CG News Archives - NITIN BHARAT https://nitinbharat.com/category/cg-news/ India's Fastest Growing Educational Website Thu, 21 Nov 2024 14:04:58 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.1 210562443 हसदेव अरण्य पर पूर्व CM भूपेश बघेल ने भाजपा पर किया बड़ा हमला https://nitinbharat.com/cutting-of-hasdeo-forest-bhupesh-baghel-attacks-on-bjp/ https://nitinbharat.com/cutting-of-hasdeo-forest-bhupesh-baghel-attacks-on-bjp/#respond Thu, 21 Nov 2024 13:59:54 +0000 https://nitinbharat.com/?p=838 रायपुर। हसदेव अरण्य के कटाई के संबंध में भाजपा एवं कांग्रेस के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा...

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रायपुर। हसदेव अरण्य के कटाई के संबंध में भाजपा एवं कांग्रेस के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा झूठ बोल रहे, कांग्रेस की उनकी सरकार के 2018 से 2023 के कार्यकाल में अडानी (Cutting Of Hasdeo Forest) से कोई एमओयू नहीं किया गया और न ही अडानी की कंपनी को कोई नया काम दिया गया।

रमन सिंह के समय से जो प्रोजेक्ट चल रहे थे वही शुरू थे। जब-जब मोदी के मित्र अडानी के भ्रष्टाचार के खुलासे होते हैं, तब-तब भाजपा के नेता एकजुट होकर गलत बयानी करके बचाव में जुट जाते हैं।

अमेरिका जैसा सिस्टम यदि भारत में होता तो अडानी हिंडेनबर्ग के खुलासे के बाद से जेल में होते। अडानी की कंपनी से छत्तीसगढ़ में जो भी एमओयू/एमडीओ हुए, वे सब पूर्ववर्ती भाजपा की सरकार में हुए, कांग्रेस में तो गलत तरीके से दिए गए लीज को निरस्त (Cutting Of Hasdeo Forest) करने का प्रस्ताव विधानसभा में पारित करके केंद्र को भेजा है।

2016 में जब इसी तरह से भाजपा की डबल इंजन की सरकार थी तब भी ग्राम सभा की फर्जी एनओसी लगाकर नंदराज पर्वत को बेचा गया, कांग्रेस की सरकार ने तो उसे निरस्त करवाया।

परसा ईस्ट केते बासन, परसा केते एक्सटेंशन सभी हसदेव क्षेत्र के कोल ब्लॉक सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में अडानी एमओयू/एमडीओ के कारण राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम ने रद्द कर दिए थे। अडानी के भ्रष्टाचार पर पर्देदारी करने भाजपा के प्रवक्ता झूठ बोल रहे हैं।

गारे 1 कोल ब्लॉक छत्तीसगढ़ विद्युत उत्पादन कंपनी का रमन सिंह सरकार ने एमओयू/एमडीओ में अडानी को दिया था, कांग्रेस ने नहीं

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आगे कहा है कि 2015 में मोदी सरकार ने इसी पुराने और सुप्रीम कोर्ट द्वारा अवैध ठहराए गए एमओयू/एमडीओ अनुबंध के रहते सभी कॉल ब्लॉक फिर से राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम को आबंटित किए गए उसी समय की वसुंधरा राजे सरकार ने पुनः यह सारे अनुबंध जीवित किया और खनन शुरू कराया। मोदी सरकार ने पुराने एमओयू/एमडीओ अनुबंध को ही चलाने की अनुमति दी।

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ की पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार ने विधानसभा में प्रस्ताव पास कर हसदेव अरण्य क्षेत्र (Cutting Of Hasdeo Forest) के सभी खदानों को रद्द करने का अनुरोध केंद्र सरकार से किया परंतु मोदी सरकार ने रद्द करने से इनकार कर दिया।

अडानी के मुनाफे के लिए कोल बेयरिंग एक्ट में संशोधन हुए, वन अधिकार अधिनियम में आदिवासी विरोधी प्रावधान लादे गए, वन भूमि और हसदेव अरण्य और तमोर पिंगला जैसे अतिमहत्वपूर्ण जैव विविधता संपन्न क्षेत्रों में ‘नो-गो एरिया’ को संकुचित किया गया और कमर्शियल माइनिंग शुरु की गई। यही नहीं देश के नवरत्न कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड और एनएमडीसी के खदानों में भी खनन (Cutting Of Hasdeo Forest) का कार्य दबाव पूर्वक अडानी को दिया गया।

केंद्र सरकार ने नीलामी के तहत तीन नए कोल ब्लॉक छत्तीसगढ़ में अडानी को आवंटित किए जो सभी बहुत कम बोली पर गए। 2022 में एसईसीएल ने अपने नए प्रोजेक्ट जिसमें उत्पादन शुरू होने वाला था ऐसी पेलमा खदान रायगढ़ क्षेत्र में अडानी को एमओयू/एमडीओ के तहत सौंप दिए।

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि महाराष्ट्र में फडणवीस सरकार रहते गारे 2 कोल ब्लॉक का एमओयू/एमडीओ में अडानी को सौंप दिया। केंद्र सरकार के कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल के तहत कोरबा वेस्ट पावर प्लांट रायगढ़ और जीएमआर पावर प्लांट रायपुर और लंको अमरकंटक पावर प्लांट कोरबा सभी अडानी समूह को सौंपने के आदेश हुए जिसमें बैंकों को भारी नुकसान हुआ।

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि मोदी सरकार ने बैलाडीला की आयरन ओर की खदान भी एनएमडीसी के द्वारा अडानी से एमओयू/एमडीओ को सौंप दी थी जो छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार के लगातार विरोध (Cutting Of Hasdeo Forest) के बाद रद्द की गई।

देश के संसाधन गलत तरीके से एक पूंजीपति जो मोदी के मित्र हैं उस पर लुटाया जा रहा है। धन और संसाधन का केंद्रीकरण करके देश के करोड़ों जनता के साथ अन्याय कर रही है मोदी सरकार।

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छत्तीसगढ़ न्याय यात्रा कहां, कब, क्यों निकाली जा रही? https://nitinbharat.com/chhattisgarh-nyay-yatra-when-where-why-and-by-whom-this-yatra-organising/ https://nitinbharat.com/chhattisgarh-nyay-yatra-when-where-why-and-by-whom-this-yatra-organising/#respond Sun, 22 Sep 2024 14:01:25 +0000 https://nitinbharat.com/?p=826 पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज, नेता प्रतिपक्ष डॉ चरण दास महंत ने वरिष्ठ नेताओं के साथ राजीव भवन में पत्रकार वार्ता को सम्बोधित किया जिसमे उन्होंने छत्तीसगढ़ न्याय...

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पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज, नेता प्रतिपक्ष डॉ चरण दास महंत ने वरिष्ठ नेताओं के साथ राजीव भवन में पत्रकार वार्ता को सम्बोधित किया जिसमे उन्होंने छत्तीसगढ़ न्याय यात्रा (Chhattisgarh Nyay Yatra) के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज राजीव भवन में पत्रकारों से चर्चा करते हुये कहा कि 27 सितंबर से परम पूज्य बाबा गुरु घासीदास की तपोभूमि गिरौदपुरी से राजधानी रायपुर तक 125 कि.मी. की पदयात्रा (Chhattisgarh Nyay Yatra) निकालने जा रहे है। यह यात्रा गिरौदपुरी से चलकर 6वें दिन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती के दिन 2 अक्टूबर को गांधी मैदान रायपुर में समाप्त होगी, जहां विशाल आम सभा होगा।

यात्रा का उद्देश्य – रोज हो रही हत्या, लूट, चाकूबाजी, डकैती की घटनाओं से आम आदमी में भय पैदा हो गया है प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था के खिलाफ प्रतिरोध।

राज्य में महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध प्रदेश में रोज हो रही दुराचार, सामूहिक दुराचार की घटनाओं के विरोध में।

गिरौदपुरी के अमर गुफा में जैतखाम के साथ हुये तोड़-फोड़ के विरोध बलौदाबाजार मामले में निर्दोषों की गिरफ्तारी का विरोध तथा कांग्रेस नेताओं और सतनामी समाज के लोगों की रिहाई।

