का द्योतक है.

 

आर्थिक महत्त्व (Economic Importance)

इन प्रयागों से पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलता है, पनबिजली परियोजनाओं (Hydropower Project) के लिए जल और कई प्राथमिक कार्यों में उपयोग के द्वारा यह क्षेत्र के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देता है.

 

तो ये थी पंच प्रयागों (Panch Prayag) के बारे में समग्र जानकारी जो बेहद ही कम से कम शब्दों में बताने का प्रयास किया गया. इसमें  पंचप्रयाग:  याद रखने की आसान ट्रिक एक नवाचारी तरीका उपलब्ध कराता है कि किस प्रकार कठिन और जटिल नामों की सूची को आसान ट्रिक द्वारा याद किया जा सकता है. अगर यह आर्टिकल आपको उपयोगी लगा हो तो हमें comment box में जरुर लिखे.

 

 

 

 

 

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भारत के 15वें राष्ट्रपति : राष्ट्रपति चुनाव, indian president list trick https://nitinbharat.com/bharat-ke-15th-rashtrapati-list-trick/ https://nitinbharat.com/bharat-ke-15th-rashtrapati-list-trick/#respond Thu, 30 Jun 2022 15:03:00 +0000 भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र, दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आबादी, 6वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवथा और दूसरी सबसे तेज गति से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है। भारत...

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भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र, दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आबादी, 6वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवथा और दूसरी सबसे तेज गति से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है। भारत में शासन संचालन की संसदीय व्यवस्था (Parliamentary System of democracy) को अपनाया गया है। जिसमे राष्ट्रपति राष्ट्र का औपचारिक या नाममात्र का प्रमुख होता है। भारत का राष्ट्रपति (president of India 2022) भारतीय एकता अखंडता और संप्रभुता का प्रतीक होता है। इसलिए यह देश का सर्वोच्च महत्वपूर्ण पद माना गया है। indian president list trick

भारत के 15वें राष्ट्रपति : राष्ट्रपति चुनाव, indian president list trick

आइए इस आलेख में हम समझने की कोशिश करते है कि भारत के संवैधानिक स्थिति बारे में, राष्ट्रपति का निर्वाचन कैसे होता है? भारतीय राष्ट्रपति पद की प्रबल दावेदार और शुरुआत से वर्तमान तक के राष्ट्रपतियों की लिस्ट को याद रखने की ट्रिक और क्यों राष्ट्रपति (president of India 2022) का पद इतना महत्वपूर्ण पद है।

भारत का राष्ट्रपति (President Of India)

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 52 में यह लिखा गया “भारत का एक राष्ट्रपति होगा” भारतीय राष्ट्रपति सरकार का कार्यकारी मुखिया होता है, केंद्र की समस्त कार्यकारी शक्तियां भारत के राष्ट्रपति (President of India) में निहित होंगे और राष्ट्रपति के नाम से ही संपन्न किया जायेगा। वहीं संविधान का अनुच्छेद 74 यह कहता है कि भारत में एक मंत्रिपरिषद (council of ministers) होगी जिसके मुखिया प्रधानमंत्री होंगे जिनकी मदद और सलाह से राष्ट्रपति अपने कार्यों को संपन्न करेगा। इस तरह राष्ट्रपति की समस्त शक्तियां छीनकर अनुच्छेद 14 राष्ट्रपति को मात्र नाममात्र प्रमुख (Nominal Head) बना देता है। इनका कार्यकाल शपथ ग्रहण की तारीख से पांच वर्ष तक होता है। ये इतना सम्मानित पद है कि इन्हे हटाने के लिए महाभियोग (impeachment) की प्रक्रिया चलाई जाती है। जो कि एक आसान प्रक्रिया नही है। indian president list trick

किन परिस्थितियों में भारत का प्रधानमंत्री एक तानाशाह भी बन सकता है?

भारत के राष्ट्रपति कौन है ? who is the president of india

वर्तमान में भारत के राष्ट्रपति महामहिम श्री रामनाथ कोविंद जी (भारत के 14वें राष्ट्रपति) है। रामनाथ कोविंद भारत के 14वेंराष्ट्रपति है। जिनका कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म हो रहा है। एक रोचक तथ्य है कि भारत में पिछले 45 वर्षों से राष्ट्रपति पद की शपथ ग्रहण 25 जुलाई को ही संपन्न की जाती है। क्या आप जानते है कि अमेरिकी राष्ट्रपति (American president) प्रत्येक सत्र में 20 जनवरी के दिन ही शपथ लेते है। भारत के 15वें राष्ट्रपति : राष्ट्रपति चुनाव, indian president list trick

भारत के राष्ट्रपतियों के बारें में ये बाते शायद ही जानते होंगे आप

भारतीय राष्ट्रपति चुनाव कौन कराता है ?

