Environment Archives - NITIN BHARAT https://nitinbharat.com/category/environment/ India's Fastest Growing Educational Website Mon, 10 Apr 2023 08:07:23 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.1 210562443 सर्वाधिक बाघ आबादी वाले राज्यों को याद करने की ट्रिक https://nitinbharat.com/top-tiger-population-states-trick/ https://nitinbharat.com/top-tiger-population-states-trick/#respond Sun, 09 Apr 2023 14:09:16 +0000 https://nitinbharat.com/?p=686 ऐतिहासिक रूप से भारत बाघों की राजधानी रही है। यहां हमेशा से ही पूरी दुनिया की तीन चौथाई बाघ की आबादी निवास करती है। बाघ और वनों...

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ऐतिहासिक रूप से भारत बाघों की राजधानी रही है। यहां हमेशा से ही पूरी दुनिया की तीन चौथाई बाघ की आबादी निवास करती है। बाघ और वनों के संरक्षण के बीच समानुपाती संबंध है। अर्थात पूरक संबंध है वे एक दूसरे के अस्तित्व से गहराई से जुड़े हुए हैं। इसी संदर्भ में प्राचीन ग्रंथ महाभारत में भी कहा गया है कि Top tiger population states trick सर्वाधिक बाघ वाले राज्यों को याद करने की ट्रिक

निर्वनो वध्यते व्याघ्रो निर्व्याघ्रं छिद्यते वनम्।
तस्माद्व्याघ्रो वनं रक्षेद्वयं व्याघ्रं च पालयेत् ॥
-महाभारत – उद्योग पर्व : ५.२९.५७

अर्थात वन के बिना बाघ का जीना मुश्किल है और बाघ के बिना वन का संरक्षण असंभव है इसलिए बाघ का जीवन वनों से है वनों की सुरक्षा बाघ से है।

भारत में बाघों की संख्या 2023 में कितनी है? जाने ख़ास बातें नवीन आंकड़ों और रोचक तथ्यों के साथ,

9 अप्रैल 2023 को मैसूर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बालू बाघों की गणना रिपोर्ट प्रकाशित की इसके अनुसार भारत में बाघों की तादाद में अच्छी खासी बढ़ोतरी हुई है वर्तमान में भारत में बाघों की संख्या 3167 है लेकिन परीक्षाओं में अक्सर यह पूछा जाता है कि सर्वाधिक बाघों की संख्या वाले राज्यों को घटते क्रम में जमाइए या बढ़ते क्रम में जमाइए इस समस्या को दूर करने के लिए हमने आज यह ट्रिक आपके लिए बनाई है।

भारत में सर्वाधिक बाघ मध्य प्रदेश में पाए जाते हैं। जिनकी संख्या 525 है तत्पश्चात कर्नाटक में बाघों की संख्या पाई जाती है। तीसरे नंबर पर उत्तराखंड राज्य का नाम आता है जहां सर्वाधिक संख्या में बाघों की आबादी पाई जाती है। आप चीन के प्रसिद्ध प्रदेश मकाउ के नाम पर याद रख सकते हैं अंग्रेजी में मकाउ ( MaKaU) इस प्रकार है। Top tiger population states trick सर्वाधिक बाघ वाले राज्यों को याद करने की ट्रिक

            मकाउ ( MaKaU)

          Ma – मध्यप्रदेश 526
          Ka – कर्नाटक 524
          U – उत्तराखंड 442

नोट: ये नवीनतम आंकड़े चौथे बाघ गणना चक्र की है। नवीनतम आंकड़े 2023 के कुछ महीनों में जारी होने की संभावना है परीक्षार्थी कृपया नजर बनाए रखें।

तो यह थे भारत के 3 सबसे अधिक बाघ आबादी वाले राज्य। यह ट्रिक आपको पसंद आई हो तो बाकी लोगों को भी ज्यादा से ज्यादा शेयर करें इसी तरह के अन्य ट्रिक के लिए हमारे वेबसाइट को जरूर देखें। Top tiger population states trick सर्वाधिक बाघ वाले राज्यों को याद करने की ट्रिक

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भारत में बाघों की संख्या कितनी है? जाने ख़ास बातें https://nitinbharat.com/tiger-census-in-india-2023/ https://nitinbharat.com/tiger-census-in-india-2023/#respond Sun, 09 Apr 2023 11:19:56 +0000 https://nitinbharat.com/?p=682 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 अप्रैल 2023 को पांचवी बाघ जनगणना जारी की जिसके अनुसार भारत में बाघों की संख्या बढ़कर अब 3167 हो गई है. जनगणना...

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 अप्रैल 2023 को पांचवी बाघ जनगणना जारी की जिसके अनुसार भारत में बाघों की संख्या बढ़कर अब 3167 हो गई है. जनगणना 2022 में प्रारंभ की गई थी ज्ञात हो कि 2018 की जनगणना जो कि 2019 में प्रकाशित हुई थी उसके अनुसार भारत में कुल 2967 बाघ वन में पाए गए थे जिसमें 200 की बढ़ोतरी हुई है। प्रधानमंत्री ने इसके लिए भारत के अफसरों, मंत्रालय को बधाई दी। Tiger census in India 2023 (भारत में बाघों की गणना 2023)

सर्वाधिक बाघ आबादी वाले राज्यों को याद करने की ट्रिक

भारत में बाघों की पांचवी गणना

आपको बता दें कि भारत में बाघों की गणना (Tiger census in India 2023) प्रत्येक 4 वर्ष में होती है इससे पूर्व 2006 2010 और 2014 मे भी बाघों की गणना की गई थी जिसके अनुसार बाघों की संख्या क्रमशः 1411, 1706 और 2226 थी। इस लिहाज से 2018 से 22 के मध्य की गई गणना में सबसे कम बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

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इंटरनेशनल बिग कैट एलाइंस

9 अप्रैल को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंटरनेशनल बिग कैट एलाइंस कभी शुभारंभ, कर्नाटक के मैसूर में किया। यह एक अंतरराष्ट्रीय प्रयास है जिसमें 7 प्रमुख वृहद बाघ प्रजाति के आवास वाले देश मिलकर बाघ संरक्षण और सुरक्षा के लिए प्रयास करेंगे। 7 बिग कैट में जगुआर, प्यूमा, हिम तेंदुआ, तेंदुआ, शेर, चीता और बाघ शामिल है। इस पहल को बाघ परियोजना के 50 वर्ष पूरे होने पर प्रारंभ किया गया है। गौरतलब है बाघ परियोजना 1973 में इंदिरा गांधी सरकार द्वारा प्रारंभ की गई थी।

क्या आप जानते हैं? भारत में करीब 75,000 स्क्वायर किलोमीटर बाघ संरक्षण क्षेत्र है। जिसमें दुनिया की करीब तीन चौथाई (75%) बाघ निवास करते हैं। सबसे ज्यादा बाघों की संख्या कर्नाटक में है। दुनिया की 2.4% भूभाग रखने के बौजूद भारत जैव विविधता में करीब 8% का योगदान करता है। टाइगर के अलावा हाथी क्षेत्र सर्वाधिक भारत में और एक सिंगी गेंडे भी सर्वाधिक मात्रा में भारत में पाया जाता है।

भारत में शेरों की संख्या कितनी है?

भारत में सर्वाधिक संख्या में से गुजरात में शेरों की आबादी पाई जाती है। जिसमें गिर राष्ट्रीय उद्यान प्रमुख है 2015 में बाघों की गणना की गई थी। जिसमें संख्या 525 बताई गई जबकि 2020 में जनगणना की गई जिसमें 675 शेरों की संख्या भारत में बताई गई है। Tiger census in India 2023

भारत में बाघों की गणना कौन करता है?

