खूबसूरत देशों का नाम लेने पर सबसे पहले आपके ज़ुबान पर भी स्विट्जरलैंड का नाम ही आएगा, स्विट्जरलैंड यूरोप का सबसे समृद्ध देश है, स्विट्जरलैंड दुनिया के सर्वाधिक प्रतिव्यक्ति आय वाला भी देश है और आप यह जानकार आश्चर्य होगा कि स्विट्जरलैंड को दुनिया के कालेधन की राजधानी भी कहते है.
ऐसे ही कई विशेषताओं के साथ स्विट्जरलैंड की एक और विशेषता भी है जिसके बारे आपने शायद पहले कभी नहीं सुना होगा। दरअसल स्विट्जरलैंड के कई शहरों में रात 10 बजे के बाद टॉयलेट फ्लश करना प्रतिबंधित है। यह प्रतिबंध किसी सरकार द्वारा नहीं बल्कि स्थानीय लैंडलॉर्ड द्वारा आरोपित किया गया है। हैरानी की बात तो ये की वहाँ के नागरिक इसका पालन भी करते है। ये नियम सामान्य सौजन्य से माने जाते है और इसका उलंघन करने पर कोई भी जुर्माना नहीं लगाया जाता।
लेकिन अब प्रश्न उठता है कि इस अनौपचारिक कानून को क्यों बनाया होगा? वह भी उस देश में, जहाँ के लोगों को दुनिया की सबसे प्रबुद्ध जनता मानी जाती है? इसका जवाब है शांति। यहाँ के लोग बेहद ही शांतिप्रिय होते है। यहाँ के लोग अनुशासित भी होते है। इसीलिए रात्री दस बजे से सुबह सात बजे को ये सोने का समय मानते है। इस दौरान ये फ्लश की आवाज से किसी की नींद में ज़रा सी भी खलल नहीं डालना चाहते। इसीलिए यह स्वतः ही एक नियम बन गया है।
किसी भी देश की आबादी की तरह स्विट्जरलैंड की आबादी भी परिवर्तन-पसंद है। इसी लिए वे इस नियम का अनुपालन पूर्ण रूप से नहीं कर पाते।
भारतीय आबादी में साझा सौजन्य अभी विकासशील स्तर पर है अतः यहाँ इस प्रकार के किसी भी कानून का लोग स्वयं ही अनुपालन नहीं करते। शांति के विपरीत हर मांगलिक कार्यो में यहाँ डीजे, एम्प्लीफायर जैसे लाउडस्पीकर से ध्वनि प्रदूषण कर दुसरो की नींद चैन में खलल डालना आम बात है।