भारत में राष्ट्रपति चुनाव (new presidencial election of india 2022) की अधिसूचना भारतीय निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) द्वारा जारी की जाती है। भारत में राष्ट्रपति का चुनाव (indian presidencial election) भारतीय निर्वाचन आयोग द्वारा संपन्न कराया जाता है। भारतीय निर्वाचन आयोग एक स्वायत्त और शक्तिशाली संवैधानिक संस्थान है जिसका वर्णन संविधान के अनुच्छेद 324 में किया गया है। जिसका प्रावधान संविधान के अनुच्छेद 55 में किया गया है।

भारतीय राष्ट्रपति चुनाव प्रक्रिया (indian presidencial election process)

भारतीय राष्ट्रपति चुनाव (presidencial election) प्रक्रिया आम चुनाव से भिन्न है क्योंकि इसमें जनता प्रत्यक्ष रूप से भागीदारी नहीं करती। भारतीय राष्ट्रपति चुनाव (presidencial election) अप्रत्यक्ष तरीक़े से होता है। इस चुनाव पद्धति को “एकल संक्रमणीय मत” (Single transferable vote system) कहते है। इस पद्धति को आमतौर पर तब उपयोग में लाया जाता है। जब बहुत सारे पदों को वरीयता क्रम में भरना होता है। लेकिन भारत में राष्ट्रपति जैसे देश के सर्वोच्च पद के लिए ये प्रक्रिया (Single transferable vote system) प्रासंगिक प्रतीत होती है। इस पद्धति से मत करने वाले मतदाता को एक बैलेट पेपर दिया जाता है। जिसमे सभी कैंडिडेट का नाम अंकित होता है। मतदाता को अपने पसंदीदा कैंडिडेट को वरीयता का क्रम देते हुए 1 फिर दूसरे पसंदीदा कैंडिडेट के लिए 2 फिर तीसरे के लिए 3 इसी क्रम में सभी को वोट दिया जाता है। हालांकि वरीयता क्रम में नाम अंकित करना अनिवार्य नहीं होता। मतदाता चाहे तो केवल 1 ही कैंडिडेट को वोट दे सकता है। भारत के 15वें राष्ट्रपति : राष्ट्रपति चुनाव, indian president list trick

आसान भाषा में समझिए भारत में राष्ट्रपति चुनाव का गणित

राष्ट्रपति चुनाव में वोटों की गिनती कैसे होती है?

वोटों की गिनती के समय वरीयता क्रम 1 की गिनती पहले की जाती है, यदि 50% अधिक मत हासिल कर लिया जाता है तो उसे विजेता घोषित कर दिया जाता है अन्यथा वरीयता 2 को प्राप्त मतों की गिनती की जाती है। पहले उस कैंडिडेट को रेस से बाहर किया जाता है, जिसे पहली गिनती में सबसे कम वोट मिले। लेकिन उसको मिले वोटों में से यह देखा जाता है कि उनकी दूसरी पसंद के कितने वोट किस उम्मीदवार को मिले हैं। फिर सिर्फ दूसरी पसंद के ये वोट बचे हुए उम्मीदवारों के खाते में ट्रांसफर किए जाते हैं। यदि ये वोट मिल जाने से किसी उम्मीदवार के कुल वोट तय संख्या तक पहुंच गए तो वह उम्मीदवार विजयी माना जाएगा। इस प्रकार की एक जटिल प्रक्रिया के तहत भारतीय राष्ट्रपति चुनाव (indian presidencial election) संपन्न होता है।

राष्ट्रपति चुनाव में कौन मत दे सकता है?