पूरे भारत में बाघों की गणना ऑल इंडिया टाइगर्स एस्टीमेट (AITE) भारत की एक वैधानिक प्राधिकरण है एनटीसीए (NTCA नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी) द्वारा किया जाता है। यह राज्य वन और पर्यावरण बोर्ड के साथ मिलकर देश भर में बाघों की गणना करती है।

NTCA (राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण) क्या है?

राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण एक वैधानिक निकाय है जिसकी स्थापना 2005 में वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत किया गया है। इसके अध्यक्ष केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री होते हैं जबकि इसके उपाध्यक्ष केंद्रीय वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री होते हैं।

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Air Quality Index : वायु प्रदूषण, दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहर में दिल्ली, कोलकाता और मुंबई https://nitinbharat.com/air-quality-index-2022/ https://nitinbharat.com/air-quality-index-2022/#comments Sat, 20 Aug 2022 13:25:00 +0000 Air Quality Index : वायु प्रदूषण, दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहर में दिल्ली, कोलकाता और मुंबई अमेरिका में मौजूद संस्थान Health Effects Institute (HEI) और  State...

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Air Quality Index : वायु प्रदूषण, दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहर में दिल्ली, कोलकाता और मुंबई

अमेरिका में मौजूद संस्थान Health Effects Institute (HEI) और  State of Global Air Initiative द्वारा अगस्त, 2022 में भारतीय शहरों के वायु प्रदूषण के स्तर पर एक और चौकाने वाली रिपोर्ट जारी की गई। इस रिपोर्ट में अधिक जनसंख्या वाले शहरों में दिल्ली को सबसे प्रदूषित माना गया है। कोलकाता को दूसरा और मुंबई को 14वां सबसे प्रदूषित शहर के रूप में चिन्हित किया गया है। Air polution quality index

Air Quality index : वायु प्रदूषण, दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहर में दिल्ली, कोलकाता और मुंबई

 

भारत सरकार और राज्य सरकारों के वायु प्रदूषण के विरुद्ध प्रयासों की पोल खोलती हुई इस रिपोर्ट में कई चौकाने वाले दावे किए गए है। इस रिपोर्ट को अमेरिका स्थित संस्थान द्वारा जारी किया गया है। लेकिन जिस गहराई से भारतीय शहरों की समस्या पर रिपोर्ट तैयार किया गया है वह बेहद ही रोचक है। इस रिपोर्ट में यह बताया गया है कि भारत के तीन बड़े शहर जहां करीब 700 मिलियन लोग रहते है यहां वायु की गुणवत्ता डराने वाली है। इन शहरों में रहने वाले लोगों की आने वाले समय में वायु प्रदूषण के चलते अपने स्वास्थ्य पर भारी भरकम खर्च करने पड़ेंगे। Air polution quality index

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वायु प्रदूषण क्या है? What is Air Polution

वायु के संघटकों में अवांछनीय बदलाव को वायु प्रदूषण कहा जाता है। साधारण भाषा में वायु जो कि कई गैसों का मिश्रण है इसमें जब कुछ हानिकारक गैसें मिल जाती है तब इसे वायु प्रदूषण कहते है। वायु प्रदूषण का गंभीर रूप स्वरूप तब सामने आती है जब जीवन दायिनी गैस जैसे ऑक्सीजन की कमी वायु में होने लगती है। एक स्वच्छ वायु, वायु का वह मिश्रण होता है जिसमे गैसों के प्राकृतिक संघटक संतुलन स्तर पर होते है। कौन सा वायु कितना शुद्ध है इसे मापने के लिए आजकल बड़े शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक Air Quality Index का उपयोग किया जाता है। आइए जानते है AQI  क्या है?

 

वायु गुणवत्ता सूचकांक क्या है?

 

What is Air Quality Index

 

Air Quality Index (AQI) 17 सितंबर 2014 में जारी किया गया था। तत्कालीन पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर द्वारा वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) पहल को “स्वच्छ भारत अभियान” के एक महत्वपूर्ण भाग के रूप में शुरू किया गया था। जिसका उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में बढ़ती वायु प्रदूषण की समस्या से लड़ने के लिए प्रदूषकों की सूची और उसमे होने वाले बदलाव पर नजर रखना था। Air Quality index : वायु प्रदूषण, दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहर में दिल्ली, कोलकाता और मुंबई

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आठ वायु प्रदूषकों के नाम

8 Air pollutants list

 

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड CPCB द्वारा Air quality Index मे 8 प्रदूषकों को चिन्हित किया गया है। ये प्रदूषक गंभीर स्वास्थ्य संकट पैदा कर सकतें है। जो कि निम्न है

 

  1. PM10,
  2. PM2.5,
  3. नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO2),
  4. सल्फर डाइऑक्साइड (SO2),
  5. कार्बन मोनोऑक्साइड (CO),
  6. ओजोन (O3),
  7. अमोनिया (NH3),
  8. लेड Pb.

 

Air Quality Index कैसे काम करता है?

 

Air Quality Index वायु गुणवत्ता की माप करता है। यह बताता की कौन सी हानिकारक गैस किस मात्रा में हवा में मिश्रित है। Air Quality Index 6 कैटेगरी और रंगो जारी किया जाता हैं। वायु प्रदूषण के स्तर के हिसाब से ये रंग हरे से गहरे लाल की ओर होते है –

Good (अच्छा)

Satisfactory (संतोषजनक)

Moderate (सामान्य)

Poor(खराब)

Very poor(अधिक खराब)

Severe (गंभीर)

 

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Air Quality Index का महत्व

 

यह इंडेक्स शहरों खासकर महानगरों जैसे दिल्ली, कोलकाता में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। सूचकांक के अनुसार नीतियां बनाई जाती है। जैसे स्कूल संचालन के नियम, यातायात के नियम और अन्य सार्वजनिक कार्यक्रमों के नियम। जैसे – जैसे दुनिया भर वायु प्रदूषण की समस्या बढ़ रही है Air Quality Index और अधिक महत्वपूर्ण होता जा रहा है। WHO और संयुक्त राष्ट्र UN द्वारा Air Quality Index AQI जैसे सूचकांक को क्लाइमेट जस्टिस के साथ जोड़कर देखता हैं। साथ ही “स्वच्छ वायु का अधिकार” जीवन के अधिकार से जुड़ा हुआ विषय के रूप प्रचलित हो रही है। Air polution quality index

 

 

राष्ट्रीय वायु निगरानी कार्यक्रम (National Air Monitoring Program)

 

इस कार्यक्रम का संचालन केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के माध्यम से किया जाता है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत भारत के 240 शहरों में 340 से भी अधिक वायु निगरानी स्टेशन की स्थापना की गई है। जो वायु गुणवत्ता पर निगरानी रखती है। Air Quality index : दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहर में दिल्ली, कोलकाता और मुंबई

 

आखिर क्यों गायब हो रहे 2000 के नोट जानकर आश्चर्य में पड़ जायेंगे!

भारत के सबसे प्रदूषित शहर (Most Polluted cities of India)

अलग अलग रिपोर्ट और सूचकांकों के विश्लेषण के बाद आप पाएंगे कि भारत के तीन शहर जो दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल रहती है वे है दिल्ली, कोलकाता और मुंबई। हाल ही (अगस्त 2022) में Health Effects Institute द्वारा प्रकाशित सूचकांक में यही कहा गया है। इसके अलावा अन्य प्रसिद्ध रिपोर्ट ‘वर्ल्ड एयर क्वालिटी इंडेक्स‘ में यह भी कहा गया है कि “भारत में 76% लोग प्रदूषित शहरों में रहते है”.

