International Affairs Archives - NITIN BHARAT https://nitinbharat.com/category/international-affairs/ India's Fastest Growing Educational Website Wed, 27 Nov 2024 12:15:48 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.1 210562443 When will American overreach stop?? https://nitinbharat.com/when-will-american-overreach-stop-against-indian-companies/ https://nitinbharat.com/when-will-american-overreach-stop-against-indian-companies/#respond Wed, 27 Nov 2024 12:15:48 +0000 https://nitinbharat.com/?p=843 The last week global media have been full of stories about indictment against the Adani Group by an American Prosecutor. (Stop American Overreach) It is time the...

The post When will American overreach stop?? appeared first on NITIN BHARAT.

]]>
The last week global media have been full of stories about indictment against the Adani Group by an American Prosecutor. (Stop American Overreach)

It is time the world starts asking when American overreach will stop? Lets turn the table for a second and assume that an Indian Court charged top American business executives for crimes allegedly done in the US. Would this be acceptable to America? Would American media find it appropriate? (Stop American Overreach)

Added it is now clear that the accusations are not against the top Adani leaders, Gautam and Sagar Adani.

Nor is there evidence that bribes were paid by Adani executives to Indian government officials. The indictment solely rest on claims that bribes were promised or discussed.

This American overreach has serious consequences for peoples lifes. It makes it harder for one of Indias economic power houses to finance its operations. It forces the Adani Group to spend time and resources in court rather than building solar and wind plants. It simply slows down the green transformation of India. (Stop American Overreach)

Its time to put a stop to American overreach!

Dont Underestimate Elon Musk! Why? क्यों एलन मस्क को हल्के में न लें?

The post When will American overreach stop?? appeared first on NITIN BHARAT.

]]>
https://nitinbharat.com/when-will-american-overreach-stop-against-indian-companies/feed/ 0 843
Don’t Underestimate Elon Musk! Why? क्यों एलन मस्क को हल्के में न लें? https://nitinbharat.com/dont-underestimate-elone-musk-know-why/ https://nitinbharat.com/dont-underestimate-elone-musk-know-why/#respond Sun, 01 Sep 2024 13:06:43 +0000 https://nitinbharat.com/?p=818 ब्राजील में एक महीने तक चले लंबे तनातनी के बाद सुप्रीम कोर्ट को देश में तख्ता पलट का भय सताने लगा। अंततः चीफ जस्टिस अलेक्जेंडर डी मॉरिस...

The post Don’t Underestimate Elon Musk! Why? क्यों एलन मस्क को हल्के में न लें? appeared first on NITIN BHARAT.

]]>
ब्राजील में एक महीने तक चले लंबे तनातनी के बाद सुप्रीम कोर्ट को देश में तख्ता पलट का भय सताने लगा। अंततः चीफ जस्टिस अलेक्जेंडर डी मॉरिस ने ट्वीटर पर देशव्यापी प्रतिबंध लगा दिया। हद तो तब हो गई जब VPN के जरिए लोग एक एक ट्वीट करने के लिए 10,000 रुपए तक खर्च करने के लिए उतारू हो गए। Don’t Underestimate Elon Musk Why?

ब्राज़ील में क्यों बैन हुआ X ट्वीटर?

ये सब किया धरा है अरबपति बिजनेसमैन Elon musk का। यहां हमारी सबसे बड़ी भूल होगी यदि हम Elon musk को सिर्फ अरबपति बिजनेसमैन समझ लेंगे। एलन मस्क इससे कहीं आगे है। आइए 5 सीधे सीधे पॉइंट्स से समझने की कोशिश करते है, Elon Musk को क्यों नजर अंदाज नहीं करना चाहिए?

1. Worlds Richest Person; मई 2024 में एलन मस्क ने फ्रांसीसी अरबपति बर्नार्ड अर्नाल्ट को पछाड़कर दुनिया के सबसे रईस शख्शियत बन गए। पूरी दुनिया के पूंजीपतियों के सांकेतिक लीडर बन गए इतना धन रखने वाला व्यक्ति किसी भी देश को FDI, MoUs और अपनी कंपनियों के माध्यम से नव औपनिवेशीकरण का शिकार बना सकता है (Don’t Underestimate Elon Musk)। किसी भी कंपनी को खरीद-बेचकर उसे बर्बाद कर सकता है। खासकर तृतीय विश्व के देशों को। ऐसे में उन्हें नजरंदाज करना आने वाले समय में किसी भी देश के लिए खतरे से खाली नहीं है।

2. दुनिया के सबसे कटिंग एज एंड फ्यूचरिस्टिक कंपनियों के मालिक; वे मंगल में अपनी कॉलोनीज बसाना चाह रहे, जिसके लिए स्पेस X की लगातार कोशिशें ट्रायल जारी है। न्यूरालिंक के जरिए चलते फिरते AI रोबोट्स बनाना चाहते है जिनका मानव तक में कंट्रोल हो। स्टार लिंक परियोजना के जरिए नेटवर्क और सूचना क्रांति लाना चाहते है। टेस्ला कारों के जरिए दुनिया की सड़कों को प्रदूषण मुक्त करना चाहते है। और अपनी अत्याधुनिक सोलर सिटी प्रोजेक्ट के माध्यम से सोलर एनर्जी क्रांति करना चाहते है। ये सभी फ्यूचरिस्टिस टेक्नोलॉजी आने वाले सालों में दुनिया में प्रभुत्व कायम करेगी। PayPal, Zip2, OpenAI, The Boring company जैसी अन्य कंपनियां दुनिया में प्रभुत्व कायम कर सकती है।

3. Owner of X (Twitter); Twitter को खरीदकर X में बदल दिया। 9500 रुपए का Blue Tick लेने पर यूजर्स को मजबूर कर दिया और अब Free Speech के नाम पर किसी भी अकाउंट को सस्पेंड उसकी Reach घटाना या बढ़ाना सब कुछ वे कर सकते है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स में ट्वीटर आज दुनिया का सबसे Influencing प्लेटफार्म माना जाता है। आप सभी को जानकर आश्चर्य होगा चुनाव के दौरान 10-20 लाख बोट्स की मदद से किसी भी पार्टी के खिलाफ हवा बनाई या बिगाड़ी जा सकती है। लोगों के मतों को प्रभावित किया जा सकता है। इन बोट्स को पहचानना भी काफी मुश्किल है।

4. ट्विटर पर सबसे ज्यादा फॉलो किए जाने वाले शख्स; अगस्त 2024 में 196M मिलियन फॉलोअर्स के साथ दुनिया के सबसे ज्यादा फॉलो किए जाने वाले शख्स है जो अपने ट्वीट/पोस्ट के जरिए बड़े स्तर पर विचारों को प्रभावित कर सकते है।

5. Right Wing Ideology; अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में अक्सर उन्हें डोनाल्ड ट्रंप और रिपब्लिकन पार्टी को समर्थन करते हुए देखा जाता है, पोल्स और परसेप्शन क्रिएट कर दक्षिण पंथी सरकार लाने की कवायद में है जो बॉर्डर इंट्रूजन, इमिग्रेशन और अमेरिकंस की बात करता है। इसके अलावा न उन्होंने Russia द्वारा यूक्रेन पर लगातार किए जाने निर्मम हमलों पर कुछ बोला न दुनिया भर (Don’t Underestimate Elon Musk) में होने वाले तख्ता पलट पर। उल्टा दक्षिण पंथी जेयर बालसोनरो का समर्थन करने के चक्कर में खुद को ब्राजील में बैन कर दिया।

क्या एलन मस्क को रोका जा सकता है?

The Guardian के सीनियर संपादक Robert Reich अपने आर्टिकल “Elone Musk is out of control here is how rein him in” लिखते है कि भले ही वो दुनिया के सबसे धनी व्यक्ति है लेकिन इसका मतलब ये कतई नहीं है कि हम सब शक्ति विहीन है। ऐसा नही है उन्हे कंट्रोल में नही किया जा सकता, उन्हे सरकारों के नियामकों और उद्योगपतियों के संगठन जैसे अमेरिका में FTC (संघीय व्यापार संघ) द्वारा डराया जाना चाहिए। फ्रांस ने जिस प्रकार Fake News और Hate Speech को रोकने में असफल रहने के जुर्म में Telegram के सीईओ Pavel Durov को गिरफ्तार किया ठीक उसी तरह Elon Musk के खिलाफ भी कार्यवाई करना चाहिए। FTC जैसे संगठनों के जरिए उनपर दबाव बनाना (Don’t Underestimate Elon Musk) चाहिए।

Elon Musk पहले के अमीर व्यक्तियों जैसे बिल गेट्स से बिल्कुल विपरीत है, वे अपने तकनीक के माध्यम से गरीबों का कल्याण करना चाहते है, जबकि दुनिया के अमीर व्यक्ति SCR सोशल कॉरपोरेट रिस्पांसिबिलिटी के जरिए मदद करना चाहते है। जिस डेमोक्रेसी के नाम पर USA दुनिया को परेशान करते रही है वही काम अब एलन मस्क Free Speech के नाम पर कर रहे है। ये कब क्या करेंगे यह कोई नहीं जानता।

एलोन मस्क दुनिया के लिए क्यों महत्वपूर्ण है ?

