दुनिया में क्रिप्टो करंसी का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है। अप्रैल 2022 में इसका कुल मार्केट कैप 2 मार्च 2022 को $2 ट्रिलियन के पार हो गया। इससे लेनदेन में कई सुविधाएं तो मिलती है लेकिन इसका पर्यावरण पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों के बारे में जानकर आप भी चौक जायेंगे।
क्रिप्टो करंसी (crypto currency) का पर्यावरण पर प्रभाव तब ज्यादा चर्चा में आया था जब टेस्ला (Tesla) कंपनी के सीईओ (CEO) एलन मस्क ने ट्वीट कर इसपर चिंता व्यक्त की थी। उन्होंने ट्वीटर पर लिखा था “क्रिप्टोकरेंसी एक अच्छा आइडिया है और हम मानते हैं कि इसका भविष्य भी काफी अच्छा है। इसके लिए पर्यावरण को बड़ी कीमत नहीं चुकानी पड़नी चाहिए।” इसके साथ उन्होंने एक ग्राफ भी शेयर किया था।
इसका सीधा असर न होकर अप्रयक्ष असर देखने मिलता है, ‘कैंब्रिज बिटकॉइन इलेक्ट्रिसिटी कंजप्शन इंडेक्स’ के अनुसार एक साल में बिटकॉइन (एक प्रकार का क्रिप्टो करंसी) नेटवर्क तकरीबन 136.38 टेरावाट प्रति घंटे के हिसाब से बिजली लेती है। जो कि नीदरलैंड्स, अर्जेंटीना और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों की कुल ऊर्जा खपत से भी ज्यादा है।
केवल बिटकॉइन ही नहीं बल्कि सभी बड़ी क्रिप्टो करंसी इतनी ही ऊर्जा की खपत करती है। दरअसल क्रिप्टो करंसी के माइनिंग के लिए एक अल्गोरिदम को हल करना होता है, जिसके लिए कई भारी कंप्यूटरर्स को उपयोग में लिया जाता है, और ये बहुत ज्यादा बिजली खपत करती है।
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‘दुनिया में तकरीबन 15,000 प्रकार की क्रिप्टो करंसी मौजूद है, बिटकॉइन, डॉगकोइन उन्हीं में से एक है, जबकि 400 प्रकार की एक्सचेज (लेनदेन की युक्ति) मौजूद है।’
दुनिया में कई इको फ्रेंडली क्रिप्टो करंसी मौजूद है। इसमें चिया नेटवर्क सबसे मशहूर है, चिया नेटवर्क को बिटटॉरेंट के ब्रैम कोहेन ने बनाया है। कंपनी के मुताबिक चिया प्रूफ ऑफ स्पेस एंड टाइम (POST) का इस्तेमाल करता है, जिससे यूजर हार्ड डिस्क की बाकी जगह को ट्रांजेक्शन के वेरिफिकेशन के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे कम कम्प्यूटिंग पावर की जरूरत होगी और बिजली खपत कम होगी। इसलिए चिया को सबसे चर्चित इको फ्रेंडली क्रिप्टो करंसी माना जा रहा है।
कुछ अन्य इको फ्रेंडली क्रिप्टो करंसी जो चर्चित है, जिनमे स्टेलर, ट्रॉन, अवलांची, तेजोस का नाम शामिल है।