राष्ट्रपति चुनाव (indian presidencial election) में भारत के सभी संसद सदस्य (राज्यसभा और लोकसभा), राज्य विधानपरिषद के निर्वाचित प्रतिनिधि, और केंद्रशासित प्रदेश जहां विधानसभा मौजूद है के सदस्य मत दे सकते है। गौरतलब है कि राज्य विधानसभा और लोकसभा के मनोनित सदस्य राष्ट्रपति चुनाव (Presidencial Election) में भाग नही ले सकते।

भारत के 15वें राष्ट्रपति

भारत के 15वें राष्ट्रपति (15th President of India) के निर्वाचन के लिए भारतीय राष्ट्रपति चुनाव 2022 (indian presidencial election) की गहमागहमी भारत में शुरू हो चुकी है। भारत के 14वें राष्ट्रपति का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है। भारत के 15वें राष्ट्रपति के रूप में निर्वाचित होने के लिए द्रौपदी मुर्मू (draupadi murmu) का नाम सबसे आगे है। जो कि एनडीए (भारतीय जनतांत्रिक गठबंधन) की ओर से नामित की गई है। वहीं यशवंत सिन्हा (yashwant sinha) का नाम विपक्षी दलों द्वारा तय किया गया है।

भारत के 15वें राष्ट्रपति : राष्ट्रपति चुनाव, indian president list trick

द्रौपदी मुर्मू (draupadi murmu)

द्रौपदी मुर्मू (draupadi murmu) मूलतः उड़ीसा से संबध रखती है। जो पूर्व में विधायक और झारखंड राज्य की राज्यपाल जैसे संवैधानिक पद पर कार्य कर चुकी है। द्रौपदी मुर्मू (draupadi murmu) व्यक्तिगत तौर पे वे एक शिक्षित, अनुशासित और विवादों से दूर रहने वाली नेत्री है। वें आदिवासी समुदाय से आती है। तथा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) की एक मुख्य स्वयं सेवक है।

वर्तमान भारतीय विदेश नीति की दशा एवं दिशा

यशवंत सिन्हा (yashwant sinha)

यशवंत सिन्हा (yashwant sinha) भारतीय जनता पार्टी के पूर्व में एक कद्दावर नेता रहे है। ये मूलतः बिहार राज्य से संबंध रखते है। 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद वृद्ध नेतृत्व की अनदेखी का आरोप लगाकर मोदी सरकार के विरुद्ध बागी तेवर अपना लिए। वर्तमान यशवंत सिन्हा (yashwant sinha) तृणमूल कांग्रेस पार्टी के नेता है। यह रोचक है कि उनके पुत्र यशवंत सिन्हा भारतीय जनता पार्टी में कार्यरत है।

Indian president list trick

(भारतीय राष्ट्रपतियों के लिस्ट को याद करने की ट्रिक)

भारत के राष्ट्रपति के पद पर एक से बढ़कर एक महान विभूतियां सुशोभित हो चुके है। जिसमे वकील, शिक्षाविद, जज, अर्थशास्त्री और वैज्ञानिक भी शामिल है। इन्हे याद करने में होने वाली दिक्कत को ध्यान में रखते हुए ही विद्यार्थियों के लिए एक सरल ट्रिक (Indian president list trick) का निर्माण किया गया है। 1950 से लेकर वर्तमान तक के राष्ट्रपतियों को एक सरल दोहे के माध्यम से याद किया जा सकता है जो कि निम्न है। इस ट्रिक (Indian president list trick) को बनाने से पूर्व यह मानकर चला गया है कि आपको पूर्व के दो प्रेसिडेंट के नाम याद होंगे। Indian president list trick

Indian president list trick

प्रसाद कृष्ण की गिरी जाकी ली जैनी,

निज राम शंकर नारायण कृपा पावै तैनी.

1. प्रसाद- Dr Rajendra Prasad

2. कृष्ण- Dr Radha Krishnan

3. गिरी- V.V Giri

4. जाकी- Jakir Hussain

5. ली- Fakhruddin Ali Ahmed

6. जै- Dr B.D. jatti

7. नी- Neelam Sanjeev Reddy

8. ज- Jail Singh

9. राम- Ramashankar venkatraman

10. शंकर- Shankar Dayal Sharma

11. नारायण- K R Narayanan

12. कृ- Dr APJ Abdul Kalam

13. पा- Pratibha Devi Singh Patil

14. प्रणब मुखर्जी

15. रामनाथ कोविंद (नाम के क्रम में यद्यपि 15वें है लेकिन कार्यकाल के हिसाब से 14वें राष्ट्रपति है। यदि एक मुख्य कार्यवाहक राष्ट्रपति श्री मोहम्मद हिदायतुल्ला का नाम भी क्रम में गिना जाए तो ये 16वें होंगे )

