Geography Archives - NITIN BHARAT https://nitinbharat.com/category/geography/ India's Fastest Growing Educational Website Mon, 17 Apr 2023 12:46:38 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.5 210562443 कैस्पियन सागर से लगे देशों को याद करने की Trick https://nitinbharat.com/caspian-sea-countries-trick-so-easy-to-remember/ https://nitinbharat.com/caspian-sea-countries-trick-so-easy-to-remember/#respond Mon, 17 Apr 2023 12:46:38 +0000 https://nitinbharat.com/?p=707 कैस्पियन सागर पृथ्वी पर मौजूद सबसे बड़ी झील या जल निकाय है। यह सागर एशिया और यूरोप महाद्वीप के सीमा पर मौजूद है इसके तट में पांच...

The post कैस्पियन सागर से लगे देशों को याद करने की Trick appeared first on NITIN BHARAT.

]]>
कैस्पियन सागर पृथ्वी पर मौजूद सबसे बड़ी झील या जल निकाय है। यह सागर एशिया और यूरोप महाद्वीप के सीमा पर मौजूद है इसके तट में पांच देश मौजूद है रूस, ईरान, अज़रबैजान, कजाकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान। कैस्पियन सागर (Caspian sea countries trick) पर प्राकृतिक संसाधनों की भरपूर मात्रा है। जिसके सहज बटवारे के तेहरान कन्वेंशन फ्रेमवर्क पर 2003 को हस्ताक्षर किए गए।

कैस्पियन सागर से लगे देशों को याद करने की Trick इसलिए जानना जरूरी है क्योंकि यह देश भू सामरिक रूप से अत्यधिक महत्वपूर्ण लोकेशन पर मौजूद है और चर्चा में भी बने रहते है। यूपीएससी और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में इस सागर से लगे देश के बारे में प्रश्न अक्सर पूछे जाते हैं इसके तट पर मौजूद देशों के बारे (Caspian sea countries trick) में जानेंगे लेकिन उससे पहले आइए जानते हैं कैस्पियन सागर के बारे में कुछ रोचक तथ्य।

वे रियासत जो मुश्किल से भारत में जुड़े ट्रिक Trick

  • कैस्पियन सागर एशिया और यूरोप के जोड़ पर मौजूद है। जिसके एक और यानी पश्चिम में काकेशस पर्वत है जबकि दूसरी ओर पूर्व में मध्य एशिया का स्टैपी मैदान है।
  • बाकू अजरबैजान की राजधानी एकमात्र राजधानी शहर है जो कैस्पियन सागर के तट पर मौजूद है।
  • कैस्पियन सागर की अधिकतम लंबाई 1080 किलोमीटर जबकि किनारे की लंबाई 7000 किलोमीटर है
  • यह दुनिया की सबसे बड़ी झील है क्योंकि पूरी दुनिया का 40 से 45% जल इसी झील में पाया जाता है।
  • वोल्गा, युराल, कुरा और तेरेक प्राथमिक नदियां है जो कैस्पियन सागर में मिलती है।
  • कैस्पियन सागर की औसत गहराई 211 मीटर है। नदियों द्वारा लाए गए गादों से सदी दर सदी उथली होती जायेगी।
  • इसके बड़े आकार के कारण इसे कैस्पियन सागर नाम से पुकारा जाता है।

तरीक (TARIK) कैस्पियन सागर से लगे देशों को याद करने की बेहद आसान ट्रिक है।

T तुर्कमेनिस्तान  

A अजरबैजान 

R रूस 

I ईरान 

K कजाकिस्तान

जबकि घड़ी की कांटे की दिशा में किनारे पर आगे बढ़ने पर मिलने वाले देशों के नाम को याद करने के लिए आप IARKaT (इयारकत) Trick याद रख सकते है। परीक्षा खासकर यूपीएससी और राज्य PSC के लिए दूसरी वाली ट्रिक पहली ट्रिक (Caspian sea countries trick) की तुलना में अधिक कारगर है।

काला सागर से लगे देशों को याद रखने की शॉर्ट ट्रिक

The post कैस्पियन सागर से लगे देशों को याद करने की Trick appeared first on NITIN BHARAT.

]]>
https://nitinbharat.com/caspian-sea-countries-trick-so-easy-to-remember/feed/ 0 707
पांच ग्रेट झीलों को याद करने की ट्रिक Trick To Remember Five Great Lakes https://nitinbharat.com/trick-to-remember-five-great-lakes/ https://nitinbharat.com/trick-to-remember-five-great-lakes/#respond Mon, 10 Apr 2023 13:18:41 +0000 https://nitinbharat.com/?p=696 सुपीरियर, हुरोन, मिशीगन, ओंटारियो और इरी दुनिया की पांच बड़ी मीठे पानी की झील है। इन झीलों को “फाइव ग्रेट लेक्स” (Five great lakes trick) के नाम...

The post पांच ग्रेट झीलों को याद करने की ट्रिक Trick To Remember Five Great Lakes appeared first on NITIN BHARAT.

]]>
सुपीरियर, हुरोन, मिशीगन, ओंटारियो और इरी दुनिया की पांच बड़ी मीठे पानी की झील है। इन झीलों को “फाइव ग्रेट लेक्स” (Five great lakes trick) के नाम से भी जाना जाता है। ये झील कनाडा अमेरिका सीमाक्षेत्र में उपस्थित है। उत्तरी अमेरिका में मौजूद दुनिया की 5 बड़ी मीठे पानी की झीलों को याद करने की बेहद आसान ट्रिक आइए जानते है। लेकिन उसे पहले इन झीलों के बारे में कुछ रोचक बातें जान लेते है। जो परीक्षा के लिहाज से उपयोगी है। पांच ग्रेट झीलों को याद करने की ट्रिक

केंद्र शासित राज्यों को याद रखने की आसान ट्रिक कभी नही भूलेंगे

उत्तरी अमेरिका का 84% भू जल इन्ही झीलों में है। दुनिया के ताजे पानी का 20% हिस्सा या पांचवा हिस्सा इन्ही झीलों पाया जाता हैं। ये करीब 1200 किलोमीटर में फैले है। ये झील (Five great lakes trick) अत्यधिक गहरे है क्योंकि हिमयुग में बने है। ये झील, पर्यटन, परिवहन, बिजली, समुद्र खपत और मनोरंजन के केंद्र है। अमेरिका महाद्वीप में इनका भौगोलिक और पारिस्थितिक महत्व है। पांच ग्रेट झीलों को याद करने की ट्रिक

इन महान झीलों को HOMES शब्द के माध्यम से याद रखा जा सकता है।

HOMES

H हुरोन 

O ओंटेरियो

M मिसीगन

E इरी

S सुपीरियर 

ये ट्रिक आपको भुलाए पर भी नही भूलने वाली। और परीक्षा के बाद के दिनों में भी याद रहेगी। ट्रिक (Five great lakes trick) का यही लाभ होता है कि हमे परीक्षा के बाद के दिनों में भी याद रह जाता है। यदि आपको यह ट्रिक रोचक लगी हो तो इसे बाकी विद्यार्थियों तक भी पहुंचाएं l। पांच ग्रेट झीलों को याद करने की ट्रिक

The post पांच ग्रेट झीलों को याद करने की ट्रिक Trick To Remember Five Great Lakes appeared first on NITIN BHARAT.

]]>
https://nitinbharat.com/trick-to-remember-five-great-lakes/feed/ 0 696
सर्वाधिक बाघ आबादी वाले राज्यों को याद करने की ट्रिक https://nitinbharat.com/top-tiger-population-states-trick/ https://nitinbharat.com/top-tiger-population-states-trick/#respond Sun, 09 Apr 2023 14:09:16 +0000 https://nitinbharat.com/?p=686 ऐतिहासिक रूप से भारत बाघों की राजधानी रही है। यहां हमेशा से ही पूरी दुनिया की तीन चौथाई बाघ की आबादी निवास करती है। बाघ और वनों...

The post सर्वाधिक बाघ आबादी वाले राज्यों को याद करने की ट्रिक appeared first on NITIN BHARAT.

]]>
ऐतिहासिक रूप से भारत बाघों की राजधानी रही है। यहां हमेशा से ही पूरी दुनिया की तीन चौथाई बाघ की आबादी निवास करती है। बाघ और वनों के संरक्षण के बीच समानुपाती संबंध है। अर्थात पूरक संबंध है वे एक दूसरे के अस्तित्व से गहराई से जुड़े हुए हैं। इसी संदर्भ में प्राचीन ग्रंथ महाभारत में भी कहा गया है कि Top tiger population states trick सर्वाधिक बाघ वाले राज्यों को याद करने की ट्रिक

निर्वनो वध्यते व्याघ्रो निर्व्याघ्रं छिद्यते वनम्।
तस्माद्व्याघ्रो वनं रक्षेद्वयं व्याघ्रं च पालयेत् ॥
-महाभारत – उद्योग पर्व : ५.२९.५७

अर्थात वन के बिना बाघ का जीना मुश्किल है और बाघ के बिना वन का संरक्षण असंभव है इसलिए बाघ का जीवन वनों से है वनों की सुरक्षा बाघ से है।

भारत में बाघों की संख्या 2023 में कितनी है? जाने ख़ास बातें नवीन आंकड़ों और रोचक तथ्यों के साथ,

9 अप्रैल 2023 को मैसूर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बालू बाघों की गणना रिपोर्ट प्रकाशित की इसके अनुसार भारत में बाघों की तादाद में अच्छी खासी बढ़ोतरी हुई है वर्तमान में भारत में बाघों की संख्या 3167 है लेकिन परीक्षाओं में अक्सर यह पूछा जाता है कि सर्वाधिक बाघों की संख्या वाले राज्यों को घटते क्रम में जमाइए या बढ़ते क्रम में जमाइए इस समस्या को दूर करने के लिए हमने आज यह ट्रिक आपके लिए बनाई है।

भारत में सर्वाधिक बाघ मध्य प्रदेश में पाए जाते हैं। जिनकी संख्या 525 है तत्पश्चात कर्नाटक में बाघों की संख्या पाई जाती है। तीसरे नंबर पर उत्तराखंड राज्य का नाम आता है जहां सर्वाधिक संख्या में बाघों की आबादी पाई जाती है। आप चीन के प्रसिद्ध प्रदेश मकाउ के नाम पर याद रख सकते हैं अंग्रेजी में मकाउ ( MaKaU) इस प्रकार है। Top tiger population states trick सर्वाधिक बाघ वाले राज्यों को याद करने की ट्रिक

            मकाउ ( MaKaU)

          Ma – मध्यप्रदेश 526
          Ka – कर्नाटक 524
          U – उत्तराखंड 442

नोट: ये नवीनतम आंकड़े चौथे बाघ गणना चक्र की है। नवीनतम आंकड़े 2023 के कुछ महीनों में जारी होने की संभावना है परीक्षार्थी कृपया नजर बनाए रखें।

तो यह थे भारत के 3 सबसे अधिक बाघ आबादी वाले राज्य। यह ट्रिक आपको पसंद आई हो तो बाकी लोगों को भी ज्यादा से ज्यादा शेयर करें इसी तरह के अन्य ट्रिक के लिए हमारे वेबसाइट को जरूर देखें। Top tiger population states trick सर्वाधिक बाघ वाले राज्यों को याद करने की ट्रिक

The post सर्वाधिक बाघ आबादी वाले राज्यों को याद करने की ट्रिक appeared first on NITIN BHARAT.