कवर्धा के लोहारीडीह में साहू समाज के 3 बेटो की हत्या, प्रशांत साहू की पुलिसिया प्रताड़ना में हुई मौत की न्यायिक जांच हाईकोर्ट के वर्तमान जज की निगरानी में तथा दोषी पुलिस अधिकारियों (Chhattisgarh Nyay Yatra) के खिलाफ एफआईआर दर्ज किये जाने की मांग। छत्तीसगढ़ सरकार सीरियल कीलर बन गयी है। कभी आदिवासियों को मरवाती है, कभी सतनामियों को, कभी साहू समाज को आगे पता नहीं किसकी बारी है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि गिरौदपुरी परमपूज्य बाबा गुरू घासीदास की तपोभूमि है, बाबा गुरू घासीदास ने मनखे-मनखे एक समान का संदेश दिया था। समाज में एकता, समानता, समरसता का संदेश दिया था, ऐसे परम पूज्यनीय बाबा के धाम से यात्रा निकाल कर हम प्रदेश में भाईचारा, एकता और अपराधमुक्त छत्तीसगढ़ हर व्यक्ति की सुरक्षा की कामना कर रहे है।

नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुये कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने घोषणा किया है कि कांग्रेस तपोभूमि गिरौदपुरी धाम से 6 दिन की पैदल करेंगे। इस यात्रा का निर्णय हम सब के सहमति से हुआ और इस यात्रा में पूरे प्रदेश के सभी लोग शामिल होंगे। भाजपा की सरकार को 9 महिने हुये है और इस सरकार में अत्याचार, अनाचार, दुराचार, मौते, हत्यायें और यहां तक की थाना में जो हत्यायें हो रही हैं। इन सब के खिलाफ में चिंता जाहिर करते हुये इस यात्रा को निकालेंगे और प्रदेश कांग्रेस के सभी साथी उपस्थित रहेंगे, जो लगातार बलौदाबाजार के घटना और कवर्धा के घटना के बाद छत्तीसगढ़ का चाहे सतनामी समाज, साहू समाज चाहे अन्य समाज के प्रति हो ये सौहार्द नहीं बिगड़ना चाहिये। छत्तीसगढ़ शांति का टापू रहा है और छत्तीसगढ़ को शांति का टापू बनाने के लिये इस यात्रा (Chhattisgarh Nyay Yatra) को निकाल रहे है।

पत्रकार वार्ता में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष धनेन्द्र साहू, पूर्व मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, गुरू रूद्र कुमार, प्रभारी महामंत्री मलकीत सिंह गैदू, वरिष्ठ कांग्रेस नेता राजेन्द्र तिवारी, प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला, विधायक शेषराज हरवंश, राघवेन्द्र सिंह, कविता प्राण लहरे, पीआर खुंटे, शैलेश पांडेय, कुलदीप जुनेजा, प्रमोद दुबे, पंकज शर्मा, दीपक मिश्रा, सुबोध हरितवाल, सकलेन कामदार, धनजंय सिंह ठाकुर, सुरेन्द्र वर्मा, उधोराम वर्मा उपस्थित थे।

नक्सलवाद के पूर्ण रूप से खात्मे पर शाह की मैराथन बैठक

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कांग्रेसी खुद नक्सल समस्या की जननी और संरक्षक है; भाजपा https://nitinbharat.com/naxalism-news-chhattisgarh-bjp-slams-congress-for-supporting-naxalism/ https://nitinbharat.com/naxalism-news-chhattisgarh-bjp-slams-congress-for-supporting-naxalism/#respond Fri, 20 Sep 2024 11:09:49 +0000 https://nitinbharat.com/?p=824 रायपुर| भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष विकास मरकाम ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रवक्ता के बयान जिसमे उन्होंने नक्सलवाद (Naxalism News Chhattisgarh) पर भाजपा को नाकाम बताने...

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रायपुर| भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष विकास मरकाम ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रवक्ता के बयान जिसमे उन्होंने नक्सलवाद (Naxalism News Chhattisgarh) पर भाजपा को नाकाम बताने की कोशिश की थी उस पर जबरदस्त प्रहार किया है। मरकाम ने कहा है कि पहले तो कांग्रेस को नक्सलवाद पर बोलने का कोई नैतिक अधिकार नही है क्योंकि ये खुद नक्सल समस्या की जननी और संरक्षक है।

हर बार नक्सली कार्रवाई पर पहला विलाप कांग्रेसियों का ही आता है। इस बार प्रदेश के उप मुख्यमंत्री एवम गृहमंत्री विजय शर्मा द्वारा नक्सल पीड़ित परिवारजनों को केंद्रीय गृहमंत्री से मिलवाने पर कांग्रेस के पेट में दर्द होने पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि किसी बड़े नक्सली के मारे जाने पर भी इनके पेट में सबसे पहले ऐंठन मरोड़ होने लगती है।

विकास मरकाम ने बताया कि 16 अप्रैल को सुरक्षा बलों के एक बड़े ऑपरेशन में कुख्यात नक्सली कमांडर समेत 29 दुर्दांत नक्सली ढेर हो जाते है तब इनके नेता भूपेश बघेल सुरक्षा बलों की पीठ थपथपाने के बजाए कहते है भाजपा शासनकाल में फर्जी नक्सली (Naxalism News Chhattisgarh) मुठभेड़ होते हैं। बीते चार महीनों के दौरान ऐसे मामले बढ़े हैं। बस्तर में पुलिस पर आरोप लगाते हैं कि भोले-भाले ‘आदिवासियों’ को डराती है। जैसे ही उनके बयान की चौतरफा आलोचना शुरू हुई, उन्होंने इससे पल्ला झाड़ सुरक्षा बलों की तारीफ की।

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत नक्‍सलियों को महिमामंडित करने का काम करती दिखती हैं, वह मारे गए नक्‍सलियों को ‘शहीद’ बताती हैं। 25 लाख के इनामी नक्सली के ढेर होने पर कांग्रेस कहती है जो शहीद हुए हैं उनकी जांच होनी चाहिए। राज्यसभा सांसद रंजीत रंजन का नक्‍सली समर्थक बयान सामने आ चुका है। सांसद रंजीत रंजन ने नक्‍सलियों को भोला-भाला इंसान करार दिया था। वास्‍तव में कांग्रेस ने अपने कार्यकाल के दौरान नक्सलवाद को मुख्यधारा में ला खड़ा किया। उन्होंने सलाह दी कि पार्टी को अपना नाम भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (माओवादी) या माओवादी कांग्रेस पार्टी कर लेना चाहिए।

विकास मरकाम ने कहा जब कोई नक्‍सली (Naxalism News Chhattisgarh) पुलिस मुठभेड़ में मारा जाता है तो उसके नेता नक्‍सली के घर जाकर उसे श्रद्धांजलि देने में भी परहेज नहीं करते। छत्‍तीसगढ़ के बस्‍तर रीजन के कांकेर में मारे गए माओवादी (नक्सली) नेता सिरीपेल्ली सुधाकर उर्फ शंकर राव के घर कांग्रेस की एक वरिष्ठ नेता और तेलंगाना की कांग्रेस सरकार में मंत्री अनुसुइया दनसारी उर्फ सीताक्का अभी कुछ दिन पहले ही पहुंची थीं। उनका इससे जुड़ा वीडियो भी वायरल है। यह सर्वविदित है कि नक्सली आंदोलन में एक प्रमुख व्यक्ति सुधाकर कई हिंसक घटनाओं में शामिल था और सुरक्षा बलों को उसकी तलाश थी। शर्म आनी चाहिए कांग्रेसियों को जो सुरक्षा बलों के शहीदों के परिवारों से हमदर्दी रखने के बजाए नक्सलियों से हमदर्दी रखती है। ये वही लोग है जो अर्बन नक्सलियों से मिलकर देश की आंतरिक सुरक्षा को चोट पहुंचाने तक से भी परहेज नहीं करते।

विकास मरकाम ने कहा पिछले 10 सालों में केंद्र की भाजपा सरकार के आक्रामक कार्रवाई के परिणाम स्वरूप आज नक्सली बीजापुर नारायणपुर की छोटी सी गुफा में सिमट कर रह गए है। 2024 के PLGA सप्ताह के ठीक पहले नक्सली पर्चा जारी कर स्वीकार किया की लगातार हो रहे एनकाउंटर और सरेंडर के चलते उनकी कमर टूट गई है। उनके पास लाल लड़ाके नही है। नक्सलियों की कमर टूट गई है आत्मसमर्पण की संख्या बढ़ी है। नक्सली वारदातों में गिरावट आई है। स्थानीय लोगों का विश्वास विकास और शांति की ओर बढ़ा है, लेकिन पूर्ण सफाया में सबसे बड़ी बाधा कांग्रेसी नेताओं का नक्सली समर्थन रवैया है, शहरों में बैठे पंजा छाप अर्बन नक्सल है इससे कांग्रेसियों को बाज आने की हिदायत विकास मरकाम ने दी।