 

दुनिया के सबसे साफ हवा वाले देश (Cleanest Air countries in the world)

 

World Air Quality Index के अनुसार, प्रथम विश्व के देश या उच्च आय वाले देशों में वायु गुणवत्ता सबसे अच्छी है। यहां अधिकांश शहरों में PM 2.5 की सांद्रता 8 μg/m3 से भी कम पाई जाती है। ये देश है संयुक्त राज्य, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, नॉर्वे और स्वीडन. हालांकि ये शहर जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग की समस्या से जूझ रहे है। Air Quality index : वायु प्रदूषण, दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहर में दिल्ली, कोलकाता और मुंबई

 

 

वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने हेतु भारत के प्रयास:

Measures against air polution by india

1. वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI):

इसे आठ प्रदूषकों को ध्यान में रखते हुए विकसित किया गया है। यह प्रदूषण के मापन और नियंत्रण में महत्वपूर्ण है।

 

2. ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान GRAP :

इस प्लान के अंतर्गत प्रदूषण के स्तर के हिसाब से एक्शन या कार्यवाही अपनाएं जातें है।

 

3. वाहनों से होने वाले प्रदूषण के लिए:

बीएस-VI वाहन, इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) को बढ़ावा देना,

एक आपातकालीन (Emergency) उपाय के रूप दिल्ली जैसे राज्य में ‘ऑड-इवन’ नीति

 

4. वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग Air Quality Management Commission

इस आयोग को वायु प्रदूषण Air Polution से संबंधित किसी भी मामले की जाँच करने और दिल्ली तथा इसके आस-पास के क्षेत्रों में स्थापित किसी भी परिसर, संयंत्र, उपकरण, मशीनरी आदि का निरीक्षण करने का अधिकार है।

 

5. टर्बो हैप्पी सीडर (THS) मशीन

इसे खरीदने पर किसानों को सब्सिडी  उत्तर भारतीय राज्यों जैसे कि हरियाणा, पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पराली जलाने से होने वाली वायु प्रदूषण (Air Polution) की समस्या का समाधान हेतु यह कारगर हो सकता है।

Air Quality index : वायु प्रदूषण, दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहर में दिल्ली, कोलकाता और मुंबई
 

वायु प्रदूषण (air polution) की समस्या अब केवल महानगरों की समस्या नहीं रह गई। छोटे-छोटे शहरों में वायु गुणवत्ता Air Quality बनाए रखने के क्षेत्र आधारित समाधानों को अपनाना चाहिए। केंद्र स्तर पर की गई पहल को स्थानीय प्रशासन का साथ मिलना चाहिए। इसके अलावा वायु गुणवत्ता सूचकांक AQI को शहरों में कई जगह पर लगाना चाहिए ताकि नागरिक अपने शहर के हवा के बारे में जान सके। इससे नागरिक स्वयं भी प्रदूषक गतिविधियों से दूर रहने का प्रयास करेंगे। सबसे प्रमुख एक ऐसी निकाय का निर्माण हर जिले स्तर पर होना जिसमे क्षेत्र के जनप्रतिनिधि, उद्योगपति, किसान और सरकारी अफसर शामिल हो और वायु गुणवत्ता बिगड़ते ही इसके लिए एकीकृत प्रयास कर सकें।

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पंचप्रयाग: याद रखने की आसान ट्रिक https://nitinbharat.com/panchprayag-yad-rakhne-ki-trick/ https://nitinbharat.com/panchprayag-yad-rakhne-ki-trick/#comments Sat, 09 Jul 2022 16:40:00 +0000 भारत के पंच  प्रयागों के बारे में अपने कई बार सुना होगा. भारत के भौगोलिक, धार्मिक और पर्यटन की दृष्टि से अत्यधिक महत्व पूर्ण है. इसीलिये किसी...

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भारत के पंच  प्रयागों के बारे में अपने कई बार सुना होगा. भारत के भौगोलिक, धार्मिक और पर्यटन की दृष्टि से अत्यधिक महत्व पूर्ण है. इसीलिये किसी न किसी सन्दर्भ को लिए यह सालभर चर्चा में बना रहता है. पंचप्रयाग क्या है, इसमें किन-किन नदियों का संगम शामिल है. और कहाँ पर ये एक दुसरे से मिलती है? पंच प्रयागों (Panch Prayag ) को  याद रखने की आसान ट्रिक क्या है आइये जानते है. Panchprayag yad rakhne trick

पंचप्रयाग:  याद रखने की आसान ट्रिक

 

पंचप्रयाग (Panch Prayag )  पांच नदियों का संगम नही है बल्कि पांच संगमो का नाम है. ये पांच नदी संगम अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग नदियों के जल के मिलने पर बनता है. कई कारणों से ये चर्चा में बने रहते है. इसीलिये कई परीक्षाओ में यहाँ से प्रश्न पूछे जाते है.

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प्रयाग का अर्थ ? Meaning of Prayag

 

प्रयाग का अर्थ मिलन स्थल होता है, पौराणिक हिन्दू मान्यता के अनुसार प्रयाग ऐसा स्थल है जहाँ उत्तर भारत की तीन सबसे पवित्र नदियां आकर मिलती है, इन नदियों में गंगा, यमुना और सरस्वती को गिना जाता था. उत्तर प्रदेश सरकार ने इसीआधार पर इलाहाबाद (Allahabad) का नाम बदलकर प्रयागराज (Prayagraj) कर दिया. हालांकि प्रयागराज में वर्तमान में केवल गंगा और यमुना नदी ही आकर मिलती है. जबकि ऐसी मान्यता है कि पौराणिक नदी सरस्वती भूमिगत होकर प्रयागराज में मिलती है. Panchprayag yad rakhne trick

 

उत्तरखण्ड के प्रयाग; पंचप्रयाग कहाँ है?

 

पंचप्रयाग उत्तरी भारत के उत्तराखंड राज्य में स्थित है, उत्तराखंड में ऋषिकेश से उत्तरकाशी की ओर जाते हुए मध्य और वृहत हिमालय को काटते हुए जो नदियाँ निकलती है उन्ही से पांच प्रयागों (Panch Prayag ) का निर्माण होता है. समग्र भारत के भूगोल में देखें तो ये उत्तरी हिमालय पर्वतों के बीच पड़ता है. Panchprayag yad rakhne  trick

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पंचप्रयाग (Panch Prayag )

 

नदी की बहाव की दिशा में ऊपर से नीचे अथवा उत्तर से दक्षिण की ओर विष्णुप्रयाग, नंदप्रयाग, कर्णप्रयाग, रुद्रप्रयाग और देवप्रयाग को संयुक्त रूप से पंचप्रयाग के रूप में जाना जाता है.  पंचप्रयागों के बारे में ऐसी धार्मिक मान्यता है कि यहाँ स्नान मात्र से मानसिक शांति और आत्मिक शुद्धि की प्राप्ति होती है. इसी लिए पंचप्रयागों का धार्मिक (Religious) और अध्यात्मिक (Spiritual) महत्व है.