]]>
https://nitinbharat.com/top-tiger-population-states-trick/feed/ 0 686
भारत में बाघों की संख्या कितनी है? जाने ख़ास बातें https://nitinbharat.com/tiger-census-in-india-2023/ https://nitinbharat.com/tiger-census-in-india-2023/#respond Sun, 09 Apr 2023 11:19:56 +0000 https://nitinbharat.com/?p=682 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 अप्रैल 2023 को पांचवी बाघ जनगणना जारी की जिसके अनुसार भारत में बाघों की संख्या बढ़कर अब 3167 हो गई है. जनगणना...

The post भारत में बाघों की संख्या कितनी है? जाने ख़ास बातें appeared first on NITIN BHARAT.

]]>
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 अप्रैल 2023 को पांचवी बाघ जनगणना जारी की जिसके अनुसार भारत में बाघों की संख्या बढ़कर अब 3167 हो गई है. जनगणना 2022 में प्रारंभ की गई थी ज्ञात हो कि 2018 की जनगणना जो कि 2019 में प्रकाशित हुई थी उसके अनुसार भारत में कुल 2967 बाघ वन में पाए गए थे जिसमें 200 की बढ़ोतरी हुई है। प्रधानमंत्री ने इसके लिए भारत के अफसरों, मंत्रालय को बधाई दी। Tiger census in India 2023 (भारत में बाघों की गणना 2023)

सर्वाधिक बाघ आबादी वाले राज्यों को याद करने की ट्रिक

भारत में बाघों की पांचवी गणना

आपको बता दें कि भारत में बाघों की गणना (Tiger census in India 2023) प्रत्येक 4 वर्ष में होती है इससे पूर्व 2006 2010 और 2014 मे भी बाघों की गणना की गई थी जिसके अनुसार बाघों की संख्या क्रमशः 1411, 1706 और 2226 थी। इस लिहाज से 2018 से 22 के मध्य की गई गणना में सबसे कम बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

केंद्र शासित राज्यों को याद रखने की आसान ट्रिक कभी नही भूलेंगे

इंटरनेशनल बिग कैट एलाइंस

9 अप्रैल को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंटरनेशनल बिग कैट एलाइंस कभी शुभारंभ, कर्नाटक के मैसूर में किया। यह एक अंतरराष्ट्रीय प्रयास है जिसमें 7 प्रमुख वृहद बाघ प्रजाति के आवास वाले देश मिलकर बाघ संरक्षण और सुरक्षा के लिए प्रयास करेंगे। 7 बिग कैट में जगुआर, प्यूमा, हिम तेंदुआ, तेंदुआ, शेर, चीता और बाघ शामिल है। इस पहल को बाघ परियोजना के 50 वर्ष पूरे होने पर प्रारंभ किया गया है। गौरतलब है बाघ परियोजना 1973 में इंदिरा गांधी सरकार द्वारा प्रारंभ की गई थी।

क्या आप जानते हैं? भारत में करीब 75,000 स्क्वायर किलोमीटर बाघ संरक्षण क्षेत्र है। जिसमें दुनिया की करीब तीन चौथाई (75%) बाघ निवास करते हैं। सबसे ज्यादा बाघों की संख्या कर्नाटक में है। दुनिया की 2.4% भूभाग रखने के बौजूद भारत जैव विविधता में करीब 8% का योगदान करता है। टाइगर के अलावा हाथी क्षेत्र सर्वाधिक भारत में और एक सिंगी गेंडे भी सर्वाधिक मात्रा में भारत में पाया जाता है।

भारत में शेरों की संख्या कितनी है?

भारत में सर्वाधिक संख्या में से गुजरात में शेरों की आबादी पाई जाती है। जिसमें गिर राष्ट्रीय उद्यान प्रमुख है 2015 में बाघों की गणना की गई थी। जिसमें संख्या 525 बताई गई जबकि 2020 में जनगणना की गई जिसमें 675 शेरों की संख्या भारत में बताई गई है। Tiger census in India 2023

भारत में बाघों की गणना कौन करता है?

पूरे भारत में बाघों की गणना ऑल इंडिया टाइगर्स एस्टीमेट (AITE) भारत की एक वैधानिक प्राधिकरण है एनटीसीए (NTCA नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी) द्वारा किया जाता है। यह राज्य वन और पर्यावरण बोर्ड के साथ मिलकर देश भर में बाघों की गणना करती है।

NTCA (राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण) क्या है?

राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण एक वैधानिक निकाय है जिसकी स्थापना 2005 में वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत किया गया है। इसके अध्यक्ष केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री होते हैं जबकि इसके उपाध्यक्ष केंद्रीय वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री होते हैं।

The post भारत में बाघों की संख्या कितनी है? जाने ख़ास बातें appeared first on NITIN BHARAT.

]]>
https://nitinbharat.com/tiger-census-in-india-2023/feed/ 0 682
क्षेत्रफल के अनुसार विश्व के 7 सबसे बड़े देशों की सूची व ट्रिक https://nitinbharat.com/list-and-tricks-of-7-largest-countries-in-the-world/ https://nitinbharat.com/list-and-tricks-of-7-largest-countries-in-the-world/#respond Wed, 04 Jan 2023 06:46:01 +0000 https://nitinbharat.com/?p=476 क्षेत्रफल के अनुसार विश्व के 7 सबसे बड़े देशों की सूची व ट्रिक: बचपन में आपने पढ़े ही होंगे कि पृथ्वी के कुल 29% भाग पर स्थल...

The post क्षेत्रफल के अनुसार विश्व के 7 सबसे बड़े देशों की सूची व ट्रिक appeared first on NITIN BHARAT.

]]>
क्षेत्रफल के अनुसार विश्व के 7 सबसे बड़े देशों की सूची व ट्रिक: बचपन में आपने पढ़े ही होंगे कि पृथ्वी के कुल 29% भाग पर स्थल तथा 71% भाग पर जल अर्थात सागर, महासागर व झील पाया जाता है। स्थल में मानव जीवन बसती है जो कई देशों में विभाजित है। इनमें से कुछ देश स्वयं में एक महाद्वीप है तो अनेक देश उपमहाद्वीप।

आज के समय में विश्व में लगभग 195 देश हैं, जिसमें से कोई देश क्षेत्रफल के आधार पर बड़े हैं और कोई जनसंख्या के आधार पर। इस लेख में मैंने क्षेत्रफल के अनुसार दुनिया के 7 बड़े देशों के नाम की सूची व याद करने की ट्रिक को बताया है।

इस लेख में मैं सामान्य ज्ञान के लिए क्षेत्रफल के अनुसार विश्व के 7 सबसे बड़े देशों की सूची व ट्रिक बताने जा रहा हूँ जोकि UPSC, SSC, PSC, State Services, NDA, बैंकिंग, CDS और Railways जैसी अनेक प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों के लिए उपयोगी है।

क्षेत्रफल के अनुसार विश्व के 7 सबसे बड़े देशों की सूची व ट्रिक

1. रूस

रूस की राजधानी: मास्को

वर्तमान राष्ट्रपति: व्लादिमीर पुतिन

प्रधान मंत्री: मिखाइल मिशुस्टिन

क्षेत्रफल: 17,075,400 वर्ग कि.मी

जनसंख्याः 14.34 करोड़ (2021)

मुद्रा: रूसी रूबल

महाद्वीप: यूरोप, एशिया

2. कनाडा

राजधानी: ओटावा

जनसंख्याः 3.82 करोड़ (2021)

क्षेत्रफल: 9,984,670 वर्ग कि.मी

प्रधान मंत्री: जस्टिन ट्रूडो

आधिकारिक भाषा: फ्रेंच, अंग्रेजी

मुद्रा: कनाडियन डॉलर

3. संयुक्त राज्य अमेरिका

राजधानी: वाशिंगटन, डी.सी.

क्षेत्रफल: 9,826,675 वर्ग कि.मी

राष्ट्रपति: जो बाईडेन

जनसंख्या : 33.19 करोड़ (2021)

मुद्रा: अमेरिकी डॉलर

4. चीन

राजधानी: बीजिंग

जनसंख्याः 141.24 करोड़ (2021)

क्षेत्रफल: 9,598,094 वर्ग कि.मी

आधिकारिक भाषा: मंदारिन

मुद्रा – युआन

5. ब्राज़ील

राष्ट्रपति : लुइज़ इनासियो लूला डा सिल्वा ट्रेंडिंग

राजधानी: ब्रासीलिया

क्षेत्रफल: 8,514,877 वर्ग कि.मी

जनसंख्याः 21.4 करोड़ (2021)

आधिकारिक भाषा: पुर्तगाली

महाद्वीप: दक्षिण अमेरिका

मुद्रा: ब्राजीलियन रील

6. ऑस्ट्रेलिया

राजधानी: कैनबरा

क्षेत्रफल: 7,617,930 वर्ग कि.मी

जनसंख्याः 2.57 करोड़ (2021)

प्रधान मंत्री: एंथोनी अल्बनीस

मुद्रा: ऑस्ट्रलियन डॉलर

7. भारत

राजधानी: नई दिल्ली

राष्ट्रपति: द्रौपदी मुर्मू

प्रधान मंत्री: नरेंद्र मोदी

क्षेत्रफल: 3,287,263 वर्ग कि.मी

जनसंख्याः 139.34 करोड़ (2021)

मुद्रा: भारतीय रूपये

इसे भी पढ़ें –

पंचप्रयाग: याद रखने की आसान ट्रिक

विधान परिषद वाले राज्य Trick

दैनिक करेंट अफेयर्स हिन्दी में

अफ़गानिस्तान की सीमा से लगे देशों को याद रखने की ट्रिक

ब्रह्मपुत्र नदी की सहायक नदी को याद करने की ट्रिक

काला सागर से लगे देशों को याद रखने की शॉर्ट ट्रिक

क्षेत्रफल के अनुसार विश्व के 7 सबसे बड़े देशों के नाम को याद करने की ट्रिक

याद करने के लिए ट्रिक वाक्य – “रुक सचीन बाई(BAI)” अर्थात्

रु – रूस

क – कनाडा

स – संयुक्त राज्य अमेरिका

चीन – चीन

B – ब्राजील

A – ऑस्ट्रेलिया

I – इंडिया (भारत)

उपरोक्त सूची में क्षेत्रफल के अनुसार विश्व के 7 सबसे बड़े देशों की सूची व ट्रिक बताये गए हैं, जो विभिन्न प्रतियोगी व प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों के लिए बहुत ही उपयोगी है। ऐसी ही रोचक जानकारी के लिए मेरे वेबसाइट पर बने रहें.