उन्होंने कांग्रेस से प्रश्न पूछा, झीरम कांड संदर्भ में बस्तर टाइगर महेंद्र कर्मा के बेटे छविंद्र कर्मा के मांग के बौजूद कांग्रेस सरकार ने बड़े कांग्रेसी नेताओं का नार्को टेस्ट क्यों नही कराया? सुकमा विधायक कवासी लखमा जो हमले में अकेले जीवित बचे उनका नार्को टेस्ट क्यों नही कराया? जिन कांग्रेसियों पर अपने ही बड़े नेताओं की हत्या के साजिश (Naxalism News Chhattisgarh) के आरोप हो उन्हे दूसरों पर प्रश्न उठाने का कोई अधिकार नहीं है।

विकास मरकाम ने कहा भाजपा डबल इंजन के साथ बस्तर के विकास में पूरा दम झोक रही है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बेहतर संपर्क स्थापित करने के लिए सड़क और पुल बनाए जा रहे हैं। इस वर्ष अभी तक 90 किलोमीटर लंबी 16 सड़कों, 2 पुलों और 72 पुलियों का निर्माण किया गया है। 118 मोबाइल टावर भी स्थापित किए गए हैं। सुरक्षाबलों के प्रत्येक शिविर के प्रत्येक शिविर के आसपास के 5-5 गांवों तक नियद नेल्ला नार (आपका अच्छा गांव) योजना सहित सभी सरकारी योजनाओं को पहुंचाया जा रहा है। सामुदायिक पुलिसिंग के कारण भी ग्रामीणों का नक्सलियों से मोह भंग हो रहा है। राज्य में नक्सली घटनाओं पर कुशल अनुसंधान एवं अभियोजन की प्रभावी कार्रवाई के लिए राज्य अन्वेषण एजेंसी का गठन किया गया है।

क्या आदिवासी हिंदू नही है? Does Tribals Are Not Hindu

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नक्सलवाद के पूर्ण रूप से खात्मे पर शाह की मैराथन बैठक https://nitinbharat.com/union-home-minister-amit-shah-taking-meeting-on-left-wing-extremism/ https://nitinbharat.com/union-home-minister-amit-shah-taking-meeting-on-left-wing-extremism/#respond Sat, 24 Aug 2024 15:35:23 +0000 https://nitinbharat.com/?p=805 केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज छत्तीसगढ़ के रायपुर में छत्तीसगढ़ एवं पड़ोसी राज्यों के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों के साथ वामपंथी उग्रवाद...

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केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज छत्तीसगढ़ के रायपुर में छत्तीसगढ़ एवं पड़ोसी राज्यों के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों के साथ वामपंथी उग्रवाद (Left Wing Extremism) पर समीक्षा बैठक और अंतर्राज्यीय समन्वय बैठक की अध्यक्षता की।

बैठक में वामपंथी उग्रवाद से निपटने की रणनीति, अंतर्राज्यीय समन्वय, सुरक्षा बलों के क्षमता निर्माण, वामपंथी उग्रवाद मामलों की शीघ्र जांच और अभियोजन तथा वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों के व्यापक विकास जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई।

अपने संबोधन में गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ अभियान अब निर्णायक मोड़ पर है और मार्च, 2026 से पहले हम नक्सलवाद को देश से पूरी तरह समाप्त करने के प्रति कटिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि नक्सलवाद (Left Wing Extremism) के खिलाफ अभियान की शुरूआत में जो गति और तीव्रता थी, उससे दो गुना गति और तीव्रता से अब हमें 2 साल और काम करने की ज़रूरत है तभी इस समस्या को पूरी तरह समाप्त किया जा सकेगा।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ विकास, प्रॉसीक्यूशन और ऑपरेशन के तीनों मोर्चों पर एक संपूर्ण रणनीति के साथ लड़ाई लड़ी है जिसके परिणामस्वरूप ये समस्या अब काफी हद तक सिमट गई है। उन्होंने कहा कि अब ये समस्या छत्तीसगढ़ के गिने चुने क्षेत्रों तक सीमित रह गई है।

शाह ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के कारण पिछले 7 महीनों में राज्य सरकार ने इससे पहले अब तक की इसी अवधि में बहुत बेहतर काम किया है। उन्होंने कहा कि इन 7 महीनों में सबसे ज़्यादा नक्सली मारे गए हैं, सबसे अधिक नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है और गिरफ्तार किए गए हैं। गृह मंत्री ने छत्तीसगढ़ शासन को बधाई कि नई सरकार बनने के बाद वामपंथी उग्रवाद (Left Wing Extremism) के खिलाफ अभियान अच्छे ढंग से आगे बढ़ रहा है।

अमित शाह ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद (Left Wing Extremism) के खिलाफ अभियान को और गति देने के लिए सभी पुलिस महानिदेशकों को अपने राज्यों में हर सप्ताह नक्सल ऑपरेशन में लगी टीम के साथ बैठक कर कार्ययोजना बनानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही मुख्य सचिवों को हर 15 दिन में एक बार नक्सल अभियान से जुड़े विकास कार्यों की समीक्षा बैठक करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जब तक नक्सल अभियान की सतत निगरानी नहीं होगी तब तक हम अपेक्षित परिणाम प्राप्त नहीं कर सकेंगे।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई सिर्फ विचारधारा की लड़ाई नहीं है बल्कि विकास के अभाव के कारण पिछड़ रहे क्षेत्रों की भी है। उन्होंने कहा कि वामपंथी उग्रवाद फैलाने वाले लोग इमोशनल तरीके से ट्राइबल भाइयों-बहनों और पूरे समुदाय को गलत रास्ते पर ले जाने का काम करते हैं।

अमित शाह ने कहा कि Joint Task Force (JTF) को हर राज्य में अनुभवी और उपयुक्त बल उपलब्ध हों। उन्होंने कहा कि ये अभियान एक विशिष्ट प्रकार के स्किल के साथ करने वाला काम है और इसमें उन्हीं अधिकारियों को लगाना चाहिए जो इसके लिए उपयुक्त हैं तथा जिन्हें क्षेत्र की जानकारी हो। उन्होंने कहा कि पुलिस महानिदेशकों को स्वयं Joint Task Force (JTF) की समीक्षा और उनमें बदलाव करने चाहिएं।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि राज्यों की Special Investigation Agency (SIA) को NIA की तर्ज पर जांच और प्रॉसीक्यूशन के लिए तैयार और प्रशिक्षित करने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि जब तक राज्य, non-returnable point पर पहुंच चुके उग्रवादी (Left Wing Extremism) को सजा नहीं दिलाएंगे, तब तक इस समस्या पर काबू नहीं पाया जा सकेगा। शाह ने कहा कि आत्मसमर्पण की नीति लचीली होनी चाहिए लेकिन इसका गलत उपयोग न हो, इसके लिए प्रयास किए जाने चाहिएं।

अमित शाह ने कहा कि राज्यों को नक्सलवाद से संबंधित अंतर्राज्यीय मामलों की जांच NIA को देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वामपंथी उग्रवाद के वित्त पोषण, हथियारों की सप्लाई औऱ उनकी मैन्युफैक्चरिंग पर हर राज्य को बहुत ध्यान से काम करने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि UAPA के मामलों में प्रॉसीक्यूशन को बेहतर रूप से तैयार करने के लिए के लिए स्टैंडर्ट आपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) के ज़रिए समन्वय पर ध्यान दिया जाना चाहिए। श्री शाह ने वामपंथी उग्रवाद मामलों की जांच से जुड़ी और प्रॉसीक्यूशन टीमों की ट्रेनिंग NIA से कराए जाने पर बल दिया।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने राज्यों के मुख्य सचिवों से कहा कि वे विकास के कामों की निगरानी करें जिससे सरकारी योजनाओं का शत-प्रतिशत सैचुरेशन हो और इनका लाभ वामपंथी उग्रवाद प्रभावित अभावग्रस्त क्षेत्रों की जनता को हो। उन्होंने कहा कि राज्यों को वामपंथी उग्रवाद (Left Wing Extremism) के कारण निरक्षर रह गए लोगों की पढ़ाई के लिए नीति बनाने पर काम करना चाहिए।

अमित शाह ने वामपंथी उग्रवाद की सप्लाई चेन और इसके वित्तपोषण पर समग्रता से प्रहार करने पर ज़ोर दिया।

अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार वामपंथी उग्रवाद के पूरे इकोसिस्टम को खत्म करने के प्रति कटिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सभी राज्यों को मिलकर इस अभियान को comprehensive तरीके से आगे बढ़ाना है। शाह ने कहा कि हमें वामपंथी उग्रवाद (Left Wing Extremism) की विचारधारा का समर्थन करने वालों से लड़ने के साथ ही अपनी बात विनम्रता और द़ढ़ता के साथ समाज के सभी वर्गों को भी बतानी होगी। उन्होंने कहा कि वामपंथी उग्रवाद के पीड़ित लोगों के भी मानवाधिकार हैं।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने भारत को वामपंथी उग्रवाद से मुक्त करने का जो लक्ष्य हमारे सामने रखा है उसे प्राप्त करने के लिए हमें मिलकर इस अभियान को तीव्र गति से आगे ले जाना होगा। उन्होंने कहा कि वामपंथी उग्रवाद एक राष्ट्रीय, मानवीय और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी समस्या है और हमें ये प्रयास करने चाहिए कि हम मार्च, 2026 में देश को इससे पूरी तरह से मुक्त घोषित कर सकें।