 

पंचप्रयाग का निर्माण करने वाली नदियां

 

मूल नदी अलखनंदा या अलकनंदा के ऊपर से नीचे की ओर जाने पर धौलीगंगा, नंदाकिनी,  पिंडर,  मंदाकिनी और भागीरथी मिलते हुए क्रमशः  विष्णुप्रयाग, नंदप्रयाग, कर्णप्रयाग, रुद्रप्रयाग और देवप्रयाग का निर्माण करती है. अलकनंदा और धौलीगंगा के मिलने से विष्णु प्रयाग का निर्माण होता है. अलकनंदा और नंदाकिनी नदी के  मिलने से नंदप्रयाग का निर्माण होता है. अलकनंदा और पिंडर नदी के संगम पर कर्णप्रयाग का निर्माण होता है और अलकनंदा और मंदाकिनी नदी के संगम पर रुद्राप्राग का निर्माण होता है. भागीरथी और अलकनंदा के संगम पर देवप्रयाग का निर्माण होता है. इन नदियों के अलकनंदा नदी में मिलने के क्रम को याद रखने के लिए आप एक बेहद ही आसान ट्रिक को याद रख सकते है.

DN PMB

असल में ये कोई ट्रिक नहीं बल्कि सभी नदियों के अंगरेजी के प्रारम्भिक अक्षरों को मिलकर बनाया गया है. “DN PMB”  यह बाजार में मिलने वाले किसी रसायनिक खाद के फोर्मुले के समान प्रतीत होता है. इसे याद रखकर आप इस टॉपिक से पूछे गए किसी भी प्रश्न का उत्तर देने के लिए सक्षम हो जायेंगे.

 

पंचप्रयाग:  याद रखने की आसान ट्रिक

भारत के राष्ट्रपतियों को याद रखने की आसान ट्रिक

“विनकरु देव” पड़ने और सुनने में किसी पौराणिक हिन्दू देवता के नाम के समान प्रतीत हो रहा है, जिसे विस्तार करने पर आप पंचप्रयागों का नाम देख पाएंगे,  ये ट्रिक ऊपर से नीचे अथवा उत्तर से दक्षिण की ओर जाने पर आपको क्रमवार प्राप्त होगा. पंचप्रयाग:  याद रखने की आसान ट्रिक

 

“विनकरु देव”

 

वि –  विष्णुप्रयाग

न  –  नंदप्रयाग

क़  – कर्णप्रयाग

रू  – रुद्रप्रयाग

देव –  देवप्रयाग

पंचप्रयाग, विष्णुप्रयाग, नंदप्रयाग, कर्णप्रयाग, रुद्रप्रयाग, देवप्रयाग,

 

पंचप्रयागों  का महत्व (Importance of Panch Prayag)

 

सांस्कृतिक महत्व (Cultural Importance)

भारतीय पौराणिक ग्रंथो में ऐसी मान्यता है कि इन प्रयागों के दर्शन और स्नान से मानसिक और आत्मिक शांति की प्राप्ति होती है. इसीलिए यहाँ पूरे देश से लोग दर्शन करने आते है. उत्तराखंड की पर्यटन के दृष्टिकोण से ये प्रयाग बेहद ही महत्वपूर्ण स्थल है. देश ही नहीं पूरे दुनिया से श्रद्धालु यहाँ आस्था के समंदर डुबकी लगाने आते है. पंचप्रयाग: याद रखने की आसान ट्रिक

 

भौगिलिक महत्व (Geographical Importance)

ये नदियां महत्वपूर्ण ग्लाशियारों के से निकलती है, तथा तेज ढलानों वाली है जिसमे बाढ़ और प्राकृतिक त्रासदियों की संभावना बहुत अधिक बनी रहती है. पर्यटन की दृष्टिकोण से महत्व रखने वाले ये स्थल विशाल मानवीय आपदा का कारण बन जाते है इसीलिए इनका नियमित निगरानी करना मानचित्रण करना अत्यधिक आवश्यक होता है. इन नदियों में प्रवाहित जल इनसे संबंधित ग्लेशियरों के स्वास्थ्य का द्योतक है.

 

आर्थिक महत्त्व (Economic Importance)

इन प्रयागों से पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलता है, पनबिजली परियोजनाओं (Hydropower Project) के लिए जल और कई प्राथमिक कार्यों में उपयोग के द्वारा यह क्षेत्र के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देता है.

 

तो ये थी पंच प्रयागों (Panch Prayag) के बारे में समग्र जानकारी जो बेहद ही कम से कम शब्दों में बताने का प्रयास किया गया. इसमें  पंचप्रयाग:  याद रखने की आसान ट्रिक एक नवाचारी तरीका उपलब्ध कराता है कि किस प्रकार कठिन और जटिल नामों की सूची को आसान ट्रिक द्वारा याद किया जा सकता है. अगर यह आर्टिकल आपको उपयोगी लगा हो तो हमें comment box में जरुर लिखे.

 

 

 

 

 

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पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी : अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न https://nitinbharat.com/paryawaran-avam-paristhitiki-prashna/ https://nitinbharat.com/paryawaran-avam-paristhitiki-prashna/#respond Sun, 26 Jun 2022 11:15:00 +0000 भारतीय पर्यावरण और पारिस्थितिकी न केवल एक विषय के रूप अति महत्वपूर्ण है बल्कि यह परिचर्चा और विमर्श के लिए भी बेहद ही महत्वपूर्ण विषय है। बढ़ते...

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भारतीय पर्यावरण और पारिस्थितिकी न केवल एक विषय के रूप अति महत्वपूर्ण है बल्कि यह परिचर्चा और विमर्श के लिए भी बेहद ही महत्वपूर्ण विषय है। बढ़ते पर्यावरण संकट, वन्यजीव अपराध और वैश्विक तापमान (Global Warming) में बढ़ोतरी चलते यह और भी महत्वपूर्ण विषय हो जाता है। Environment  ecology important questions
 
पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी : अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
एक विषय के रूप में पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी (Environment And Ecology) महत्व का अनुमान इस बात से भी लगाया जा सकता है कि प्रत्येक वर्ष आयोजित की जाने वाली संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा और राज्य लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में पूछें जाने वाले प्रश्नों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसके साथ ही अन्य राज्य स्तरीय भर्ती परीक्षा, रेल्वे भर्ती बोर्ड, बैकिंग, राजस्व विभाग और शिक्षा विभाग की परीक्षाओं में पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी (Environment And Ecology) से संबंधित प्रश्नों की संख्या लगातार बढ़ रही है। सिविल सेवाओं में भारतीय पर्यावरण और पारिस्थितिकी खंड से लगभग 20% प्रश्न पूछे जा रहे है, इसलिए यह अभ्यर्थियों के लिए बेहद ही महत्वपूर्ण हो जाता है। Environment ecology important questions 

पर्यावरण और पारिस्थितिकी में क्या अंतर है ?

पर्यावरण का अर्थ हमारे आस पास मौजूद चीजों का अध्यन है, जैसे मृदा, वायु, पेड़, नदी और जीव जंतु जबकि पारिस्थितिकी का संबंध पर्यावरण में मौजूद विभिन्न जीव जंतुओं के मध्य अंतर्संबंधों का अध्ययन करना है जैसे किस मृदा में कौन से पेड़ उगते है कौन सा जीव किसका शिकार करता है और एक जीव दूसरे जीव के साथ कैसा व्यवहार करते है? ध्यान देने योग्य बात है कि पर्यावरण जहां मौजूद होता है आवश्यक नहीं कि वहां पारिस्थितिकी भी मौजूद हो उदाहरण के लिए अंटार्कटिका में पर्यावरण तो है लेकिन जीवों के आभाव के चलते वहां पारिस्थितिकी नही है।

पारिस्थितिकी का जनक किसे कहा जाता है?

