छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही कई तरह की बदलाव भाजपा और कांग्रेस पार्टी में किए जा रहे हैं। भाजपा ने कुछ महीने पूर्व पूरी राज्य मशीनरी की सर्जरी की थी। वहीं कांग्रेस में चुनाव से ठीक 6 महीने पूर्व बदलावों की सुगबुगाहट तेज हो गई है। इसमें सबसे बड़ा बदलाव कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष एवं कोंडागांव विधायक मोहन मरकाम (Mohan markam chhattisgarh news) के बदलने की खबर है। मंगलवार को कांग्रेस के चार वरिष्ठ और कद्दावर नेता दिल्ली रवाना होते हैं। जिसमें चरणदास महंत, अमरजीत भगत, ताम्रध्वज साहू और टीएस सिंह देव शामिल थे। इसके कुछ ही घंटे बाद तत्काल बस्तर के सांसद दीपक बैज को दिल्ली बुलाया जाता है। मीडिया और सोशल मीडिया पर पत्रकारों द्वारा दावा किया जा रहा है कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष को बदलने की पूरी रूपरेखा खींची जा चुकी है।
कांग्रेस में अंदरूनी खींचतान
हाल ही में बजट सत्र में पीसीसी अध्यक्ष, मोहन मरकाम (Mohan markam chhattisgarh news) ने अपने विधानसभा क्षेत्र में डीएमएफ राशि में 7 करोड़ के बंदरबांट की जांच की मांग की थी। जिसके बाद से कॉन्ग्रेस पार्टी और मुख्यमंत्री बघेल बैकफुट पर नजर आ रहे थे। विपक्ष ने इसे बड़ा मुद्दा बना दिया था। सरकार की काफी किरकिरी हो रही थी। इसके बाद से उन्हें बदलने की कवायद शुरू हो गई। ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम की दूरियों की खबर मीडिया में काफी समय से चल रही थी। हाल ही में कांग्रेस पार्टी के महाधिवेशन रायपुर में आयोजित किया गया जिसमें प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम के पोस्टर बहुत कम मात्रा में देखे गए थे। कई बैठकों में भी उन्हें शामिल न करने की खबर मीडिया में चल रही थी। इसके बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि कांग्रेस पार्टी में अंदरूनी खींचतान चल रही है। जोकि विधानसभा में डीएमएफ घोटाले पर जांच की मांग करने पर और भी बढ़ गई।
भ्रष्टाचार उजागर करने की मिली सजा?
विपक्ष द्वारा इसे बड़ा मुद्दा न बनाया जाए इसलिए कांग्रेस पार्टी किसी आदिवासी को ही प्रदेश अध्यक्ष के रूप में चयनित कर सकती है हालांकि भारतीय जनता पार्टी का अब भी कहना है कि पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम को भ्रष्टाचार उजागर करने की सजा मिली है। जबकि कांग्रेस पार्टी का कहना है कि कॉन्ग्रेस पार्टी के रूल बुक में अध्यक्ष को बदलने और उनके कार्यकाल से संबंधित पूरी प्रक्रिया है। क्योंकि मोहन मरकाम (Mohan markam chhattisgarh news) का कार्यकाल पूर्ण हो चुका है, इसलिए अध्यक्ष का बदलाव कोई अंदरूनी कलह के चलते नहीं किया जा रहा है।
कौन होगा छत्तीसगढ़ कांग्रेस पार्टी का नया अध्यक्ष?
कांग्रेस पार्टी के नए अध्यक्ष के रूप में यदि आदिवासी चेहरों की बात की जाए तो इसमें सरगुजा संभाग के कांग्रेस के कद्दावर नेता अमरजीत भगत और टी एस सिंह देव का नाम सबसे आगे है जबकि बस्तर संभाग से सांसद दीपक बैज का नाम सबसे आगे है क्योंकि भाजपा छत्तीसगढ़ के सत्ता का रास्ता बस्तर की ओर से खोज रही है अतः इसे काउंटर करने के लिए कांग्रेस पार्टी बस्तर के किसी नेता को ही अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दे सकती है साथ ही दीपक बैज सांसद हैं और अभी तक राज्य के खींचतान में उनका कोई नाम नहीं है इसलिए वे एक प्रबल दावेदार नजर आते हैं।
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हो सकते हैं और बदलाव?
चुनाव के नजदीक आते ही छत्तीसगढ़ में सामाजिक राजनीतिक समीकरणों को संतुलित करने के लिए मंत्री पद एवं निगम मंडल आयोगों में भी बदलाव की आशंका जताई जा रही है इसमें आदिवासी मंत्रियों को और वरीयता के साथ-साथ महत्व देने की खबर है हालांकि हमारे सूत्र कहते हैं कि विधानसभा में 6 माह से भी कम का समय बचा है ऐसे में कांग्रेस पार्टी किसी बड़े बदलाव की जगह केवल अध्यक्ष बदल कर ही चुनाव में जाएगी।
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