The post क्षेत्रफल के अनुसार विश्व के 7 सबसे बड़े देशों की सूची व ट्रिक appeared first on NITIN BHARAT.

]]>
https://nitinbharat.com/list-and-tricks-of-7-largest-countries-in-the-world/feed/ 0 476
भारत की जनसंख्या 2022 चुनौती या ताकत ? https://nitinbharat.com/bharat-ki-jansankhya-2022-chaunauti-ya-takat/ https://nitinbharat.com/bharat-ki-jansankhya-2022-chaunauti-ya-takat/#comments Sun, 17 Jul 2022 06:00:00 +0000 भारत की जनसंख्या 2022 चुनौती या ताकत विश्व जनसँख्या दिवस के अवसर पर यानी 11 जुलाई को यूनाइटेड नेशंस वर्ल्ड पापुलेशन प्रॉस्पेक्ट्स (डब्लूपीपी) 2022 में कई चौकाने...

The post भारत की जनसंख्या 2022 चुनौती या ताकत ? appeared first on NITIN BHARAT.

]]>
भारत की जनसंख्या 2022 चुनौती या ताकत

विश्व जनसँख्या दिवस के अवसर पर यानी 11 जुलाई को यूनाइटेड नेशंस वर्ल्ड पापुलेशन प्रॉस्पेक्ट्स (डब्लूपीपी) 2022 में कई चौकाने वाली बातें जाहिर की गई है. इसमें एक अध्याय भारत की जनसँख्या 2022 को लेकर भी है. भारत की जनसंख्या 2022 को लेकर इसमें यह अनुमान लगाया गया है, कि अगले ही वर्ष यानी 2023 में ही भारत की जनसंख्या चीन की जनसंख्या को पीछे पछाड़कर दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला देश बन जायेगा.

भारत की जनसंख्या 2022 चुनौती या ताकत

इस रिपोर्ट पर भारत में तरह-तरह की टिप्पणियां और विमर्श का दौर जारी है. इस आर्टिकल में हम इन्ही जनसंख्या विमर्श निचोड़ जानने की कोशिश करेंगे और जानने की कोशिश करेंगे कई बहुचर्चित सवालों के जवाब जो रोचक के साथ-साथ बेहद जरुरी भी है. भारत की जनसंख्या 2022 चुनौती या ताकत ? 

2022 में भारत की जनसंख्या कितनी है ?

भारत की जनसंख्या 2022 को लेकर इतनी चर्चा इसलिए हो रही है क्योंकि भारतीय जनगणना 2021 (population of india 2022) के आंकड़े जो कि 2021 में जारी होने वाले थे अभी तक जारी नहीं किये जा सके है. इसीलिए 2022 में भारत की जनसंख्या कितनी है? इस प्रश्न का आधिकारिक उत्तर तो 121 करोड़ ही है, जो कि भारतीय जनगणना 2011 के आंकड़ों पर आधारित है, लेकिन यूनाइटेड नेशंस वर्ल्ड पापुलेशन प्रॉस्पेक्ट्स (डब्लूपीपी) 2022 के अनुसार भारत की जनसंख्या (population of india) 141 करोड़ हो गयी है. जो कि चीन की जनसंख्या 2022 से महज 1 करोड़ कम है. गौरतलब है कि इसी रिपोर्ट में चीन की जनसंख्या 142 करोड़ बताई गयी है. इस रिपोर्ट की बात को यदि सच माने तो भारत अगले ही वर्ष चीन की जनसँख्या (population of china) को पीछे कर दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला देश बन जाएगा.

जनगणना 2021 (Census 2021)

भारतीय जनगणना इतिहास में विरले ही ऐसा हुआ है जब नियमित जनसंख्या के आंकड़ो के प्रकाशन में विलम्ब हुआ हो. लेकिन कोरोना वैश्विक महामारी के चलते जनगणना 2021 (census 2021) के आंकड़े प्रकाशित नही हुए. सरकार ने स्पष्ट किया है जनगणना 2021 (census 2021) पिछली जनगणनाओं की तुलना में अलग होगा क्योंकि इसमें गणना डिजिटल तकनीको का उपयोग करके प्रकाशित किया जाएगा.

 

भारत की जनसंख्या को लेकर यह अनुमान लगाया जा रहा है कि यह जनगणना 2021 (census 2021) तक 135 करोड़ को पार कर चुकी होगी. भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने कई भाषणों में सवा सौ करोड़ भारतवासी और 130 करोड़ भारतीय जैसे संबोधन जारी कर चुके है, वह भी आज से करीब पांच वर्ष पहले. इस हिसाब से अनुमान लगाया जा सकता है कि जनगणना 2021 (census 2021) के आंकड़े प्रकाशित होने तक भारत की आबादी 140 करोड़ के करीब होगी. कई लोगों द्वारा जनगणना 2021 के रद्द होने का भी दावा किया जाता है लेकिन जनगणना 2021 की के रद्द होने की आधिकारिक पुष्टि अभी तक नही हुई है. भारत की जनसंख्या 2022 चुनौती या ताकत ?

भारत के राष्ट्रपतियों को याद रखने की आसान ट्रिक

भारत में मुस्लिम आबादी (muslim population in india)

भारत की जनसंख्या में मुस्लिमों की जनसंख्या राजनीतिक रूप से एक संवेदनशील मामला रहा है. दक्षिण पंथी राजनेता जहाँ इसे एक समस्या और चुनौती के रूप प्रचारित करते है वही वामपंथी और अल्पसंख्यक समर्थक दल इसे एक सामान्य रुझान मानते है. भारत में मुस्लिम आबादी या भारत में मुस्लिमों की जनसंख्या (muslim population in india) को लेकर एक कोई भी विश्वसनीय आंकड़ा वर्तमान में नहीं है. लेकिन यूनाइटेड नेशंस वर्ल्ड पापुलेशन प्रॉस्पेक्ट्स (डब्लूपीपी) 2022 के अनुसार इनकी संख्या भारत के कुल आबादी का लगभग 16% बताया गया है. जिसका अर्थ है 140 का 16%. संख्या के रूप में भारत में मुस्लिमों की जनसंख्या (muslim population in india) 22 करोड़ के आस पास होगी? भारत की जनसंख्या 2022 चुनौती या ताकत ?

मुस्लिमों का प्रजनन दर

भारत में एक गुट यह दावा करता है कि मुस्लिम अपनी आबादी तेजी से बढ़ाकर हिन्दू बहुसंख्यको के लिए चुनौती और संसाधनों पर दबाव बढ़ाना चाहते है, जबकि आंकड़ें इस बात की पुष्टि नहीं करते. भारत में जनसंख्या स्थिरता के लिए अपेक्षित प्रजनन दर 2.1 माना गया है. वही मुस्लिमों में प्रजनन दर 2.3 होने की पुष्टि आंकड़ों द्वारा की गयी है. यह नवीनतम आंकड़े नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे और एन एस एस ओ द्वारा भी प्रमाणित किया गया है. यही नहीं भारत में मुस्लिम प्रजनन दर में घटता हुआ रुझान दर्ज किया गया है क्योंकि 1990 के दशक में इनके बीच प्रजनन दर 4.4 दर्ज किया गया था. भारत की जनसंख्या 2022 चुनौती या ताकत ?

क्या खत्म हो जायेंगे दुनिया के सभी जीव जंतु? क्या है महाविलोपन की घटना जिसने कर दिया है वैज्ञानिकों को भी परेशान?

भारत की जनसंख्या 2022 चुनौती या ताकत ?

 

जनसंख्या वृद्धि के कारण

भारत में जनसंख्या वृध्दि स्वतंत्रता के बाद से ही देश की सबसे बड़ी चुनौती में से एक रहा है. ऐसा इसलिए क्योकि भारत के पास पूरी दुनिया का महज 2.4 प्रतिशत ही भू-भाग है जबकि विश्व की जनसंख्या (world population) का 18% यहाँ निवास करती है. भारत में जनसंख्या वृद्धि के मुख्य कारणों में पहला, अत्याधिक शिशु मृत्यु दर का होना है. 1990 के दशक तक भारत में स्वास्थ्य की स्थिति बेहद ही ख़राब थी इसलिए लोग अधिक बच्चे पैदा करते थे ताकि

भारत की जनसंख्या 2022 चुनौती या ताकत ?

जीवित बच्चों की संख्या ज्यादा बच सके परिवार में. दूसरा प्रमुख कारण सांकृतिक और आर्थिक है, कृषि संबंधी जरूरतों और परिवार की नामक संस्था के सुदृढ़ संचालन के लिए भी लोग अधिक संताने पैदा करते है, तीसरा बड़ा कारण निरोध सुविधाओं के बारे में जानकारी का अभाव है.

चौथा मुख्य कारण अशिक्षा है इस बात की पुष्टि इस आंकड़े से होती है कि भारत के जिन राज्यों में साक्षरता दर निम्न है वहां जनसंख्या प्रजनन दर भी अधिक है जैसे बिहार और उत्तर प्रदेश. मुस्लिमों के बीच भी प्रजनन दर के अधिक होने का मुख्य कारण उनकी संस्कृति और साक्षरता का स्तर ही माना जाता है.