पारिस्थितिकी का जनक अलेक्जेंडर वान हैंबोल्ट को कहा जाता है। जबकि आधुनिक पारिस्थितिकी के जनक ओडम को कहा जाता है। जबकि पारिस्थितिकी शब्द का प्रथम प्रयोग अर्नेस्ट हैकल ने किया था। भारतीय पारिस्थितिकी का जनक प्रो. रामदेव मिश्रा को कहा जाता है।

पारिस्थितिकी और पारिस्थितिक तंत्र में क्या अंतर है?

Environment ecology important questions: जीवों का आपस में एक दूसरे से संबंध, क्रिया और प्रतिक्रिया को पारिस्थितिकी कहा जाता है। जबकि जिन परिस्थितियों में वातावरण में यह घटित होता है उसे पारिस्थितिक तंत्र कहा जाता है। जबकि अभ्यर्थियों को दोनो शब्दों में समानता का आभास होता है। पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी : अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न 

पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी : अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

इस लेख में पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी  ऐसे प्रश्नों को ढूंढकर एकत्रित किया गया जो 2022 में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे गए है। पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी के इन प्रश्नों को परीक्षार्थियों के लिए अति महत्व का माना जा सकता है और किसी न किसी परीक्षा में इनके पूछे जाने की संभावना बनी हुई रहती है। आगे बढ़ने से पूर्व यदि आप इसी तरह के Study Materials और प्रश्नों के अभ्यास के लिए हमारे टेलीग्राम चैनल को ज्वाइन करें।
पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी : अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1.भारत का “द ग्रेट एस्कार्पमेंट” किसे कहा जाता है?

पश्चिमी घाट

Current Affairs June 2022 Pdf

2.पश्चिमी घाट कितने राज्यों से होकर गुजरता है?

6 (गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, )

3.हिम तेंदुए और ब्लैक नेक क्रेन को किस राज्य का राजकीय पशु एवं पक्षी घोषित किया गया है?

लद्दाख

4.भारत का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान कौन सा है?

हेमिस राष्ट्रीय उद्यान

5.भारतीय तटरक्षक बल द्वारा “ऑपरेशन ओलाविया” क्यों चलाया जा रहा है?

ऑलिव रिडल टर्टल के संरक्षण के लिए

6.करलापट वन्य जीव अभयारण्य कहा स्थित है?

कालाहांडी, ओडिशा

7.केरल के पेरियार टाईगर रिजर्व से होकर कौन कौन सी नदियां प्रवाहित होती है?

पेरियार और मुल्यार नदी

8.FAO ने भारत के किस शहर को “2020 ट्री सिटीज ऑफ़ द वर्ल्ड” घोषित किया है?

हैदराबाद

9.वैश्विक स्वच्छ ऊर्जा और नवाचार में तेजी लाने के लिए यूरोपीय संघ और 24 देशों ने मिलकर कौन सा अभियान शुरू किया है?

मिशन इनोवेशन

10.वर्ष 2021 के लिए आर्द्रभूमि दिवस की थीम क्या थी?

आर्द्रभूमि और जल

11.सतत तटीय प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय केंद्र का मुख्यालय कहां है?

चेन्नई

12.भारतीय भूमि का कितना प्रतिशत ‘आर्द्रभूमि’ के रूप में है?

4.7%

ब्रह्मपुत्र की सहायक नदियों को याद रखने की ट्रिक

13.पौधों और जानवरों की कितनी प्रतिशत आबादी ‘आर्द्रभूमि’ में रहती है?

40%

14.’आर्द्रभूमियां’ सकल विश्व की कुल कितने प्रतिशत भाग को ढंकती है?

6%

15.भारत में कुल कितनी आर्द्र भूमियाँ है?

42 (42वाँ सो कर, लद्दाख)

16.वनाग्नि के लिए प्रसिद्ध ‘जुकु-घाटी’ कहां स्थित है?

नागालैंड-मणिपुर (अन्य नाम फूलों की घाटी)

17.’एडॉप्टेशन गैप रिपोर्ट’ किसके द्वारा जारी की जाती है?

UNEP

18.’राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम’ कब प्रारंभ किया गया था?

2019

19.किस राज्य ने अपने शीत मरुस्थल में ‘शीबकथोर्न’ पौधे लगाने का फैसला किया है?

हिमाचल प्रदेश

20.भारत ने वैश्विक उत्सर्जन मानकों को लागू करने के लिए BS-IV मानक कब लागू किया?

1 अप्रैल 2020

21.विलो वृक्ष जो हाल ही में बड़ी संख्या में कीटों के हमले से नष्ट हो रहे है, किस राज्य में पाया जाता है?

लाहौल घाटी, हिमाचल प्रदेश

22.भारतीय गेंडों के संरक्षण के लिए “इंडियन राइनो विजन 2020” कितने संरक्षित क्षेत्रों में चलाया जा रहा है?

सात (कंजीरंगा, पोबितरा, ओरांग, मानस, लाखोवा, बुराचौरी, डिब्रू सखोवा)

23.एशिया में पाए जाने वाले तीन गेंडो की प्रजाति में से भारत में कौन सी पाई जाती है?

भारतीय एक सीग वाला गैंडा (जावा और सुमात्रण गैंडा अन्य दो प्रजाति)

24.मिडिल ईस्ट ग्रीन इनिशिएटिव किसके द्वारा प्रारंभ किया गया है?

सउदी अरब (10 लाख वृक्ष लगाने का फैसला)

25.हाल ही में किस ज्वालामुखी से सल्फर डाईऑक्साइड निकला जो भारत में गंभीर वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार बना?

कैरेबियन ज्वालामुखी

26.अम्लवर्षा के लिए जिम्मेदार दो मुख्य गैस कौन-कौन से है?

नाइट्रोजन डाईऑक्साइड और सल्फर डाईऑक्साइड

27.”सुंदरलाल बहुगुणा” जिनकी 2021 में मृत्यु हुई वह किस लिए जाने जाते है?

चिपको आंदोलन

क्या क्रिप्टो करेंसी इकोफ्रेंडली है

28.क्लाइमेट ब्रेकथ्रू समिट किसके द्वारा बुलाया गया था?

WEF, मिशन पॉसिबल पार्टनरशिप, यूनाइटेड नेशंस क्लाइमेट चैंपियन

29.पीने के पानी में आर्सेनिक की उपस्थिति किन राज्यों में पाया जाता है?

पूर्वी राज्यों में (बिहार, झारखंड, असम, पश्चिम बंगाल, उत्तरप्रदेश, छत्तीसगढ़ )

30.’ग्लोबल मिथेन प्लेज’ किसके द्वारा प्रारंभ किया गया है?

संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ

31.जलवायु परिवर्तन पर कॉप 26 सम्मेलन 2021 कहां आयोजित किया गया?

ग्लासगो, स्कॉटलैंड

32.जलवायु परिवर्तन पर कॉप 27 सम्मेलन 2022 कहां आयोजित किया जायेगा?

मिस्र (कॉप 28, 2023 संयुक्त अरब अमीरात)

33.’हरितधारा’ नामक एंटीमिथोनोजोइक फूड सप्लीमेंट किसके द्वारा विकसित किया गया है?

ICAR

34.ICAR द्वारा विकसित  ‘हरितधारा’ नामक एंटीमिथोनोजोइक फूड सप्लीमेंट पशुओं द्वारा उत्सर्जित किए जाने वाले मीथेन उत्सर्जन को कितने प्रतिशत तक कम कर सकता है?

17-20%

35.मानव पशु कृषि और बायोमास जलाना दुनिया के कितने प्रतिशत मीथेन उत्सर्जन के लिए उत्तरदायी है?