The post Don’t Underestimate Elon Musk! Why? क्यों एलन मस्क को हल्के में न लें? appeared first on NITIN BHARAT.

]]>
https://nitinbharat.com/dont-underestimate-elone-musk-know-why/feed/ 0 818
ब्राज़ील में क्यों बैन हुआ X ट्वीटर? https://nitinbharat.com/why-brazil-ban-x-twitter-know-the-reason/ https://nitinbharat.com/why-brazil-ban-x-twitter-know-the-reason/#respond Sat, 31 Aug 2024 12:30:57 +0000 https://nitinbharat.com/?p=813 ब्राजील की सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस अलेक्जेंडर डी मोरिस ने ब्राजील से तत्काल, पूर्ण रुप से और व्यापक तरीके से ट्विटर के ऑपरेशन पर सस्पेंशन (why...

The post ब्राज़ील में क्यों बैन हुआ X ट्वीटर? appeared first on NITIN BHARAT.

]]>
ब्राजील की सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस अलेक्जेंडर डी मोरिस ने ब्राजील से तत्काल, पूर्ण रुप से और व्यापक तरीके से ट्विटर के ऑपरेशन पर सस्पेंशन (why brazil ban X twitter) के आर्डर दे दिए जिस पर एलॉन मस्क ने प्रतिक्रिया भी दी है।

लगभग एक महीने तक चलने वाले लंबे और अनसुलझे विवाद जो कि भ्रामक सूचना को लेकर प्रारंभ हुआ था उसका शुक्रवार को अंत हुआ। ब्राजील के सुप्रीम कोर्ट ने अरबपति एलॉन मस्क के सोशल मीडिया साइट X पर पूर्ण रुप से प्रतिबंध (why brazil ban X twitter) लगा दिया। ब्राजील के नेशनल कम्युनिकेशन एजेंसी (NCA) से कहा गया है कि सभी जल्दी उपाय इस आदेश का अनुपालन किया जाए। चीफ जस्टिस (Alexander de moraes) ने X पर $8900 का जुर्माना भी ठोका है।

एलोन मस्क दुनिया के लिए क्यों महत्वपूर्ण है ?

यह विवाद तब उत्पन्न हुआ जब एलॉन मस्क की X में ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति जेयर बालसोनेरो के समर्थकों द्वारा चुनाव में धांधली के आरोप लगाए गए। जिसका समर्थन करते स्वयं एलॉन मस्क भी दिखे। ब्राज़ील की सुरक्षा एजेंसी इसे लेकर चिंतित दिखे एवं इसकी तख्ता पलट की साजिश की नजरिए से जांच भी कर रहे है।

गौरतलब है कि ब्राजील में जेयर बालसोनरो की घोर दक्षिणपंथी सरकार को 2022 के चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद से X के मालिक एलॉन मस्क दक्षिण पंथियों का समर्थन करते दिखे। चीफ जस्टिस की तुलना हैरी पॉटर के विलेन से भी कर चुके थे। और शुक्रवार को ट्विटर (X) बैन (why brazil ban X twitter) के बाद भी अपतिजनक फोटो मस्क ने ट्विटर पर पोस्ट की।

https://x.com/elonmusk/status/1829775030349070830?t=C9QaUjUuKD29bMj6EcRUsg&s=19

The post ब्राज़ील में क्यों बैन हुआ X ट्वीटर? appeared first on NITIN BHARAT.

]]>
https://nitinbharat.com/why-brazil-ban-x-twitter-know-the-reason/feed/ 0 813
Facebook Reach अचानक डाउन क्यों हो गई है? https://nitinbharat.com/why-facebook-reach-down-know-all-about/ https://nitinbharat.com/why-facebook-reach-down-know-all-about/#respond Tue, 14 Feb 2023 13:21:57 +0000 https://nitinbharat.com/?p=593 यदि सोशल मीडिया एप फेसबुक में अचानक आपकी रिच कम हो गई है, और पहले की तुलना में आपके पोस्ट पर लाइक बहुत ज्यादा घट गई है,...

The post Facebook Reach अचानक डाउन क्यों हो गई है? appeared first on NITIN BHARAT.

]]>
यदि सोशल मीडिया एप फेसबुक में अचानक आपकी रिच कम हो गई है, और पहले की तुलना में आपके पोस्ट पर लाइक बहुत ज्यादा घट गई है, और फेसबुक में पोस्ट करने का आपको मन नहीं करता (Why Facebook Reach Down) तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़े।

फेसबुक के बारे में

2022 के अंत तक फेसबुक में करीब 3 बिलियन यूजर थे। इनमे से करीब 2 अरब सक्रिय यूजर है। इस लिहाज से यह दुनिया की सबसे बड़ी सोशल साइट है। जिसके जरिए लोग अपनी बात, विचार, व्यापार, कला, नवाचार, पर्यटन, संस्कृति और समाचार विश्व की बड़ी आबादी तक पहुंचा सकते है। Why Facebook Reach Down

फेसबुक को 2010 से 2020 के बीच आम आदमी के जीवन में जादुई बदलाव लाने वाला कहा जाए तो गलत नही होगा। अपने कला, खानपान और समस्या को फेसबुक में शेयर कर लोग अपने जीवन में बदलाव ला सकते थे।

BBC दफ्तर में इनकम टैक्स का छापा के क्या मायने है?

यही नहीं corona काल में Covid से जुड़ी गाइडलाइन, हेल्प और बचाव के जो भूमिका महत्वपूर्ण भूमिका Facebook ने निभाई वह सराहनीय था।

फेसबुक की इनकम बेतहाशा बढ़ती गई। इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप का अधिग्रहण किया। अपना नाम बदलकर मेटा रखा। और दावा किया कि लोगो की जीवन में बदलाव लाने के लिए कई कदम फेसबुक उठाएगा।

इसी बीच फेसबुक पर डाटा चोरी, एक खास तरह के पॉलिटिकल आइडियोलॉजी को समर्थन देने, टैक्स चोरी और चुनाव के दौरान पैसे लेकर माहौल बनाने का भी आरोप लगा।

फिर सोशल मीडिया सेक्टर में एंट्री होती है इनोवेशन किंग कहे जाने वाले एलोन मस्क का ये ठीक वैसा ही था जैसे भारत में मुकेश अंबानी का टेलीकॉम सेक्टर में प्रवेश करना। एलोन मस्क इतनी तेजी से आगे बढ़ रहे है कि मेटा जैसे ग्रुप को कब अधिग्रहण कर ले अंदाजा नही लगाया जा सकता।

फेसबुक की कमाई का जरिया:

फेसबुक में रिच डाउन क्यों (Why Facebook Reach Down) यह जानने से पहले यह जानना आवश्यक है कि आखिर फेसबुक की कमाई कैसे होती है?

विज्ञापन से

फेसबुक में जो विज्ञापन चलता है वह फेसबुक की कमाई का मुख्य जरिया है हालांकि उसका कुछ हिस्सा वेरिफाइड अकाउंट को भी किया जाता है।

बूस्ट पोस्ट से

यूजर के किसी भी पोस्ट को टारगेटेड और ज्यादा यूजर तक पहुंचाने के लिए फेसबुक 90 रुपए से लेकर हजारों लाखों तक के फीस लेता है। आपने अक्सर अपने फेसबुक में paid post लिखा हुआ पोस्ट देखा होगा।

घोषित रूप से दो ही बड़े तरीके है जिससे फेसबुक की कमाई होती है। इसके अलावा डाटा मैनिपुलेशन के और तरीके है जिससे फेसबुक की कमाई होती है। इस कमाई को कई गुना बढ़ाने के लिए फेसबुक ने सभी यूजर की रिच घटा दी (Why Facebook Reach Down) है। आइए जानते है

Public Relation Officer PRO जॉब करियर कोर्स की पूरी जानकारी

फेसबुक पोस्ट रिच डाउन क्यों हुआ?