अमित शाह ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने सरकारी योजनाओं के शत-प्रतिशत सैचुरेशन का अभियान शुरू किया है और इसके साथ-साथ बस्तर ओलिंपिक, पैराओलिंपिक, स्थानीय कला, संस्कृति और खानपान का सम्मान बढ़ाने का काम किया है।

बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय, केन्द्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन, निदेशक, आसूचना ब्यूरो और राष्ट्रीय जांच ऐजेंसी (NIA), CRPF, BSF, SSB और ITBP के महानिदेशक शामिल हुए। बैठक में आंध्र प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा और तेलंगाना के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक भी शामिल हुए। (Left Wing Extremism)

कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ की जनता की तरफ से अमित शाह से पूछे 11 सवाल

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ईडी दफ्तर का घेराव कर कांग्रेसी नेताओं ने कहा हमारी सरकार आई तो करेंगे सबसे पहले ये काम https://nitinbharat.com/chhattisgarh-congress-protest-in-front-of-enforcement-directorate-office/ https://nitinbharat.com/chhattisgarh-congress-protest-in-front-of-enforcement-directorate-office/#respond Thu, 22 Aug 2024 15:22:41 +0000 https://nitinbharat.com/?p=802 रायपुर। भाजपा की केन्द्र सरकार के द्वारा केन्द्रीय एजेंसियो के दुरूपयोग तथा ईडी की कार्यप्रणाली को लेकर कांग्रेस ने देशव्यापी ईडी दफ्तर के सामने घेराव किया। छत्तीसगढ़...

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रायपुर। भाजपा की केन्द्र सरकार के द्वारा केन्द्रीय एजेंसियो के दुरूपयोग तथा ईडी की कार्यप्रणाली को लेकर कांग्रेस ने देशव्यापी ईडी दफ्तर के सामने घेराव किया। छत्तीसगढ़ में भी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज, नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ईडी दफ्तर (chhattisgarh congress protest) के सामने घेराव प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा।

कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ की जनता की तरफ से अमित शाह से पूछे 11 सवाल

इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि ईडी ने देश भर में 5 हजार 422 केस दर्ज किया है। जिसमें 300 केस छोड़ दे तो बाकी सभी केस विपक्ष के नेताओं का केस है। विपक्ष को डराओं, धमकाओ और अपनी पार्टी में शामिल कर लो यह काम केंद्र की भाजपा की सरकार करती है।

आज तक इस तरह ईडी और आईटी का दुरुपयोग कभी नहीं हुआ। लेकिन कांग्रेस पार्टी डरने वाली नहीं है। कांग्रेस पार्टी का एक विचारधारा है सत्य और अहिंसा पर चलना है। भाजपा की केन्द्र सरकार को ईडी और आईटी का दुरूपयोग को छोड़ देना चाहिये और उनके मूल काम पर लगा देना चाहिये। विपक्षी नेताओं यहां छापा मारकर परेशान किया जाता है। कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने झीरम में गोली खाई है कांग्रेस पार्टी हर बलिदान के लिये तैयार रहती है।(chhattisgarh congress protest)

ईडी, सीबीआई, आईटी से कांग्रेस पार्टी डरने वाली नही है और हिंंडनबर्ग की रिपोर्ट से सबसे बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है। कांग्रेस पार्टी केन्द्र सरकार और छत्तीसगढ़ सरकार के खिलाफ लड़ने को तैयार है हमारे कार्यकर्ता डरने वाला नही है। हमारा एक-एक कार्यकर्ता इस लड़ाई को लड़ेगा। बलौदाबाजार घटना में यूथ जिलाध्यक्ष, एनएसयूआई जिलाध्यक्ष और दो बार के विधायक जेल में बंद कर दिया लेकिन कांग्रेस पार्टी डरने वाली नही है।

हमारे नेताओं को जेल भेजोगे तो हमारे एक-एक कार्यकर्ता, पार्टी  और हम सब मिलकर यह लड़ाई को लडेंगे। यह भाजपा की सरकार बदले की भावना से काम कर रही है। जनता को भाजपा की सरकार पर भरोसा नहीं है। भाजपा की सरकार से जनता का मन उठ गया। भाजपा सरकार में कानून व्यवस्था बदहाल है। भाजपा सरकार मुद्दो को भटकाने के लिये कभी किसी की गिरफ्तारी और किसी के खिलाफ एफआईआर कराने का काम करती है। (chhattisgarh congress protest)

कांग्रेस पार्टी विपक्ष में रहते हुये जनता के मुद्दों को उठाती है। हम जनता के मुद्दों के लिये लड़ेंगे और जनता के हित के लिये भी लड़ेंगे। भाजपा सरकार हमारे नेताओं को जेल में बंद कर रही है और समझ रही है कि कांग्रेस पार्टी डर जायेगी तो कांग्रेस पार्टी डरने वाली नही है।

भाजपा की सरकार हमारे 1 नेता को जेल भेजती है हमारे हजारों कार्यकर्ता जेल जाने को तैयार है। जेल की दीवारे कम पड़ जायेगी और एफआईआर के पन्ने कम पड़ जायेंगे। इतिहास लिखने और इतिहास बदलने की लिये कांग्रेस पार्टी तैयार है। ये सब से हम डरने वाले नही है इस सबसे हम लड़ने वाले है। (chhattisgarh congress protest)

हमारा एक-एक कार्यकर्ता मजबूत है चाहे जो भी जांच करा लो। हमारे कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता डरने वाला नहीं है। आज पूरे देश में सेन्ट्रल एजेंसियों के खिलाफ कांग्रेस के कार्यकर्ता घेराव करने को तैयार है। केन्द्र की सरकार बदले की भावना से काम करना बंद करे।

नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि सेबी के प्रमुख की सेबी अडानी के साथ मिलने का जो समाचार मिला उसके बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लोकसभा में जेपीसी की मांग की दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा।

जेपीसी की जांच नहीं करवाई क्योंकि हिर्डनबर्ग ने जो आरोप लगाये थे अडानी के ऊपर, अडानी के भाई के ऊपर और सेबी में जो अध्यक्ष है अडानी के साथ मिले हुये है उन लोगो की मिलीभगत से देश में सबसे बड़े घोटाले का कार्य हुआ है। इसके संदर्भ में राहुल गांधी ने तीन मांगे रखी थी पहला सेबी प्रमुख इस्तीफा दे, दूसरा निवेशकों का पैसा जो गवाया गया है उसकी भरपाई कहां से करेंगे और जेपीसी जांच की मांग राहुल गांधी ने की थी। (chhattisgarh congress protest)

मोदी ने अडानी को संरक्षण दिया है। चाहे जंगल काटने का मामला हो संरक्षण अडानी को मिलता है। चाहे जमीने देने की बात हो संरक्षण अडानी को दिया जाता है। यहां के अनेक संस्थान जो बने है उसको अडानी को दिया जाता है। गरीब नौकरी करने वाले को कुछ नहीं मिला है। जो मिला है अडानी को मिला है।

इसकी जांच न सीबीआई कर रही है और न ही जांच एजेंसियां कर रही है। जितने शेयर बाजार में खेल खेलने वाले है सभी सेबी में फसे हुये है। शेयर के भाव को कैसे कम करना है, शेयर के भाव को कैसे नीचे गिराना है, शेयर के भाव को कैसे ऊपर उठाना है और शेयर के भाव को नीचे से ऊपर कैसे ले जाना है।

मोदी और अडानी पूरे देश को बेचना चाहते हैं। न ही इसके खिलाफ सीबीआई जांच करेगी और न ही इसके खिलाफ ईडी जांच करेगी। जो शेयरधारी नहीं है, कांग्रेस के लोग है, जिनको शेयर का कुछ भी नहीं आता इसके बारे में ईडी सीबीआई जांच करेंगे इसका विरोध हम कर रहे है। बड़े जमीन से तेल, डीजल पेट्रोल निकालते है। मोदी ने अडानी को सिखाया है कि रेत से भी तेल निकलता है। तेल को निवेशकों और शेयर बाजार के माध्यम से दो गुना, चार गुना, दस गुना, सौ गुना तक किया जाता है। (chhattisgarh congress protest)