60%

अफगानिस्तान की सीमा से लगे देशों को याद रखने की ट्रिक?

36.जल जीवन मिशन के तहत कब तक सभी के घरों तक स्वच्छ जल पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है?

2024

37.मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल 2021 की थीम क्या थी?

‘हमारे भोजन और टीकों को ठंडा रखना’

38.मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल और किगाली समझौता किससे संबंधित है?

ओज़ोन परत संरक्षण

39.गुड ओजोन पृथ्वी की सतह से कितनी ऊंचाई पर पाया जाता है?

25 से 35 किलोमीटर (समताप मंडल)

40.बैड ओज़ोन पृथ्वी की सतह से कितनी ऊंचाई पर पाया जाता है?

12 किलोमीटर की ऊंचाई तक (क्षोभमंडल)

41.यूनाइटेड इन साइंस रिपोर्ट 2021 रिपोर्ट किसके द्वारा प्रकाशित किया गया था?

WMO

42.विश्व का प्रथम 5 देशों वाला बायोस्फीयर रिजर्व कहां घोषित किया गया है?

मुरा-द्रवा-डेन्यूब, यूरोप

43.मुरा-द्रवा-डेन्यूब बायोस्फीयर रिजर्व कितने देशों में फैला है?

पांच (ऑस्ट्रिया, स्लोवेनिया, क्रोएशिया, हंगरी, सर्बिया)

44.यूरोप का अमेजन किसे कहा जाता है?

मुरा-द्रवा-डेन्यूब बायोस्फीयर रिजर्व

Agnipath Scheme क्या है? क्यों हो रहा है विरोध?

45.हाल ही चर्चा में रहा ब्लू फ़्लैग प्रमाणीकरण किसके द्वारा दिया जाता है?

फाउंडेशन फॉर एनवायरनमेंटल एजुकेशन (FEE), डेनमार्क

46.भारत के कुल कितने तटों का ब्लू फ़्लैग प्रमाणीकरण किया जा चुका है?

10 (कोवलम 9वां और इडेन 10वां)

47.अक्सर समाचारों में देखा जाने वाला ब्लू फूड किसे संदर्भित करता है?

समुद्री खाद्य उत्पादों को

48.वैश्विक जलवायु जोखिम सूचकांक किसके द्वारा प्रकाशित किया जाता है?

जर्मनवॉच

49.वैश्विक जलवायु सूचकांक 2021 में भारत का कौन सा स्थान रहा?

7वां (2020 में 5वां)

50.हाल ही में भारत “हाई एंबिशन कोएलिशन फॉर नेचर” पहल में शामिल हुआ यह क्या कार्य करता है?

लोगों और प्रकृति के रक्षा के लिए वैश्विक समझौतों का समर्थन

51.”हाई एंबिशन कोएलिशन फॉर नेचर” किन देशों की पहल है?

कोस्टारिका, फ्रांस और ब्रिटेन (2019)

Current Affairs 2022: Current Affairs जून 2022

52.हाल ही में भूकंप और भूस्खलन से किस नदी में असंख्य मछलियों की मौत हो गई?

कामैंग नदी (अरुणाचल प्रदेश)

53.भारत ने कब तक कार्बन तटस्थ होने का लक्ष्य रखा है?

2070 तक (2030 तक 50% उत्सर्जन कटौती)

54.भारत ने वर्ष 2030 तक कितने गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा है?

450 गीगावॉट

55.भारत ने वर्ष 2022 तक कितने गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा है?

175 गीगावॉट

56.पीएम कुसुम योजना का संबंध किससे है?

ऑफ़ ग्रिड सौर ऊर्जा पंपों के लिए

57.सौर पार्क योजना से 2022 तक कितने वॉट बिजली पैदा करने का लक्ष्य रखा गया है?

40 गीगावॉट

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58.इंटरनेशनल सोलर एलायंस में 101वाँ देश के रूप में कौन शामिल हुआ?

संयुक्त राज्य अमेरिका

59.इंटरनेशनल सोलर एलायंस का मुख्यालय कहां स्थित है?

गुरुग्राम, भारत

60.इंटरनेशनल सोलर एलायंस पहल कब और किसके द्वारा प्रारंभ किया गया था?

2016 फ्रांस और भारत

61.UNFCCC के लिए स्थापित वित्तीय तंत्र की स्थापना कब की गई थी?

2010

62.एमिशन गैप रिपोर्ट, एडॉप्टेशन गैप रिपोर्ट, मेकिंग पीस विथ द नेचर और ग्लोबल एनवायरमेंट रिपोर्ट किसके द्वारा प्रकाशित किया जाता है?

UNEP

63.स्टेट ऑफ द ग्लोबल क्लाइमेट रिपोर्ट किसके द्वारा प्रकाशित किया जाता है?

WMO

64.भारत सरकार ने 2025 पेट्रोल में कितने प्रतिशत इथेनॉल मिश्रित करने का लक्ष्य रखा है?

20% (वर्तमान में 8.5%)

65.तुर्की के मरमारा सागर में सी स्नोट नामक पर्यावरण प्रदूषण देखा गया गया यह किसके कारण होता है?

समुद्री घास के अतिपोषित होने से

66.एम्बर ग्रीस जिसे तैरता हुआ सोना भी कहा जाता है यह किस प्रयोग में आता है?

इत्र एवं सुगंध हेतु (कीमत 1 करोड़ प्रति किलो)

क्यों गायब हो रहे है 2000 के नोट

67.LEAF गठबंधन किन देशों के द्वारा निर्मित किया गया है?

अमेरिका, यूके और नार्वे तथा कई मल्टीनेशनल कंपनीज़

68.अर्थ ओवरशूट डे किसके द्वारा निर्धारित किया जाता है?

ग्लोबल फूट प्रिंट नेटवर्क, WWF (2003 से)

69.भारत में ऊर्जा संरक्षण भवन संहिता(ECBC) कब से लागू किया गया?

2017 से

70.खबरों में रहने वाला लाल ज्वार कहां देखा जाता है?

फ्लोरिडा तट, अमरीका

71.जलीय निकायों में डेड जोन का निर्माण कैसे होता है?

ऑक्सीजन की कमी से

72.चिल्ड्रेन क्लाइमेट रिस्क इंडेक्स किसके द्वारा प्रकाशित किया जाता है?

यूनिसेफ

73.किसे समुद्र का वर्षावन नाम से भी जाना जाता है?

कोरल रीफ़

75.भारत का एकमात्र जिला जहां भारतीय मगरमच्छ की तीनों प्रजातियां पाई जाती है?

केंद्रपाड़ा ओडीशा (मगर,घड़ियाल(CR EN), खारे पानी का मगर)

पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी : अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न 
के इस आलेख में 75 पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी : अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों को शामिल किया गया गया है। इस आलेख पर अभ्यर्थियों की प्रतिक्रिया के बाद इसका अगला पार्ट या अंक भी जल्द ही प्रकाशित किया जाएगा। पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी  के प्रश्नों का संग्रह यदि आपको पसंद आया हो तो इसे अधिक लोगों तक पहुंचाएं और इसी तरह के study materials और प्रश्नों के अभ्यास के लिए हमारे टेलीग्राम चैनल को ज्वाइन करें।

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दुनिया की पहली फिशिंग कैट गणना

दुनिया की पहली फिशिंग कैट गणना ( worlds first fishing cat census ) ओडिशा के चिल्का झील ( Chilka Lake ) में आयोजित किया गया । यह भारत की भी पहली ऐसी गणना थी जिसमे मत्स्यखोर बिल्ली fishing cat की गिनती की गई।

Chilka Lake में कितनी फिशिंग कैट है?