2022 में ट्विटर का टेकओवर करने के बाद एलोन मस्क ने ट्विटर को कमाई का जरिया बनाने के लिए कई बदलाव किए। जिनमे ब्लू टिक के लिए पैसे चुकाने जैसे तरीके शामिल है।

फेसबुक ने ज्यादा बदलाव न करके अपने यूजर का रिच घटा दिया। अब केवल उन्हीं पोस्ट पर ज्यादा रिच और लाइक मिलते है जो बूस्ट किए जाते है। Meta की रेवेन्यू इससे कई गुना बढ़ने का अनुमान है।

2 बिलियन सक्रिय यूजर में 2% यूजर भी यदि रोज बूस्ट पोस्ट करते है तो वो ट्विटर की रोजाना होने वाली कमाई से कई गुना आगे निकल सकते है।

यह एक सामान्य बिजनेस गतिविधि (Why Facebook Reach Down) है जो अपने प्रतिद्वंदी के सामने टिके रहने में मदद करता है। अभी तक फेसबुक का बूस्ट पोस्ट से कमाई उसके पेज से ही संभव है।

लेकिन संभावना है कि प्रोफाइल में भी आगे बूस्ट पोस्ट की सुविधा फेसबुक प्रदान कर दे। आम यूजर इसे समझ नही पाते लेकिन हो सकता है आने वाले समय में आपको अपने फेसबुक पोस्ट को लोगों तक पहुंचाने के लिए पैसे चुकाने पड़े।

The post Facebook Reach अचानक डाउन क्यों हो गई है? appeared first on NITIN BHARAT.

]]>
https://nitinbharat.com/why-facebook-reach-down-know-all-about/feed/ 0 593
हिंडेनबर्ग रिपोर्ट क्या है? कॉर्पोरेट इतिहास का सबसे बड़ा फ्रॉड! https://nitinbharat.com/what-is-hindenburg-report-know-all-about/ https://nitinbharat.com/what-is-hindenburg-report-know-all-about/#respond Fri, 27 Jan 2023 17:33:00 +0000 https://nitinbharat.com/?p=490 हिंडेनबर्ग रिपोर्ट क्या है? कॉर्पोरेट इतिहास का सबसे बड़ा फ्रॉड! What is Hindenburg Report? इंटरनेशनल बिजनेस और फाइनेंस पर रिपोर्ट जारी करने वाले एक कंपनी के रिपोर्ट...

The post हिंडेनबर्ग रिपोर्ट क्या है? कॉर्पोरेट इतिहास का सबसे बड़ा फ्रॉड! appeared first on NITIN BHARAT.

]]>
हिंडेनबर्ग रिपोर्ट क्या है? कॉर्पोरेट इतिहास का सबसे बड़ा फ्रॉड!

What is Hindenburg Report? इंटरनेशनल बिजनेस और फाइनेंस पर रिपोर्ट जारी करने वाले एक कंपनी के रिपोर्ट ने भारतीय शेयर बाजार में भूचाल ला दिया। यह रिपोर्ट अदानी ग्रुप की बर्बादी की खबर बनकर आया। आइए जानते है इस रिपोर्ट में आखिर क्या है?

हिंडनबर्ग रिपोर्ट कहती है (What is Hindenburg Report) कि अडानी ग्रुप में टॉप रैंक्स के 22 लोगों में अडानी के ही परिवार के 8 लोग हैं. परिवारीजनों ने टैक्स हेवन कंट्रीज में फर्जी शेल कंपनियां खोली हुईं हैं. इनका पैसा भारत की अडानी कंपनियों में मूव किया जाता है।

क्षेत्रफल के अनुसार विश्व के 7 सबसे बड़े देशों की सूची व ट्रिक

हिंडनबर्ग रिपोर्ट की मुख्य बातें?

  • Hindenburg के अनुसार, अडानी के परिवार के सदस्य इन शेल कंपनियों के माध्यम से एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट के फर्जी documentat बनाते हैं, ताकि फेक turnover दिखाया जा सके, इनका संबंध होता है भारत के शेयर मार्किट में लिस्टेड अडानी की कंपनियों से; ताकि अडानी की बैलेंस शीट की हेल्थ सही दिखे। (What is Hindenburg Report)

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने ADANI के छोटे भाई राजेश अडानी के एक पुराने केस के बारे में भी जिक्र किया है कि कैसे साल 2004-05 की सरकार की डायमंड ट्रेडिंग स्कीम के फ्रॉड में वे आरोपी थे. (What is Hindenburg Report) इस फ्रॉड में भी अडानी की कंपनियों का बाहर की शेल कंपनियों के माध्यम से फेक टर्नओवर दिखाया जाता था।

शेल कंपनियों का कारोबार?

हिंडनबर्ग रिपोर्ट कहती है- हमने मारीशस की कॉर्पोरेट रजिस्ट्री के कागजातों को तलाशा, जिससे पता चला कि अडानी के बड़े भाई विनोद अडानी अपने कुछ विश्वसनीय लोगों की मदद से मारीशस में चलाई जा रहीं फ्रॉड कंपनियों एक बड़े नेटवर्क को मैनेज कर रहे हैं. हमने ऐसी 38 शेल कंपनियों को खोजा है। What is Hindenburg Report

Air Quality Index : वायु प्रदूषण, दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहर में दिल्ली, कोलकाता और मुंबई

गजब बात ये है कि इन कंपनियों में कोई ऑपरेशन भी नहीं हो रहा, इनमें कोई काम नहीं है, न इनमें कर्मचारी हैं, न इनके इंडिपेंडेंट एड्रेस हैं, न फोन नंबर हैं. न ही meaningful online presence है. इसके बावजूद इन शेल कंपनियों ने भारत की अडानी की कंपनियों में बिलियंस डॉलर लगाए हुए हैं.

शेयर बाजार को किया जाता है मैनिपुलेट

शेल कंपनियों के माध्यम से अडानी के शेयरों की कीमतों को MANIPULATE किया जाता है. शेयरों की इन बढ़ी हुई कीमतों पर जोकि रियल वैल्यूज से बहुत ज्यादा हैं, उनपर अडानी ग्रुप द्वारा बैंकों से बड़ा कर्ज लिया गया है. जिस दिन ये गुब्बारा फूटेगा, उस दिन स्टॉक मार्केट, बैंक दोनों दिवालिया।

अर्थशास्त्री कहते है यह अडानी ग्रुप के निवेक्षकों, बैकों के लिए ये चेतावनी है, आगे कुछ भी हो सकता है। यह घोटालो का गुब्बारा जिस दिन फूटेगा देश को बहुत बड़ा नुकसान झेलना पड़ेगा और यह दुनिया का सबसे बड़ा घोटाला होगा।

The post हिंडेनबर्ग रिपोर्ट क्या है? कॉर्पोरेट इतिहास का सबसे बड़ा फ्रॉड! appeared first on NITIN BHARAT.

]]>
https://nitinbharat.com/what-is-hindenburg-report-know-all-about/feed/ 0 490
Rishi Sunak : ऋषि सुनक ब्रिटेन के पहले भारतीय मूल के प्रधानमंत्री https://nitinbharat.com/rishi-sunak-uk-pm-from-indian-origin/ https://nitinbharat.com/rishi-sunak-uk-pm-from-indian-origin/#respond Tue, 25 Oct 2022 14:10:31 +0000 https://nitinbharat.com/?p=380 “जरा सी वोट से रह गया वरना ऋषि सुनक तुम्हें बताता कि जिन पर राज करके गए हो उनका वंश तुम राज कर रहा है,रुको किसी न...

The post Rishi Sunak : ऋषि सुनक ब्रिटेन के पहले भारतीय मूल के प्रधानमंत्री appeared first on NITIN BHARAT.