जनसंख्या वृद्धि के प्रभाव

भारत में कुल विश्व का पांचवा हिस्सा निवास करता है. आसान भाषा में दुनिया का हर पांचवा आदमी भारत में रहता है. इतनी बड़ी जनसंख्या के लिए संसाधन जैसे भोजन, जल, भूमि और उर्जा संसाधन जैसे बिजली, इंधन आदि पर अत्यधिक दबाव पड़ता है.

वहीं ऐसे बेतहासा जनसंख्या वृद्धि के फलस्वरूप स्थाई रूप से निम्न गुणवता के मानव संसाधन पैदा होते है वही अशिक्षत, कुपोषित आबादी स्वास्थ्य और शिक्षा का ढांचा पर्याप्त नहीं होने का परिणाम माना जाता है. पर्यावरण पर बढ़ता दबाव मानव-प्रकृति संघर्ष में वृद्धि आदि जनसंख्या वृद्धि का ही परिणाम है. निम्न मानव विकास सूचकांक प्रदर्शन इस बात की पुष्टि करते है, जिसमे भारत का स्थान 130 से ऊपर ही रहता है.

क्यों की जा रही है नागपुर को भारत की नई राजधानी घोषित करने की मांग यदि ऐसा हुआ तो क्या होगा फायदा और कितना होगा नुकसान?

भारत की जनसंख्या स्थिर कब होगी?

भारत की जनसंख्या 2022 में 140 करोड़ दर्ज की गयी है जिसके 2050 में स्थिर होने की सम्भावना है. संयुक्त राज्य के रिपोर्ट में यह कहा गया है कि भारत की जनसंख्या 2050 में 166 करोड़ होगी इसके बाद से इसमें स्थिरता आयेगी और फिर जनसंख्या का में घटने के रुझान भी देखने मिल सकता है. यही नहीं 20223 के बाद से करीब दो दशकों तक भारत दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला देश रहेगा.

भारत की जनसंख्या 2022 चुनौती या ताकत

क्या भारत में बढ़ता हुआ सांप्रदायिक तनाव अपनी चरम पर है? क्या भारत एक बड़े खतरे की ओर बढ़ रहा है? जानिए क्या है समाधान इस समस्या का?

भारत की जनसंख्या भारत के लिए एक ताकत

भारत की जनसंख्या 2022 चुनौती या ताकत को निर्धारित करते है भारत की युवा आबादी. भारत की आबादी का 65% हिस्सा युवा है जिनकी आबादी 18-35 वर्ष के बीच है. जन सांख्यिकीय लाभांश (demographic dividend) की स्थिति में होना कहते है. किसी देश में जन सांख्यिकीय लाभांश demographic dividend की स्थिति है इसका अर्थ है उस देश में दूसरों पर आश्रित लोगों की संख्या बहुत ही कम होती है.

 

अतः इन्हें अच्छा कौशल, ट्रेनिग और शिक्षा देकर इन्हें भारत की ताकत बनाया जा सकता है. दुनिया का हर पांचवा आदमी भारतीय है तो अपनी मेहनत और कौशल से जिस दिन GDP में योगदान करने लग गया उस दिन भारत प्राचीन गौरव और विश्व गुरु की पदवी प्राप्त कर लेगा. आवश्यकता है भारत के युवाओं को उद्यमी बनकर आगे की, नए स्टार्टअप में ध्यान देने की और इनके विकास के लिए पर्याप्त धन सरकार खर्च करे.

भारत की जनसंख्या भारत के लिए एक चुनौती

भारत की जनसंख्या 2022 लम्बे समय से लाभदायक कम और चुनौती का सबब ज्यादा बनी हुई है. कमजोर स्वास्थ्य सुविधाओं के बाद अल्पपोषित युवा मानसिक और शरीरिक रूप से तेज नहीं हो सकते ग्रामीण भारत में यही एक कारण है कि युवा अपना मनचाहा योगदान भारतीय अर्थव्यवस्था में नहीं कर पाते.

 

भारत की जनसंख्या population of india जिस तेजी से बढ़ रही है कि जरूरत को पूरा करने के लिए भारत में पर्याप्त भू-क्षेत्र नहीं है. कृषि कार्य के लिए जमीन नहीं बचा है. रहने के लिए लोगो पास घर नहीं है. गरीबी बढ़ रही क्योकि ज्यादा लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकारी खजाना कम है. पर्याप्त कौशल नहीं मिल प् रहा इसलिए लोग बेरोजगार है, आपराधिक गतिविधियाँ बढ़ रही है. कुल मिलाकर यह कह सकते है कि जनसांख्यिकीय लाभांश (demographic dividend) डेमोग्राफिक डिजास्टर बन सकता है.

भारत की जनसंख्या 2022 चुनौती या ताकत ?

भारत की जनसंख्या वृद्धि अब उतनी बड़ी चुनौती नहीं है जितनी बड़ी चुनौती जनसंख्या में मौजूद युवा आबादी को कौशल, गुणवत्ता युक्त शिक्षा और प्रशिक्षण उपलब्ध कराना है. इसके साथ ही भारत देश की सबसे बड़ी जनसांख्यिकीय समस्या आधी आबादी पर पर्याप्त ध्यान न देना है. भारत की कुल जनसँख्या में महिलाओं की आबादी लगभग आधा है, लेकिन सार्वजनिक जीवन उनकी भागीदारी महज 15-20% के बीच है.

श्रम बल में भागीदारी ( labour force participation) बढ़ने की बजाये घट रही है. महिलाएं सदैव ही जनसँख्या नियंत्रण (population control) के केंद्र में रही है. इसलिए जब तक जनन की शक्ति रखने वाली महिलायें जागरूक नहीं होंगी, शिक्षित नहीं होंगी तब तक जनसँख्या का सर्वोत्तम प्रबंधन किसी भी देश के लिए असंभव होगा. भारत की जनसंख्या 2022 चुनौती या ताकत ?

भारतीय विदेश नीति की दशा और दिशा ? जानिए नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने का देश पर क्या असर पड़ा?

भारत में जनसँख्या का लाभ उठाने हेतु प्रयास

 

भारत में साक्षरता दर बढाने के लिए “सर्व शिक्षा अभियान” चलाया गया. “कौशल विकास योजना” से नव युवकों को बाजार की मांग के अनुरूप कौशल और प्रशिक्षण देने की महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत की गयी है. बेटियों की शिक्षा और उनके लिंगानुपात में सुधार के लिए बेटी बचाओ “बेटी पढ़ाओ योजना” की शुरुआत की गयी है.

युवा शक्ति को व्यापार और उद्यम में लगाने के लिए स्टार्टअप योजना, स्टैंडअप इंडिया योजनाओ की शुरुआत की गयी है. नए भारत की रीढ़ नई पीढ़ी ही साबित होने वाली है इसलिए गुणवत्ता पूर्ण मानव संसाधन का निर्माण करने के लिए “नई शिक्षा नीति 2020” को जारी किया गया है. ऐसे ही कई सरकारी प्रयास किये जा रहे है, जो जन भागीदारी से ही सफल हो सकते है.

भारत की जनसंख्या 2022 चुनौती या ताकत ?

आखिर क्यों गायब हो रहे है भारत से 2000 के नोट क्या है पीछे की वजह?

लेख के विश्लेषण के बाद अंत में यही कहा जा सकता है कि भारत जैसे देश के लिए युवा आबादी एक अवसर अतीत के गौरव (super power status) को वापस पाने का. भारत दुनिया का सबसे युवा देश है, युवा शक्ति दुनिया की दशा और दिशा निर्धारित कर सकती है, आवश्यकता है देश की समस्त नीतियाँ देश की युवाओं जिसमे विशेषकर महिलाओं को ध्यान में रखकर बनाया जाए. तभी भारत अपनी जनसँख्या का सर्वोत्तम लाभ प्राप्त कर सकता है. अन्यथा बढ़ती जनसँख्या कई अन्य मूलभूत समस्याओं का कारण भी बन सकती है.

The post भारत की जनसंख्या 2022 चुनौती या ताकत ? appeared first on NITIN BHARAT.

]]>
https://nitinbharat.com/bharat-ki-jansankhya-2022-chaunauti-ya-takat/feed/ 1 19
पंचप्रयाग: याद रखने की आसान ट्रिक https://nitinbharat.com/panchprayag-yad-rakhne-ki-trick/ https://nitinbharat.com/panchprayag-yad-rakhne-ki-trick/#comments Sat, 09 Jul 2022 16:40:00 +0000 भारत के पंच  प्रयागों के बारे में अपने कई बार सुना होगा. भारत के भौगोलिक, धार्मिक और पर्यटन की दृष्टि से अत्यधिक महत्व पूर्ण है. इसीलिये किसी...

The post पंचप्रयाग: याद रखने की आसान ट्रिक appeared first on NITIN BHARAT.

]]>
भारत के पंच  प्रयागों के बारे में अपने कई बार सुना होगा. भारत के भौगोलिक, धार्मिक और पर्यटन की दृष्टि से अत्यधिक महत्व पूर्ण है. इसीलिये किसी न किसी सन्दर्भ को लिए यह सालभर चर्चा में बना रहता है. पंचप्रयाग क्या है, इसमें किन-किन नदियों का संगम शामिल है. और कहाँ पर ये एक दुसरे से मिलती है? पंच प्रयागों (Panch Prayag ) को  याद रखने की आसान ट्रिक क्या है आइये जानते है. Panchprayag yad rakhne trick

पंचप्रयाग:  याद रखने की आसान ट्रिक

 

पंचप्रयाग (Panch Prayag )  पांच नदियों का संगम नही है बल्कि पांच संगमो का नाम है. ये पांच नदी संगम अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग नदियों के जल के मिलने पर बनता है. कई कारणों से ये चर्चा में बने रहते है. इसीलिये कई परीक्षाओ में यहाँ से प्रश्न पूछे जाते है.

ब्रह्मपुत्र की सहायक नदियों को याद रखने की ट्रिक

प्रयाग का अर्थ ? Meaning of Prayag

 

प्रयाग का अर्थ मिलन स्थल होता है, पौराणिक हिन्दू मान्यता के अनुसार प्रयाग ऐसा स्थल है जहाँ उत्तर भारत की तीन सबसे पवित्र नदियां आकर मिलती है, इन नदियों में गंगा, यमुना और सरस्वती को गिना जाता था. उत्तर प्रदेश सरकार ने इसीआधार पर इलाहाबाद (Allahabad) का नाम बदलकर प्रयागराज (Prayagraj) कर दिया. हालांकि प्रयागराज में वर्तमान में केवल गंगा और यमुना नदी ही आकर मिलती है. जबकि ऐसी मान्यता है कि पौराणिक नदी सरस्वती भूमिगत होकर प्रयागराज में मिलती है. Panchprayag yad rakhne trick

 

उत्तरखण्ड के प्रयाग; पंचप्रयाग कहाँ है?

