भारत में एक से बढ़कर एक कई गगनचुंबी जलप्रपात है। इनमे से कई अभी-अभी खोजें गए है तो कई का खोजा जाना अभी बाकी है। ये जलप्रपात भारत के भूगोल विषय में अध्याय के रूप विस्तार से देखने नही मिलता क्योंकि नवीन जलप्रपात के खोज से पुराने नाम अप्रासंगिक हो जाते है। Highest waterfalls of india
इस लेख में आप अभी तक ज्ञात भारत के 10 सबसे ऊंचे जलप्रपातों के बारे मे संक्षेप में जानेंगे।
यह मेघालय राज्य में अवस्थित है, जैसा कि आप जानते है की मेघालय में तीन क्रमिक पर्वत मौजूद है इन्हे गारो, खासी, जयंतियां पहाड़ी (पश्चिम से पूर्व) नाम से जाना जाता है। इन्ही में से खासी पहाड़ी पर यह सबसे ऊंचा जलप्रपात मौजूद है। इसकी ऊंचाई 340 मीटर है। यह एक प्लंग प्रकार का जलप्रपात है, अर्थात यह ठीक उर्द्वाधार गिरती है। सुदूर जंगल के बीच होने और आदिवासी बहुल क्षेत्र में मौजूद होने के कारण इसका रास्ता दुर्गम है। Highest waterfalls of india
यह भी मेघालय राज्य के पूर्वी खासी पहाड़ी में मौजूद है। इसकी ऊंचाई 315 मीटर है। यह एक सेगमेंटेड प्रकार के जलप्रपात का उदाहरण है। अर्थात यह नीचे गिरने के क्रम में कई धाराओं में विभाजित होकर गिरती है। इसके मनोरम नजारे का आनंद लेने देश विदेश से पर्यटक यहां आते है। यह बारिश के मौसम में अपनी सुन्दरता के चरम पर होता है।
यह के गोवा राज्य में मौजूद है। ऊपर के दो जलप्रपातों के खोज होने के पूर्व इसे भारत का सबसे ऊंचा जलप्रपात माना जाता था। यह पश्चिमी घाट की पहाड़ियों में मौजूद है। इसकी ऊंचाई 310 मीटर है। यह एक स्तरीकृत अथवा सीढ़ीदार जलप्रपात है। जो चार स्तरों या लेयर में गिरती है। यह मांडवी नदी की धारा में मौजूद है। यह जलप्रपात राजधानी पणजी से 60 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद है। Highest waterfalls of india
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यह जलप्रपात मेघालय के खासी पहाड़ी में मौजूद है। यह दुनिया के सबसे बारिश वाले चेरापूंजी से 12 किलोमीटर की दूरी में स्थित है। इसकी ऊंचाई 305 मीटर है। यह एक स्तरीकृत जलप्रपात है। जो तीन स्तरों में नीचे गिरती है और बेहद ही सुंदर दृश्य का निर्माण करती है। यह भी तीन स्तरीय जलप्रपात है।
यह पश्चिमी घाट के गोद में मौजूद एक जलप्रपात है। यह केरल वायनाड जिले में अवस्थित है। इसकी ऊंचाई 300 मीटर है। इस प्रकार यह दक्षिण भारत की सबसे ऊंची जलप्रपात है। बारिश के दिनों में यह बेहद ही खतरनाक रूप धारण कर लेती है, l जिस तेजी से यह नीचे गिरती है यह कभी-कभी कई लोगो को बहाकर भी ले जाती है।
यह तमिलनाडु के डिंडीगुल जिले के अंतर्गत बातलागुंडू में लोकेटेड है। इसकी कुल ऊंचाई 297 मीटर है। यह हॉर्सटेल टाइप का जलप्रपात है अर्थात यह ठीक खड़ी न गिरकर घोड़े के पूंछ के आकार में गिरता है। यह वैगई की सहायक नदी, मंजलार नदी के द्वारा निर्मित किया गया है।
यह एक स्तरीकृत जलप्रपात है, जो कर्नाटक के शिमोगा जिले में मौजूद है। यह सीतानदी के मार्ग में पड़ता है। यह केवल बारिश में महीने में प्रवाहित होने वाली जलप्रपात है। इसकी ऊंचाई 259 मीटर है। यह एक स्तरीकृत (tiered waterfalls)
है।
यह जलप्रतात भारत का एक प्रसिद्ध जलप्रपात है। जिसे गेरुसोप्पा या गेरसोप्पा अथवा महात्मा गांधी जलप्रपात के नामों से जाना जाता है। कई सालों तक यह भारत की सबसे ऊंची जलप्रपात मानी जाती थी लेकिन बाकि जलप्रपातों के खोज के बाद यह वर्तमान (2022) में आठवें नंबर में आ गया है। इसकी ऊंचाई 255 मीटर। यह एक प्लंज टाइप वाटरफॉल है। जोकि ठीक खड़ी या सीधी नीचे गिरती है।
कई किताबों में आज भी इसे भारत की सबसे ऊंची जलप्रपात नाम से पढ़ाया जाता है। जिनमे अपडेट आना बाकि है। यह कर्नाटक राज्य, शिमोगा जिला, शरावती नदी पर लोकेटेड है। यह एक सेगमेंटेड प्रकार का जलप्रपात है जो की चार अलग अलग खंडों में विभाजित होकर गिरती है। इस खंडों को क्रमश: राजा,रानी, रोरर और राकेट नाम से जाना जाता है।
यह उड़ीसा के केन्दुझर में मौजूद है। इसकी ऊंचाई 244 मीटर है। यह एक हॉर्सटेल प्रकार का वाटरफॉल है। यह कोरानाला नदी पर मौजूद है।
यह मिजोरम के सरछिप जिला में अवस्थित है। इसकी ऊंचाई 228 मीटर है। जो वनवा नदी के मार्ग में उपस्थित है। यह एक टायर्ड वाटरफॉल है।
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