]]>
“जरा सी वोट से रह गया वरना ऋषि सुनक तुम्हें बताता कि जिन पर राज करके गए हो उनका वंश तुम राज कर रहा है,रुको किसी न किसी दिन करेगा। शंकर का डमरू बज रहा है” Rishi sunak uk pm

ये शब्द भारत के प्रतिष्ठित कवि डॉक्टर कुमार विश्वास ने कुछ दिन पहले ही अपने काव्य मंच से कही थी जो कि आज दीपावली की संध्या पर सच हो गई।Rishi sunak uk pm

यह गौरव गौरव का विषय है क्योंकि जिस भारत पर अंग्रेजों ने 200 सालों तक राजकीय उसका शोषण किया उसे सबवे बनाने की बात की अर्थात बर बर कहा उसी भारत मूल का व्यक्ति आज ब्रिटेन के सर्वोच्च पद पर का बीज होने जा रहा है देश के सभी जानी-मानी हस्तियों राजनेताओं लेखकों ने ऋषि सुनक के यूके के प्रधानमंत्री बनने पर गौरव जाहिर करते हुए संदेश लिखें। Rishi sunak uk pm

भारत के प्रतिष्ठित समाचार पत्र संस्थान दैनिक भास्कर ने लिखा है। भारत की आजादी को लेकर ब्रिटेन के तत्कालीन प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल ने कहा था “ब्रिटेन के वापस जाने के बाद भारत में गुंडों और बाहुबलियों का राज कायम हो जाएगा भारत जैसे विशाल देश को संभालने वाला कोई नेता नहीं हम चले गए तो यह दौड़ कर हमें बुलाने आएंगे कि भारत संभाल लो।” यदि विंस्टन चर्चिल जिंदा होता तो देख कर उसे दोबारा मृत्यु आ जाती।ब्रिटेन एक मजबूत लोकतंत्र है जिसकी राजनीतिक स्थिति अभी नाजुक दौर से गुजर रही है इसी के चलते हफ्ते भर में ही दूसरे प्रधानमंत्री और 3 सालों में ही पांच प्रधानमंत्री इस देश ने देखा है ब्रेक्जिट और यूक्रेन तनाव ब्रिटेन फर्स्ट की नीति आदि के चलते ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था की नाजुक दौर से गुजर रही है इसका हल ब्रिटेन वासी ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं देखना रोचक होगा नए राष्ट्रपति ऋषि सुनक ब्रिटेन की उम्मीदों और आकांक्षाओं पर कितने खरे उतर पाते हैं

यह कड़वा सत्य है कि ऋषि सुनक के प्रधानमंत्री बनने से भारत को कोई विशेष लाभ नहीं होगा। क्योंकि वे भारतीय मूल के है न कि भारतीय, दूसरा ब्रिटेन में नीति निर्धारण में संसद सबसे बड़ी भूमिका निभाता है, व्यक्तिगत रूप से ब्रिटेन की नीतियों में अधिक बदलाव कर पाना संभव नहीं शायद यही वजह है कि ब्रिटेन में प्रधानमंत्री जल्दी जल्दी बदले जा रहे है। यद्यपि ब्रिटेन में रह रहे हिंदू समुदाय के आत्मविश्वास को बल अवश्य मिलेगा लेकिन भारत को कोई आमूलचूल लाभ नहीं मिलेगा।

The post Rishi Sunak : ऋषि सुनक ब्रिटेन के पहले भारतीय मूल के प्रधानमंत्री appeared first on NITIN BHARAT.

]]>
https://nitinbharat.com/rishi-sunak-uk-pm-from-indian-origin/feed/ 0 380
What is quad : क्वाड समूह क्या है ? उद्देश्य संभावनाएं और चुनौतियां https://nitinbharat.com/what-is-quad-uddeshya-sambhawnaye-chunautiyan/ https://nitinbharat.com/what-is-quad-uddeshya-sambhawnaye-chunautiyan/#comments Sun, 31 Jul 2022 12:33:00 +0000 What is quad : क्वाड समूह क्या है ? उद्देश्य संभावनाएं और चुनौतियां एशिया प्रशांत क्षेत्र के देशों (अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया) ने मिलकर एक समूह...

The post What is quad : क्वाड समूह क्या है ? उद्देश्य संभावनाएं और चुनौतियां appeared first on NITIN BHARAT.

]]>
What is quad : क्वाड समूह क्या है ? उद्देश्य संभावनाएं और चुनौतियां

एशिया प्रशांत क्षेत्र के देशों (अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया) ने मिलकर एक समूह बनाने की पारिकल्पना की है जिसे क्वैड या क्वाड (quad group countries) नाम से जाना जाता है. इस समूह का न तो कोई घोषित और स्पष्ट उद्देश्य है न ही कोई अजेंडा या बैठकों की रूप रेखा. हालाँकि विदेश मामलों के विशेषज्ञ इसे चीन के बढ़ते भू आर्थिक दबदबे को संतुलित करने हेतु बनाए गए एक समूह के रूप में देखते है. Quad group and india

What is quad : क्वाड समूह क्या है ? उद्देश्य संभावनाएं और चुनौतियां

लेकिन क्वाड बैठकों और सम्मेलनों की चर्चा से केवल यह बात सामने निकलकर नहीं आती कि इस समूह को चीन को प्रति संतुलित करने के लिए बनाया गया है. इस समूह के उद्देश निम्न बिन्दुओं में परिलक्षित होते है. Quad group and india

G20 देश का अगला सम्मेलन भारत में कहां होगा क्या है इसके मायने और क्यों है इतना ज़रूरी

क्वाड देशों का उद्देश्य क्या है?

स्वतंत्र आवागमन (quad and free navigation)

एशिया प्रशांत क्षेत्र में सभी कंटेनर जहाजों की आवागमन निर्बाध हो यह इसलिए भी आवश्यक है क्योंकि चीन लगातार दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा जताकर नए द्वीपों का निर्माण कर रहा है, साथ ही अन्य देश जैसे वियतनाम और फिलिपिन्स को आवागमन सुविधा से भी वंचित कर रहा है. एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया के समुद्री व्यापार का 65% हिस्सा इसी क्षेत्र से सम्पन्न होता है. What is quad : क्वाड समूह क्या है ? उद्देश्य संभावनाएं और चुनौतियां

क्षेत्रीय सुरक्षा (quad and regional security)

क्वाड (quad group countries) एशिया प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा को भी अपनी प्रतिबद्धता मानता है क्योकि इस क्षेत्र की अशांति चाहे वह अतिक्रमण के चलते हो या फिर दो या अधिक देशों के बीच तनातनी से हो या फिर प्राकृतिक आपदा से हो, एक वैश्वीकृत विश्व में एक देश या क्षेत्र का संकट दूसरे देशों को आसानी से प्रभावित कर देती है. दुनिया की मांग आपूर्ति शृंखला बाधित हो जाती है.  दुनिया की जनसँख्या का दो तिहाई हिस्सा इसी क्षेत्र में निवास करती है. Quad group and india

अंटार्कटिका संधि क्या है? अंटार्कटिका महाद्वीप को लेकर कितनी है भारत की तैयारी जानिए यहां

व्यापार (quad and trade)

क्वाड समूह में शामिल देश अपने आप में भिन्न विशेषताओं वाले है. जैसे अमरीका दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, भारत दुनिया का सबसे बड़ा बाजार, जापान तकनीक और निवेश में अग्रणी और ऑस्ट्रेलिया खनिज संसाधनों से सम्पन्न. इसलिए इन देशों के बीच सहयोग और व्यापार की सभी संभावनाएं मौजूद है. ये चार देश (quad group countries) तीन महाद्वीपों से आते है और विश्व व्यापार श्रृखला में ये निर्णायक भूमिका निभाते है. Quad group and india

क्षेत्रीय शांति और स्थिरता (Quad and regional peace and stability)

ये चारों देश (quad group countries) लोकतांत्रिक है, और सामान्य मूल्यों को साझा करते है, ये मूल्य विश्व शांति और स्थिरता के लिए  आवश्यक है. इसके अलावा सभी चार देश एक समान चुनौतियों का सामना कर रहे है जैसे पड़ोस में चीन का दखल, आतंकवाद और चरमपंथ, कोरोंना महामारी के बाद उपजे आर्थिक संकट और चारों ही राष्ट्र समुद्री सीमा से लगे होने के कारण जलवायु संकट से भी समान रूप से प्रभावित होंगे.

क्वाड समूह सैन्य से व्यापारिक समूह में रूपांतरित हो रहा है?

चतुर्भुजीय सुरक्षा संवाद (क्वाड ) वर्तमान समय में स्वयं को सैनिक गठबंधन से एक व्यापारिक गुट में रूपांतरित कर रहा है – विवेचना कीजिये (UPSC 2021)

क्वाड समूह (quad group countries) का सैन्य समूह के रूप में स्थापित होना एक गंभीर सैन्य गुटबंदी को जन्म दे सकता है. जैसे प्रथम विश्व यद्ध के समय घटित हुआ. समान मूल्यों वाले क्वाड समूह  यदि सैन्य गठबंधन बनाते है तो चीन, रूस और पाकिस्तान जैसे राष्ट्र को भी एक गुट में आने के लिए देर नहीं लगेगी. इसलिए विश्व शांति के लिए यह आवश्यकता है कि कोई भी घोषित सैन्य गुट किसी क्षेत्र में जन्म न ले. यह विश्व राजनीति का एक नियम भी है.