पंडित जवाहर लाल नेहरू का भारतीय विदेश नीति पर प्रभाव

भारत के 15वें राष्ट्रपति : राष्ट्रपति चुनाव, indian president list trick कार्यकाल मतदान पद्धति पर चर्चा के इस अंक में बस इतना ही अगले आलेख में और कुछ बेहद रोचक तथ्य, विचार और जानकारियां पाने के लिए हमारे वेबसाइट से जुड़े रहे।

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अफ़गानिस्तान की सीमा से लगे देशों को याद रखने की ट्रिक https://nitinbharat.com/afganistan-ki-seema-se-lage-desho-ko-yad-karne-ki-trick/ https://nitinbharat.com/afganistan-ki-seema-se-lage-desho-ko-yad-karne-ki-trick/#comments Wed, 08 Jun 2022 17:42:00 +0000 https://nitinbharat.com/2022/06/08/%e0%a4%85%e0%a4%ab%e0%a4%bc%e0%a4%97%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a4%bf%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%a4%e0%a4%be%e0%a4%a8-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%b8%e0%a5%80%e0%a4%ae%e0%a4%be-%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%b2/ अफ़गानिस्तान की सीमा से लगे देशों को याद रखने की ट्रिक (short trick to remind afganistan neighbours countries): अफ़गानिस्तान को दुनिया का सबसे अशांत देश कहा जाता...

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अफ़गानिस्तान की सीमा से लगे देशों को याद रखने की ट्रिक (short trick to remind afganistan neighbours countries): अफ़गानिस्तान को दुनिया का सबसे अशांत देश कहा जाता है। विश्व शांति सूचकांक में अफगानिस्तान, सूडान और यमन जैसे देशों के साथ सबसे निचले पायदान में रहता है। इसीलिए संघ लोकसेवा आयोग, राज्य लोकसेवा आयोग के साथ देश के लगभग सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में अफगानिस्तान की सीमा से लगे देशों के बारे में प्रश्न पूछे जाते है।

अफ़गानिस्तान की सीमा से लगे देशों को याद रखने की ट्रिक!

अफ़गानिस्तान से अमेरिका के वापस जाने और तालिबान के सत्ता में आने के बाद से यह करीब हर परीक्षा के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण विषय बन गया है। अफगानिस्तान भारत का पड़ोसी राज्य भी है, यहां होने वाली हर एक हलचल भारत के लिए प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से अहम होता है, यही कारण था UPSC prelims 2022 में भी अफगानिस्तान की सीमा से लगे देशों के बारे में प्रश्न पूछा गया था। अफ़गानिस्तान की सीमा से लगे देशों को याद रखने की ट्रिक याद न रहने पर प्रतियोगियों को इस प्रश्न को हल करने में काफी दिक्कत हो सकती थी।

 

अफ़गानिस्तान की सीमा से लगे देशों को याद रखने की ट्रिक “चाइना पुट्टी” (China PUTTII) है। यह अंग्रेजी का एक एक्रोनिम जैसे लगता है। जिसे विस्तार से देखने पर बहुत ही आसान हो जाता है।

 

China PUTTII

 

China-चीन

 

P-पाकिस्तान

 

U-उज़्बेकिस्तान

 

T-तुर्कमेनिस्तान

 

T-तजाकिस्तान

 

I-ईरान

 

I-इंडिया (भारत)

 

यहां ध्यान देने योग्य तथ्य यह है कि भारत अफगानिस्तान का एक पड़ोसी है, और भारत की उत्तरी सीमा 106 (66 mile) किलोमीटर की साझा रूप से अफगानिस्तान से जुड़ी हुई है। इसे डूरंड लाइन के नाम से जाना जाता है। जो कि पाक अधिकृत कश्मीर में मौजूद है। हालांकि दुनिया के कई विवादित नक्से भारत और अफगानिस्तान के मध्य कोई साझा सीमा नहीं दिखाते जो कि भारत सरकार कभी स्वीकार नहीं करती इसी लिए अफ़गानिस्तान की सीमा से लगे देशों को याद रखने की ट्रिक याद करते समय इंडिया का नाम न भूले।

 

इसे भी पढ़ें: अंटार्टिका संधि क्या है?

 

अफगानिस्तान से संबंधित कौन सा प्रश्न UPSC prelims 2022 में पूछा गया था?