 

पंचप्रयाग उत्तरी भारत के उत्तराखंड राज्य में स्थित है, उत्तराखंड में ऋषिकेश से उत्तरकाशी की ओर जाते हुए मध्य और वृहत हिमालय को काटते हुए जो नदियाँ निकलती है उन्ही से पांच प्रयागों (Panch Prayag ) का निर्माण होता है. समग्र भारत के भूगोल में देखें तो ये उत्तरी हिमालय पर्वतों के बीच पड़ता है. Panchprayag yad rakhne  trick

भारत के 10 सबसे ऊंचे जलप्रपात

पंचप्रयाग (Panch Prayag )

 

नदी की बहाव की दिशा में ऊपर से नीचे अथवा उत्तर से दक्षिण की ओर विष्णुप्रयाग, नंदप्रयाग, कर्णप्रयाग, रुद्रप्रयाग और देवप्रयाग को संयुक्त रूप से पंचप्रयाग के रूप में जाना जाता है.  पंचप्रयागों के बारे में ऐसी धार्मिक मान्यता है कि यहाँ स्नान मात्र से मानसिक शांति और आत्मिक शुद्धि की प्राप्ति होती है. इसी लिए पंचप्रयागों का धार्मिक (Religious) और अध्यात्मिक (Spiritual) महत्व है.

 

पंचप्रयाग का निर्माण करने वाली नदियां

 

मूल नदी अलखनंदा या अलकनंदा के ऊपर से नीचे की ओर जाने पर धौलीगंगा, नंदाकिनी,  पिंडर,  मंदाकिनी और भागीरथी मिलते हुए क्रमशः  विष्णुप्रयाग, नंदप्रयाग, कर्णप्रयाग, रुद्रप्रयाग और देवप्रयाग का निर्माण करती है. अलकनंदा और धौलीगंगा के मिलने से विष्णु प्रयाग का निर्माण होता है. अलकनंदा और नंदाकिनी नदी के  मिलने से नंदप्रयाग का निर्माण होता है. अलकनंदा और पिंडर नदी के संगम पर कर्णप्रयाग का निर्माण होता है और अलकनंदा और मंदाकिनी नदी के संगम पर रुद्राप्राग का निर्माण होता है. भागीरथी और अलकनंदा के संगम पर देवप्रयाग का निर्माण होता है. इन नदियों के अलकनंदा नदी में मिलने के क्रम को याद रखने के लिए आप एक बेहद ही आसान ट्रिक को याद रख सकते है.

DN PMB

असल में ये कोई ट्रिक नहीं बल्कि सभी नदियों के अंगरेजी के प्रारम्भिक अक्षरों को मिलकर बनाया गया है. “DN PMB”  यह बाजार में मिलने वाले किसी रसायनिक खाद के फोर्मुले के समान प्रतीत होता है. इसे याद रखकर आप इस टॉपिक से पूछे गए किसी भी प्रश्न का उत्तर देने के लिए सक्षम हो जायेंगे.

 

पंचप्रयाग:  याद रखने की आसान ट्रिक

भारत के राष्ट्रपतियों को याद रखने की आसान ट्रिक

“विनकरु देव” पड़ने और सुनने में किसी पौराणिक हिन्दू देवता के नाम के समान प्रतीत हो रहा है, जिसे विस्तार करने पर आप पंचप्रयागों का नाम देख पाएंगे,  ये ट्रिक ऊपर से नीचे अथवा उत्तर से दक्षिण की ओर जाने पर आपको क्रमवार प्राप्त होगा. पंचप्रयाग:  याद रखने की आसान ट्रिक

 

“विनकरु देव”

 

वि –  विष्णुप्रयाग

न  –  नंदप्रयाग

क़  – कर्णप्रयाग

रू  – रुद्रप्रयाग

देव –  देवप्रयाग

पंचप्रयाग, विष्णुप्रयाग, नंदप्रयाग, कर्णप्रयाग, रुद्रप्रयाग, देवप्रयाग,

 

पंचप्रयागों  का महत्व (Importance of Panch Prayag)

 

सांस्कृतिक महत्व (Cultural Importance)

भारतीय पौराणिक ग्रंथो में ऐसी मान्यता है कि इन प्रयागों के दर्शन और स्नान से मानसिक और आत्मिक शांति की प्राप्ति होती है. इसीलिए यहाँ पूरे देश से लोग दर्शन करने आते है. उत्तराखंड की पर्यटन के दृष्टिकोण से ये प्रयाग बेहद ही महत्वपूर्ण स्थल है. देश ही नहीं पूरे दुनिया से श्रद्धालु यहाँ आस्था के समंदर डुबकी लगाने आते है. पंचप्रयाग: याद रखने की आसान ट्रिक

 

भौगिलिक महत्व (Geographical Importance)

ये नदियां महत्वपूर्ण ग्लाशियारों के से निकलती है, तथा तेज ढलानों वाली है जिसमे बाढ़ और प्राकृतिक त्रासदियों की संभावना बहुत अधिक बनी रहती है. पर्यटन की दृष्टिकोण से महत्व रखने वाले ये स्थल विशाल मानवीय आपदा का कारण बन जाते है इसीलिए इनका नियमित निगरानी करना मानचित्रण करना अत्यधिक आवश्यक होता है. इन नदियों में प्रवाहित जल इनसे संबंधित ग्लेशियरों के स्वास्थ्य का द्योतक है.

 

आर्थिक महत्त्व (Economic Importance)

इन प्रयागों से पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलता है, पनबिजली परियोजनाओं (Hydropower Project) के लिए जल और कई प्राथमिक कार्यों में उपयोग के द्वारा यह क्षेत्र के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देता है.

 

तो ये थी पंच प्रयागों (Panch Prayag) के बारे में समग्र जानकारी जो बेहद ही कम से कम शब्दों में बताने का प्रयास किया गया. इसमें  पंचप्रयाग:  याद रखने की आसान ट्रिक एक नवाचारी तरीका उपलब्ध कराता है कि किस प्रकार कठिन और जटिल नामों की सूची को आसान ट्रिक द्वारा याद किया जा सकता है. अगर यह आर्टिकल आपको उपयोगी लगा हो तो हमें comment box में जरुर लिखे.

 

 

 

 

 

The post पंचप्रयाग: याद रखने की आसान ट्रिक appeared first on NITIN BHARAT.

]]>
https://nitinbharat.com/panchprayag-yad-rakhne-ki-trick/feed/ 1 20
अफ़गानिस्तान की सीमा से लगे देशों को याद रखने की ट्रिक https://nitinbharat.com/afganistan-ki-seema-se-lage-desho-ko-yad-karne-ki-trick/ https://nitinbharat.com/afganistan-ki-seema-se-lage-desho-ko-yad-karne-ki-trick/#comments Wed, 08 Jun 2022 17:42:00 +0000 https://nitinbharat.com/2022/06/08/%e0%a4%85%e0%a4%ab%e0%a4%bc%e0%a4%97%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a4%bf%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%a4%e0%a4%be%e0%a4%a8-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%b8%e0%a5%80%e0%a4%ae%e0%a4%be-%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%b2/ अफ़गानिस्तान की सीमा से लगे देशों को याद रखने की ट्रिक (short trick to remind afganistan neighbours countries): अफ़गानिस्तान को दुनिया का सबसे अशांत देश कहा जाता...

The post अफ़गानिस्तान की सीमा से लगे देशों को याद रखने की ट्रिक appeared first on NITIN BHARAT.

]]>
अफ़गानिस्तान की सीमा से लगे देशों को याद रखने की ट्रिक (short trick to remind afganistan neighbours countries): अफ़गानिस्तान को दुनिया का सबसे अशांत देश कहा जाता है। विश्व शांति सूचकांक में अफगानिस्तान, सूडान और यमन जैसे देशों के साथ सबसे निचले पायदान में रहता है। इसीलिए संघ लोकसेवा आयोग, राज्य लोकसेवा आयोग के साथ देश के लगभग सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में अफगानिस्तान की सीमा से लगे देशों के बारे में प्रश्न पूछे जाते है।

अफ़गानिस्तान की सीमा से लगे देशों को याद रखने की ट्रिक!

अफ़गानिस्तान से अमेरिका के वापस जाने और तालिबान के सत्ता में आने के बाद से यह करीब हर परीक्षा के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण विषय बन गया है। अफगानिस्तान भारत का पड़ोसी राज्य भी है, यहां होने वाली हर एक हलचल भारत के लिए प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से अहम होता है, यही कारण था UPSC prelims 2022 में भी अफगानिस्तान की सीमा से लगे देशों के बारे में प्रश्न पूछा गया था। अफ़गानिस्तान की सीमा से लगे देशों को याद रखने की ट्रिक याद न रहने पर प्रतियोगियों को इस प्रश्न को हल करने में काफी दिक्कत हो सकती थी।

 

अफ़गानिस्तान की सीमा से लगे देशों को याद रखने की ट्रिक “चाइना पुट्टी” (China PUTTII) है। यह अंग्रेजी का एक एक्रोनिम जैसे लगता है। जिसे विस्तार से देखने पर बहुत ही आसान हो जाता है।

 

China PUTTII

 

China-चीन

 

P-पाकिस्तान

 

U-उज़्बेकिस्तान

 

T-तुर्कमेनिस्तान

 

T-तजाकिस्तान

 

I-ईरान

 

I-इंडिया (भारत)

 

यहां ध्यान देने योग्य तथ्य यह है कि भारत अफगानिस्तान का एक पड़ोसी है, और भारत की उत्तरी सीमा 106 (66 mile) किलोमीटर की साझा रूप से अफगानिस्तान से जुड़ी हुई है। इसे डूरंड लाइन के नाम से जाना जाता है। जो कि पाक अधिकृत कश्मीर में मौजूद है। हालांकि दुनिया के कई विवादित नक्से भारत और अफगानिस्तान के मध्य कोई साझा सीमा नहीं दिखाते जो कि भारत सरकार कभी स्वीकार नहीं करती इसी लिए अफ़गानिस्तान की सीमा से लगे देशों को याद रखने की ट्रिक याद करते समय इंडिया का नाम न भूले।

 

इसे भी पढ़ें: अंटार्टिका संधि क्या है?