क्वाड और भारत (quad and india)

भारत जैसे विकासशील, स्वतंत्र विदेश नीति का अनुशरण करने वाला, गुट निरपेक्षता का समर्थन करने वाला राष्ट्र इस तरह की सैन्य गुटबंदी का समर्थन नहीं करेगा.  इस बात से अमेरिका भलीभांति परिचित है. अतः इसे सैन्य की जगह एक व्यापार गुट के रूप में बदलना व्यवहारिक है. चारों देशों में अपार व्यापारिक संभावनाएं है, जिसका वर्णन बिंदु 3 में किया गया है. व्यापारिक गुट का निर्माण कर ये देश पूंजी, तकनीक, संसाधन और बाजार को आपस में साझा कर सकते है. Quad group and india

What is quad : क्वाड समूह क्या है ? उद्देश्य संभावनाएं और चुनौतियां

APEC जैसे बड़े व्यापरिक संगठन का भारत सदस्य नहीं है, RCEP का भारत सदस्य नहीं बना. वर्तमान में क्वाड के अन्य सभी तीन देशों का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार चीन है. इसलिए भारत के बाजार में पहुँच बढ़ाने के लिए ये देश क्वाड को एक सैन्य गठबंधन से ज्यादा एक व्यापरिक गठबंधन के रूप स्थापित करने में प्रयासरत है.

किन देशों के साथ भारत का FTA है? FTA parteners of india

भारत का जापान के साथ मुक्त व्यापार समझौता (FTA) पहले से है. भारत-जापान मुफ्त व्यापार समझौते को CEPA (comprehensive economic partenership agreement) कहा जाता है. ऑस्ट्रेलिया के साथ भारत के मुक्त व्यापार समझौते को ECTA (economic cooperation and trade agreement ) कहा जाता है. इस प्रकार क्वाड (quad group countries) के दो प्रमुख देशों के साथ भारत का मुक्त व्यापर समझौता है लेकिन अमेरिकी सरकार की वर्तमान में किसी भे देश से अब मुक्त व्यापार समझौता न करने की नीति के चलते भारत के साथ मुक्त व्यापर समझौता नहीं है, अतः क्वाड का मुक्त व्यापार समूह के रूप में बदलना भारत अमेरिकी व्यापारिक सम्बन्ध के लिए लाभदायक हो सकते है. What is quad : क्वाड समूह क्या है ? उद्देश्य संभावनाएं और चुनौतियां

क्वाड की चुनौतियाँ challenges of quad?

Quad मुक्त व्यापार समूह बनने के लिए चुनौतियाँ

1. भारत एक विकासशील राष्ट्र है जहाँ के उद्योग और उत्पाद अमेरिका और जापान जैसे उन्नत देशों से मुकाबला करने में सक्षम नहीं है, इसी मुख्य मुद्दे के चलते भारत RCEP का सदस्य नहीं बना.

2. भारत की अर्थव्यवस्था मुख्यतः तृतीयक क्षेत्र पर निर्भर है जिसे सेवा क्षेत्र के नाम से भी जाना जाता है, लेकिन बाकि क्वाड देशों की अर्थव्यवस्था उन्नत प्राथमिक और द्वितीयक क्षेत्र पर निर्भर है. ये देश भारत की मानव संसाधन के आबाध आवागमन का विरोध करते है.

3. अमेरिका की व्यापार नीति चीन को प्रतिसंतुलित और घेरने की नजरिये से होती है लेकिन भारत चीन के साथ अपने व्यापारिक संबंधो के मायने समझता है. भारत चीन से प्रत्यक्ष मुकाबला कर अपनी विकास गति धीमी नहीं करना चाहता.

Quad एक सैन्य समूह के रूप में परिवर्तित होने के समक्ष चुनौतियां

1. भारत की रणनीतिक स्वायत्ता और गुट निरपेक्षता की विदेश नीति जो उसे किसी भी सैन्य गठबंधन का हिस्सा होने से रोकती है. भारत एक परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र है जो बिना किसी सैन्य गठबंधन में शामिल हुए अपनी आत्म रक्षा कर सकता है.

2. भारत किसी भी ऐसे सैन्य गुट की सदस्यता ग्रहण करने से पहले हजार बार सोचेगा जिसमे अमेरिका तो है लेकिन रूस नहीं. रूस-भारत सम्बन्ध इतने प्रगाढ़ है और सदाबहार है कि भारत इसे अमेरिका जैसे राष्ट्रीय हित और अवसरवाद का अनुशरण करने वाली अमेरिकी विदेश नीति के चलते ख़राब नही करेगा.

चीन की विदेश नीति का ये रोचक पक्ष बहुत कम देश समझ पाते है चीन की ये चाल कैसे विदेश नीति को अंजाम देता है चीन जानिए

3. चारों देशों के मध्य भौगोलिक दूरी भी बहुत अधिक है. ये चारों देश तीन अलग अलग महाद्वीपों से आते है. इतने बड़े क्षेत्र की सुरक्षा में दखल देने से पहले भारत अपने सैन्य बजट और घरेलु आर्थिक स्थिति का आंकलन जरुर करेगा. वैसे भी मालाबार अभ्यास के द्वारा ये देश आपस में सैन्य अभ्यास करते है जिसे और अधिक विस्तार करने पर अधिक सैन्य बजट की आवश्यकता होगी.

What is quad : क्वाड समूह क्या है ? उद्देश्य संभावनाएं और चुनौतियां

भारत जैसे विकाशसील देश को अपनी विदेश नीति के निर्धारण में किसी भी देश के नीतियों के दबाव से बचना चाहिए क्वाड (quad group countries) के एक सैन्य ग्रुप में स्थापित होने से ज्यादा इसके व्यापारिक गुट में बदलने में है, लेकिन उससे पूर्व भारत को अपने सभी मुद्दों पर बात करनी चाहिए. इस विकल्प पर भी विचार करना चाहिए कि ये चारों देश मिलकर किसे प्रकार चीन की बढ़ती आर्थिक एकाधिकार का मुकाबला कर सकते है.

क्वॉड (quad group countries)के संबंध में UPSC मुख्य परीक्षा 2021 में पूछे गए इस प्रश्न का उत्तर आप दे सकते सकते है।

चतुर्भुजीय सुरक्षा संवाद (क्वाड ) वर्तमान समय में स्वयं को सैनिक गठबंधन से एक व्यापारिक गुट में रूपांतरित कर रहा है – विवेचना कीजिये

The post What is quad : क्वाड समूह क्या है ? उद्देश्य संभावनाएं और चुनौतियां appeared first on NITIN BHARAT.

]]>
https://nitinbharat.com/what-is-quad-uddeshya-sambhawnaye-chunautiyan/feed/ 1 17
G20 क्या है? G20 सम्मेलन और भारत https://nitinbharat.com/g20-kya-hai-sammelan/ https://nitinbharat.com/g20-kya-hai-sammelan/#respond Thu, 21 Jul 2022 11:32:00 +0000 G20 क्या है? G20 सम्मेलन और भारत G20 दुनिया का एक महत्त्वपूर्ण समूह है तेजी से भूमंडलीकृत होती दुनिया में बढ़ती वैश्विक आर्थिक चुनौतियां को हल करने...

The post G20 क्या है? G20 सम्मेलन और भारत appeared first on NITIN BHARAT.

]]>
G20 क्या है? G20 सम्मेलन और भारत

G20 दुनिया का एक महत्त्वपूर्ण समूह है तेजी से भूमंडलीकृत होती दुनिया में बढ़ती वैश्विक आर्थिक चुनौतियां को हल करने हेतु निर्णायक भूमिका निभा सकता है। भारत का G20 के लिए महत्व? इसके आगामी सम्मेलन चुनौतियां और एजेंडा के बारे में जानने के लिए आइए इस लेख का अवलोकन करें।

क्या है जी-20 what is G20

G20 विश्व के 19 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं और यूरोपीय यूनियन का समूह है। G20 ‘ग्लोबल 20’ का लघु रूप है। यह दुनिया का एकमात्र ग्रुप है जहां समस्त देश आपसी मतभेद भूलकर दुनिया की वित्तीय स्थिरता और विकास के लिए कार्य हेतु साथ आते है। G20 दुनिया के दो तिहाई जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करती है, दुनिया के GDP (सकल घरेलू उत्पाद) में इसका 80% योगदान है। दुनिया के व्यापार में तीन चौथाई हिस्सा का योगदान करते है। कुल मिलाकर कहें तो G20 दुनिया को चलाने वाली शक्ति है। G20 क्या है? G20 सम्मेलन और भारत

G20 का उद्देश्य (G20 purpose)

 

G20 का मुख्य लक्ष्य दुनिया में आर्थिक और वित्तीय स्थिरता को बनाएं रखना है। G20 का निर्माण 1990 के दशक के अंतिम वर्षों में किया गया। यह वही दौर था जब सोवियत संघ से कई राष्ट्र स्वतंन्त्र हुए थे और एशियाई देश अपना भूमंडलीकरण कर रहे थे। यह सभी जानते है कि एक भूमंडलीकृत विश्व व्यवस्था में एक देश का संकट सिर्फ उसी देश तक सीमित नहीं रहता। इसलिए इस तरह के ग्रुप बनाने की कवायद वर्षों से हो रही थी। खासकर तेल संकट के बाद। यह तब अनिवार्य महसूस किया गया जब एशियन टाइगर कही जाने वाली दक्षिण पूर्व एशियाई देश गंभीर वित्तीय संकट से जूझने लगे इनमे इंडोनेशिया, मलेशिया और सिंगापुर शामिल थे। इनकी संकट का किसी बीमारी की तरह पूरी दुनिया को अपने चपेट में न ले ले इस उद्देश से G20 group का निर्माण किया गया। G20 क्या है? G20 सम्मेलन और भारत

G20 कितना सफल रहा?