 

अफ़गानिस्तान की सीमा से लगे देशों को याद रखने की ट्रिक यदि आपको याद हो गई होगी तो UPSC prelims 2022 में पूछे गए इस आसान से प्रश्न का उत्तर देने का प्रयास कीजिए।

 

प्रश्न: निम्नलिखित देशों पर विचार कीजिए

 

1. अजरबैजान

2. किर्गिस्तान

3. तजाकिस्तान

4. तुर्कमेनिस्तान

5. उज़्बेकिस्तान

 

उपरोक्त में से कौन अफगानिस्तान के साथ सीमा साझा करता है?

 

A. केवल 1,2 और 5

B. केवल 1,2,3 और 4

C. केवल 3,4 और 5

D. 1,2,3,4 और 5

 

इस प्रश्न का उत्तर C होगा क्योंकि अफ़गानिस्तान की सीमा से लगे देशों को याद रखने की ट्रिक में इनका नाम नही आता। इस प्रकार के प्रश्न आने वाले समय में कई प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाने की संभावना है। इसलिए भविष्य के लिए यह ट्रिक सभी प्रतियोगियों के लिए बेहद ही महत्वपूर्ण हो जाता है।

 

प्रतियोगी परीक्षाओं में अफगानिस्तान से सम्बंधित पूछे जाने वाले कुछ अन्य प्रश्न:

 

1. भारत – अफगानिस्तान के मध्य कौन सी सीमा रेखा मौजूद है?

उत्तर – डूरंड लाइन, इसे अंग्रेजों द्वारा सन 1893 में रूस और ब्रिटेन के साम्राज्य के बीच बढ़ते तनाव को कम करने और अफगानिस्तान को एक बफर राज्य के रूप में स्थापित करने लिए खींचा गया था।

 

2. भारत – अफगानिस्तान सीमा की लंबाई कितनी है?

उत्तर – 106 किलोमीटर (66 mile), भारत की उत्तरी सीमा जो कि पाकिस्तान अधिगृहित कश्मीर का हिस्सा है के तहत आता है।

 

3. अफगानिस्तान की मुद्रा क्या है?

उत्तर – अफगान रुपया

 

4. अफगानिस्तान की संसद का क्या नाम है?

उत्तर – नेशनल असेंबली ( 15 अगस्त 2021 से विघटित) तालिबान का सत्ता पर बलपूर्वक कब्जा कर लेने के बाद से राजधानी काबुल और देश का नियंत्रण दोनो तालिबान के हाथों में है।

 

5. भारत अफगानिस्तान से कब विभाजित हुआ?

उत्तर – 1893 डूरंड रेखा के निर्माण के साथ, इससे पूर्व तक पूर्वी पाकिस्तान अफगानिस्तान का हिस्सा था।

 

6. अफगानिस्तान में भारत द्वारा किस प्रसिद्ध डैम का निर्माण किया गया है?

उत्तर – सलमा डैम, यह अफगानिस्तान की एक महत्वपूर्ण बहुउद्देशीय परियोजना है। इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी द्वारा 2016 में किया गया था। सलमा डैम अफगानिस्तान के हरि रूद नदी पर मौजूद है। यह अफगानिस्तान के हेरात प्रांत में बनाया गया है।

 

7. अफगानिस्तान के किस राजमार्ग का निर्माण भारत ने किया है?

उत्तर – जरांज-देलाराम राष्ट्रीय राजमार्ग, भारत द्वारा अफगानिस्तान की इस प्रमुख राजमार्ग का निर्माण किया गया है। इसे रूट 606 नाम से भी जाना जाता है। इसका निर्माण ईरानी सीमा से सटकर और अफगानिस्तान की प्रमुख शहरों को जोड़ते हुए किया गया है। इसकी लंबाई 218 किलोमीटर है। रणनीतिक रूप से यह अफगानिस्तान का एक महत्वपूर्ण राजमार्ग है।

 

8. अफगानिस्तान तक आसान पहुंच के लिए भारत द्वारा किस बंदरगाह का निर्माण किया जा रहा है?