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि दो महीने के भीतर में दो महीने में मोदी सरकार अब तो मोदी सरकार नही रहा। अब तो एनडीए सरकार है। चार बार यूटर्न मार चुके है। डायरेक्ट भर्ती कर रहे थे, यूपीएससी कोई परीक्षा दिलाये बगैर खाकी वाले को वहां को सीधा पहुंचा देंगे।

राहुल गांधी ने विरोध किया और विपक्ष दल के लोगो ने विरोध किया और 24 घंटे में उसको वापस करना पड़ा। यूट्यूब, सोशल मीडिया और मीडिया को कंट्रोल करने के लिये जो कानून ला रहे थे और विरोध को देखते ही उस कानून को वापस लेना पड़ा। चार-चार मामले वापस हो चुके है। एनडीए की सरकार बैसाखियो से टीकी पड़ी है। (chhattisgarh congress protest)

नीतीश बाबू के डर से निर्णय बदलेंगे, नायडू के डर से निर्णय बदलेंगे, चिराग पासवान के बोलने से बदल दिये। मोदी का छप्पन इंच का सीना नही चल रहा है। ईडी के अधिकारियो से कहना चाहता हूं कि अपना रवैया सुधार ले ये भरोसा नहीं कब साथ छोड़ दे। संविधान के हिसाब से नियम और कानून के हिसाब से चलना चाहिये। समय बदलते देर नहीं है सरकार बदलते ही सुप्रीम कोर्ट के तीन जज के कमेटी बना के ईडी, सीबीआई, डीआरआई जो जांच कर रहे है उनका जांच करवाना है।

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कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ की जनता की तरफ से अमित शाह से पूछे 11 सवाल https://nitinbharat.com/amit-shah-in-chhattisgarh-for-three-days-visit/ https://nitinbharat.com/amit-shah-in-chhattisgarh-for-three-days-visit/#respond Thu, 22 Aug 2024 13:59:17 +0000 https://nitinbharat.com/?p=799 रायपुर: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah In Chhattisgarh) कल से तीन दिन के छत्तीसगढ़ दौरे पर आ रहे है, इस दौरान वे प्रदेश की कानून व्यवस्था,...

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रायपुर: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah In Chhattisgarh) कल से तीन दिन के छत्तीसगढ़ दौरे पर आ रहे है, इस दौरान वे प्रदेश की कानून व्यवस्था, नक्सल प्रभावित क्षेत्र के नई रणनीति समेत कई विषयों पर बैठकें कर सकते है। लेकिन इस दौरे के पूरे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने उनसे 11 सवाल पूछा है। उन्होंने अमित शाह से पूछा कि:

1.राज्य की कानून व्यवस्था क्यों बदहाल है?

राज्य में डबल इंजन की सरकार बनने के बाद प्रदेश की कानून व्यवस्था क्यों बदहाल हो गयी है? महिलाओं के प्रति अपराध बढ़ गये, 2000 से अधिक महिला उत्पीड़न की घटनायें हो गयी, 600 से अधिक हत्या हो गयी, अपराधी बेलगाम हो गये। एसपी, कलेक्टर कार्यालय जलाये जा रहे। 8 महीने में प्रदेश में कानून का राज खत्म हो गया है। आप केंद्रीय गृहमंत्री (Amit Shah In Chhattisgarh) है इस पर क्या कहेंगे?

2.आरक्षण विधेयक कब तक लंबित रहेगा?

छत्तीसगढ़ की जनता के हित में भूपेश सरकार ने विधानसभा से आरक्षण संशोधन विधेयक पारित करवा कर राजभवन भेजा है, इस विधेयक में सर्व समाज के लिये आरक्षण का प्रावधान है जिसमें आदिवासी समाज के लिये भी 32 प्रतिशत ओबीसी के लिये 27 प्रतिशत अनुसूचित जाति के लिये, 13 प्रतिशत अनारक्षित वर्ग के गरीबो के लिये 4 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है। अमित शाह जवाब दे आदिवासियों का 32 प्रतिशत आरक्षण कब तक राजभवन में लंबित रहेगा? संवैधानिक रूप से राजभवन केन्द्रीय गृह मंत्रालय को रिपोर्ट करता है। आप गृहमंत्री है। अमित शाह (Amit Shah In Chhattisgarh) जी बताये आरक्षण संशोधन विधेयक पर कब तक हस्ताक्षर होगा? आदिवासी समाज को उसकी आबादी के अनुपात में उसका हक मिलने आप और भाजपा क्यों बाधा बनी हुई है?

3.छत्तीसगढ़ के हसदेव के वन क्षेत्रों की कटाई क्यों हो रही है?

राज्य में भाजपा की सरकार बनने के बाद हसदेव क्षेत्र में वनों की कटाई फिर से शुरू हो गई। राज्य की भाजपा सरकार ने राजस्थान सरकार को कोल ब्लॉक में उत्खनन की अनुमति दे दी। क्या यह डबल इंजन सरकार का राज्य की जनता पर और राज्य के पर्यावरण पर प्रहार नहीं है? इस पर आप का क्या कहना है?

4.नगरनार प्लांट क्यों बेच रहे?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बस्तर के नगरनार संयंत्र के उद्घाटन के अवसर पर कहा था इस संयंत्र का निजीकरण नहीं होगा। यह बस्तर की जनता की अमानत है, आपने भी यही कहा था उसके बाद भी नगरनार संयंत्र के बेचने की खबरे क्यों सामने आ रही है? क्या आप छत्तीसगढ़ से इन खबरों का खंडन करेंगे? बस्तर का नगरनार संयंत्र नहीं बेचा जायेगा, छत्तीसगढ़ की जनता को आश्वसान देंगे?

5. नंदराज पहाड़ की लीज केन्द्र रद्द क्यों नहीं कर रहा?

नंदराज पहाड़ से ग्रामीणों की आस्था जुड़ी हुई है वे उस पहाड़ को देवतुल्य मानते हैं और उसकी पूजा करते हैं। बैलाडीला नन्दराज पहाड़ लौह अयस्क के दोहन हेतु रमन सरकार ने 2016-17 में अडानी को लीज पर दिया था। जिसके विरोध में क्षेत्र के ग्रामीणों ने लंबा संघर्ष किया। भूपेश बघेल सरकार बनते ही राज्य सरकार अडानी को दी गयी लीज खारिज कर दिया था, परंतु आज दिनांक तक केन्द्र ने इसके लिए किसी प्रकार की नोटिफिकेशन जारी नही किया। अमित शाह जी (Amit Shah In Chhattisgarh) बताये अडानी का हित बड़ा है या आदिवासियों की आस्था?

6. एनएमडीसी का मुख्यालय बस्तर में क्यों नहीं आ रहा?

एनएमडीसी भारत की वह नवरत्न कंपनी है जो लौह अयस्क तो बस्तर से निकालती है और उसे दुनिया भर में भेजती है परंतु अपना मुख्य कार्यालय बस्तर की बजाए तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में बनाए बैठी है, पूर्व में बस्तर में यातायात के अभाव से यह निर्णय ठीक लगता था परंतु वर्तमान में बस्तर भी अब सर्वसुविधायुक्त बन चुका है एन एम डी सी को अपना मुख्यालय अब बस्तर में बनाना चाहिए ताकि बस्तर के बेरोजगार युवाओं के लिए एन एम डी सी में रोजगार का द्वार खुल सके। अमित शाह (Amit Shah In Chhattisgarh) जी बताये एनएमडीसी का मुख्यालय बस्तर में क्यों नहीं आ रहा?

7. दल्लीराजहरा जगदलपुर रेल लाइन क्यों शुरू नहीं हो रही?

सन् 2017-18 में दल्लीराजहरा रेलमार्ग के निर्माण का उद्घाटन स्वयं देश के प्रधानमंत्री ने भानुप्रतापपुर से किया था और मंच से आश्वस्त किया था कि 2021 में यह बनकर तैयार हो जाएगा और इस रेलमार्ग में यात्री ट्रेनें सरपट दौड़ेगी परंतु आज दिनांक तक यह रेल लाइन का कार्य खत्म नहीं हुआ है जो कि बस्तर की जनता के साथ छलावा है। अमित शाह बताये यह कब पूरा होगी?

8. भारतमाला परियोजना रोड को जगदलपुर से क्यों नही जोड़ा जा रहा?

भारत माला ओडिशा के नवरंगपुर से होकर जा रही है नगरनार से भारत माला की दूरी 32 किमी के आसपास है केन्द्र सरकार जगदलपुर से भारत माला तक जोड़ने पहल करे या एनएमडीसी नगरनार से भारत माला तक सड़क निर्माण कराये।

9. मोदी सरकार ने 2006 के वन अधिकार अधिनियम में संशोधन क्यों किया?