 

G20 का मुख्य लक्ष्य दुनिया में आर्थिक और वित्तीय स्थिरता को बनाएं रखना है। ताकि एक देश की आर्थिक गड़बड़ियां दुनिया के बाकि देशों पर अपना प्रभाव न डालें। इसके लिए वे प्रतिबंध, वार्ता, नियमन जैसी चीजों का सहारा लेते है। G20 अपने लक्ष्य में आंशिक रूप से ही सफल रही है क्योंकि अमेरिकी और चीनी अर्थव्यवस्था का आकार दुनिया के नियमन से परे हो जाता है। इसलिए 2008 की विश्व आर्थिक मंदी अमेरिका से उत्पन्न होकर दुनिया में फैल गया। वह दिन भी दूर नही जब चीन की किसी संकट दुनिया को एकबार पुनः महान आर्थिक मंदी की ओर धकेल दे। इतिहास में दुनिया ने कई बार एक देश के बैंक फेल होने या किसी देश के दिवालिया होने का खामियाजा अपने पर झेला है। हालांकि दुनिया के बहुराष्ट्रीय कंपनियों के नियंत्रण, टैक्स चोरी और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में G20 काफी हद तक सफल रहा है। G20 क्या है? G20 सम्मेलन और भारत

 

G20 सचिवालय G20 headquarters

 

G20 का कोई स्थाई मुख्यालय या सचिवालय नहीं है। जिस देश द्वारा इसकी अध्यक्षता की जाती है वही देश इसके सचिवालय के रूप में कार्य करते है। प्रारंभ में इसका मुख्यालय अमेरिका या यूरोप में रखने का प्रस्ताव किया गया था लेकिन तृतीय विश्व के देशों की आपत्तियों के बाद इसका सचिवालय विकसित देशों में रखने से इंकार किया गया। एक बात और जो इसकी स्थाई सचिवालय न होने का कारण है वह इसका कोई घोषित लक्ष्य का, कार्यप्रणाली और फंडिंग का अभाव है। जिसके अनुपालन के लिए एक सचिवालय और सचिव कार्य करते। जैसे कि WHO और ILO करतें है।

 

G20 सम्मेलन 2022 (G20 summit 2022)

 

G20 सम्मेलन 2022 (G20 summit 2022) इंडोनेशिया के बाली शहर में आयोजित किया जाएगा। यह आयोजन नवंबर के महीने में होगा। अतः इसकी अध्यक्षता इंडोनेशियन राष्ट्रपति करेंगे। बैठक का एजेंडा, सचिवालय कार्य और सदस्यों की भागेदारी हेतु आमंत्रण का कार्य इंडोनेशिया ही करेगा।

भारत की जनसंख्या क्या नई मुसीबत खड़ी करने वाला है या फिर एक नई शक्ति है?

G20 2022 का मुख्य एजेंडा ई कॉमर्स कंपनियों पर नियंत्रण में छूट, दुनिया को COVID वैक्सीन आपूर्ति, बहुराष्ट्रीय कंपनियों पर एक कॉमन टैक्स और तकनीक के पहुंच को सरल करना होगा। ज्ञात हो कि g20 यदि किसी निर्णय को लेती है तो उसका अनुपालन कराने के लिए कोई ठोस तंत्र नही है।

 

G20 सम्मेलन 2023 (G20 summit 2023)

 

G20 सम्मेलन 2023 भारत में आयोजित होगा। यह पहला ऐसा मौका होगा जब भारत g20 की अध्यक्षता करेगा। इससे पहले भारत ने सदस्यता के लिए कई बार हामी तो भरी लेकिन यह पहला मौका है जब भारत को इतने बड़े आयोजन का मौका मिल रहा है। जब दुनिया के सबसे ताकतवर अर्थव्यवस्थाएं एक साथ भारत आएंगी। G20 summit 2022 , Bali के बाद भारत के पास G20 ग्रुप की अध्यक्षता आ जायेगी। भारत के पास न केवल मौका होगा वार्ता के एजेंडा को तय करने का बल्कि भारत इसका सफल संचालन करके भविष्य में होने वाली ऐसे आयोजनों की दावेदारी भी कर सकती है। कोई भी देश जब इतने बड़े आयोजन को सफलता पूर्वक कर लेती है है तो इसके बाद उस देश की अंतराष्ट्रीय छवि में कई गुना बढ़ोत्तरी हो जाती है। G20 क्या है? G20 सम्मेलन और भारत

अफगानिस्तान में तालिबानी कब्जे का भारत पर असर? अफगानिस्तान की सीमा से लगे देशों को याद रखने की ट्रिक?

किस शहर में हो G20 summit 2023?

 

प्रारंभ में G20 सम्मेलन 2023 (G20 summit 2023) का आयोजन जम्मू कश्मीर में होगा ऐसी बातें सामने आई। इससे भारत दुनिया को यह संदेश देना चाहती थी की जम्मू कश्मीर के बारे में पाकिस्तान समेत कई राष्ट्रों द्वारा फैलाया गया झूठ बेनकाब हो जाए और दुनिया सच स्वयं ही देख ले। लेकिन कुछ देशों की आपत्तियों की बातें भी सामने आई इसमें पाकिस्तान, तुर्की का नाम शामिल है। इसके बाद फरसे यह कयास लगाए जा रहे है कि G20 सम्मेलन 2023 (G20 summit 2023) जम्मू कश्मीर न होकर कहीं और होंगे। हालांकि विदेश मंत्रालय द्वारा साफ किया गया है कि कोई भी देश की आपत्ति भारत को अपने संप्रभु क्षेत्र में G20 summit 2023 का आयोजन करने से नहीं रोक सकती। इसलिए सम्मेलन का स्थान चुनने के लिए भारत स्वतंत्र है।

भारत के राष्ट्रपति के बारे में ये बातें बहुत कम लोग जानते है। जानिए भारत के 15वें राष्ट्रपति के बारे में

G20 सम्मेलन स्थल का चुनाव

 

G20 summit 2023 जैसे बड़े आयोजन के लिए सबसे प्रमुख बात होती है सुरक्षा, आवागमन और अनुकूल मौसम । ऐसे आयोजनों में दुनिया भर से बड़ी संख्या में प्रतिनिधि, राजदूत, अफ़सर और पत्रकार आते है। जिनके खान पान ठहरना और आवागमन के लिए अनुकूल अवसंरचना और माहौल की आवश्यकता होती है। इसलिए सरकार स्थान चुनने में पर्याप्त समय लेती है। अभी देखना रोचक होगा कि भारत के किस शहर में g20 का आयोजन किया जाता है। G20 क्या है? G20 सम्मेलन और भारत

 

G20 और भारत (G20, India)

 

भारत G20 का एक महत्वपूर्ण सदस्य है। PPP (purchasing power parity) के अनुसार दुनिया की 3सरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आबादी है। दुनिया का सेवा क्षेत्र जाइंट है। इसलिए भारत के लिए G20 और G20 के लिए भारत की नीतियां बहुत ही महत्वपूर्ण होते है। जैसे भारत द्वारा सस्ते निर्यात की आलोचना विकसित देश करते है वही भारत की ई कॉमर्स नीति का विरोध भी विकसित देश करते है। अतः भारत की नीतियों का असर विश्व व्यवस्था पर होता है। वही G20 की नीतियां भी भारत को सकारात्मक और नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती है। जैसे बहुराष्ट्रीय कंपनियों पर टैक्स लगाना एक देश से दुसरे देश भागे आर्थिक अपराधी भगोड़ों को वापस लाने आदि ने भारत को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया।

 

इस प्रकार भारत दुनिया की तेजी से अर्थव्यवस्था और सबसे बड़ा बाजार है जिसके ऊपर दुनिया की अर्थव्यवस्था को दिशा देने की शक्ति है। अतः भारत को G20 summit 2023 का सफल संचालन करके यह सिद्ध करने का मौका है कि भारत अब विश्व पटल पर ऐसे बड़े आयोजनों का नेतृत्व सफलता से कर सकता है।

The post G20 क्या है? G20 सम्मेलन और भारत appeared first on NITIN BHARAT.