उत्तर – चाबहार बंदरगाह, भारत द्वारा अफगानिस्तान में बिना पाकिस्तान की भूमि का उपयोग किए आसान पहुंच के लिए चाबहार बंदरगाह का निर्माण किया जा रहा है। इस निर्माण हेतु 2016 में समझौता किया गया था। 85 मिलियन डॉलर का निवेश करके इस बंदरगाह को बनाया जा रहा है, इसके अतिरिक्त 150 मिलियन डॉलर का खर्च और अनुमानित है।

ऐसी कल्पना की गई थी कि अफगानिस्तान के रास्ते भारत मध्य एशिया में प्रवेश करेगा लेकिन अफगानिस्तान में तालिबानी सत्ता के बाद यह निवेश खतरे में पड़ता दिख रहा है।

 

9. अफगानिस्तान की अर्थव्यस्था का मुख्य आधार क्या है?

उत्तर – अफीम, अफगानिस्तान दुनिया के सबसे बड़े अफीम उत्पादक देशों में से एक है। नशीले और मादक पौधों के उत्पादन में दुनिया में अफगानिस्तान का प्रमुख स्थान है। ज्ञात हो कि भारत समेत दुनिया के कई देश में अफगानिस्तान से आने वाले नशीले पदार्थो की तस्करी से परेशान रहते है।

 

10. अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता के लिए कौन सा सम्मेलन आयोजित किया जाता है?

उत्तर – हार्ट ऑफ़ एशिया सम्मेलन, इसे इस्तांबुल प्रोसेस नाम से भी जाना जाता है। भारत समेत करीब 11 देश इस उद्देश्य से की अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता आ सके 2011 में इस सम्मेलन की शुरुआत की 2021 में इसका 9वां सम्मेलन तजाकिस्तान के दुशांबे में संपन्न हुआ।

 

अफ़गानिस्तान की सीमा से लगे देशों को याद रखने की ट्रिक और अफगानिस्तान के संबंध में पूछे गए प्रश्नों का संकलन यदि आपको पसंद आया हो तो अन्य लोगो से साझा करें, और अपने राय हमें कमेंट बॉक्स में लिखे।

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Black sea countries trick: रूस-यूक्रेन तनाव के बाद काला सागर (black sea) बहुत ज्यादा सुर्खियों में आ गया है। परीक्षार्थियों के लिए भी यह क्षेत्र अब महत्वपूर्ण हो गया है क्योंकि इस क्षेत्र से प्रश्न के पूछे जाने की संभावना बहुत ज्यादा बढ़ गया है। जिसे परीक्षार्थी मोस्ट इंपोर्टेंट प्रश्न के नाम से जानते है।

काला सागर से लगे देशों को याद रखने की शॉर्ट ट्रिक?

काले सागर (black sea) से सटे देशों के बारे जानेंगे लेकिन आइए इससे पहले जान लेते है। काले सागर के बारे में। Black sea countries trick

काला सागर (black sea) को काला सागर क्यों कहा जाता है?

इसके कई सारे तर्क है जैसे पहले सर्दियों के दिनों में इस समुद्र में एक भयानक तूफान आता था जिससे समुद्र का रंग काला पड़ जाता था, तभी से इसे नाविक काले सागर (black sea) के नाम से बुलाते थे। Black sea countries trick

काला सागर किन देशों से घिरा है?

यह छह देशों, रूस, तुर्की, रोमानिया, बुलगारिया, जॉर्जिया और यूक्रेन से घिरा हुआ है।

काला सागर की गहराई और क्षेत्रफल?

इसकी अधिकतम गहराई 2212 मीटर है, वही क्षेत्रफल 436400 वर्ग किलोमीटर है। इसमें हाइड्रोजन सल्फाइड गैस और कच्चे तेल की अच्छी खासी मात्रा होने का अनुमान है इसीलिए यह बहुत ही महत्वपूर्ण हो गया है।
यह भौगोलिक रूप से एंतोलिया, काकेसस, और यूरोप से घिरा हुआ है।

काला सागर से लगे देशों को याद रखने की शॉर्ट ट्रिक?

काले सागर के सीमा से लगे देशों को एक आसान ट्रिक से याद रखा जा सकता है।
रसिया एंड टर्की आर बी जी विथ यूक्रेन
 
“Russia and Turkey R B G with Ukraine”
इस आसन वाक्य को दो से तीन बार बोलते ही आप के दिमाग में इन देशों का नाम हमेशा के लिए छप जाएगा।
  • Russia- रूस
  • Turkey- तुर्की
  • R- रोमानिया
  • B- बुलगारिया
  • G- जॉर्जिया
  • Ukraine- यूक्रेन

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