जल, जंगल, जमीन के अधिकारों से स्थानीय आदिवासियों को वंचित करने और खनन माफिया अपने नीति पूंजीपति मित्रों को अनुचित लाभ पहुंचाने 2006 के वन अधिकार अधिनियम के महत्वपूर्ण प्रावधानों को मोदी सरकार ने शिथिल कर दिया है क्या केंद्रीय गृह मंत्री (Amit Shah In Chhattisgarh) आदिवासियों से माफी मांगेंगे?

10. एनआईए की कार्यवाही पक्षपात पूर्ण क्यों?

टेरर फंडिग मामले में भाजपा के पूर्व मंत्री के भाई पेखन गागड़ा और भाजपा के जिला उपाध्यक्ष पर 91 करोड़ उगाही का आरोप है, एनआईए की कार्यवाही में उनको किसके दबाव में छोड़ा गया है? उन पर कार्यवाही कब होगी? वैसी ही मामले में 4-5 आदिवासियों पर एनआईए ने कार्यवाही की है लेकिन भाजपा समर्थित लोगों को संरक्षण क्यों?

11. बस्तर में फर्जी मुठभेड़ों में आदिवासियों की मौत पर क्यों चुप है?

बस्तर के अनेक स्थानों पीड़िया, कोयलीबेड़ा, बीजापुर में सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में ग्रामवासियों का मानना है कि 30 से अधिक निर्दोष आदिवासियों की जाने गई है क्या केंद्र सरकार इन मामलों की निष्प्क्ष जांच कर आदिवासियों को न्याय देगी? (Amit Shah In Chhattisgarh)

रायपुर से दुर्ग के बीच मेट्रो पर रूस के साथ MoU पर राह नहीं आसान

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रायपुर से दुर्ग के बीच मेट्रो पर रूस के साथ MoU पर राह नहीं आसान https://nitinbharat.com/metro-in-chhattisgarh-mou-with-russia-to-run-a-light-metro/ https://nitinbharat.com/metro-in-chhattisgarh-mou-with-russia-to-run-a-light-metro/#respond Thu, 22 Aug 2024 13:00:49 +0000 https://nitinbharat.com/?p=795 Raipur: रायपुर नगर निगम के महापौर एजाज ढेबर ने रूस में चल रहे इंटरनेशनल ट्रांसपोर्ट मीट में रूस के ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर के साथ एक एमओयू (MoU) में...

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Raipur: रायपुर नगर निगम के महापौर एजाज ढेबर ने रूस में चल रहे इंटरनेशनल ट्रांसपोर्ट मीट में रूस के ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर के साथ एक एमओयू (MoU) में हस्ताक्षर किया है जिसके अनुसार रूस की लाइट मेट्रो तकनीक (Metro in Chhattisgarh MoU) को रायपुर से दुर्ग भिलाई के मध्य चलाया जाएगा। इसके लिए जल्द ही टेक्निशियनों की टीम रायपुर नगर निगम एवं भिलाई क्षेत्र का दौरा करेगी।

सरकार लंबे समय से ही प्रयास कर रही थी कि छत्तीसगढ़ में लोगों को मेट्रो की सुविधा प्राप्त हो लेकिन सफलता हाथ नहीं लग रही थी। रायपुर मेयर एजाज ढेबर ने स्वयं कहा कि उन्हें 3 सालों बाद यह सफलता मिली है।

बेहद चुनौतीपूर्ण है प्रोजेक्ट की राह:

1. रायपुर नगर निगम के चुनाव आगामी दिसंबर जनवरी में होने जा रहे है, जब तक टेक्नीशियन टीम आयेगी जांच करेगी तब तक आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी। इतिहास गवाह है, सत्ता परिवर्तन के बाद MoU ठंडे बस्ते में चले जाते है।

2. रायपुर-दुर्ग क्षेत्र में निजी बस चालकों की जबरदस्त लॉबी काम करती है, जो किसी भी कीमत पर इस प्रोजेक्ट को अंदरखाने समर्थन नहीं देगी।

3. एजाज ढेबर जो कि छत्तीसगढ़ में विपक्षी दल के नेता है उनके लिए सत्तारूढ़ भाजपा से सहयोग लेना मुश्किल होगा, भाजपा किसी भी कीमत पर इतने बड़े प्रोजेक्ट का श्रेय एजाज ढेबर को जाने नही देगी।

4. सिटी बसों की व्यवस्था ठप्प है, ऐसे में स्वतंत्र रूप से मेट्रो का परिचालन महज स्वप्न लगता है, ऐसा इसलिए क्योंकि जहां भी मेट्रो चली है उसे सपोर्ट देने के लिए इंटीग्रेटेड ट्रांसपोर्ट सिस्टम पहले से मौजूद रहा है।(Metro in Chhattisgarh MoU)

5. 500 करोड़ का बजट, भूमि अधिग्रहण, अन्य नगर निगम से सहयोग लेना ये बहुत चुनौतीपूर्ण है, जब तक इसमें सत्ता धारी राज्य सरकार भूमिका में नही आ जाती।

हालांकि पहली बार मजबूती के साथ MoU पर हस्ताक्षर हुआ है, अब तक केवल कागजों में बातें कही जाती थी। यदि आगामी नगर निगम चुनाव में भाजपा सरकार नगर निगम में बनती है तो आने वाले 2026 तक छत्तीसगढ़ वासियों का यह सपना पूरा भी हो सकता है। (Metro in Chhattisgarh MoU)

ज्ञात हो कि सिटी बस व्यवस्था ठप्प होने के चलते निजी बस चालकों-कंडक्टरों का मनमाना रवैया यात्रियों को दुर्ग-रायपुर के बीच अक्सर सामना करना पड़ता है। महज 40 से 45 किलोमीटर की दूरी को तय करने के लिए यात्रियों को लगभग 2 घंटे का समय लग जाता है। इसलिए सर्वाधिक आवश्यकता मेट्रो की इसी रूट पर है। (Metro in Chhattisgarh MoU)

चुनावों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की भूमिका एवं सीमाएं

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मोहन मरकाम की जगह नए पीसीसी अध्यक्ष तय https://nitinbharat.com/mohan-markam-chhattisgarh-news-pcc-chief-is-likely-to-be-removed/ https://nitinbharat.com/mohan-markam-chhattisgarh-news-pcc-chief-is-likely-to-be-removed/#respond Tue, 04 Apr 2023 12:34:41 +0000 https://nitinbharat.com/?p=651 छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही कई तरह की बदलाव भाजपा और कांग्रेस पार्टी में किए जा रहे हैं। भाजपा ने कुछ महीने पूर्व पूरी राज्य...

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छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही कई तरह की बदलाव भाजपा और कांग्रेस पार्टी में किए जा रहे हैं। भाजपा ने कुछ महीने पूर्व पूरी राज्य मशीनरी की सर्जरी की थी। वहीं कांग्रेस में चुनाव से ठीक 6 महीने पूर्व बदलावों की सुगबुगाहट तेज हो गई है। इसमें सबसे बड़ा बदलाव कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष एवं कोंडागांव विधायक मोहन मरकाम (Mohan markam chhattisgarh news) के बदलने की खबर है। मंगलवार को कांग्रेस के चार वरिष्ठ और कद्दावर नेता दिल्ली रवाना होते हैं। जिसमें चरणदास महंत, अमरजीत भगत, ताम्रध्वज साहू और टीएस सिंह देव शामिल थे। इसके कुछ ही घंटे बाद तत्काल बस्तर के सांसद दीपक बैज को दिल्ली बुलाया जाता है। मीडिया और सोशल मीडिया पर पत्रकारों द्वारा दावा किया जा रहा है कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष को बदलने की पूरी रूपरेखा खींची जा चुकी है।

कांग्रेस में अंदरूनी खींचतान

हाल ही में बजट सत्र में पीसीसी अध्यक्ष, मोहन मरकाम (Mohan markam chhattisgarh news) ने अपने विधानसभा क्षेत्र में डीएमएफ राशि में 7 करोड़ के बंदरबांट की जांच की मांग की थी। जिसके बाद से कॉन्ग्रेस पार्टी और मुख्यमंत्री बघेल बैकफुट पर नजर आ रहे थे। विपक्ष ने इसे बड़ा मुद्दा बना दिया था। सरकार की काफी किरकिरी हो रही थी। इसके बाद से उन्हें बदलने की कवायद शुरू हो गई। ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम की दूरियों की खबर मीडिया में काफी समय से चल रही थी। हाल ही में कांग्रेस पार्टी के महाधिवेशन रायपुर में आयोजित किया गया जिसमें प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम के पोस्टर बहुत कम मात्रा में देखे गए थे। कई बैठकों में भी उन्हें शामिल न करने की खबर मीडिया में चल रही थी। इसके बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि कांग्रेस पार्टी में अंदरूनी खींचतान चल रही है। जोकि विधानसभा में डीएमएफ घोटाले पर जांच की मांग करने पर और भी बढ़ गई।

भ्रष्टाचार उजागर करने की मिली सजा?