 

अफगानिस्तान से संबंधित कौन सा प्रश्न UPSC prelims 2022 में पूछा गया था?

 

अफ़गानिस्तान की सीमा से लगे देशों को याद रखने की ट्रिक यदि आपको याद हो गई होगी तो UPSC prelims 2022 में पूछे गए इस आसान से प्रश्न का उत्तर देने का प्रयास कीजिए।

 

प्रश्न: निम्नलिखित देशों पर विचार कीजिए

 

1. अजरबैजान

2. किर्गिस्तान

3. तजाकिस्तान

4. तुर्कमेनिस्तान

5. उज़्बेकिस्तान

 

उपरोक्त में से कौन अफगानिस्तान के साथ सीमा साझा करता है?

 

A. केवल 1,2 और 5

B. केवल 1,2,3 और 4

C. केवल 3,4 और 5

D. 1,2,3,4 और 5

 

इस प्रश्न का उत्तर C होगा क्योंकि अफ़गानिस्तान की सीमा से लगे देशों को याद रखने की ट्रिक में इनका नाम नही आता। इस प्रकार के प्रश्न आने वाले समय में कई प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाने की संभावना है। इसलिए भविष्य के लिए यह ट्रिक सभी प्रतियोगियों के लिए बेहद ही महत्वपूर्ण हो जाता है।

 

प्रतियोगी परीक्षाओं में अफगानिस्तान से सम्बंधित पूछे जाने वाले कुछ अन्य प्रश्न:

 

1. भारत – अफगानिस्तान के मध्य कौन सी सीमा रेखा मौजूद है?

उत्तर – डूरंड लाइन, इसे अंग्रेजों द्वारा सन 1893 में रूस और ब्रिटेन के साम्राज्य के बीच बढ़ते तनाव को कम करने और अफगानिस्तान को एक बफर राज्य के रूप में स्थापित करने लिए खींचा गया था।

 

2. भारत – अफगानिस्तान सीमा की लंबाई कितनी है?

उत्तर – 106 किलोमीटर (66 mile), भारत की उत्तरी सीमा जो कि पाकिस्तान अधिगृहित कश्मीर का हिस्सा है के तहत आता है।

 

3. अफगानिस्तान की मुद्रा क्या है?

उत्तर – अफगान रुपया

 

4. अफगानिस्तान की संसद का क्या नाम है?

उत्तर – नेशनल असेंबली ( 15 अगस्त 2021 से विघटित) तालिबान का सत्ता पर बलपूर्वक कब्जा कर लेने के बाद से राजधानी काबुल और देश का नियंत्रण दोनो तालिबान के हाथों में है।

 

5. भारत अफगानिस्तान से कब विभाजित हुआ?

उत्तर – 1893 डूरंड रेखा के निर्माण के साथ, इससे पूर्व तक पूर्वी पाकिस्तान अफगानिस्तान का हिस्सा था।

 

6. अफगानिस्तान में भारत द्वारा किस प्रसिद्ध डैम का निर्माण किया गया है?

उत्तर – सलमा डैम, यह अफगानिस्तान की एक महत्वपूर्ण बहुउद्देशीय परियोजना है। इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी द्वारा 2016 में किया गया था। सलमा डैम अफगानिस्तान के हरि रूद नदी पर मौजूद है। यह अफगानिस्तान के हेरात प्रांत में बनाया गया है।

 

7. अफगानिस्तान के किस राजमार्ग का निर्माण भारत ने किया है?

उत्तर – जरांज-देलाराम राष्ट्रीय राजमार्ग, भारत द्वारा अफगानिस्तान की इस प्रमुख राजमार्ग का निर्माण किया गया है। इसे रूट 606 नाम से भी जाना जाता है। इसका निर्माण ईरानी सीमा से सटकर और अफगानिस्तान की प्रमुख शहरों को जोड़ते हुए किया गया है। इसकी लंबाई 218 किलोमीटर है। रणनीतिक रूप से यह अफगानिस्तान का एक महत्वपूर्ण राजमार्ग है।

 

8. अफगानिस्तान तक आसान पहुंच के लिए भारत द्वारा किस बंदरगाह का निर्माण किया जा रहा है?

उत्तर – चाबहार बंदरगाह, भारत द्वारा अफगानिस्तान में बिना पाकिस्तान की भूमि का उपयोग किए आसान पहुंच के लिए चाबहार बंदरगाह का निर्माण किया जा रहा है। इस निर्माण हेतु 2016 में समझौता किया गया था। 85 मिलियन डॉलर का निवेश करके इस बंदरगाह को बनाया जा रहा है, इसके अतिरिक्त 150 मिलियन डॉलर का खर्च और अनुमानित है।

ऐसी कल्पना की गई थी कि अफगानिस्तान के रास्ते भारत मध्य एशिया में प्रवेश करेगा लेकिन अफगानिस्तान में तालिबानी सत्ता के बाद यह निवेश खतरे में पड़ता दिख रहा है।

 

9. अफगानिस्तान की अर्थव्यस्था का मुख्य आधार क्या है?

उत्तर – अफीम, अफगानिस्तान दुनिया के सबसे बड़े अफीम उत्पादक देशों में से एक है। नशीले और मादक पौधों के उत्पादन में दुनिया में अफगानिस्तान का प्रमुख स्थान है। ज्ञात हो कि भारत समेत दुनिया के कई देश में अफगानिस्तान से आने वाले नशीले पदार्थो की तस्करी से परेशान रहते है।

 

10. अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता के लिए कौन सा सम्मेलन आयोजित किया जाता है?

उत्तर – हार्ट ऑफ़ एशिया सम्मेलन, इसे इस्तांबुल प्रोसेस नाम से भी जाना जाता है। भारत समेत करीब 11 देश इस उद्देश्य से की अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता आ सके 2011 में इस सम्मेलन की शुरुआत की 2021 में इसका 9वां सम्मेलन तजाकिस्तान के दुशांबे में संपन्न हुआ।

 

अफ़गानिस्तान की सीमा से लगे देशों को याद रखने की ट्रिक और अफगानिस्तान के संबंध में पूछे गए प्रश्नों का संकलन यदि आपको पसंद आया हो तो अन्य लोगो से साझा करें, और अपने राय हमें कमेंट बॉक्स में लिखे।

The post अफ़गानिस्तान की सीमा से लगे देशों को याद रखने की ट्रिक appeared first on NITIN BHARAT.

]]>
https://nitinbharat.com/afganistan-ki-seema-se-lage-desho-ko-yad-karne-ki-trick/feed/ 1 27
What is Mass Extinction in Hindi: Events, Causes | Full explanation https://nitinbharat.com/what-is-mass-extinction-in-hindi-events-causes-full-explanation/ https://nitinbharat.com/what-is-mass-extinction-in-hindi-events-causes-full-explanation/#respond Fri, 27 May 2022 12:57:00 +0000 https://nitinbharat.com/2022/05/27/what-is-mass-extinction-in-hindi-events-causes-full-explanation/ What is Mass Extinction in Hindi: वन्य जीव-जंतु प्रकृति के अभिन्न अंग है। इनके बिना प्रकृति और पृथ्वी की कल्पना नहीं की जा सकती। वन्य जीव जंतुओं का...

The post What is Mass Extinction in Hindi: Events, Causes | Full explanation appeared first on NITIN BHARAT.

]]>
What is Mass Extinction in Hindi: वन्य जीव-जंतु प्रकृति के अभिन्न अंग है। इनके बिना प्रकृति और पृथ्वी की कल्पना नहीं की जा सकती। वन्य जीव जंतुओं का इतिहास उतना ही पुराना है जितना पृथ्वी का। लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि धरती पर इनका पहले 5 बार महाविलोपन हो चुका है।

वैज्ञानिकों के अनुसार वर्तमान में पृथ्वी छठवीं महाविलोपन (sixth mass extinction) का सामना कर रही है। महाविलोपन का क्या अर्थ (mass extinction meaning) होता है? आइए जानते है।

महाविलोपन क्या है? what is mass extinction in Hindi ?

Mass extinction को होलोसीन विलोपन ( Holocene extinction ) भी कहा जाता है। पृथ्वी पर महाविलोपन की घटना ( mass extinction events ) एक बेहद ही आश्चर्य जनक घटना होती है। जिसमे वृहद पैमाने पर पृथ्वी की जैवविविधता का विनाश हो जाता है।

 

वैज्ञानिकों के अनुसार पृथ्वी पर यह घटना तब घटित होती है जब प्रजातियों में विविधता बढ़ने की दर की तुलना में उनके विलोपन होने की दर अधिक तेज होती है। अभी तक दुनिया में पांच ऐसे महाविलोपन (mass extinction) हो चुके है।

 

उदाहरण (mass extinction events) के तौर पर परमियन काल ( permian mass extinction ) में समुद्र में पाए जाने वाली  में प्रजाति और ट्रायसिक काल में डायनोसोर की प्रजाति का महाविलोपन।

 

सामूहिक विलोपन क्या है? What is mass extinction and mass extinction events

What is mass extinction (in Hindi) इसका आसान शब्दों में उत्तर होगा ” एक ऐसी घटना जिसमे पृथ्वी में पाए जाने वाली जीव जंतुओं की विशाल आबादी हमेशा के लिए विलुप्त हो जाती है। sixth mass extinction का सामना कर रही दुनिया के सामने इस बार खतरा पहले की तुलना में अधिक भयावह होने वाला है।

 

ऐसा अनुमान है कि 6th mass extinction में कई सरीसृप और स्तनपायी जीवों की प्रजातियां हमेशा के लिए विलुप्त हो जायेगी। जैसे सांपों और गिरगिट की कई प्रजातियां, चीता, शेर, हाथी और मछलियों की प्रजातियां हमेशा के लिए विलुप्त हो जाएंगी। iucn red list में जीव जंतुओं की iucn status इसे सत्यापित करते है।

 

महाविलोपन के कारण | causes of sixth mass extinction ?