Chilka lake विकास प्राधिकरण द्वारा आयोजित फिशिंग कैट गणना में 176 fishing cats के चिल्का झील में गणना की गई है। इस रिपोर्ट को विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून के ठीक एक दिन पहले जारी किया गया। इससे पहले केवल अनुमान ही लगाया जाता था कि चिल्का झील में करीब 100 से 300 के बीच फिशिंग कैट पाया जाता है। लेकिन इस गणना के बाद chilka lake में fishing cats की संख्या साफ हुई।

Fishing cat census किसके द्वारा किया गया?

 

दुनिया की पहली फिशिंग कैट गणना को चिल्का विकास प्राधिकरण (सीडीए) और द फिशिंग कैट परियोजना (टीएफसीपी) के संयुक्त प्रयास से संपन्न किया गया। इसे दो चरणों में संपन्न किया गया। पहला चरण 2021 में करीब 115 वर्ग किलोमीटर में संपन्न किया गया। जबकि दुनिया की पहली फिशिंग कैट गणना  के तहत शेष गणना 2022 में संपन्न किया गया।

 

Fiahing cat गणना करने की तकनीक?

 

फिशिंग कैट की गिनती एक जटिल कार्य था क्योंकि ये बिल्लियां एक जगह से दूसरी जगह पर निरंतर गतिशील होती है। शारीरिक बनावट और रूप एक समान होने पर यह कार्य और चुनौतीपूर्वक हो जाता है। इसलिए सबसे उपयुक्त तकनीक Spatially Explicit Capture Recapture (SECR) माना गया। इस तकनीक में कई कैमरों का प्रयोग किया जाता है। जिन्हे एक जगह स्थापित करके रखा जाता है। इसके सामने से किसी भी जीव के गुजरने पर स्वतः ही फोटो खींच लेता है। बाद में ऐसे सभी फोटो ग्राफ की तुलना कर जीवों की गणना की जाती है। इस तकनीक का उपयोग कई जीव जंतुओं की गणना करने के लिए किया जाता है।

 

फिशिंग बिल्ली की गणना का महत्व ?

 

भारत में फिशिंग बिल्ली की संख्या को लेकर जो स्थिति स्पष्ट नही थी वह अब साफ हो जाएगी। जिसके बाद फिशिंग बिल्ली के संरक्षण और बचाव हेतु डाटा आधारित प्रयास किए जा सकेंगे। चिल्का झील में यह पर्यटन का एक आकर्षक केंद्र है। इनकी भारी तादात की खबर यहां पर्यटकों की अधिक संख्या आकर्षित कर सकती है। गणना के बाद इन्हे IUCN और CITES अनुसूची में भी उपयुक्त स्थान देकर बचाव की अंतराष्ट्रीय प्रयास में शामिल किया जाएगा।

 

किसी भी जीव की गणना उसके बचाव, पारिस्थितिकी में उसकी भूमिका और पर्यटन के लिहाज से बहुत ही महत्वपूर्ण पहलू होता है। दुनिया की पहली फिशिंग कैट गणना Fishing cats census का भी इसलिए बहुत अधिक महत्व है।

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What is Mass Extinction in Hindi: वन्य जीव-जंतु प्रकृति के अभिन्न अंग है। इनके बिना प्रकृति और पृथ्वी की कल्पना नहीं की जा सकती। वन्य जीव जंतुओं का इतिहास उतना ही पुराना है जितना पृथ्वी का। लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि धरती पर इनका पहले 5 बार महाविलोपन हो चुका है।

वैज्ञानिकों के अनुसार वर्तमान में पृथ्वी छठवीं महाविलोपन (sixth mass extinction) का सामना कर रही है। महाविलोपन का क्या अर्थ (mass extinction meaning) होता है? आइए जानते है।

महाविलोपन क्या है? what is mass extinction in Hindi ?

Mass extinction को होलोसीन विलोपन ( Holocene extinction ) भी कहा जाता है। पृथ्वी पर महाविलोपन की घटना ( mass extinction events ) एक बेहद ही आश्चर्य जनक घटना होती है। जिसमे वृहद पैमाने पर पृथ्वी की जैवविविधता का विनाश हो जाता है।

 

वैज्ञानिकों के अनुसार पृथ्वी पर यह घटना तब घटित होती है जब प्रजातियों में विविधता बढ़ने की दर की तुलना में उनके विलोपन होने की दर अधिक तेज होती है। अभी तक दुनिया में पांच ऐसे महाविलोपन (mass extinction) हो चुके है।

 

उदाहरण (mass extinction events) के तौर पर परमियन काल ( permian mass extinction ) में समुद्र में पाए जाने वाली  में प्रजाति और ट्रायसिक काल में डायनोसोर की प्रजाति का महाविलोपन।

 

सामूहिक विलोपन क्या है? What is mass extinction and mass extinction events

What is mass extinction (in Hindi) इसका आसान शब्दों में उत्तर होगा ” एक ऐसी घटना जिसमे पृथ्वी में पाए जाने वाली जीव जंतुओं की विशाल आबादी हमेशा के लिए विलुप्त हो जाती है। sixth mass extinction का सामना कर रही दुनिया के सामने इस बार खतरा पहले की तुलना में अधिक भयावह होने वाला है।

 

ऐसा अनुमान है कि 6th mass extinction में कई सरीसृप और स्तनपायी जीवों की प्रजातियां हमेशा के लिए विलुप्त हो जायेगी। जैसे सांपों और गिरगिट की कई प्रजातियां, चीता, शेर, हाथी और मछलियों की प्रजातियां हमेशा के लिए विलुप्त हो जाएंगी। iucn red list में जीव जंतुओं की iucn status इसे सत्यापित करते है।

 

महाविलोपन के कारण | causes of sixth mass extinction ?

Mass extinction meaning और what is mass extinction in हिंदी के बाद आइए जानते है sixth mass extinction के कारण के बारे में।

 

दुनिया में अभी तक हुए पांच महाविलोपनों का कारण जलवायु में आए बदलाव को माना जाता है, इसके साथ – साथ चार्ल्स डार्विन की “Survival of the fittest” सिद्धांत भी इन विलोपनों की व्याख्या करता है, जिसमे यह कहा गया है कि पृथ्वी पर वही जीव जंतु जीवित रहते है जो दूसरे से संघर्ष करके विजित होते है। जबकि अन्य कारणों में महाविनाशक प्राकृतिक आपदाओं को शामिल किया जाता है।

 

अभी तक देखे गए mass extinction में वैज्ञानिकों ने इन्ही कारणों को उत्तरदायी माना है लेकिन sixth mass extinction के लिए मानव जनित जलवायु परिवर्तन को मुख्य कारण माना जा रहा है। 18वीं सदी का औद्योगिकरण परिणामतः पृथ्वी के तापमान में निरंतर बढ़ोतरी, पूंजीवाद और उपभोक्तावाद की संस्कृति, जिसके परिणामस्वरूप लगातार वन्यजीवों के रहवासों पर बढ़ता दबाव ( habitat loss ) और दिन-ब-दिन बढ़ती प्राकृतिक आपदाएं है।

 

समाचारों में अक्सर आपने सुना होगा कि ब्रह्मपुत्र नदी बेसिन में आए बाढ़ के चलते कई गेंडे मौत के शिकार हो गए। अरुणाचल प्रदेश में भू स्खलन में दबकर सैकड़ों मछलियों की मौत हो गई। तेल रिसाव से समुद्री तट पर हजारों की संख्या में समुद्री जीव मृत पड़े दिखते है। ऐसे ही दुनियाभर से कई खबरें सामने आती है।