]]>
https://nitinbharat.com/g20-kya-hai-sammelan/feed/ 0 18
अंटार्कटिका संधि क्या है? क्यों है यह चर्चा में? https://nitinbharat.com/antarctica-sandhi-kya-hai/ https://nitinbharat.com/antarctica-sandhi-kya-hai/#respond Tue, 10 May 2022 07:23:00 +0000 https://nitinbharat.com/2022/05/10/%e0%a4%85%e0%a4%82%e0%a4%9f%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%95%e0%a4%9f%e0%a4%bf%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%b8%e0%a4%82%e0%a4%a7%e0%a4%bf-%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%be-%e0%a4%b9%e0%a5%88/ एक महान वैज्ञानिक ने कहा था “अंटार्कटिका की पिघलती बर्फ के साथ दुनिया की उल्टी गिनती शुरू हो गई है।” वही एक जर्मन शोधकर्ता ने तो यहां...

The post अंटार्कटिका संधि क्या है? क्यों है यह चर्चा में? appeared first on NITIN BHARAT.

]]>
एक महान वैज्ञानिक ने कहा था “अंटार्कटिका की पिघलती बर्फ के साथ दुनिया की उल्टी गिनती शुरू हो गई है।” वही एक जर्मन शोधकर्ता ने तो यहां तक कह दिया था कि “यदि इसी तरह अंटार्कटिका पिघलता रहा तो आने वाले 300 सालों में पृथ्वी पूरी तरह डूब जायेगी।”

अंटार्कटिका संधि क्या है?

अंटार्कटिका दुनिया के अस्तित्व के लिए किस हद तक जरूरी है इसका एहसास आपको इस आलेख को पड़कर होने वाला है। दुनिया ने इसे बचाने के लिए क्या-क्या कदम उठाएं है? भारत ने अंटार्कटिका को बचाने में अपना कितना योगदान दिया है? अंटार्कटिका संधि क्या है? कब तक डूब जायेगी धरती? सबकुछ जानेंगे लेकिन है सबसे पहले अंटार्कटिका के बारे में कुछ रोचक जानकारी।

अंटार्कटिका क्या है?

अंटार्कटिका दुनिया के 7 महाद्वीपों में से एक महाद्वीप है। जिसका 90 प्रतिशत भाग बर्फ की चादरों से ढका है। इसका क्षेत्रफल 14.4 मिलियन स्क्वायर किलोमीटर है। अंटार्कटिका दुनिया का सबसे ठंडा, सबसे ऊंचा और सबसे सूखा शीत मरुस्थल है।

अंटार्कटिका के बारे में रोचक तथ्य?

  • अंटार्कटिका दुनिया का एकमात्र महाद्वीप है जिसका अपना टाइम जोन नही है।
  • अंटार्कटिका दुनिया में एक मात्र ऐसी जगह है जहां से हर रास्ता उत्तर दिशा की ओर ही जाता है।
  • अंटार्कटिका के इतने ठंडे होने के बाउजूद यहां कई सक्रिय ज्वालामुखी स्थल मिलते है।

अंटार्कटिका इतना जरूरी क्यों है?

दुनिया के 70% ताजे पानी का भंडार अंटार्कटिका में ही है।  दुनिया की 90% बर्फ की चादरें यही पाई जाती है। जो दुनिया के तापमान को नियंत्रित करके रखता है। यह दुनिया का सबसे बड़ा शीत मरुस्थल है। जहां मानव जीवन संभव तो नही लेकिन इसके बिना मानव का जीवन संभव भी नही।

अंटार्कटिका संधि क्या है?

अंटार्कटिका को भविष्य में सैन्य गतिविधियों से दूर रखने के लिए और पूर्ण रूप से वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए संरक्षित करने के लिए 1 दिसंबर 1959 को इस संधि पर हस्ताक्षर किया गया था। इस संधि में मूलतः 12 देश शामिल थे। जो अंटार्कटिका के नजदीकी थे। जैसे- ऑस्ट्रेलिया, चिली, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका, अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन आदि। इस संधि को वाशिंगटन में हस्ताक्षरित किया गया था। जो कि 1961 में लागू हुआ
अंटार्कटिका पर बढ़ते ग्लोबल वार्मिंग और शोध के नाम पर सैन्यीकरण का खतरा मंडरा रहा है। यह पूरी धरती का सबसे संवेदनशील महाद्वीप है जो पूरी पृथ्वी की जलवायु, वर्षा, तापमान और समुद्री जलस्तर के नजरिए से बेहद ही महत्वपूर्ण हो जाता है। इस संधि में 2021 में अपने 60 वर्ष पूरे कर लिए। इसलिए यह पुनः चर्चा में आ गया है कि क्या यह संधि सचमुच अपने लक्ष्यों के अनुकूल आगे सिद्ध हुई या नहीं।

अंटार्कटिका संधि के मुख्य मुख्य प्रावधान?

इसके प्रमुख प्रावधानों में पहला, अंटार्कटिका में वैज्ञानिक अनुसंधान की स्वतंत्रता को बढ़ावा देना। दूसरा, अंटार्कटिका का उपयोग शांतिपूर्ण शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए किया जायेगा। तीसरा, कोई भी देश इसपर अपनी दावेदारी प्रस्तुत नही करेगा। चौथा, किसी भी प्रकार की सैन्य गतिविधि को रोकना।

अंटार्कटिका संधि में कितने देश है?

वर्तमान में 2019 तक अंटार्कटिका संधि में 54 देश शामिल हो चुके है। जिसमे से केवल 12 मूलत: देश है जिनके पास मतदान का अधिकार है।

क्या भारत अंटार्कटिका संधि का हस्ताक्षरकर्ता है?

भारत अंटार्कटिका संधि के 54 हस्ताक्षरकर्ता देशों में से एक है। चूंकि भारत प्रारंभिक हस्ताक्षरकर्ता देशों में से एक नही है इसलिए भारत को वोटिंग अधिकार प्राप्त नहीं है। इसके बाऊजूद भारत ने इस संधि के लक्ष्यों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भारत समय ने अंटार्कटिका की सुरक्षा में बेहतर तरीके से योगदान देने के लिए कई शोध संस्थान भी स्थापित किए है।

भारत का अंटार्कटिका कार्यक्रम ?

भारत ने अपने अंटार्कटिका अभियान की शुरुआत 1981 में की। जब नेशनल सेंटर फॉर अंटार्कटिका एंड ओसियन रिसर्च (NCAOR) के तत्वाधान में प्रयास शुरू किए। यह अंटार्कटिका में शोध हेतु नोडल एजेंसी है।
भारत ने दक्षिण गंगोत्री, मैत्री और भारती नामक तीन अंटार्कटिका शोध केंद्र स्थापित किए है। दक्षिण गंगोत्री वर्तमान में क्षतिग्रस्त हो चुका है। इसके बाद मैत्री को 1989 में स्थापित किया गया था। तत्पश्चात 2012 में  भारती नामक नवीन संचालन केंद्र की स्थापना की गई। जो वर्तमान में कार्यरत है। साथ ही अंटार्कटिका पर शोध के लिए भारत ने 2008 में एक “शोध निधि” की भी स्थापना की है।
भारत हमेशा से ही अंटार्कटिक और आर्कटिक दोनो ध्रुवों पर शांति और सुरक्षा के लिए मुखबिरी करता आया है। विश्व के देशों को पर्यावरण संबंधी समझौतों को गंभीरता से अनुपालन पर जोर देना चाहिए। ताकि अंटार्कटिका संधि के लक्ष्यों को हासिल किया जा सके। अन्यथा वो दिन दूर नही जब यह कथन सत्य हो जायेगा।
“यदि इसी तरह अंटार्कटिका पिघलता रहा तो आने वाले 300 सालों में पृथ्वी पूरी तरह डूब जायेगी।”
-हंस क्लूक, जर्मन भूविज्ञानी

The post अंटार्कटिका संधि क्या है? क्यों है यह चर्चा में? appeared first on NITIN BHARAT.