Mass extinction meaning और what is mass extinction in हिंदी के बाद आइए जानते है sixth mass extinction के कारण के बारे में।

 

दुनिया में अभी तक हुए पांच महाविलोपनों का कारण जलवायु में आए बदलाव को माना जाता है, इसके साथ – साथ चार्ल्स डार्विन की “Survival of the fittest” सिद्धांत भी इन विलोपनों की व्याख्या करता है, जिसमे यह कहा गया है कि पृथ्वी पर वही जीव जंतु जीवित रहते है जो दूसरे से संघर्ष करके विजित होते है। जबकि अन्य कारणों में महाविनाशक प्राकृतिक आपदाओं को शामिल किया जाता है।

 

अभी तक देखे गए mass extinction में वैज्ञानिकों ने इन्ही कारणों को उत्तरदायी माना है लेकिन sixth mass extinction के लिए मानव जनित जलवायु परिवर्तन को मुख्य कारण माना जा रहा है। 18वीं सदी का औद्योगिकरण परिणामतः पृथ्वी के तापमान में निरंतर बढ़ोतरी, पूंजीवाद और उपभोक्तावाद की संस्कृति, जिसके परिणामस्वरूप लगातार वन्यजीवों के रहवासों पर बढ़ता दबाव ( habitat loss ) और दिन-ब-दिन बढ़ती प्राकृतिक आपदाएं है।

 

समाचारों में अक्सर आपने सुना होगा कि ब्रह्मपुत्र नदी बेसिन में आए बाढ़ के चलते कई गेंडे मौत के शिकार हो गए। अरुणाचल प्रदेश में भू स्खलन में दबकर सैकड़ों मछलियों की मौत हो गई। तेल रिसाव से समुद्री तट पर हजारों की संख्या में समुद्री जीव मृत पड़े दिखते है। ऐसे ही दुनियाभर से कई खबरें सामने आती है।

महाविलोपन की घटनाएं | mass extinction events

पृथ्वी को भौगोलिक रूप से निर्माण और विकसित होने के क्रम के आधार पर कई युगों और काल खंडों में विभाजित किया गया है। इनके आधार पर ही mass extinction events को विभाजित किया गया है।

  1. Ordovician  Silurian कालीन महाविलोपन
  2. Devonian extinction
  3. Permian – Triassic extinction
  4. Triassic–Jurassic extinction
  5. Cretaceous–Paleogene extinction

1. Ordovician  Silurian कालीन महाविलोपन

यह mass extinction events ऑर्डोविशियन सिलुरीयन काल मे घटित हुआ। इस महाविलोपन काल में कोरल की कई प्रजातियां, ट्राइलोबाइट्स और ब्रैकियोपोड की प्रजातियां विलुप्त हो गई।

2. Devonian extinction

यह महाविलोपन डेवोनियन काल में घटित हुआ था इस काल में समुद्री जीवों की कई प्रजातियां नष्ट हो गई थी।

 

3. Permian – Triassic extinction

Permian – Triassic extinction या Permian mass extinction यह सबसे भयावह mass extinction events में से एक था, जिसमे पृथ्वी पर पाए जाने वाली प्रजातियों की 90% आबादी विनिष्ट हो गई। यह आज से 250 मिलियन वर्ष पहले घटित हुआ था। Permian mass extinction में समुद्री परितंत्र की महज़ 5% आबादी ही जीवित बची थी। पृथ्वी पर पाए जाने वाले समस्त वृक्ष नष्ट हो गए थे।

 

4. Triassic–Jurassic extinction

यह दुनिया में घटित होने वाली चौथी mass extinction events में से थी जिसमे डायनोसोर जैसे विशाल जानवरों का अंत हो गया गया था। इसके बारे में कई कहानियां और फिल्में दुनियाभर में मशहूर है।

 

5. Cretaceous–Paleogene extinction

यह जैवविविधता की पांचवी महाविलुप्ति थी। जिसमे स्तनपयी और सरीसृपों का विनाश हो गया था। पक्षियों की प्रजाति ही जीवित बच पाई थी।

 

छठवीं महाविलोपन sixth mass extinction का सामना कर रही दुनिया को इस बात का अभी जरा भी अंदाजा नही कि आने वाले कुछ सालों में उसके आस पास दिखने वाले जीव जंतु उनसे हमेशा के लिए दूर होने वाले है। आने वाली पीढ़ियां इन्हे सिर्फ किताबों में पढ़ा करेंगी। जैसे आज हम डायनोसोर, पंख वाली मछली और उड़ने वाले भारी जीवों के बारे में पढ़तेे (What is Mass Extinction in Hindi) और  सुनते है।

 

दुनिया के जीव वैज्ञानिक इस प्रयास में लगे हुए है कि किसी भी तरह विलुप्त हो रहे जीवों के जीन को संरक्षित करके रखा जाए, कैपिटिव ब्रीडिंग के जरिए उनकी संख्या बढ़ाई जाए, उनके लिए ज्यादा से ज्यादा स्थान संरक्षित किया जा रहा है, वैश्विक साझेदारी का निर्माण किया जा रहा है। लेकिन जब तक उनके महत्व और संरक्षण के लिए आम जन जागरूक नहीं होंगे तब तक sixth mass extinction को रोक पाना असम्भव है।

 

पिछले पांच महाविलोपनों में मानव का अस्तित्व था न ही मानव का योगदान लेकिन इस महाविलोपन (What is Mass Extinction in Hindi) में मानव का हाथ भी है और इस समय मानव का अस्तित्व भी है। वर्तमान होलोसिन युग में मानव एक खाद्य श्रृंखला और पारिस्थितिकी क्रिया प्रतिक्रिया का अभिन्न अंग है। जिसमे जीवों के विलुप्ति का सीधा अर्थ होगा मानव के अस्तित्व की विलुप्ति।

The post What is Mass Extinction in Hindi: Events, Causes | Full explanation appeared first on NITIN BHARAT.

]]>
https://nitinbharat.com/what-is-mass-extinction-in-hindi-events-causes-full-explanation/feed/ 0 29
नागपुर भारत की राजधानी के रूप में: एक समग्र विश्लेषण! https://nitinbharat.com/nagpur-bharat-ki-rajdhani-ke-roop-mein/ https://nitinbharat.com/nagpur-bharat-ki-rajdhani-ke-roop-mein/#comments Wed, 18 May 2022 12:40:00 +0000 https://nitinbharat.com/2022/05/18/%e0%a4%a8%e0%a4%be%e0%a4%97%e0%a4%aa%e0%a5%81%e0%a4%b0-%e0%a4%ad%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a4%a4-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%9c%e0%a4%a7%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a5%87/ दुनिया में कई देश समय और जरुरत के हिसाब से अपनी राजधानियां स्थानांतरित करती रही है, भारत में भी यह मांग समय-समय पर उठती रहती है, इसका...

The post नागपुर भारत की राजधानी के रूप में: एक समग्र विश्लेषण! appeared first on NITIN BHARAT.

]]>
दुनिया में कई देश समय और जरुरत के हिसाब से अपनी राजधानियां स्थानांतरित करती रही है, भारत में भी यह मांग समय-समय पर उठती रहती है, इसका सबसे उत्तम विकल्प नागपूर को माना जा रहा है.

नागपूर कैसे दिल्ली से बेहतर राजधानी हो सकती है? एक राजधानी के रूप में दिल्ली आज किन-किन मुश्किलों का सामना कर रही है? नागपूर के नई राजधानी बनने से देश को होने वाले नफे नुकसान जैसी कई रोचक पहलुओं से परिचित होने के लिए इस आलेख को पूरा पढ़े.

नागपूर भारत की राजधानी के रूप में? एक समग्र विश्लेषण!

नागपूर भारत की राजधानी के रूप में एक समग्र विश्लेषण नागपूर की खासियत, नागपूर का इतिहास, दिल्ली और नागपूर की तुलना, दिल्ली की समस्या, दिल्ली भारत की राजधानी, जैसे कई पहलुओं को जानने के लिए इस आलेख का अवलोकन करें।

दिल्ली भारत की राजधानी कब बनी? When was Delhi become capital of India?

दिल्ली भारत की कैपिटल वर्ष 1911 में घोषित हुई, ये वो समय था जब अंगरेजी हुकूमत का देश में डंका बजता था. आज का पूरा पाकिस्तान और बांग्लादेश भारत का हुआ करते थे, इतने विशाल देश पर अपना नियंत्रण और अधिक मजबूत करने के लिए अंग्रेजो ने कोलकाता की जगह दिल्ली को अपनी राजधानी घोषित करना सबसे मुनासिफ समझा.

दिल्ली को भारत की राजधानी क्यों बनाया गया?

दिल्ली के अवस्थिति के साथ दो और ख़ास बात थी जो दिल्ली के अलावा कोई और शहर के पास नहीं थे पहला, यहाँ से पूरे देश के लिए रेल, सड़क और रिवर  कनेक्टिविटी था. दूसरा, मुगलों और सल्तनत शासकों की यह लगभग 700 सालो तक राजधानी थी.

अंग्रेजो ने तो इन्ही सारे कारणों से दिल्ली को भारत की राजधानी बनाई क्योंकि यहाँ से वो पूरे भारत को अच्छे से कण्ट्रोल और कंगाल बना सकते थे, लेकिन जब 15 अगस्त 1947 को  हिंदुस्तान अंग्रेजो के गुलामी से पूरी तरह आजाद हो गया, भारत से बांग्लादेश और पाकिस्तान जैसे हिस्से अलग हो चुके थे, फिर ऐसी कौन सी मजबूरी केे चलते हमारे नेताओं ने दिल्ली को ही देश की राजधानी के रूप में जारी रखा? इसके एक नहीं कई कारण थे.

पहला कारण तो दिल्ली पर अंग्रेजो द्वारा की गयी भारी भरकम निवेश थी. अंग्रेजो ने यहाँ राजधानी के रूप आवश्यक सभी अवसंरचनाओं का निर्माण कर दिया था जैसे संसद भवन, सचिवालय, और रहने के लिए पूरी लुटियंस दिल्ली. दुसरी वजह भारत की ख़राब आर्थिक स्थिति थी जिसकी वजह से कोई भी नए शहर को राजधानी के रूप में विकसित करने के हालत में भारत नहीं था.

तीसरा और सबसे प्रमुख कारण था तब के समय देश की राजनीति में उत्तर भारत के नेताओं का दबदबा था जिन्हें दिल्ली के अलावा कोई राजधानी कभी मंजूर नहीं होता.

इसे भी पढ़ें: अंटार्कटिका संधि क्या है?

एक राजधानी के रूप में दिल्ली की समस्याएं?

लेकिन आज दिल्ली आज एक राजधानी के रूप में कई गंभीर समस्याओं का सामना कर रही है. जैसे वायु प्रदूषण, बढ़ता जनघनत्व, ग्लोबल वार्मिंग, पानी की समस्या और जमीन की कमी की समस्या होने की समस्या. हर साल ठण्ड के महीनो में यहाँ वायु गुणवत्ता जानलेवा स्तर तक पहुँच जाती है. जनसँख्या घनत्व के मामले में यह भारत का शीर्ष राज्य बन चुका है.