महाविलोपन की घटनाएं | mass extinction events

पृथ्वी को भौगोलिक रूप से निर्माण और विकसित होने के क्रम के आधार पर कई युगों और काल खंडों में विभाजित किया गया है। इनके आधार पर ही mass extinction events को विभाजित किया गया है।

  1. Ordovician  Silurian कालीन महाविलोपन
  2. Devonian extinction
  3. Permian – Triassic extinction
  4. Triassic–Jurassic extinction
  5. Cretaceous–Paleogene extinction

1. Ordovician  Silurian कालीन महाविलोपन

यह mass extinction events ऑर्डोविशियन सिलुरीयन काल मे घटित हुआ। इस महाविलोपन काल में कोरल की कई प्रजातियां, ट्राइलोबाइट्स और ब्रैकियोपोड की प्रजातियां विलुप्त हो गई।

2. Devonian extinction

यह महाविलोपन डेवोनियन काल में घटित हुआ था इस काल में समुद्री जीवों की कई प्रजातियां नष्ट हो गई थी।

 

3. Permian – Triassic extinction

Permian – Triassic extinction या Permian mass extinction यह सबसे भयावह mass extinction events में से एक था, जिसमे पृथ्वी पर पाए जाने वाली प्रजातियों की 90% आबादी विनिष्ट हो गई। यह आज से 250 मिलियन वर्ष पहले घटित हुआ था। Permian mass extinction में समुद्री परितंत्र की महज़ 5% आबादी ही जीवित बची थी। पृथ्वी पर पाए जाने वाले समस्त वृक्ष नष्ट हो गए थे।

 

4. Triassic–Jurassic extinction

यह दुनिया में घटित होने वाली चौथी mass extinction events में से थी जिसमे डायनोसोर जैसे विशाल जानवरों का अंत हो गया गया था। इसके बारे में कई कहानियां और फिल्में दुनियाभर में मशहूर है।

 

5. Cretaceous–Paleogene extinction

यह जैवविविधता की पांचवी महाविलुप्ति थी। जिसमे स्तनपयी और सरीसृपों का विनाश हो गया था। पक्षियों की प्रजाति ही जीवित बच पाई थी।

 

छठवीं महाविलोपन sixth mass extinction का सामना कर रही दुनिया को इस बात का अभी जरा भी अंदाजा नही कि आने वाले कुछ सालों में उसके आस पास दिखने वाले जीव जंतु उनसे हमेशा के लिए दूर होने वाले है। आने वाली पीढ़ियां इन्हे सिर्फ किताबों में पढ़ा करेंगी। जैसे आज हम डायनोसोर, पंख वाली मछली और उड़ने वाले भारी जीवों के बारे में पढ़तेे (What is Mass Extinction in Hindi) और  सुनते है।

 

दुनिया के जीव वैज्ञानिक इस प्रयास में लगे हुए है कि किसी भी तरह विलुप्त हो रहे जीवों के जीन को संरक्षित करके रखा जाए, कैपिटिव ब्रीडिंग के जरिए उनकी संख्या बढ़ाई जाए, उनके लिए ज्यादा से ज्यादा स्थान संरक्षित किया जा रहा है, वैश्विक साझेदारी का निर्माण किया जा रहा है। लेकिन जब तक उनके महत्व और संरक्षण के लिए आम जन जागरूक नहीं होंगे तब तक sixth mass extinction को रोक पाना असम्भव है।

 

पिछले पांच महाविलोपनों में मानव का अस्तित्व था न ही मानव का योगदान लेकिन इस महाविलोपन (What is Mass Extinction in Hindi) में मानव का हाथ भी है और इस समय मानव का अस्तित्व भी है। वर्तमान होलोसिन युग में मानव एक खाद्य श्रृंखला और पारिस्थितिकी क्रिया प्रतिक्रिया का अभिन्न अंग है। जिसमे जीवों के विलुप्ति का सीधा अर्थ होगा मानव के अस्तित्व की विलुप्ति।

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दुनिया में क्रिप्टो करंसी का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है। अप्रैल 2022 में इसका कुल मार्केट कैप 2 मार्च 2022 को $2 ट्रिलियन के पार हो गया। इससे लेनदेन में कई सुविधाएं तो मिलती है लेकिन इसका पर्यावरण पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों के बारे में जानकर आप भी चौक जायेंगे।

क्या क्रिप्टो करंसी इकोफ्रेंडली है?

क्रिप्टो करंसी (crypto currency) का पर्यावरण पर प्रभाव तब ज्यादा चर्चा में आया था जब टेस्ला (Tesla) कंपनी के सीईओ (CEO) एलन मस्क ने ट्वीट कर इसपर चिंता व्यक्त की थी। उन्होंने ट्वीटर पर लिखा था  “क्रिप्टोकरेंसी एक अच्छा आइडिया है और हम मानते हैं कि इसका भविष्य भी काफी अच्छा है। इसके लिए पर्यावरण को बड़ी कीमत नहीं चुकानी पड़नी चाहिए।” इसके साथ उन्होंने एक ग्राफ भी शेयर किया था।

क्रिप्टो करंसी माइनिंग के लिए कितनी ऊर्जा खपत करनी पड़ती है?

इसका सीधा असर न होकर अप्रयक्ष असर देखने मिलता है, ‘कैंब्रिज बिटकॉइन इलेक्ट्रिसिटी कंजप्शन इंडेक्स’ के अनुसार एक साल में बिटकॉइन (एक प्रकार का क्रिप्टो करंसी) नेटवर्क तकरीबन 136.38 टेरावाट प्रति घंटे के हिसाब से बिजली लेती है। जो कि नीदरलैंड्स, अर्जेंटीना और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों की कुल ऊर्जा खपत से भी ज्यादा है।
केवल बिटकॉइन ही नहीं बल्कि सभी बड़ी क्रिप्टो करंसी इतनी ही ऊर्जा की खपत करती है। दरअसल क्रिप्टो करंसी के माइनिंग के लिए एक अल्गोरिदम को हल करना होता है, जिसके लिए कई भारी कंप्यूटरर्स को उपयोग में लिया जाता है, और ये बहुत ज्यादा बिजली खपत करती है।

क्या आप जानते है?

‘दुनिया में तकरीबन 15,000 प्रकार की क्रिप्टो करंसी मौजूद है, बिटकॉइन, डॉगकोइन उन्हीं में से एक है, जबकि 400 प्रकार की एक्सचेज (लेनदेन की युक्ति) मौजूद है।’

क्या इको फ्रेंडली क्रिप्टो करंसी भी होते है?

दुनिया में कई इको फ्रेंडली क्रिप्टो करंसी मौजूद है। इसमें चिया नेटवर्क सबसे मशहूर है, चिया नेटवर्क को बिटटॉरेंट के ब्रैम कोहेन ने बनाया है। कंपनी के मुताबिक चिया प्रूफ ऑफ स्पेस एंड टाइम (POST) का इस्तेमाल करता है, जिससे यूजर हार्ड डिस्क की बाकी जगह को ट्रांजेक्शन के वेरिफिकेशन के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे कम कम्प्यूटिंग पावर की जरूरत होगी और बिजली खपत कम होगी। इसलिए चिया को सबसे चर्चित इको फ्रेंडली क्रिप्टो करंसी माना जा रहा है।
कुछ अन्य इको फ्रेंडली क्रिप्टो करंसी जो चर्चित है, जिनमे स्टेलर, ट्रॉन, अवलांची, तेजोस का नाम शामिल है।

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