]]>
https://nitinbharat.com/antarctica-sandhi-kya-hai/feed/ 0 32
एलोन मस्क दुनिया के लिए क्यों महत्वपूर्ण है ? https://nitinbharat.com/alan-musk-duniya-ke-liye-important/ https://nitinbharat.com/alan-musk-duniya-ke-liye-important/#comments Fri, 29 Apr 2022 07:19:00 +0000 https://nitinbharat.com/2022/04/29/%e0%a4%8f%e0%a4%b2%e0%a5%8b%e0%a4%a8-%e0%a4%ae%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%95-%e0%a4%a6%e0%a5%81%e0%a4%a8%e0%a4%bf%e0%a4%af%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%b2%e0%a4%bf%e0%a4%8f-%e0%a4%95%e0%a5%8d/ एलोन मस्क एक अमेरिकी इंजीनियर, उद्यमी और बिजनेसमैन है। जिन्होंने बेहद ही कम समय में अपने हैरान कर देने वाले तकनीकों जैसे स्पेस एक्स spaceX, टेस्ला Tesla...

The post एलोन मस्क दुनिया के लिए क्यों महत्वपूर्ण है ? appeared first on NITIN BHARAT.

]]>
एलोन मस्क एक अमेरिकी इंजीनियर, उद्यमी और बिजनेसमैन है। जिन्होंने बेहद ही कम समय में अपने हैरान कर देने वाले तकनीकों जैसे स्पेस एक्स spaceX, टेस्ला Tesla और स्टारलिंक से दुनिया में सनसनी मचा दी है। एलोन मस्क 2022 में दुनिया के सबसे चर्चित व्यक्ति उस वक्त बन गए जब उन्होंने सोसल मीडिया साइट ट्विटर( Elon Musk twitter )को खरीद लिया। इसी गति से यदि वें आगे बढ़ते रहे तो वो दिन दूर नही जब एलोन मस्क का दुनिया के ई कॉमर्स, अंतरिक्ष, ऑटोमोबाइल और सोशल मीडिया पर एकछत्र राज अर्थात एकाधिकार हो जायेगा।

एलोन मस्क दुनिया के लिए क्यों महत्वपूर्ण है? Why is Elon Musk  so important?

एलोन मस्क ने क्या किया है? एलोन मस्क की शुरुआत कैसे हुई? एलन मास के पास कुल कितनी संपत्ति है? एलोन मस्क की कंपनियां? और कैसे एलोन मस्क दुनिया की राजनीतिक हवा बदल सकते है? सबकुछ जानेंगे लेकिन इससे पहले एलोन मस्क का जीवन परिचय संक्षेप में जान लेते है।

एलोन मस्क कौन है और वह क्यों प्रसिद्ध है?

Elon Musk एक अमरीकी इंजीनियर, उद्यमी और बिजनेसमैन है जिन्होंने बेहद ही कम समय में अमरीकी व्यापारिक गलियारों में कूदकर बड़े बड़े बिजनस टाइकून के नींद उड़ा दी। एलोन मस्क का जन्म दक्षिण अफ्रीका के प्रिटोरिया में 28 जून 1971 हुआ था। इनके पिता एरोल मस्क एक इंजीनियर थे जो आफ्रीका के जांबिया में एक माइन के आधे मालिक भी थे। इनकी माता एक मशहूर मॉडल और डाईडिटिशियन थी। इन्होंने 1990 में अपना पहला स्टार्टअप ओपन किया था लेकिन सफलता और प्रसिद्धि 2010 के दशक में मिली जब स्पेस एक्स (spaceX) और टेस्ला (tesla) की क्षमता से दुनिया को चौका दिया।

एलन मास के पास कुल कितनी संपत्ति है?Elon Musk net worth

एलोन मस्क के पास कुल 300 बिलियन डॉलर की संपति है। 21 सितंबर को वे Jeff Bezos को पछाड़कर दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति (Richest man in the world) बन गए। ब्लूमबर्ग में प्रकाशित डेटा में यह भी बताया गया था कि आने वाले 5 सालों में उनकी संपति 500 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकती है। Jeff Bezos Amazon के मालिक है।Jeff Bezos का हाल ही में तलाक़ हुआ था। जिसके चलते Jeff Bezos को अपनी आधी संपत्ति अपनी पत्नी को देना पड़ा था।

एलोन मस्क की कंपनियां? Companies of Elon Musk

एलोन मस्क की सबसे ज्यादा आय करने वाली कंपनियों में स्पेस एक्स (spaceX), टेस्ला(tesla), पे-पल, न्यूरालिंक, बोरिंग कंपनी, ओपन आई और अब ट्वीटर ( Elon Musk buy Twitter ) जैसी कई कंपनियां है।

एलोन मस्क दुनिया के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?Why Elon Musk is so important?

दुनिया में चाहे ग्रीन एनर्जी के लिए प्रयास हो चाहे निवेश या फिर लोकतंत्र के लिए एलोन मस्क कैसे महत्वपूर्ण है आइए समझते है।
1. निवेश: Elon Musk दुनिया के सबसे अमीर शख्सियत होने के नाते उनके द्वारा किसी भी देश में किया गया निवेश उस देश की किस्मत चमका सकता है।
2. पर्यावरण हितैषी: Elon Musk की तकनीके पर्यावरण हितैषी होने के लिए दुनिया भर में मशहूर है। जैसे-सोलर लिंक, इलेक्ट्रिक ऊर्जा से चलने वाली टेस्ला कारें Tesla और स्पेस एक्स spaceX। बढ़ते जलवायु प्रदूषण के दौर में Elon Musk का अभियान, गर्त में जा रही दुनिया के पर्यावरण के लिए एक वरदान साबित हो सकता है। पेरिस जलवायु परिवर्तन समझौते के लक्ष्य को हासिल करने और पृथ्वी पर जीवन को सुरक्षित करने के लिए Elon Musk बेहद ही महत्वपूर्ण साबित हो सकते है। Elon Musk tesla, और Tesla cars इसमें अहम भूमिका में होंगे।
3. लोकतंत्र समर्थक: Elon Musk दुनिया भर में प्रजातंत्र की स्थापना का समर्थन करते है। Did Elon Musk buy twitter? ट्वीटर जैसे सोशल मीडिया साइट को खरीदकर वे फ्री स्पीच, लोकतंत्र और लेफ्ट और राइट विचारधारा में संतुलन स्थापित कर सकते है। इस प्रकार Elon Musk दुनिया की राजनीतिक हवा बदलने का भी दमखम रखते है। Elon Musk twitter इसलिए  इन दिनों  चर्चा मेंं हैै।
4. इंटरनेट तक पहुंच: Elon Musk दुनिया भर के वंचित और गरीब आबादी को इंटरनेट तक पहुंच देकर वे दुनिया में संचार और सूचना क्रांति ला सकते है। सूचना क्रांति लोगो के जीवन में क्रांति लाती है। उनकी स्टारलिंक परियोजना इसी लक्ष्य के साथ शुरू की गई है। उपग्रह आधारित इस योजना द्वारा ऐसे क्षेत्रों तक भी इंटरनेट पहुंचाई जा सकती है जहां अभी तक केबल तार नही पहुंच सके।
5. दुनिया के लिए प्रेरणा: bill gates लंबे समय तक दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति रहे बाद में Jeff Bezos लेकिन Elon Musk जितनी प्रेरणा युवाओं को नहीं दे पाए। एलोन से दुनिया के युवा वर्ग में उद्यमशीलता की प्रेरणा जागेगी और पिछड़े देशों में उद्यमशीलता का माहौल बनने पर वहां की गरीबी, बेरोजगारी और उग्रवाद जैसी समस्याओं से निदान मिल सकती है।
6. एकाधिकारवाद: Elon Musk दुनिया के लिए सकारात्मक और नकारात्मक दोनो साबित हो सकते है। सकारात्मक पहलुओं को ऊपर पड़ा लेकिन नकारात्मक पहलुओं को भी नजरंदाज नहीं किया जा सकता। एकाधिकारवाद पूंजीवाद में एक ऐसी ही बुराई है। जिसमे एक व्यक्ति अपने अधिकारों का गलत फायदा भी उठाने लगता है।
7. लघु उद्यम हतोत्साहित: Elon Musk एक सेट मानक स्थापित कर रहे है। और कई क्षेत्रों में दबदबा कायम कर रहे है ऐसे में दुनिया भर के लघु उद्यम उन क्षेत्रों में काम करने से कराएंगे।
Elon Musk के लिए आने वाले 5 वर्ष बेहद ही नाजुक हो सकते है क्योंकि दुनिया भर में मशहूर होने वाले उद्यमी के खिलाफ अन्य पूंजीपति की साजिशे भी शुरू हो जाती है।

The post एलोन मस्क दुनिया के लिए क्यों महत्वपूर्ण है ? appeared first on NITIN BHARAT.

]]>
https://nitinbharat.com/alan-musk-duniya-ke-liye-important/feed/ 1 35