गर्मियों में यहाँ हीट वेव का प्रकोप आम हो गया है. नए निर्माण करने के यहाँ जगह भी नहीं बची है, इसका सबसे बड़ा उदाहरण सेन्ट्रल विस्टा प्रोजेक्ट है, जिसे बनाने के लिए गणतन्त्र दिवस परेड स्थल के पेड़ो और मैदानों को साफ करके किया जा रहा है. ये ऐसी समस्यायें है जिनका समाधान आसन नहीं दिखता. इसलिए देश में यह विमर्श जन्म ले रही है कि क्यों ना दिल्ली के अलावा किसी और शहर को नयी राजधानी घोषित कर दी जाये. इसका सबसे अच्छा विकल्प नागपूर को माना जा रहा है.

नागपूर भारत की राजधानी के रूप में?

नागपूर की भारत की राष्ट्रीय राजधानी के रूप में खासियतों के बारे में विस्तार से जानेंगे लेकिन उससे पहले आइए जान लेते है नागपूर के बारे में.

नागपूर का इतिहास?

जानने से पहले आइये जानते है नागपूर के बारे में  नागपूर शहर का इतिहास 3000 साल पुराना है. प्राचीन भारतीय ग्रंथो में इसका नाम “फनिपुर” या “फणीन्द्रपुर” नाम से मिलता है. इसका नागपूर नाम यहाँ बहने वाली नाग नदी के ऊपर पड़ा है. वर्तमान में यह शहर महाराष्ट्र की तीसरी सबसे बड़ी आबादी वाला शहर है, नागपूर महाराष्ट्र की शीतकालीन राजधानी भी है, पूरे महाराष्ट्र से अलग यह भाग हिन्दी भाषा से गहराई से जुडाव रखता है.

आजादी के बाद से ही इस क्षेत्र के लोगो द्वारा लगातार इसे नये “विदर्भ” राज्य के रूप में विकसित करने की मांग की जा रही है. नागपूर को संतरे की टोकरी भी कहते है क्योकि यहाँ देश में सबसे ज्यादा संतरे का प्रोडक्शन होता है. नागपूर को टाइगर कैपिटल (Capital) ऑफ़ इंडिया भी कहा जाता है क्योंकि देश के सबसे ज्यादा टाइगर रिज़र्व नागपूर के आस-पास के इलाके में ही मौजूद है.

इसके अलावा नागपूर में ही दुनिया की सबसे बड़ी स्वयम सेवको की संस्था RSS का मुख्यालय भी है, यही नहीं बाबा साहब ने यहीं  नवबौद्ध धर्म की नीव रखी थी. और एक तथ्य जो बहुत कम लोग जानते है कि रिज़र्व बैंक की नागपूर शाखा में RBI देश कुल सोने का 75% रखता है. इसलिए नागपूर “गोल्ड कैपिटल ऑफ़ इंडिया” भी बन जाता है.

नागपूर भारत की राजधानी के रूप में सबसे उपयुक्त कैसे?

नागपूर के बारे में ये कमाल के तथ्य काफी नहीं है इसे राजधानी घोषित करने के लिए. आइये जानते है कि ऐसी कौन-कौन सी खासियतें है जिसकी वजह से नागपूर भारत की राजधानी के रूप में सबसे पहले नंबर पर काबिज होती है.

नागपूर की भौगोलिक अवस्थिति (Geographical Location of nagpur)

दिल्ली भौगोलिक रूप से भारत के उत्तर में पड़ता है, यहाँ तक पहुँचने के लिए नागालैंड के किसी आदमी को 2270 किलोमीटर की दूरी तय करना पड़ता है, वही कन्याकुमारी के किसी आदमी को दिल्ली तक पहुँचने के लिए 2800 किलोमीटर की दूरी तय करनी  पड़ती है, लेकिन अगर नागपूर देश की राजधानी बनता है तो यह यह लगभग आधा हो जायेगा.

नागपूर भारत के सेंटर में अवस्थित है. इसे भारत का ह्रदय  भी कहते है. राजधानी के रूप में यह पूरे देश के लिए बीच में पड़ेगा. भारत की जीरो माईल लाइन(zero mile line) नागपूर से ही  होकर गुजरती है. यही नहीं आजादी के पहले देश के सबसे बड़े राज्य “सेट्रल प्रोविंस एंड बरार” की राजधानी नागपूर ही थी.

यही नहीं नागपूर से  देश के कोने-कोने लिए रेल और सड़क कनेक्टिविटी है. इसलिए  नागपूर भारत की राजधानी के रूप में सबसे पहला विकल्प बनकर आता है.

इसे भी पढ़ें: क्या भारतीय प्रधानमंत्री कभी तानाशाह भी बन सकता है?

नागपूर की जलवायुवीय अवस्थिति  (Climatic Condition of Nagpur)

कई रिपोर्ट्स और सर्वे में दिल्ली को दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर बताया जाता है, ठण्ड के मौसम में इसकी हवा इतनी जानलेवा हो जाती है कि स्कूल और कॉलेज भी बंद करना पड़ता है. वही नागपूर में ऐसी कोई समस्या नहीं देखने मिलती, दिल्ली के पश्चिम में मौजूद थार का रेगिस्तान अब अरावली पर्वत को पार करके दिल्ली तक पहुँच गया है.

वैज्ञानिको का अनुमान है कि आने वाले सालो में दिल्ली बंजर हो जायेगा और रेगिस्तान में बदल जायेगा, जबकि नागपूर को अभी भी भारत के शीर्ष 5 ग्रीन सिटीज में काउंट किया जाता है.

प्राकृतिक आपदाएं और नागपूर (Natural Disaster and Nagpur)

दोस्तों भूकंप जोन 4 में पड़ता है और हिमालय जैसे खतरनाक भूकंप प्रभावित क्षेत्र के करीब स्थित है जहाँ खतरनाक भूकंप कभी भी तबाही मजा सकते है, वही नागपूर  भूकंप जोन 2 में पड़ता है जहाँ भूकम्प आने की संभावना ना के बराबर होती है.

दिल्ली पीने के पानी और भूमिगत जल की समस्या से अक्सर जूझता है, जबकी नागपूर में पानी की कोई भी समस्या नहीं है. दिल्ली ठण्ड के दिनों में खून जमा देने वाली ठंडी जबकी गर्मियों में हड्डी गला देने वाली गर्मी के लिए जाना जाता है. जबकि नागपूर में हालत इतने नहीं बिगड़तेे.

नागपूर में खतरें और अपराध (Threats And Crime in Nagpur )

दिल्ली, चीन और पाकिस्तान जैसे दुश्मन देशो के बहुत ही करीब मौजूद है. इसलिए किसी भी युद्ध के दौरान दिल्ली पर हमला होने का खतरा मंडराते रहता है, और दोस्तों किसी देश की राजधानी पर हमला उस देश के नागरिको के मनोबल को तोड़ देती है, लेकिन नागपूर भारत के ठीक बीच में मौजूद है.

इतने दूर तक किसी भी मिसाइल को पहुँचने से पहले ही ध्वस्त किया जा सकता है. यही नही नागपूर में सीमापार से आने वाले नशीले और मादक पदार्थो की तस्करी भी नहीं होती क्योंकि इंटरनेशनल बाउंड्री यहाँ से कोशों दूर है. अतः नागपूर भारत की राजधानी के रूप में सबसे उपयुक्त नजर आता है.

खनिज सम्पदा संपन्न नागपूर (Mineral in Nagpur)

दिल्ली के आसपास ना कोयले की खदाने है, ना लोहा, ना स्टील इसे हरेक चीज को दूर दराज के राज्यों से मांगना पड़ता है, इसलिए यहाँ बिजली संकट और ऑक्सीजन सिलेंडरों की कमी जैसी खबरें आम है. जबकी नागपूर के आसपास भारत की सबसे बड़ी मिनरल खदाने मौजूद है, भविष्य में कभी भी इसे बिजली, लोहा और स्टील जैसी समस्याओ से जूझना नही पड़ेगा.

नागपूर की विकास सामर्थ्य और अवसंरचना  (Growth Potential And Infra)

नागपूर में राजधानी बनने के लिए पहले से ही सभी अवसंरचना मौजूद है, क्योंकि यह महाराष्ट्र की दुसरी  राजधानी है, जबकि ग्रोथ पोटेंशियल की बात करे तो ऑक्सफ़ोर्ड इकोनॉमिक्स के अनुसार  यह दुनिया का 5वां सबसे तेजी से बढता हुआ शहर है. इसलिए किसी भी अन्य शहर की तुलना में नए राजधानी की स्थापना नागपूर में करने में खर्च बहुत ही कम आयेगा.

क्षेत्रीय विकास (Regional Development)

दिल्ली की वजह से उसके आसपास के इलाके तो विकसित हो गए लेकिन सेंट्रल इंडिया में बहुत ज्यादा पोटेंशियल होने के बावजूद देश के सबसे पिछडे इलाको में गिना जाता है. नागपूर के राष्ट्रीय राजधानी बनने के बाद  सेट्रल इंडिया में भी डेवलपमेंट आ सकता है, यहाँ की अशिक्षा, गरीबी और और जीवन स्तर में भी सुधार हो सकता है.

दुनिया भर में ऐसे कई उदहारण है जिसमे कि देशों ने अपने क्षेत्रीय, जलवायुवीय और जनसँख्या समीकरणों को संतुलित करने के लिए अपनी राजधानियां बदलती रही है. भारत में भी ऐसी मांग अनुचित नहीं. हालाँकि सरकार पर वित्तीय बोझ और राजनीतिक दबाव निकट भविष्य में इस विमर्श के सत्य होने की सम्भावना कम ही नजर आती है.

सेंट्रल विस्टा परियोजना के द्वारा राजधानी के सरकारी ऑफिसों का नवीनीकरण इस बात का प्रमाण है कि नागपूर भारत की राजधानी के रूप में केवल एक विमर्श मात्र ही है. आपकी राय क्या है हमें जरुर लिखें.

The post नागपुर भारत की राजधानी के रूप में: एक समग्र विश्लेषण! appeared first on NITIN BHARAT.

]]>
https://nitinbharat.com/nagpur-bharat-ki-rajdhani-ke-roop-mein/feed/ 1 31