विपक्ष द्वारा इसे बड़ा मुद्दा न बनाया जाए इसलिए कांग्रेस पार्टी किसी आदिवासी को ही प्रदेश अध्यक्ष के रूप में चयनित कर सकती है हालांकि भारतीय जनता पार्टी का अब भी कहना है कि पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम को भ्रष्टाचार उजागर करने की सजा मिली है। जबकि कांग्रेस पार्टी का कहना है कि कॉन्ग्रेस पार्टी के रूल बुक में अध्यक्ष को बदलने और उनके कार्यकाल से संबंधित पूरी प्रक्रिया है। क्योंकि मोहन मरकाम (Mohan markam chhattisgarh news) का कार्यकाल पूर्ण हो चुका है, इसलिए अध्यक्ष का बदलाव कोई अंदरूनी कलह के चलते नहीं किया जा रहा है।

कौन होगा छत्तीसगढ़ कांग्रेस पार्टी का नया अध्यक्ष?

कांग्रेस पार्टी के नए अध्यक्ष के रूप में यदि आदिवासी चेहरों की बात की जाए तो इसमें सरगुजा संभाग के कांग्रेस के कद्दावर नेता अमरजीत भगत और टी एस सिंह देव का नाम सबसे आगे है जबकि बस्तर संभाग से सांसद दीपक बैज का नाम सबसे आगे है क्योंकि भाजपा छत्तीसगढ़ के सत्ता का रास्ता बस्तर की ओर से खोज रही है अतः इसे काउंटर करने के लिए कांग्रेस पार्टी बस्तर के किसी नेता को ही अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दे सकती है साथ ही दीपक बैज सांसद हैं और अभी तक राज्य के खींचतान में उनका कोई नाम नहीं है इसलिए वे एक प्रबल दावेदार नजर आते हैं।

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हो सकते हैं और बदलाव?

चुनाव के नजदीक आते ही छत्तीसगढ़ में सामाजिक राजनीतिक समीकरणों को संतुलित करने के लिए मंत्री पद एवं निगम मंडल आयोगों में भी बदलाव की आशंका जताई जा रही है इसमें आदिवासी मंत्रियों को और वरीयता के साथ-साथ महत्व देने की खबर है हालांकि हमारे सूत्र कहते हैं कि विधानसभा में 6 माह से भी कम का समय बचा है ऐसे में कांग्रेस पार्टी किसी बड़े बदलाव की जगह केवल अध्यक्ष बदल कर ही चुनाव में जाएगी।

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क्या आदिवासी हिंदू नही है? Does Tribals Are Not Hindu https://nitinbharat.com/does-tribals-are-hindu/ https://nitinbharat.com/does-tribals-are-hindu/#comments Fri, 31 Mar 2023 18:19:27 +0000 https://nitinbharat.com/?p=641 does tribals are hindu: झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने केंद्र सरकार से विधानसभा में पृथक आदिवासी कोड जारी करने के लिए आग्रह बिल ला चुकी है...

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does tribals are hindu: झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने केंद्र सरकार से विधानसभा में पृथक आदिवासी कोड जारी करने के लिए आग्रह बिल ला चुकी है मध्यप्रदेश और राजस्थान में भी इसी तरीके की मांग की जाती है रही है। जबकि पूर्णोत्तर भारत में यह मांग कई गुना मुखर तरीके से उठती रही है।

हाल ही में छत्तीसगढ़ के कैबिनेट मंत्री कवासी लखमा ने भी यह बयान दिया कि आदिवासी हिंदू नहीं है। एक तरफ जहां कई लोगों, साधु संतो द्वारा भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने की मांग की जा रही है वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के आदिवासी बहुल राज्य के मंत्री द्वारा आदिवासियों के लिए अलग धर्म कोड की मांग भारत में हिंदुत्व के बहस को नया मोड़ देने वाला है। आइए समझने की कोशिश करते हैं क्या आदिवासी सच में हिंदू नहीं है?does tribals are hindu

आदिवासी आदिवासियों को वनवासी, जनजाति और आदिम जाति आदि नामों से जाना जाता है। विदेशी आक्रांता काल में में इन्हे आदिवासी का नाम दिया गया। इसके पीछे की मान्यता थी कि ये भारत के सबसे पुराने लोग है। इतिहासकारों ने आदिवासियों को अनार्य की श्रेणी रखा और कहा कि आर्य भारत के बाहर से आकर बसे वैदिक उत्तर वैदिक धर्म की स्थापना की जो आज हिंदुत्व या हिंदू धर्म के नाम से जाना जाता है (Does tribals are hindu)। इसपर भी अलग अलग इतिहासकारों के अलग अलग मत है।

पहले पक्ष का तर्क:

आदिवासियों को हिंदुओं की श्रेणियों में न मानने वालों का तर्क:

 

1. ये मानते है कि आदिवासियों की पूजा पद्धति, विवाह संस्कार, देवी-देवता, बोली-भाषा हिंदुओ से अलग है।

2. आदिवासी विचारक मानते है हिंदू धर्म की उत्त्पति वैदिक और उत्तरवैदिक काल लगभग (1750 ईसा पूर्व से 1000 ईसा पूर्व) से हजारों वर्ष पुराना है। इसलिए यह हिंदू धर्म से अलग है।

3. आजादी के पूर्व अंग्रेजो द्वारा जनजातीय समाज का पृथक जनसंख्यिकीय आंकड़ा जारी किया जाता था। 1961 में आदिवासियों का पृथक धर्म कोड समाप्त कर दिया गया।

4. आदिवासी स्वयं को ब्राम्हणवादी वर्चस्व के मनुवादी ढांचे और कर्मकांड में विश्वास नहीं करने वाले मानते है।

5. आदिवासियों की पूजन पद्धति प्रकृति आधारित है जैसे साल, सागौन, बरगद वृक्षों की पूजा करना, पशु पूजा, नदी पूजा आदि।

भगत सिंह के जीवन की सबसे प्रेरणादायक बातें जिनके बारे में आप शायद ही जानते होगें

ज्ञात हो कि भारत में लगभग 705 जनजातीय समूह (Does tribals are hindu) निवासरत हैं। जिनमें लगभग 75 विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (PVTGs) हैं। भारत की 1961 की जनगणना रिपोर्ट के अनुसार देश में अनुसूचित जनजाति की आबादी करीब 3.1 करोड़ ( कुल जनसंख्या का 6.9 %) थी. 2011 के अनुसार अब देश में अनुसूचित जनजाति की आबादी लगभग 10.45 करोड़ हो चुकी है, जो कुल आबादी का लगभग 8.6% है। भारतीय संविधान में जनजातीय समुदाय के लिए 7.5 प्रतिशत का आरक्षण सरकारी नियुक्तियों और शिक्षण संस्थानों में प्रवेश पर दिया गया है।

दूसरे पक्ष का तर्क (does tribals are hindu?)

आदिवासियों को हिंदू मानने वाले तर्क देते है कि:

 

1. आदिवासी हिंदू धर्म के अभिन्न अंग है और अंग्रेजो द्वारा हिंदू धर्म को बांटने के लिया आर्य और गैर आर्य सिद्धांत प्रतिपादित किया गया था। चूंकि अंग्रेजो को जंगलों के आदिवासियों से कड़ी चुनौती मिलती थी इसलिए वैचारिक तौर पर उन्हें स्वतंत्रता आंदोलन से भटकाने, उन्हे अपने धर्म में जोड़ने के लिए ईसाई मिशनरियों के माध्यम से दुष्प्रचार किया। जिसे राजनीतिक लाभ के लिए आज भी कुछ नेताओं द्वारा छेड़ा जाता है।

2. आदिवासी समाज और धार्मिक रीति रिवाजों में काफी समानता है जैसे आदिवासी समाज भी प्रकृति पूजा करता है। और हिंदू समाज भी प्रकृति पूजा करता है। जैसे नदी कि पूजा, वृक्ष की पूजा, पर्वत की पूजा और पशुओं की पूजा। आदिवासी भी गंगाजी को पवित्र मानकर स्नान करते है। गौ माता की पूजा आदिवासी भी करते है। आदिवासियों की काष्ट कला में गणेश जी की प्रतिमा, शिव जी की प्रतिमा आदिवासी समाज सैकड़ों वर्षों से बनाते आ रहे है। इसके अलावा आदिवासी समाज हिंदू त्योहारों को चाहे वह फसल कटने से लेकर, फसल बोवाई तक के हो या देशव्यापी त्योहार दिवाली, दशहरा, तीज, नवरात्र और होली सभी को समान रूप से मनाते आ रहे हैं। मजेदार बात तो ये है कि आदिवासियों के कई त्योहार हिंदू लोग मानते है।

 

3. तीसरी मुख्य बात जी आदिवासियों और हिंदू धर्म को धार्मिक रूप से एक बताते है वह है आदिवासियों का जन्म संस्कार, विवाह संस्कार, श्राद्ध संस्कार में समानता होना। आदिवासियो को भी मरने के जलाया जाता है। आदिवासी समाज देवी देवताओं के अवतारों में विश्वास करता और अवतारवाद भी हिंदू धर्म का एक प्रमुख लक्षण है।

 

4. चौथी बात जो आदिवासियों को हिंदू धर्म से अलग बताते है उन्हे समझना चाहिए जो देश की अवधारणा पश्चिम है वह भारत में फिट नहीं बैठता। भारत में समुदायों के बीच इतनी विविधता है जिसे अगर पश्चिम विचारकों के चश्मे से देखा जाए तो करीब 1000 से अधिक देश भारत वर्ष में समाहित है। भारत में दक्षिण के हिंदुओ का रंगरूप बोली भाषा उत्तर के हिंदुओ से अलग है। वहीं पश्चिम के हिंदुओ का खानपान पूर्व के हिंदुओ से अलग है। ठीक उसी प्रकार दक्षिण के आदिवासियों से मध्य के आदिवासियों की बोलचाल रंगरूप अलग है। वही कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के आदिवासियों के संस्कृति में और पश्चिम के गुजरात और महाराष्ट्र के आदिवासियों के में पर्याप्त अंतर है। पूर्वोत्तर के आठ राज्यों में आदिवासियो विविधता अपने आप में भिन्न है। यदि प्रत्येक आदिवासी और गैर आदिवासी समाज अपना पृथक धार्मिक कोड मांगने लग गए तो हर 100 किलोमीटर में अलग धर्म देखने मिलेगा। छत्तीसगढ़ में ही बस्तर के देवता और सरगुजा के देवता में बहुत अंतर आ जाता है।

5. पांचवी बार जो आदिवासियों को हिंदू मानते हुए कही जाती है वह है हिंदुत्व का स्वरूप! भारत में 1995 में सुप्रीम कोर्ट ने भी यह माना है कि हिंदुत्व जीवन जीने की शैली है। हिंदुत्व या हिंदू धर्म के मुख्य लक्षण मूर्तिपूजा, अवतारवाद, पुनर्जन्म, बहुदेववाद, वर्ण और जाति व्यवस्था है। जो कि आदिवासियों द्वारा भी अनुसरण किया जाता है।

 

तो ये थे आदिवासियों को हिंदुओ का अभिन्न हिस्सा मानने वालों का तर्क।

 

वर्तमान भारत में हिंदुत्व के पुनरुत्थान का दौर माना जा रहा है। भारत के आधे से अधिक राज्यों में दक्षिणपंथी विचारधारा समर्थक भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। ऐसे में अलग आदिवासी धर्म कोड की मांग और आदिवासियों को हिंदू धर्म से अलग करने की कोशिशें कहां तक दम भर पाती है देखना रोचक होगा।

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बम्लेश्वरी मंदिर डोंगरगढ़ के बारे में रोचक तथ्य https://nitinbharat.com/important-facts-about-bamleshwari-temple-dongargarh/ https://nitinbharat.com/important-facts-about-bamleshwari-temple-dongargarh/#respond Wed, 29 Mar 2023 07:19:25 +0000 https://nitinbharat.com/?p=618 छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थलों में सबसे पहला गिना जाता है डोंगरगढ़ की माता बम्लेश्वरी धाम का नाम। बम्लेश्वरी माता की डोंगरगढ़ में दो प्रतिमाएं विराजमान हैं। पहली...

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छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थलों में सबसे पहला गिना जाता है डोंगरगढ़ की माता बम्लेश्वरी धाम का नाम। बम्लेश्वरी माता की डोंगरगढ़ में दो प्रतिमाएं विराजमान हैं। पहली नीचे वाली (छोटी बम्लेश्वरी) बम्लेश्वरी माता और दूसरी ऊंची वाली बम्लेश्वरी माता। ऊंचाई पर स्थित माता बम्लेश्वरी की ऊंचाई करीब 1600 सौ फीट है। जिसपर चढ़ने के लिए सीढ़ियां और लिफ्ट (उड़नखटोला) दोनो ही मौजूद है मां बम्लेश्वरी धाम में साल में दो बार (शारदीय एवं चैत्र नवरात्र) में मेला लगता है एवं साल में दोनो ही नवरात्रि में ज्योति कलश की स्थापना होती है जिसे देखने के लिए भक्तों का ताता लगा रहता है। Bamleshwari mandir dongargarh facts

मां बम्लेश्वरी धाम के बारे में कुछ रोचक तथ्य

  • क्या आप जानते है बम्लेश्वरी देवी की स्थापना खैरागढ़ के राजा वीरसेन पुत्र प्राप्ति की कामना हेतु किए गए सफल आराधना के बाद किया था।

  • डोंगरगढ़ की बम्लेश्वरी माता को उज्जैन के राजा विक्रमादित्य की कुल देवी भी कहा जाता है।

  • भौगोलिक रूप से यह मैकाल पर्वत श्रेणियां में स्थित है। जो सतपुड़ा पर्वत की एक शाखा है और विस्तार है।

  • यहां छोटी या नीचे वाली बम्लेश्वरी और बड़ी या ऊंची वाली बम्लेश्वरी के रूप में दो प्रतिमाएं विद्यमान है।

  • बम्लेश्वरी माता का दरबार मध्यप्रदेश के मैहर में स्थित शारदा माता के समरूप है इसलिए इसे छत्तीसगढ़ का मैहर भी कहा जाता है।

 

  • मां बम्लेश्वरी ट्रस्ट की स्थापना खैरागढ़ राजा वीरेंद्र बहादुर सिंह ने ट्रस्ट को 1964 को सौंपकर किया।

 

  • इसका इतिहास 2200 साल पुराना है। इसमें करीब 1100 सीढियां है।

 

  • यहां बम्लेश्वरी माता की प्रतिमा के अलावा हनुमान जी की प्रतिमा, भैरवबाबा गुफा, नागवासुकी मंदिर, ददीमाता मंदिर, चंडी मंदिर भी मौजूद है।

सभी धर्मो पंथों का पूजा स्थल:

  • आपको यह जानकर आश्चर्य होगा यहां अलग अलग पहाड़ियों पर अलग-अलग समुदायों के आराध्य देवताओं हेतु बांट दिया गया है। यहां चर्च, बौद्ध मठ, जैन मंदिर, सतनाम पंथ का मंदिर और गोंड समाज का भी दार्शनिक स्थल है। जबकि आस पास मस्जिद और गुरुद्वारा भी है।(Bamleshwari mandir dongargarh facts)
  • डोंगरगढ़ मंदिर के आस-पास यहां करीब 300-400 दुकान मंदिरों की सीढ़ियों पर लगते है। करीब 40 लॉज, 100 भोजनालय है।

 

  • डोंगरगढ़ का प्राचीन नाम कमावती नगरी होने का प्रमाण मिलता है। पूर्व में यह कामाख्यपुरी नगर के नाम से एक परम वैभवशाली नगर था।

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  • भारत सरकार की प्रसाद योजनाओं में से शामिल एक स्थल है। एवं छत्तीसगढ़ की सुप्रसिद्ध सांस्कृतिक धरोहर में शामिल है।

कैसे पहुंचे बम्लेश्वरी धाम?

बम्लेश्वरी धाम छत्तीसगढ़ (Bamleshwari mandir dongargarh facts) को छत्तीसगढ़ की सबसे व्यस्ततम और भीड़ भाड़ वाली पर्यटन स्थल के रूप में गिना जाता है। यह रायपुर की राजधानी से करीब 100 किलोमीटर की दूरी पर पश्चिम दिशा में यहां पहुंचने के लिए रेलवे कनेक्टिविटी सबसे आसान और सुलभ मार्ग प्रदान करता है डोंगरगढ़ नगर दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे रूट पर मौजूद है जहां कई हाई स्पीड ट्रेनों का स्टॉपेज भी है नवरात्रि के समय यहां विशेष ट्रेन चलाई जाती है जो महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के मध्य चलती है नवरात्रि के समय यहां लाखों करोड़ों भक्त जुटते हैं हालांकि कोरोना के बाद से पर्यटकों की संख्या में थोड़ी गिरावट अवश्य आ गई थी।

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